इस वर्ष रविवार 2 मई को वर्ल्ड लॉफ्टर डे मनाया जा रहा है। वर्ल्ड लॉफ्टर डे हर साल मई में मनाया जाता है। इसकी तारीख बदलती रहती है क्योंकि मई माह में पड़ने वाले पहले रविवार को इस दिन का आयोजन होता है। कोरोना की दूसरी लहर ने वैसी ही लोगों के चेहरे को बुझा सा दिया है। ऐसे में लॉफ्टर डे के बहाने थोड़ा ही सही पर इन चेहरों को खिलाया जाए। खुद भी हंसे, साथ ही दूसरों को भी हंसने का मौका दें। आज हम कई नकारात्मक चीजों से जुड़े हुए है जैसे – हिंसा, तनाव, आतंकवाद, प्राकृतिक आपदाएँ, खराब अर्थव्यवस्था और ग्लोबल वार्मिंग. इन सभी चीजों में खुश रहने का सिर्फ एक ही साधन है वो है आपकी हँसी. जब लोग खुश और स्वस्थ होते हैं तो वे विश्व शांति में अपना महवपूर्ण योगदान देते हैं।
सबसे सरल बात है कि जब आप हंसते हैं तो आपके आसपास की दुनिया बदल जाती है। बिना शर्त हँसने से हमें अंदर से अच्छा महसूस करने की शक्ति मिलती है और जब आप अंदर से अच्छा महसूस करते हैं, तो यह बाहरी दुनिया की पूरी धारणा को ही बदल देता है. हँसी शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आध्यात्मिक कल्याण के लिए सबसे आसान उपाय है।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हँसी की वजह क्या है पर यह आपको यक़ीनन अच्छा महसूस कराती है। अपने रिश्तों को मजबूत बनाने और विभिन्न स्थितियों में जब आप परेशान होते है. इससे आपकी चिंता कम होती है और कैलोरी बढती है. यह हँसी की सबसे अच्छी दवा है जो हर परिस्थितयों में काम आती है।
वर्ल्ड लॉफ्टर डे का इतिहास
वर्ल्ड लॉफ्टर डे की शुरुआत भारत से ही हुई है। इसका श्रेय लॉफ्टर योग आंदोलन के संस्थापक डॉ. मदन कटारिया को जाता है। उन्होंने ही 11 जनवरी 1998 को मुंबई में पहली बार वर्ल्ड लॉफ्टर डे मनाया गया था। इसे मनाने के पीछे सबसे बड़ा उद्देश्य यह था कि समाज में बढ़ते तनाव को कम करना। दैनिक दिनचर्या के कारण लोगों के जीवन में हंसने के मौके कम होते जा रहे हैं। ऐसे में 1998 में सोचा गया कि क्यों न ऐसा कुछ किया जाए जिसके बहाने ही लोग एक दूसरे से बात कर थोड़ी देर के लिए ही सही पर हंस लें। विश्व हास्य दिवस का उत्सव विश्व शांति के लिए मनाया जाता है इसका उद्देश्य हास्य के माध्यम से दोस्ती और भाईचारे का निर्माण करना है।
वर्तमान समय की जरूरत है हास्य
इस समय जब अधिकांश विश्व कोरोना कहर के डर से सहमा हुआ है तब हास्य दिवस की अत्यधिक आवश्यकता महसूस होती है। इससे पहले इस दुनिया में इतनी चिन्ता, अनिश्चितता एवं महामारी का प्रकोन कभी नहीं देखा गया। हर व्यक्ति के अंतर आत्मद्वंद्व मचा हुआ है, भय एवं आशंकाएं परिव्याप्त है। ऐसे में हंसी दुनियाभर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकती है। हास्य व्यक्ति के विद्युत-चुंबकीय क्षेत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति में आत्म विश्वास,सकारात्मक ऊर्जा एवं आनन्दित जीवन जीने की इच्छा का संचार करता