इस साल पूरा देश 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। हर साल 26 जनवरी को बड़ी धूमधाम के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर देश की राजधानी दिल्ली के राजपथ पर भव्य परेड का आयोजन किया जाता है, साथ ही कई अनोखी झाकियां भी निकाली जाती हैं।
मगर क्या आप जानते हैं कि हर साल देश में 26 जनवरी को ही गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है। दरअसल, भारत की आजादी के बाद संविधान सभा की घोषणा की गई, जिसने अपना कार्य 9 दिसम्बर 1947 से शुरु किया।भारतीय संविधान का निर्माण 2 साल, 11 महीने, 18 दिन में किया गया। आइए आपको इस संबंध में पूरी जानकारी देते हैं।
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को क्यों मनाते हैं?
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है, क्योंकि सन् 1950 में 26 जनवरी के दिन ही भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था. बता दें कि सन् 1950 में 26 जनवरी के दिन सुबह 10:18 बजे भारत एक गणतंत्र देश बना। इसके 6 मिनट बाद 10:24 बजे राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
देश में गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाया जाता है. इस दिन भारत में भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को निरस्त कर नया सविंधान लागू करते हुए नए संविधान को पारित कर दिया था. बता दें कि सबसे पहले 26 जनवरी 1929 को लाहौर कांग्रेस अधिवेशन में भारत को पूर्ण गणराज्य का दर्जा दिलाने का प्रस्ताव पेश किया गया था।
हालांकि उस समय अंग्रेजों ने कांग्रेस अधिवेशन के इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया था। इसके बाद 26 जनवरी 1930 को कांग्रेस भारत को पूर्ण गणराज्य की घोषणा कर दी थी। वहीं संविधान निर्माण की शुरुआत 9 दिसंबर 1946 को हुई थी जिसके निर्माण में कुल 2 साल 11 महिने 18 दिन लग गए।
इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे और पहली बार भारतीय सैन्य बल की सलामी ली थी। पहली बार उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था।
संविधान के बनने के बाद समीति ने 26 नवंबर 1949 को संविधान सभापति को सौंप दिया. जिसके बाद 26 जनवरी 1950 को आधिकारिक तौर पर संविधान को लागू करते हुए गणतंत्र दिवस की शुरुआत हुई. बता दें की इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में इसलिए चुना गया क्योंकि 26 जनवरी 1929 को पहली बार भारत को पूर्ण गणराज्य का प्रस्ताव पेश किया गया था।
भारतीय संविधान सभा द्वारा एक स्वतंत्र गणराज्य बनने के लिए संविधान को 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया। इस सभा के प्रमुख सदस्य डॉ. भीमराव आंबेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि थे। हमारे देश का संविधान डॉ भीमराव अम्बेडकर के नेतृत्व में लिखा गया. इसे लिखने में पूरे 2 वर्ष 11 महीने और 18 दिन लगे थे। बता दें कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति तिरंगा फहराते हैं. इसके साथ ही हर साल 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
राष्ट्रपति क्यों फहराते हैं झंडा?
राष्ट्रपति देश के संवैधानिक प्रमुख हैं और प्रधानमंत्री राजनीतिक। भारत का संविधान 26 जनवरी, 1950 को लागू किया गया था। जिस उपलक्ष्य में इस दिन गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। इसी दिन देश को अपने पहले राष्ट्रपति भी मिले थे। डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने इसी दिन राष्ट्रपति के रूप में कार्यालय संभाला था। इसलिए 26 जनवरी को राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं।