भारतीय परंपराओं में जमीन पर बैठ कर खाना खाने का रिवाज बहुत पुराना है। सामुहिक उत्सवों और आयोजनों में भी बैठा कर खाना खिलाने का प्रचलन रहा है। पर समय बदलने के साथ ही इससे लोग परहेज करने लगे। और उसकी जगह बफे और स्टेंडिंग डायनिंग सिस्टम ने ले ली। सिर्फ इतना ही नहीं समयाभाव और व्यस्तता में लोग घर और दफ्तर में भी खड़े होकर खाना खाने लगे हैं। पर क्या इसका आपकी सेहत पर कोई फर्क पड़ता है? आइए जानने की कोशिश करते हैं।
जानिए कैसे आपकी मुद्रा करती है आपके पाचन को प्रभावित
भोजन करते समय आप जो मुद्रा अपनाते हैं, वह भोजन को पचाने की क्षमता को प्रभावित करती है। क्योंकि खाना किसी व्यक्ति के बैठने या लेटने की तुलना में पेट से अधिक धीरे-धीरे खाली होता है, जब वे खड़े होते हैं। सटीक कारण पूरी तरह से ज्ञात नहीं हैं, लेकिन गुरुत्वाकर्षण भी इस प्रक्रिया में अपनी भूमिका निभाता है।
एक अध्ययन में उन लोगों की पाचन गति की तुलना की गई, जो भोजन करने के तुरंत बाद बैठ या लेट जाते हैं। ऐसा देखा गया कि जो लोग लेट गए थे, उनके भोजन को पचने में लगभग 22 मिनट ज्यादा लगे, बजाय उनके जो बैठे रहे। दूसरी ओर, जो लोग खड़े हो गए और इधर-उधर चलते रहे उन्होंने अपने भोजन को सबसे जल्दी पचा लिया।
तब क्या फायदेमंद है खड़े होकर भोजन करना?
कुछ लोगों का मानना है कि भोजन करते समय खड़े रहने से वजन कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। भले ही खड़े होने से बैठने की तुलना में लगभग 50 कैलोरी अधिक बर्न हो सकती है, लेकिन ऐसा जरूरी नहीं है। बल्कि धीरे-धीरे खाने से भूख कम हो सकती है और परिपूर्णता की भावनाएं बढ़ सकती हैं और ये भोजन के दौरान कैलोरी की कुल संख्या को कम करने में मददगार हो सकता है। साथ ही, भोजन के लिए बैठना भी मस्तिष्क को रजिस्टर करने में मदद करता है कि आपने “वास्तविक भोजन” खाया है। खड़े होकर भोजन करने से आपके खाने की गति बढ़ सकती है, जिसके कारण आप अधिक कैलोरी का सेवन कर सकते हैं।
क्या होता है जब आप लगातार तक खड़ी होकर खाना खाती हैं
पाचन तंत्र की समस्या
खड़े होकर खाने से भोजन को डाइजेस्ट होने में काफी समय लगता है। इसके साथ ही खड़े होकर खाने से आपको ज्यादा भूख लग सकती है और आप ज्यादा खा सकते हैं। इस तरह से खाने से पाचन शक्ति कम हो सकती है।
अपच की समस्या
खड़े होकर खाना खाने से पेट की आंतें भोजन को जल्दी नही पचा पाती हैं, जिससे अपच की समस्या होती है। खड़े होकर खाने से गैस और ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है। इस मुद्रा में शरीर को सभी पोषक तत्व नहीं मिल पाते, क्योंकि खाना सही तरह से पेट तक नहीं पहुंच पाता।
खराब पॉश्चर
खड़े होकर खाना खाने से शरीर का पॉश्चर बिगड़ जाता है। हम जब खड़े होकर खाना खाते हैं, तो कभी-कभी बहुत ज्यादा झुकने लगते हैं। अगर रोज ही हम ऐसा करते हैं, तो इसका असर रीढ़ की हड्डी पर पड़ सकता है। इसलिए हमेशा सुखासन की मुद्रा में ही भोजन करें।
जमीन पर बैठकर खाना खाएं
हमें रोज नीचे जमीन पर बैठकर खाना खाने की आदत डालनी चाहिए। रोज नीचे बैठकर खाना खाने से शरीर और लचीला होता है। नीचे बैठने के दौरान हम जिस तरह से खाना खाते हैं, वह पीठ के लिए भी अच्छा होता है, जो पीठ से संबंधित परेशानियों को कम करता है।
वजन मेंटेन रखने में मिलती है मदद
आजकल वजन बढ़ने की समस्या काफी लोगों के लिए सिरदर्द बनी हुई है। बढ़ता वजन किसी के भी शरीर को परेशानी दे सकता है। अगर आप अपने शरीर को मोटापे से दूर रखना चाहते हैं, तो ये जान लें कि अगर आप बैठकर खाना खाते हैं, तो इससे आपको काफी फायदा हो सकता है। बैठकर खाना खाने से पेट जल्दी भरता है। ऐसे में वजन को मेंटेन रखने के लिहाज से भी बैठकर खाना बेहतर ऑप्शन है।
पचाना होता है आसान
पहले के समय में लोग पालथी मारकर खाना खाया करते थे। इसके बाद आधुनिक युग में डाइनिंग टेबल पर खाना खाया जाने लगा है। लेकिन नीचे बैठकर खाना खाने के दौरान हम जिस तरह बैठते हैं, वह योग की एक क्रिया से काफी मिलता-जुलता है। पैरों को मोड़कर बैठना, खाने की बाइट थाली से लेने के लिए आगे झुकना फिर सीधे होकर खाना, यह सब पेट में मौजूद मसल्स को डाइजेस्टिव जूस निकालने में मदद करता है, जिससे खाना आसानी से पच जाता है।
यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।