है। जब व्यक्ति समूह में हंसता है तो यह सकारात्मक ऊर्जा पूरे क्षेत्र में फैल जाता है और क्षेत्र से नकारात्मक ऊर्जा को हटाता है। हास-परिहास पीड़ा का दुश्मन है, निराशा और चिंता का अचूक इलाज और दुःख मुक्ति के लिए रामबाण औषधि है। आज का जीवन मानव इतिहास का सबसे जटिल आपदा एवं महामारी के प्रकोप का समय है, आम आदमी कोरोना कहर के तनाव एवं परेशानियों से घिरा हैं, ऐसे जीवन में व्यक्ति के चेहरे से मुस्कान ही गायब हो गयी है, हास्य एवं विनोद से वंचित जीवन मानव के लिये एक जटिल पहेली बनता जा रहा है। जबकि जीवन में विनोद का सर्वाधिक महत्त्व है। हास्य ही एक ऐसा माध्यम है, जो व्यक्ति के तनावपूर्ण जीवन में कुछ क्षणों के लिए खुशी लाता है। हास्य-रस एक बुझे हुए दीपक में तेल की नवऊर्जा का संचार करता है।
हास्य का जीवन में महत्त्व
मनोवैज्ञानिक प्रयोगों से यह स्पष्ट हुआ है कि जो बच्चे अधिक हँसते है वे बुद्धिमान होते हैं. हँसना सभी के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए जरुरी होता है. जापान के लोग अपने बच्चों को प्रारंभ से ही हँसते रहने की शिक्षा देते हैं. हास्य तनाव, दर्द और संघर्ष का एक शक्तिशाली स्त्रोत है. हास्य बोझ को हल्का करता है, आशा को प्रेरित करता है, हमे दूसरों से जोड़ता है और केंद्रित और सतर्क रहने में मदद करता है इसके अलावा यह हमे जल्द माफ करने में भी मदद करता है।
हास्य एक सामाजिक तंत्र भी है, जिसके द्वारा हम नए मित्र बनाते हैं और अनेक लोगो से जुड़ते हैं. हँसी सामाजिक घटना हास्य का एक महत्वपूर्ण पहलू है और यह स्वास्थ्य और पोषण की तुलना में भी नृविज्ञान के लिए बेहतर होता है।
हंसी हमे अच्छा महसूस करने के साथ सकारात्मक भावना बनाने में मदद करती है. हास्य कठिन परिस्थितियों, निराशा और हानि में सकारात्मक दृष्टिकोण रखने में मदद करता है. दुख और दर्द में राहत का रूप हँसी है क्योकि हंसी हमे अर्थ और आशा के नए स्रोतों को खोजने में हिम्मत और ताकत देती है
हँसने से हमारे स्वास्थ्य को होने वाले कुछ लाभ
हँसी पूरे शरीर को आराम देने का कार्य करती है और यह हमे सारे तनाव से दूर रखती है जिससे हमारी मांसपेशियों को लगभग 45 मिनट तक आराम मिलता है। यदि आप अनिद्रा की समस्या से जूझ रहे हैं तो दिन में ज्यादा से ज्यादा हंसने के मौके खोजिए। ऐसा करने से आपकी नींद का बंदोबस्त हो जाएगा। हंसने से शरीर में मेलेटोनिन का उत्पादन होता है जो कि दिमाग द्वारा रिलीज होने वाला ऐसा हार्मोन है जो कि अच्छी नींद का प्रबंध करता है। हंसने से रोग-प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है जो कि आज के समय में बहुत जरूरी है।
यह रोग प्रतिरोधक क्षमता के सुधार में भी सहायक होती है।
हँसी दिल की सुरक्षा करती है और रक्त के प्रवाह को बढ़ाती है, जो हमे दिल के दौरे और हृदय संबंधी अन्य समस्याओं से बचा सकती है।
यह कैलोरी बर्न करता है. दिन में 10 से 15 मिनट तक हंसने से लगभग 40 कैलोरी बर्न हो सकती है।
