यदि ईश्वर ने आपको योग्य बनाया है कि आप दूसरों की मदत कर सकते है तो जरूर करे. रक्तदान करे किसी को जीवन दान करें. जब आप रक्तदान करते है किसी को जीवन भर के लिए खुशियों का दान करते है।
रक्त के कारण ही मानव शरीर सुचारु रूप से कार्य करता है| हाल में कोरोना की पहली और दूसरी लहार पर हुई परिस्थिति ने जनमानुष को रक्तदान की अहमियत का एहसास कराया था| रक्त में मौजूद लाल रक्त कोशिकाएं शरीर के हर हिस्से तक ऑक्सीजन पहुंचाने का कार्य करती है| सफ़ेद रक्त कोशिकाएं संक्रमण से लड़ती हैं और प्लेटलेट्स रक्त के थक्के बनाने में मदद करते हैं| इनकी मानव शरीर में इतनी महत्वपूर्ण भूमिका होने के कारण, चिकित्सा आपात स्थितियों के लिए इसे सुरक्षित रखना बहुत जरुरी हो जाता है। हर साल 14 जून को विश्वभर में विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद नियमित रक्तदान को लेकर लोगों में जागरुकता फैलाना है ताकि जरुरतमंद मरीज को उत्तम गुणवत्ता, सुरक्षित और रक्त और उसके पदार्थों की उपलब्धता को सुनिश्चित किया जा सके। इस दिन उन लोगों का धन्यवाद किया जाता है जिन्होंने स्वैच्छिक रूप से रक्तदान किया है। इस दिन उन लोगों को भी रक्तदान के लिए प्रेरित किया जाता है जो किसी झिझक की वजह से अब तक ऐसा नहीं कर पाए हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दुनिया भर में आठ महत्वपूर्ण सार्वजानिक स्वास्थ्य अभियान चला रही है, उनमें से एक है रक्तदान (Blood Donation)| जरुरतमंदो के शरीर में रक्त चढ़ाकर वर्ष में लाखों जान बचाई जाती हैं| सही समय पर खून उपलब्ध हो जाए तो मरीज खतरे की परिस्थितियों में मौत से जंग जीत लेता है| आज भी कई देशों में रक्तदान को लेकर जागरूकता नहीं है जिससे वहां पर्याप्त रक्त की आपूर्ति नहीं हो पाती| स्वैच्छिक रक्तदाता द्वारा नियमित दान से इसकी आपूर्ति संभव है| एक स्वस्थ व्यक्ति साल में तीन बार रक्तदान कर सकता है| दिए गए रक्त को पुनः उत्पन्न करने और शरीर की कार्यप्रणाली को बनाए रखने में अधिक समय नहीं लगता है। जब हम रक्तदान करते हैं, तो दी गई रक्त की मात्रा अगले 2-3 दिन में ही प्रतिस्थापित हो जाती है और लाल रक्त कोशिकाएं 1-2 महीनों में। इसलिए हर स्वस्थ व्यक्ति को रक्तदान करना चाहिए क्यूंकि यह किसी जरूरतमंद इंसान को नई जिंदगी दे सकता है| विश्व स्वास्थ्य संगठन का यह लक्ष्य है कि हर देश अपने नागरिकों के मुफ्त स्वैच्छिक रक्तदान से देश में रक्त की आपूर्ति करे।
विश्व रक्तदाता दिवस इतिहास
14 जून 1868 में पैदा हुए कार्ल लैंडस्टैन के जन्मदिन पर विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है| साल 2004 में पहली बार इस दिन को मनाया गया था। इस दिन को मनाने की शुरुआत विश्व स्वास्थ्य संगठन, अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस संघ तथा रेड क्रिसेंट समाज द्वारा की गयी थी। विश्व के सभी देशों को प्रोत्साहित करने के लिये 58वें विश्व स्वास्थ्य सम्मेलन में साल 2005 में 192 सदस्य राज्यों के साथ डबल्यूएचओ के द्वारा विश्व रक्त दाता दिवस की आधिकारिक रुप से स्थापना की गयी थी।
विश्व रक्तदाता दिवस कब मनाया जाता है।
सुरक्षित रक्त और रक्त उत्पादों के बारे जागरूकता बढ़ाने के लिए और रक्तदाताओं को उनके स्वैच्छिक रक्तदान के लिए धन्यवाद देने के लिए सन 2004 में विश्व रक्तदान दिवस (World Blood Donor Day) स्थापित किया गया। इसके लिए दिन चुना गया 14 जून क्यूंकि यह कार्ल लैंडस्टीनर (Karl Landsteiner) की जयंती का दिन था। नोबेल पुरस्कार विजेता कार्ल लैंडस्टीनर ही वो व्यक्ति थे जिन्होंने ABO रक्त समूह प्रणाली (Blood Group System) की खोज की थी। कार्ल लैंडस्टीनर के द्वारा ब्लड ग्रुप्स का पता लगाए जाने से पहले तक ब्लड ट्रांसफ्यूजन बिना ग्रुप के जानकारी होता था. इस खोज के लिए ही कार्ल लैंडस्टाईन को सन 1930 में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
विश्व रक्तदाता दिवस का महत्व
