भिलाई। 18 मार्च : जर जोरू और जमीन यह घर बर्बाद कर देता है, किसी भी व्यक्ति की हत्या करा देता है, यह बात आज सत्य हो गई। खुडमुडा कांड में हत्या की मुख्य वजह भी जमीन विवाद ही रही। पुलिस द्वारा बताया जा रहा है। आरोपी 4 लोगों की एक साथ हत्या कर पुलिस को 87 दिनों से गुमराह कर रहे थे। लेकिन आरोपियों की चाल ज्यादा दिन तक नहीं चल पाई, आखिरकार पुलिस के सामने उन्हें अपना अपराध कबूल करना पड़ा। आज पत्र वार्ता के दौरान आईजी विवेकानंद सिन्हा, एसपी प्रशांत ठाकुर, एडिशनल एसपी रोहित झा एवं प्रज्ञा मेश्राम एवं सीएसपी राकेश जोशी ने संयुक्त रुप से खुडमुडा कांड का वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर 87 दिन बाद खुलासा किया है। इन लोगों का मानना है कि 4 लोगों की हत्या के आरोपी योगेश सोनकर उर्फ महाकाल, नरेश सोनकर, गंगाराम सोनकर एवं रोहित सोनकर उर्फ मौसा ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया हैं। ज्ञात हो कि 21 दिसंबर 2020 को थाना अमलेश्वर में सूचना प्राप्त हुई कि थाना क्षेत्र के खुडमुडा खार में स्थित बाड़ी में बलराम सोनकर की बहू कीर्तन सोनकर एवं सास दुलारी बाई की हत्या कर, बालक दुर्गेश सोनकर को किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा घायल कर दिया गया है। बलराम सोनकर तथा रोहित सोनकर की जानकारी नहीं है कि सूचना पर पुलिस की टीम ने मौके पर पहुंचकर घटना स्थल का मुआयना किया। बारीकी से निरीक्षण करने पर बलराम सोनकर एवं रोहित सोनकर का शव बाड़ी में स्थित पानी टंकी से बरामद किया गया घायल बालक को उपचार हेतु अस्पताल भेजा गया प्रार्थी संजू सोनकर निवासी ग्राम खुडमुडा के रिपोर्ट पर थाना अमरेश्वर में धारा 302, 307, 201 का अपराध
पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा घटनास्थल पहुंच कर पुलिस अधीक्षक एवं विवेचना में लगे अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। निर्देशानुसार विवेचना के बिंदु तय करते हुए अलग-अलग टीम बनाकर विवेचना की गई। घटनास्थल से फॉरेंसिक विशेषज्ञ की टीम के सहयोग से भौतिक साक्ष्य संकलित किया गया तथा घटनास्थल की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई, मृतकों के शव का पंचनामा कार्यवाही कर शव का पीएम करवाया गया। घटनास्थल से महत्वपूर्ण वस्तुएं जप्त की गई। घटनास्थल के आसपास के निवासियों से बारीकी से पूछताछ कर जानकारी एकत्र की गई। घटना के पश्चात विवेचना टीम ने वैज्ञानिक एवं तकनीकी साक्ष को ध्यान में रखकर बारीकी से विवेचना करते हुए प्रत्येक छोटी से छोटी बिंदुओं की तह तक पहुंचने के लिए सूचना संकलित कर तस्दीक किया। विवेचना के दौरान घटना के मूल कारणों में पारिवारिक जमीन संबंधी विवाद सामने आए इसके आधार पर संदेहियों एवं अन्य का वैज्ञानिक परीक्षण गांधीनगर केंद्रीय फॉरेंसिक लैब से कराया गया, परीक्षण उपरांत हुए महत्वपूर्ण तथ्य उजागर हुवे, उजागर हिंदुओं को विवेचना का आधार बनाते हुए संदेहियों से पूछताछ की गई।
विवेचना के दौरान यह तथ्य भी उजागर हुआ कि संदेही गंगाराम सोनकर ने नरेश सोनकर, योगेश सोनकर उर्फ महाकाल एवं रोहित सोनकर उर्फ रोहित मोसा को घटना कार्य करने के लिए अपने साथ सम्मिलित किया। जिसके कारण संदेही गंगाराम सोनकर ने नरेश सोनकर, योगेश सोनकर उर्फ महाकाल, गंगा सोनकर एवं रोहित सोनकर उर्फ रोहित मोसा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उन्होंने बताया कि गंगाराम सोनकर को अपनी सवा एकड़ भूमि में आने जाने के लिए रास्ता नहीं होने से अपनी मां मृतिका दुलारी बाई की बड़ी से रास्ते की बात किया था। जिसका मृतका दुलारी बाई एवं मृतक भाई रोहित विरोध करते थे। साथ ही गंगाराम सोनकर के हिस्से की सवा एकड़ कृषि भूमि सोमनाथ के नाम से होने से सोसाइटी में धान बेचने के लिए ऋण पुस्तिका नहीं देने एवं खाता पृथक करने की बात को लेकर भी गंगाराम का विवाद मां दुलारी बाई से हुआ करता था। गंगाराम ने अपनी मां दुलारी बाई को मारने की धमकी भी दिया था। विवेचना के दौरान घटना से संबंधित महत्वपूर्ण साक्ष्य जप्त किया गया विवेचना में प्राप्त तथ्यों के आधार पर आरोपी योगेश सोनकर उर्फ महाकाल पिता खेदु राम सोनकर उम्र 34 साल साकिन घुघवा, नरेश सोनकर पिता पुनीत राम सोनकर उम्र 49 साल साकिन घुघवा, गंगाराम सोनकर पिता स्वर्गीय बलराम सोनकर उम्र 35 साल साकिन खुडमुडा, रोहित सोनकर उर्फ रोहित मोसा पिता भंवरलाल सोनकर उम्र 35 साल साकिन कोपेडीह थाना अमलेश्वर पर प्रथम दृष्टया अपराध सबूत पाए जाने पर विधिवत गिरफ्तार किया गया प्रकरण विचाराधीन है।छत्तीसगढ़ के इस बहुचर्चित मामले की गूंज विधानसभा में भी सुनाई दी थी, तथा लचर कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष ने मुख्यमंत्री सहित पुलिस अधिकारियों का पुतला दहन भी किया था। यह पहला मामला है जिसमें डीजीपी की नींद हो गई थी।