यह क्रोध को कम करने में भी सहायक है जिससे हमे नाराजगी और कडवाहट से बचने में मदद मिलती है।
यह रक्त चाप को कम करने में मदद करती है और ह्रदय सम्बन्धी कई रोगों से हमे दूर रखती है।
यह आपके नींद में सहायक होती है यदि आप सोने से पहले हसते है तो यह आपको गहरी नींद की ओर ले जाता है।
हमारी याददाश्त समय के साथ साथ खराब होती जाती है इसे सुधारने का एक तरीका है जो है हँसी. इससे हमारा दिमाग मजबूत और याददाश्त अच्छी रहती है।
हंसी आंतरिक लाभों के अलावा हमारे शरीर की विभिन्न मांसपेशी के व्यायाम करने में भी सहायक होती है. इससे चेहरे की मांसपेशियों का व्यायाम भी किया जाता है।
हँसी के कई शारीरिक स्वास्थ्य लाभ है जैसे यह दर्द को कम करता है, हमारी मांसपेशियों को आराम देता है, ह्रदय रोग को रोकता है और प्रतिरक्षा को बढाता है।
हंसी के मानसिक स्वास्थ्य लाभ भी है जेसे यह हमारे जीवन में आनंद और उत्साह को बनाए रखता है, तनाव दूर करता है और मूड में सुधार करता है।
बातचीत करते समय हम जितनी ऑक्सीजन लेते हैं उससे छः गुना अधिक ऑक्सीजन हंसते समय लेते हैं। इस तरह शरीर को अच्छी मात्रा में ऑक्सीजन मिल जाती है।
मनोवैज्ञानिक भी तनाव से ग्रसित व्यक्तियों को हंसते रहने की सलाह देते हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि जब आप मुस्कराते हैं तो आपका मस्तिष्क अपने आप सोचने लगता है कि आप खुश हैं- यही प्रक्रिया पूरे शरीर में प्रवाहित करता है और आप सुकून महसूस करने लगते हैं।
जब आप हंसना शुरू करते हैं तो शरीर में रक्त का संचार तीव्र होता है। तनाव में भी हंसने की क्षमता हो तो दुःख भी कुछ कम लगने लगता है।
हंसने से आत्मसंतोष के साथ सुखद अनुभूति होती है। शरीर में नई स्फूर्ति का संचार होता है। हंसने से मन में उत्साह का संचार होता है।
इससे शरीर के साथ-साथ दिमाग की भी एक्सरसाइज होती है।
वे लोग जिन्होंने हमें खूब हंसाया
ऐसे कई सारे कॉमेडियन भारत में पैदा हुए हैं, जिन्होंने हमें पेट पकड़कर हंसने पर मजबूर कर दिया है। जाफेद जाफरी, जॉनी लीवर, महमूद, जॉनी वॉकर, राजेंद्रनाथ, असरानी, राजपाल यादव कपिल शर्मा पर्दे के ऐसे नाम है कि जब-जब उन्होंने अभिनय किया लोग अपने सारे गम भूला बैठे और जोर-जोर से खिलखिलाने लगे। ये सभी वे लोग जिन्होंने अपने जीवन में ऐसा नहीं है कि कभी बुरा समय न देखा हो, लेकिन सदा हंसते -हंसाते रहने के इनके शौक ने इनको अलग पहचान दिला दी।
हास्य से जुड़े मशहूर विचार
हंसी के बिना बिताया हुआ दिन बर्बाद किया हुआ दिन है। – चार्ली चैपलिन
खुद पर हँसना सीखना बेहद जरूरी है। -कैथरीन मैंसफील्ड
हंसी दो लोगों के बीच की सबसे कम दूरी है। -विक्टर बोर्ज
वो जो हँसता है, लम्बा जीता है। -मैरी पेटिबोन पूल
हंसना-हंसाना अपनी आदतों में शामिल कीजिए और फिर देखिए तनाव आपके पास फटक तक नहीं पाएगा, साथ ही आपका जीवन और स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।