विश्व रक्तदाता दिवस अपनी स्वेच्छा से रक्तदान करके किसी का जीवन बचाने वाले लोगों को धन्यवाद देने और नियमित तौर पर रक्तदान के प्रति लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है. सुरक्षित रक्त जीवन बचाने वाली आवश्यक चिकित्सीय जरूरतों में से एक है और सभी प्रकार की आपात स्थितियों (प्राकृतिक आपदा, दुर्घटना, सशस्त्र संघर्ष) के दौरान इलाज में अहम भूमिका निभाता है. रक्त की अहमियत और रक्तदान के महत्व से हर किसी को रूबरू कराने के लिए ही विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है।
विश्व रक्तदाता दिवस 2021 का विषय
हर साल विश्व रक्तदाता दिवस को एक विशेष थीम के साथ मनाया जाता है, जो उन निस्वार्थ नागरिकों को समर्पित है जो अज्ञात लोगों के लिए अपनी स्वेच्छा से रक्तदान करते हैं. साल 2021 के लिए ‘रक्त दो और दुनिया को धड़काते रहो’ (Give Blood and Keep The World Beating) निर्धारित किया गया है. संदेश में जिंदगी बचाने और दूसरों के स्वास्थ्य में सुधार करके दुनिया को स्पंदित रखने के लिए रक्तदाताओं के आवश्यक योगदान पर प्रकाश डाला गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट के अनुसार, यह दुनिया भर में अधिक से अधिक लोगों को नियमित रूप से रक्तदान करने और बेहतर स्वास्थ्य में योगदान करने के लिए वैश्विक आह्वान को पुष्ट करता है। दुनिया भर में विश्व रक्तदाता दिवस का उपयोग रक्तदान के प्रति जागरूकता पैदा करने के लिए किया जाता है| हर वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन एक विषय घोषित करती है| इस वर्ष और पिछले कुछ वर्षों का विषय (थीम) इस प्रकार है:
2021 “गिव ब्लड एंड कीप द वर्ल्ड बीटिंग” (Give blood and keep the world beating)
2020 “सुरक्षित रक्त जीवन बचाता है”
2019 “सभी के लिए सुरक्षित रक्त”
2018 “किसी और के लिए वहां रहो, खून दो, जीवन साझा करें”
2017 “रक्त देना, अभी देना, अक्सर देना”
2016 “रक्त हमें सभी से जोड़ता है”
2015 “मेरा जीवन बचाने के लिये धन्यवाद”
2014 “माताओं को बचाने के लिये रक्त बचायें”
2013 “जीवन का उपहार दें रक्त-दान करें”
2012 “हर खून देने वाला इंसान हीरो होता है”
2011 “अधिक रक्त, अधिक जीवन”
2010 “विश्व के लिये नया रक्त”
2009 “रक्त और रक्त के भागों का 100% गैर-वैतनिक दान को प्राप्त करना”
2008 “नियमित रक्त दें”
2007 “सुरक्षित मातृत्व के लिये सुरक्षित रक्त”
2006 “सुरक्षित रक्त के लिये विश्वव्यापी पहुंच को सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्धता”
2005 “रक्त के आपके उपहार को मनाएं”
2004 “रक्त जीवन बचाता है, मेरे साथ रक्त बचाने की शुरुआत करें”
रक्त सभी चिकित्सा और सर्जिकल प्रक्रियाओं में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है| डॉक्टर के पास उपलब्ध रक्त से हर साल लाखों जान बचाई जाती हैं| दुर्घटना के समय गंभीर रक्त हानि, प्रसवकालीन देखभाल आदि में रक्त ही जीवन रक्षक भूमिका निभाता है| जागरूकता की कमी और अज्ञानता के कारण बहुत से लोग स्वेच्छा से रक्तदान नहीं करते| स्वैच्छिक रक्तदाताओं द्वारा नियमित रक्तदान से ही पर्याप्त रक्त की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकती है| दुनिया में कई देश अपने स्वैच्छिक रक्तदाता देशवासियों से ही राष्ट्रीय रक्त आपूर्ति का प्रबंधन कर लेते हैं। पर आज भी ज्यादातर देशों में जरुरत पड़ने पर रक्त के लिए परिवार और मित्रगणों पर निर्भर रहना पड़ता है।
पूरी मानव जाति को यह समझने की आवश्यकता है कि रक्तदान कितना जरुरी है| हर स्वस्थ व्यक्ति को स्वेच्छा से रक्तदान करना चाहिए।
विश्व रक्तदाता दिवस 2021 की मेजबानी
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इटली अपने राष्ट्रीय रक्त केंद्र (एनबीसी) के माध्यम से 2021 विश्व रक्तदाता दिवस की मेजबानी करेगा. यह ग्लोबल इवेंट रोम में 14 जून को होगा।
इस साल किन मुद्दों पर ध्यान दिया जायेगा?
