नई दिल्ली। संसद द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठनों का प्रदर्शन ढाई महीने से अधिक समय से जारी है। सरकार के साथ उनकी कई दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। हाल ही में गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हिंसक प्रदर्शन देखने को मिला था। इसके बाद से दिल्ली पुलिस और सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है। सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक सतर्कता बरती जा रही है।
इस बीच न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरकार ने ट्विटर को किसानों के विरोध प्रदर्शन के बारे में गलत और भड़काऊ सूचना फैलाने वाले 1178 पाकिस्तानी-खालिस्तानी अकाउंट हटाने के लिए कहा है। आपको बता दें कि लाल किले हिंसा के बाद से इस आंदोलन को लेकर खालिस्तान का नाम काफी उठला है। हालांकि अभी तक सरकार की तरफ से इसको लेकर कोई बयान जारी नहीं किया गया है।
आपको बता दें कि ये निर्देश कम से कम तीन दिन पहले ट्विटर को भेजे गए थे। मामले से परिचित अधिकारी ने कहा, “जैसा कि 257 पहले ट्विटर अकाउंट चिह्नित किए गए थे, उसी तरीके से इनका भी चयन किया गया है।” आईटी अधिनियम की धारा 69 (ए) के तहत निर्देश जारी किए गए हैं जो सरकार को ऐसे पोस्ट और अकाउंट के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति देता है, जो देश के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं।
आपको बता दें कि दिल्ली से सटी सीमाओं पर जहां-जहां किसान धरना दे रहे हैं, वहां से दिल्ली की तरफ आने वाली सड़कों को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। सड़कों को कटीले तारों और बैरिकेड्स की मदद से बंद कर दिया गया है। लगभग पांच लेयर के बैरिकेड्स लगाए गए हैँ। दिल्ली पुलिस का कहना है कि गणतंत्र दिवस के दिन लाल किले पर हुई हिंसा के बात सतर्कता बढ़ा दी गई है।