भिलाई। सेटर ऑफ स्टील वर्कर्स, भिलाई सम्बध्द ऐक्टू ने एक प्रेस बयान में 31 मार्च को एन जे सी एस की बैठक में 51 महीने के देरी के बाद भी प्रबंधन व केन्द्र सरकार की हठधर्मिता के कारण सम्मानजनक वेतन समझौता नहीं होने पर तीव्र आक्रोश व्यक्त करते हुए श्रमिकों के लिए निराशाजनक बताया है। बयान में आगे कहा गया है कि केन्द्र की सरकार द्विपक्षीय वेतन समझौता को ही खत्म करना चाह रही है और श्रमिकों को प्रबंधन व सरकार का मोहताज बनाना चाहती है तथा निजी कंपनी के तर्ज पर श्रमिकों के साथ पेश आ रही है।इस तरह मोदी सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के इस्पात उद्योग को ठेकाकरण व निजीकरण के रास्ते पर ले जाने की कोशिश कर रही है।ऐक्टू ने एन जे सी एस तथा स्टील की तमाम यूनियनों से मजदूरों के पक्ष में मजबूती से खड़े होने व एकजुटता की अपील की है।हमें सम्मानजनक वेतन समझौता के लिए तथा निजीकरण के खिलाफ हड़ताल समेत अन्य कार्यवाही के लिए तैयार रहना चाहिए।ऐक्टू ने सेल प्रबंधन व केन्द्र सरकार से एन जे सी एस के यूनियनों की 15% एमजीबी, 35% पर्कस,9% पेंशन की मांग को तत्काल पूरा करने की मांग की है। उक्त जानकारी बृजेन्द्र तिवारी कोषाध्यक्ष सेन्टर ऑफ स्टील वर्कर्स ने दी है।
वेतन यू समझौता पर आक्रोश जताया एकटू ,,,,,प्रबंधन व केंद्र सरकार की हठधर्मिता के कारण नहीं हो पा रहा है समझौता
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