रक्त दान के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना।
रक्त दान के लिए हर समुदाय को एक साथ एकजुट करना।
दूसरों के स्वास्थ्य में सुधार लाने लिए रक्त दान के बारे में जागरूकता फैलाना।
आइए ब्लड डोनेशन से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे जानते हैं
– ब्लड डोनेट करते समय डोनर के शरीर के केवल एक यूनिट ब्लड ही लिया जाता है.
– एक नॉर्मल व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट यानी 5 से 6 लीटर ब्लड होता है.
– ‘O नेगेटिव’ ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है, इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है.
– इमरजेंसी के समय जैसे जब किसी नवजात बालक या अन्य को खून की आवश्यकता हो और उसका ब्लड ग्रुप ना पता हो, तब उसे ‘O नेगेटिव’ ब्लड दिया जा सकता है.
– कोई भी व्यक्ति 18 से 60 वर्ष की आयु तक रक्त दान कर सकता हैं.
– . पुरुष 3 महीने और महिलाएं 4 महीने के अंतराल में नियमित रक्त दान कर सकती हैं.
– अगर कभी रक्त दान के बाद आपको चक्कर आना, पसीना आना, वजन कम होना या किसी भी अन्य प्रकार की समस्या लंबे समय तक बनी हुई हो तो आप रक्त दान ना करें.
– भारत में सिर्फ 7 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप ‘O नेगेटिव’ है.
– साल 2014 में, 60 देशों में 99-100% तक स्वच्छ रक्तदान देने का काम किया गया था.
– हर साल 800 महिलाओं की कुपोषण गर्भावस्था, बच्चे के जन्म से जुड़ी परेशानियों में अत्यधिक रक्तस्त्राव के कारण उनकी मृत्यु हो जाती है.
– हर साल इस दिन को अलग-अलग थीम के साथ मनाया जाता है| डब्ल्यूएचओ का लक्ष्य था कि 2020 तक हर जगह स्वच्छ रक्त की आपूर्ति होगी.
आइए जानते हैं कि रक्तदान के खास फायदे
वजन घटना – नियमित तौर पर रक्तदान करने से वजन घटाने में सहायता मिलती है और वयस्कों की फिटनेस को बेहतर बनाता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया के शोधकर्ताओं के अनुसार 450 मिली लीटर रक्त दान करने से आपके शरीर की 650 कैलोरी कम हो जाती हैं। लेकिन आप इसका इस्तेमाल वजन घटाने के मकसद से बिलकुल ना करें। किसी भी तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानी को नजरअंदाज करने के लिए रक्तदान से पहले डॉक्टर से चेकअप जरूर करवा लें।
हेमोक्रोमैटोसिस रोकता है – रक्तदान करने से आप हेमोक्रोमैटोसिस होने के खतरे से खुद को बचा सकते हैं। हेमोक्रोमैटोसिस एक ऐसी अवस्था होती है जिसमें शरीर जरूरत से ज्यादा लौह (आयरन) का अवशोषण कर लेता है। नियमित रक्तदान से शरीर में आयरन की अतिरिक्त मात्रा अवशोषित नहीं होती है जो हेमोक्रोमैटोसिस से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
दिल की बीमारी के खतरे को रोकता है – नियमित रक्तदान से शरीर में लौह की एक जरूरी मात्रा शरीर में बनाए रखने में मदद मिलती है जो हृदय रोग के खतरों को कम करता है। शरीर में अत्यधिक लौह निर्माण से ऑक्सीडेटिव की क्षति हो सकती है जो वृद्धावस्था में तेजी लाने में मुख्य भूमिका निभाता है। इसके अलावा यह दिल के दौरे, स्ट्रोक आदि के खतरे से बचाता है।
जिगर और कैंसर के खतरे को कम करता है – शरीर में मौजूद लौह की अत्यधिक मात्रा का सीधा संबंध कैंसर के खतरे से है। इसीलिए रक्तदान करने से आप शरीर में एक स्वस्थ लौह की मात्रा को बनाए रख सकते हैं। जिससे कैंसर होने का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा जिगर से संबंधित बीमारियों का खतरा भी कम हो जाता है।
मानसिक शांति – रक्तदान करने से आप बहुत अच्छा महसूस करते हैं। चूंकि मानव रक्त का दूसरा कोई विकल्प नहीं है इसलिए रक्तदान करने से मानसिक शांति मिलती है। आपके रक्तदान से 3 या 4 मरीजों की जान बचाने में मदद मिलती है। इसलिए हर स्वस्थ मनुष्य को 3 महीने के अंतराल में रक्तदान करना चाहिए।
हर रक्तदाता एक हीरो होता है| आइये रक्तदान करें और एक हीरो बनें| निश्चित रूप से यह जीवन देने वाला अनुभव होगा|