दुर्ग। 10 फरवरी : राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के मार्गदर्शन में विशेष अभियान प्रयास (एक कदम साइबर अपराध को रोकने हेतु) 9 फरवरी 2021 को प्रारंभ किया गया। प्रारंभिक स्तर पर वित्तीय संस्थान जैसे बैंकिंग से संबंधित अपराध को रोकने हेतु बैंकों के ग्राहकों को साइबर अपराध के प्रति जागरूक किया जा रहा है। इस अपराध से ग्रामीण के साथ-साथ शहरवासी भी काफी मात्रा में ठगे जा रहे हैं। जिसको रोके जाने हेतु यह अभियान प्रारंभ किया गया है।
अभियान का शुभारंभ सिविक सेंटर भिलाई में किया गया। राहुल शर्मा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग ने बताया कि साइबर अपराध जिसे इलेक्ट्रॉनिक अपराध के रूप में भी जाना जाता है। एक ऐसा अपराध है जिसमें किसी भी अपराध को करने के लिए कंप्यूटर नेटवर्क डिवाइस या नेटवर्क का उपयोग एक वस्तु या उपकरण के रूप में किया जाता है। डिजिटल लेनदेन के बढ़ते दौर में बैंक अकाउंट से धोखाधड़ी की घटनाएं तेजी से बढ़ी है। जहां गैरकानूनी ढंग से बैंक अकाउंट से अनाधिकृत लेनदेन होते हैं । इसे ऑनलाइन फ्रॉड डिजिटल फ्रॉड या साइबर फ्रॉड की परिभाषा दी गई है। हैकर्स आपके अकाउंट की डिटेल हासिल करके उससे पैसा निकाल लेते हैं । भारतीय रिजर्व बैंक ने बताया है कि अगर कोई भी अनाधिकृत लेनदेन होता है तो उसके बाद भी आपका पूरा पैसा वापस मिल सकता है। इसके लिए सतर्कता जरूरी है । आरबीआई कहता है कि ऐसे किसी भी ट्रांजैक्शन की जानकारी देकर अपना नुकसान से बच सकते हैं।
साइबर धोखाधड़ी से बचाव
अवांछित काॅल/ ईमेल को सदा संदेह से देखे। बैंक अधिकारी या ग्राहक सेवा के कार्यकारी होने का दावा करने वाले किसी भी व्यक्ति के साथ किसी भी क्रेडिट/ डेबिट कार्ड का विवरण साझा न करें। काॅलर द्वारा भेजे गए ऑनलाइन फॉर्म में कभी भी कार्ड विवरण दर्ज न करें । आपकी जानकारी चोरी हो जाएगी। भुगतान प्राप्त करने के लिए भी भेजे गए क्यूआर कोड को स्कैन करते समय सतर्क रहें। आप अपने खाते से पैसे को खो सकते हैं। वेब सर्च में दिखने वाले फर्जी ग्राहक सेवा नंबर से सावधान रहें ।सभी ऑनलाइन खातों के लिए दो-कारक प्रमाणीकरण (पासवर्ड/ओटीपी) का उपयोग करें। अपने एटीएम कार्ड का पिन नंबर संख्या अज्ञात को ना दिखाएं/बताएं । वह फोन कॉल जिसमें आपकी बैंक संबंधी जानकारी मांगी जा रही हो उसे जानकारी साझा करने से बचें । कभी भी अपने बैंक संबंधी जानकारी फोन पर शेयर करने से बचें । अपने फोन पर आए किसी भी ओटीपी को किसी से साझा न करें। ऐसी कोई भी इनाम/लॉटरी का मैसेजेस का आपने आवेदन नहीं किया, उसको ओपन ना करें । किसी इनामी योजना के फोन कॉल पर कोई जानकारी शेयर ना करें।
कई वेबसाइट सेे सेकंड हैंड सामान सस्ते में खरीदते हैं तो आपको बहुत ही सतर्क रहने की जरूरत है क्योंकि वेबसाइट पर ठग आजकल काफी सक्रिय है। वह लोगों को लगातार चूना लगा रहे हैं। खास बात यह है कि यह ठग लोगों को विश्वास दिलाने के लिए आर्मी की नकली आईडी का सहारा ले रहे हैं। आर्मी के आईडी दिखाकर बहुत से लोगों के साथ ठगी हुई है। इस तरह की ठगी को लेकर सीआईएसएफ ने इसी साल जुलाई में चेतावनी भी जारी की थी। आपके लिए यह जरूरी है कि वेबसाइट पर आंख बंद करके खरीदारी न करें।