रायपुर । महिला को डायन बताकर प्रताड़ित करने के प्रकरण में छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग द्ववारा संज्ञान लिया गया है। ज्ञात हो विगत दिनों मीडिया के माध्यम से समाचार प्रकाश में आया था कि जशपुर जिले के कोतबा क्षेत्र में एक महिला को टोनही बताकर प्रताड़ित किया गया और एक बच्ची के खराब स्वास्थ्य हेतु उसे जिम्मेदार ठहराया गया, गाँव के व्यक्तियों ने उक्त महिला को ईट व पत्थर से मारा। छत्तीसगढ़ जैसे ग्रामीण परिवेश वाले राज्य में ऐसी घटनायें होना चिंताजनक है। राज्य विधायिका द्वारा ऐसी घटनाओं को रोकने हेतु टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम बनाया गया है, परंतु इसके उपरांत भी उपर्युक्त उल्लेखित घटनायें होना सभ्य समाज के लिये पीड़ादायक है। प्रकरण की गंभीरता देखते हुए आयोग द्वारा स्वत: स्फूर्त संज्ञान लिया गया है, प्रकाशित समाचार के आधार पर स्वत: स्फूर्त संज्ञान लेते हुए, आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष गिरिधारी नायक एवं सदस्य नीलम चंद सांखला ने प्रकरण में कलेक्टर जशपुर और पुलिस अधीक्षक जशपुर से पृथक-पृथक प्रतिवेदन आहूत किया है।
महिला को टोनही बताकर प्रताड़ित करने की खबर पर छत्तीसगढ़ मानव अधिकार आयोग ने लिया स्वत: स्फूर्त संज्ञान
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