भिलाई। वरिष्ठ कांग्रेसी नेता एवं अहिवारा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी अशोक डोंगरे ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि शासन ,प्रशासन के द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र के उच्च प्रबंधन तथा सभी विभाग प्रमुख के विरूद्ध स्वतः संज्ञान लेते हुए Fir दर्ज करने की कार्यवाही की जानी चाहिए।स्वतः संज्ञान में लेकर भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के विरुद्ध fir करने के एक नहीं कई कारण है।बल्कि भिलाई के कई कर्मचारियों तथा उनके परिवार के सदस्यों द्वारा प्रबंधन के विरुद्ध fir दर्ज कराने की योजना की जानकारी होने पर ही भिलाई प्रबंधन द्वारा अपने कुछ निर्दोष कर्मचारियों पर fir दर्ज कराया गया। भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के द्वारा देश में कोविड 19 को महामारी घोषित करने के बाद तथा प्रशासन के द्वारा महामारी में लागू कड़े नियमों का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है, केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को अपने अपने राज्य में महामारी की भयावहता को ध्यान में रखते हुए lockdown लागू करने और उसका पालन कराने के लिए स्वतंत्रता दी है तथा राज्य सरकार ने जिला कलेक्टर को अपने विवेक से आवश्यक कार्यवाही हेतु अधिकृत किया गया है, इसी आधार पर दुर्ग कलेक्टर द्वारा दुर्ग जिले में सख्त lockdown की घोषणा की गई है तथा खुद उसे लागू करने के लिए नजर रखे हुए हैं, ऐसे में कलेक्टर के द्वारा भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन को भी सुरक्षित उत्पादन हेतु तथा सयंत्र में काम करने वाले नियमित तथा ठेका श्रमिको की जान जोखिम में न डालते हुए उत्पादन हेतू आदेशित किया गया था, लेकिन सयंत्र प्रबंधन ने विभिन्न विभागों में आजतक तत्संबंध में कोई आवश्यक कदम न उठाते हुए सामान्य समय की तरह पूरे श्रमिक क्षमता के साथ उत्पादन जारी रखने हेतु दबाव बनाया गया।परिणाम ये हुआ कि हजारों श्रमिक covid 19 वायरस से संक्रमित हुए तथा उनमें से कई असमय मृत्यु को प्राप्त हुए, इस आधार पर देखा जाए तो भिलाई प्रबंधन पर अपने कर्मचारियों को जबर्दस्ती मौत के मुँह में डालने का अपराध बनता है, साथ ही भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ महामारी में लागू नियमों का उल्लंघन कर शासकीय कार्य मे बाधा तथा ज़िलाधीश के आदेश का उल्लंघन का मामला बनता है जो fir दर्ज करने के लिए पर्याप्त है।
संयंत्र प्रबंधन के कुप्रबंधन के कारण संयंत्र के चिकित्सालय के प्रबंधन द्वारा सैकडो कर्मचारियों को असमय काल के गाल में डाल दिया गया।पिछले वर्ष से जब से covid 19 का हमला हुआ है तभी से सेक्टर 9 के वरिष्ठ चिकित्सकों ने को सीधे तौर पर देखना बन्द कर दिया है, साधारण सी bp और शुगर की दवाई रिपीट करने के लिए भी केवल ओपीडी बुक बुलाकर अंदर से ही दवाई रिपीट कर दी जाती है, और अभी जब covid 19 महामारी का प्रकोप भयानक स्थिति में आ गया है तब सारे वरिष्ठ चिकित्सकों ने अपने कर्त्तव्य से किनारा कर लिया है और पूरे कोरोना से सम्बंधित गम्भीर मरीजों को जूनियर डॉक्टरो के भरोसे छोड़ दिया है और इस कठिन समय मे भी ऑक्सीजन