भिलाई। 30 जनवरी : दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया शाखा भिलाई व छ.ग.राज्य शाखा द्वारा बुद्ध विहार सेक्टर 6 भिलाई मे डा. बाबासाहेब आम्बेडकर द्वारा निर्मित संविधान लागू दिवस पर 26 जनवरी गणतंत्र पर्व को संविधान दिवस महोत्सव के रूप मे गीत गायन नृत्य व अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुति के बीच हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम मे समाज के सदस्यो की उत्साहजनक उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
सर्वप्रथम प्रमुख अतिथि अरूण वोरा विधायक दुर्ग व धीरज बाकलीवाल महापौर नगर निगम दुर्ग द्वारा डा. बाबा साहेब आम्बेडकर के तेलचित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलित किया गया तथा मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तरप्रदेश के पूर्व राज्यपाल दिवंगत मोतीलाल वोरा व दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया भिलाई शाखा के युवा सचिव दिवंगत अश्विन वासनिक के छायाचित्रो पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। समारोह को संबोधित करते हुए श्री वोरा ने कहा कि डा. बाबा साहेब आम्बेडकर ने 2 साल 11 महीने और 18 दिनो के अथक प्रयास से भारत का और दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान रच डाला। 26 जनवरी 1950 को उनके द्वारा बनाया गया संविधान भारत मे लागू हुआ इसलिए इस दिन संविधान निर्माता बाबासाहेब आम्बेडकर का स्मरण सम्मान गुणगान और महिमामंडन होना ही चाहिए। जिला कांग्रेस कमेटी दुर्ग की अध्यक्ष तुलसी साहू ने कहा कि बाबासाहेब आम्बेडकर भारत के प्रथम कानून मंत्री थे और उनके द्वारा बनाये गये संवैधानिक नियम लोअर कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक पालन करते है, सही मायने मे 26 जनवरी को संविधान दिवस महोत्सव के रूप मे ही मनाया जाना चाहिए, दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया इस दिशा मे बेहतर व श्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत कर रही है। विशेष अतिथि के रूप मे उपस्थित सुनिल रामटेके अध्यक्ष एससी एसटी सेल, बालेश्वर चौरे अध्यक्ष ब्राइट व बौद्ध कल्याण समिति छ.ग. , नरेंद्र खोब्रागड़े अध्यक्ष डा. आम्बेडकर सांस्कृतिक भवन सेक्टर 6 भिलाई, चन्द्रकला तारम अध्यक्ष आदिवासी समाज, विवेक वासनिक प्रदेश महासचिव कांग्रेस कमेटी छ.ग., गृहमंत्री के प्रतिनिधि मुकुंद भाऊ नेवई, ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष, प्रेमचंद साहू एल्डरमैन नगर निगम रिसाली, गुलाब पटेल अध्यक्ष अधिवक्ता संघ दुर्ग, विनोद बंसोड, मनोज मून, अजहर अली एडवोकेट ने कहा कि भारत डा. बाबा साहेब भीमराव आम्बेडकर का सदैव श्रृणी रहेगा, उन्होने इतने विशाल देश को अपनी कलम के सहारे एक सूत्र मे पिरोकर देश की एकता और अखंडता को कायम रखने का महान कार्य किया है। अध्यक्षता कर रहे संस्था के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मेश्राम ने कहा कि भिलाई दि बुद्धिस्ट सोसायटी ऑफ इंडिया शाखा छ.ग.राज्य का प्रदेश मुख्यालय है, 3 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से निर्माणाधीन बुद्ध विहार सामुदायिक भवन निर्माण पश्चात पूरे प्रदेश मे इसी स्थान से धार्मिक सामाजिक शैक्षणिक व सांस्कृतिक क्रांति फैलाने का कार्य किया जायेगा। अंत मे कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि देवेन्द्र यादव विधायक भिलाई विधानसभा ने कहा कि बुद्ध विहार निर्माण पूर्ण करना समाज का और मेरा भी लक्ष्य होगा, और समाज की समस्याओ को शासन के ध्यान मे लाना विधायक होने के नाते मेरा कर्तव्य और दायित्व भी है, जिसे मै भली भांति निभाऊंगा। श्री यादव ने बुद्ध विहार भवन के निर्माण हेतु 25 लाख रुपये का आर्थिक सहयोग अपनी निधि से प्रदान करने की घोषणा की। दुर्ग विधायक अरूण वोरा द्वारा भी उचित माध्यम से 10 लाख रुपए उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया गया। उपस्थित सभी अतिथियो को संविधान की उद्देशिका व संविधान की पुस्तक स्मृति चिह्न के रूप मे भेट कर उन्हे सम्मानित किया गया। विधायक देवेन्द्र यादव ने संविधान की प्रस्तावना का पठन किया जिसका सभी ने शपथ पूर्वक पुनर्वाचन किया। कार्यक्रम मे गौतम खोब्रागड़े के मार्गदर्शन मे बालक बालिकाओ व युवाओ द्वारा नृत्य तथा महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष भारती खांडेकर, ज्ञानवंता मैत्रेय, संगीता रंगारी, नीतू डोंगरे, सुनीता सुखदेवे, संगीता खोब्रागडे, जयश्री बौद्ध, अर्नव खांडेकर, आदि ने सामूहिक गीत गायन कर सभी का मन मोह लिया। इन सभी कलाकारो का भी संस्था के प्रदेश अध्यक्ष अनिल मेश्राम द्वारा सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुधेश रामटेके, भारती खांडेकर व जयश्री बौद्ध ने तथा आभार प्रदर्शन नरेंद्र शेंडे ने किया। समारोह मे सीजू एंथनी, मुकुंद बंसोड, चन्द्रकांत कोरे, विनोद बंसोड, मनोज मून, राजेश वंजारी, सी एल कमलेकर, सुधेश रामटेके, नरेंद्र शेंडे, बिशेसर गजभिये, ठानेन्द्र कामड़े, केके चौहान, खरेन्द्र मेश्राम, अजय रामटेके, गौतम खोब्रागड़े, विनय पानतवने, यशवंत रामटेके, राजू मेश्राम, कपिल तभाने, रमन गजभिये, वर्षा मेश्राम, अनिल साखरे, सुरेश शयामकुंवर, सिद्धार्थ बोरकर, राजू गोडबोले, भारती खांडेकर, जयश्री बौद्ध, सीमा शेंडे, नीतू डोंगरे, वंदना बौद्ध, निर्मला गजभिये, संगीता खोब्रागडे, किरण शयामकुंवर, बबीता नागवंशी, अल्का तभाने, विजया मेश्राम, वंदना पानतवने, कल्पना गजभिये, सुजाता रामटेके, भीमराव वाहने, अनिल गजभिये, विनोद वासनिक, कृष्णा बंसोडकर, बृजेश मेश्राम, जलेन्द्र ऊके, शुभम लांजेवार, करण चौरे,अतुल चौरे, आलोक शयामकुंवर, बीएल गजभिये, सत्यम गजभिये, समर्थ बौद्ध, पायल चौरे सहित अनेक लोग उपस्थित थे।