सिलेंडर के नाब को ऑपरेट करने के लिए अकुशल तथा अप्रशिक्षित ठेका श्रमिको को तैनात किया गया है जिनके द्वारा अधिकतर समय नाब को खोलने की जगह बन्द कर दिया जा रहा है, और सेक्टर 9 चिकित्सालय की लापरवाही की वजह से लगभग 100 से 200 कर्मचारी तथा अधिकारी असमय काल के गाल में समा गए । ये सीधे सीधे प्रबंधन द्वारा अपने कर्मचारियों की सामुहिक हत्या और उनके परिवार को अनाथ करने का अपराध साबित करता है जो प्रबंधन के खिलाफ fir के लिए पर्याप्त आधार है।भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के द्वारा विगत 15 से 20 दिनों से गन्दा मिट्टीयुक्त पानी की आपूर्ति की जा रही है, लगातार शिकायत के बाद भी गन्दे पानी की आपूर्ति की जा रही है, जिसके लिए भिलाई विधायक ने भी नाराजगी जाहिर की लेकिन प्रबंधन के द्वारा covid महामारी के समय भी गन्दा पानी दिया गया। गन्दे पानी में कितना प्रदूषण हो सकता है कोई दावा नहीं कर सकता ऐसे मे टाउनशिप वासियों का पाचनतंत्र खराब हो सकता है और वो बीमार पड़ सकते हैं और बीमार व्यक्ति जल्दी कोरोना संक्रमित हो सकता है या सेक्टर 9 जाकर अन्य के प्रभाव में आकर संक्रमित हो सकता है और अपने जान से हाथ धो सकता है।इस तरह से प्रबंधन के खिलाफ अपने ही टाउनशिप वासियों की सामुहिक हत्या का प्रयास का अपराध बनता है जो fir के लिए पर्याप्त आधार है। इन सभी परिस्थितियों के बीच संयंत्र के कुछ कर्मचारियों के द्वारा प्रबन्धन तथा सभी विभाग प्रमुख के विरुद्ध fir तथा कानूनी कार्यवाही करने का मन बनाया जा रहा था, ऐसे मे कर्मचारियों का लगभग 52 माह से वेज रिविजन न होना भी उनको आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान कर रहा था और इन्हीं सभी कारणों से प्रबंधन के खिलाफ लगातार असन्तोष तथा क्रोध पनप रहा था, ऐसे समय में प्रबंधन के गुप्तचरों ने उनको सूचना दी और प्रबंधन ने पूरे मामले में आपराधिक साजिश करते हुए कर्मचारियों के विरुद्ध ही fir, निलबंन तथा कारण बताओ नोटिस जारी कर मामले को एक पक्षीय करने का प्रयास किया है, लेकिन शासन प्रशासन fir की कार्यवाही करने के पूर्व सभी मामलों का निष्पक्ष जांच करेगी तो उसे स्वयं संज्ञान लेते हुए भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के खिलाफ fir तथा कठोर कार्यवाही की प्रक्रिया करनी पड़ेगी।कोरोना महामारी में जिला प्रशासन के द्वारा अपने नागरिकों को शारिरिक तथा मानसिक रूप से परेशानी न हो इसके लिए हरसंभव व्यवहारिक एवं कानूनी प्रावधान कर रहा है, इस मामले मे भी संयंत्र प्रबंधन अपने कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार कर उनको शारिरिक एवं मानसिक रूप से परेशान कर महामारी कानूनों का उल्लंघन करने का आपराधिक कृत्य कर रहा है।शासन ने कोरोना संक्रमित तथा प्राथमिक संपर्क में आये लोगों को होम कोरोनटैन या होम असोलेशन की सुविधा सभी नियोक्ता को देने कहा है, संयंत्र प्रबंधन ऐसे मे भी अपने द्वारा जारी नियमों का पालन नहीं कर रहा है तथा स्वयं संक्रमित होने पर विशेष cl और किसी के प्राथमिक संपर्क में आने पर कोरन्टीन लिव के मामले में भेदभाव कर विशेष अवकाश देने मे आनाकानी कर रहा है।कई कर्मचारियों को पत्नि के संक्रमित होने पर भी अपना hpl गंवाना पड़ रहा है ,प्रबंधन का यह कृत्य महामारी में लागू होने वाले नियम के विरुद्ध है जो अपराध की श्रेणी में आता है जो fir के लिए पर्याप्त है।52 माह से वेज रिविजन नहीं होने, कोरोना महामारी में कठिन परिस्थिति में काम करने तथा अनेकानेक परेशानी का सामना करने के बाद भी भिलाई के नए और पुराने कर्मचारी मिलकर भिलाई के उत्पादन को लगातार अग्रसर करते हुए भिलाई को आर्थिक लाभ पहुंचा रहे हैं।ऐसे में 23 अप्रैल को njcs की बैठक में उच्च प्रबंधन द्वारा जिस ढंग से कर्मचारियों के वेतन समझौते में गलत तथ्य प्रस्तुत कर नकारात्मक बात की गई उससे कर्मचारियों का उद्वेलित होना स्वाभाविक है, लेकिन कोई भी कर्मचारी अपने ही संयंत्र का और अपने देश का बुरा नहीं सोचता, किसी नए या पुराने कर्मचारियों ने कोई गलत कार्य नहीं किया था बल्कि केवल सांकेतिक विरोध दर्ज किया था, लेकिन प्रबंधन ने आपराधिक साजिश कर कर्मचारियों के खिलाफ गलत कार्यवाही करने का कदम उठाया जो अनुचित है।पुलिस प्रशासन को भी केवल प्रबंधन के कहने से ही fir जैसी कार्यवाही से बचना चाहिए, पहले आप प्रबंधन का आवेदन लीजिए फिर उसपर जाँच करिए और fir या अन्य कार्यवाही करें।जाँच करने पर हो सकता है प्रबंधन के विरुद्ध गुमराह करने की कार्यवाही पुलिस प्रशासन को करनी पड़े, क्योंकि विगत दिनों पावर प्लांट में घटित घटना कुछ प्रश्न छोड़ती है, जैसे नाईट शिफ्ट वाला व्यक्ति सुबह 7 बजे तक संयंत्र में क्या कर रहा था? जो व्यक्ति भी गवाही की बात करता है क्या उसने सीधे तौर पर किसी कर्मचारी को कार्य बाधित करते या किसी कलपुर्जे को नुकसान पहुंचाते देखा? प्रबंधन द्वारा संयंत्र में अनेक बार घटना होने पर अपने स्तर पर जांच कराई जाती है ,इस प्रकरण में विभागीय जाँच या सुरक्षा विभाग से जाँच क्यो नहीं कराई गई ? सीधे सीधे पुलिस हस्तक्षेप योग्य अपराध कैसे मान लिया गया?इन सारी परिस्थिति को ध्यान मे रखते हुए शासन प्रशासन को भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के विरूद्ध स्वयं संज्ञान लेकर fir की कार्यवाही करनी चाहिए, इस प्रकरण में विधायक देवेन्द्र यादव का ये कहना कि किसी के साथ भी गलत नहीं होने दिया जायेगा स्वागत योग्य है, लेकिन मेरा विधायक महोदय से निवेदन है कि नियमों के उल्लंघन से भिलाई के कर्मचारियों को जो नुकसान हो रहा है और प्रबंधन की लापरवाही से कई जाने जा रही है आप उन सभी के जनप्रतिनिधि है उन्हीं लोगों ने आपको विधायक बनाया है साथ ही आगे भी उनका साथ मिलेगा । भिलाई इस्पात संयंत्र के लिए जब रावघाट की लड़ाई लड़नी थी तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में एक जनांदोलन जैसा माहौल भिलाई की जनता ने बनाया था आज भिलाई के कर्मचारियों के सामने बहुत विपरीत परिस्थिति है ऐसे में कांग्रेस को भिलाई के कर्मचारियों के हर लड़ाई में साथ खड़े होने की तैयारी में रहना चाहिए।
बीएसपी प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें कलेक्टर संज्ञान लेकर : डोंगरे ,,, नहीं हो रहा है करोना महामारी नियमों का पालन,,,,, कर्मचारी के परिवार असमय काल के ग्रास में समा रहे हैं,,, सेक्टर 9 चिकित्सालय जूनियर के भरोसे
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