नई दिल्ली। देश के विभिन्न हिस्सों में पक्षियों के मरने की ताजा खबरों के बीच केंद्र सरकार ने कहा कि नौ राज्यों में बर्ड फ्लू फैलने की पुष्टि हो गई है। केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू फैलने की पुष्टि हो गई है, वहीं दिल्ली और महाराष्ट्र में भी इसकी पुष्टि हुई है।
पशुपालन और डेयरी विभाग ने एक बयान में कहा कि छत्तीसगढ़ के बालोद जिले से लिए गए किसी नमूने में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई है। इस बीच, केंद्र ने विभिन्न चिड़ियाघर प्रबंधनों को निर्देश दिया कि वे केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) को दैनिक रिपोर्ट भेजें और ऐसा तब तक जारी रखें जब तक कि उनके इलाके को रोगमुक्त घोषित नहीं कर दिया जाता।
पर्यावरण मंत्रालय के तहत आने वाले सीजेडए ने कार्यालयी ज्ञापन जारी कर कहा कि एवियन इन्फ्लुएंजा ‘पशुओं में संक्रामक रोगों की रोकथाम और नियंत्रण कानून, 2009’ के तहत अनुसूचित बीमारी है और इसे फैलने से रोकने के लिए इस तरह की बीमारी की जानकारी देना अनिवार्य है। वहीं दिल्ली की संजय झील में 17 और बत्तखें मृत पाई गईं जिसके बाद अधिकारियों ने इलाके को ‘अलर्ट क्षेत्र’ घोषित कर दिया। एक दिन पहले ही यहां पर 10 बत्तखें मृत मिली थीं जिसके बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने इसे बंद कर दिया था। मृत बत्तखों के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि बीते कुछ दिन में डीडीए के 14 पार्क में 91 कौवे मृत पाए गए हैं। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में रविवार को पोंग बांध वन्यजीव अभयारण्य में 215 प्रवासी पक्षी मृत पाए गए, जिससे संदिग्ध रूप से एवियन इंफ्लूएंजा से मरने वाली ऐसी चिड़ियों की संख्या बढ़कर 4,235 हो गई है। सोलन जिले में भी लगातार चौथे दिन बड़ी संख्या में मृत मुर्गे-मुर्गियां चंडीगढ़-शिमला राजमार्ग के किनारे फेंके पाए गए। सुरक्षा मानकों के मुताबिक इन पक्षियों के अवशेषों को जमीन में दफना दिया गया और नमूनों को जांच के लिये जालंधर की प्रयोगशाला में भेजा गया है।
राजस्थान में रविवार को 428 और पक्षियों की मौत के बाद राज्य में अब तक उनकी मौत का आंकडा बढकर 2,950 पहुंच गया है। अधिकारियों ने बताया कि 428 पक्षियों की मौत हुई, जिनमें 326 कौवे, 18 मोर, 34 कबूतर और 50 अन्य पक्षी शामिल हैं। राज्य में अब तक कुल मृत पक्षियों 2,950 में सबसे अधिक कौवे (2,289), 170 मोर और 156 कबूतर शामिल हैं। मध्य प्रदेश के 13 जिलों के कौओं के नमूनों में बर्ड फ्लू के एच5एन8 प्रकार का संक्रमण पाया गया है। मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में अब तक 13 जिलों – इंदौर, मंदसौर, आगर मालवा, नीमच, देवास, उज्जैन, खंडवा, खरगौन, गुना, शिवपुरी, राजगढ़, शाजापुर एवं विदिशा – में कौओं में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है। उन्होंने बताया कि 9 जनवरी तक 27 जिलों से लगभग 1,100 कौओं एवं जंगली पक्षियों की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है।
महाराष्ट्र के लातूर में अहमदपुर इलाके के 10 किलोमीटर के क्षेत्र को ‘अलर्ट जोन’ घोषित किया गया है, जहां पर गत दो दिन में 128 मुर्गियों सहित 180 पक्षी मृत पाए गए हैं। लातूर के जिलाधिकारी पृथ्वीराज बीपी ने रविवार को बताया कि पक्षियों की मौत की वजह का पता नहीं चला है लेकिन एहतियातन यहां से 265 किलोमीटर दूर केंद्रवाड़ी गांव के आसपास अलर्ट जोन घोषित किया गया है। लातूर जिला प्रशासन द्वारा जारी विज्ञप्ति के मुताबिक अलर्ट जोन का अभिप्राय है कि उस इलाके में किसी भी वाहन की आवाजाही, पोल्ट्री, पक्षी, पशु, चारा और खाद आदि की ढुलाई प्रतिबंधित रहेगी। महाराष्ट्र के परभणी स्थित एक पोल्ट्री फार्म में पिछले कुछ दिनों में करीब 900 मुर्गियों की मौत बर्ड फ्लू के कारण होने की पुष्टि हुई है। जिलाधिकारी दीपक मुगलीकर ने बताया कि जिला प्रशासन ने मुरुम्बा गांव में मुर्गियों की मौत के बाद गांव में करीब 8,000 पक्षियों को मारने का फैसला किया है। इससे पहले, मुगलीकर ने शनिवार को बताया था कि मुरुम्बा गांव स्थित पोल्ट्री फार्म में 900 मुर्गियों की मौत हो गई है। उन्होंने कहा था कि मौत की वास्तविक वजह जानने के लिए नमूनों को जांच के लिए भेजा गया है।
मुगलीकर ने सोमवार को कहा कि बर्ड फ्लू के कारण मौत होने की पुष्टि हुई है, इसलिए हमने उस स्थान के एक किलोमीटर के दायरे में पक्षियों को मारने का फैसला किया है, जहां मुर्गियों की मौत हुई है। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि राज्य सरकार बर्ड फ्लू से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। एवियन इन्फ्लूएंजा के डर के बीच गुजरात के विभिन्न हिस्सों में दर्जनों पक्षी मरे हुए पाए गए हैं और पशु पालन विभाग के कर्मचारी जांच के लिए नमूने जमा कर रहे हैं। जूनागढ़ पशु पालन विभाग के उप निदेशक एस एन वघासिया ने बताया कि पिछले नौ दिन में गिर सोमनाथ के चिखली गांव के एक मुर्गीपालन फार्म में 18 मुर्गियां मरी हुई पाई गई हैं। अधिकारियों ने बताया कि डांग जिले के वघाई में कुछ तीन दर्जन कौए मृत मिले हैं। इतनी ही संख्या में कच्छ के भीमासार गांव में भी मृत मिले हैं। राजकोट के गोंडाल तालुक में कुछ टिटिहरियों के कंकाल मिले हैं जबकि वडोदरा में कई कबूतर मृत पाए गए। उत्तर प्रदेश के कानपुर के चिड़ियाघर में मरे कुछ परिंदों में बर्ड फ्लू वायरस पाए जाने के बाद यहां अलर्ट जारी कर दिया गया है और अगले आदेश तक इसे जनता के लिए बंद कर दिया गया है। कानपुर चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की दस्तक को देखते हुए राजधानी लखनऊ स्थित प्राणी उद्यान और बरेली के केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) में इस वायरस से बचाव के लिए चाक-चौबंद बंदोबस्त किए गए हैं। जिलाधिकारी आलोक तिवारी ने बताया कि चिड़ियाघर में कुछ मरे हुए परिंदों में बर्ड फ्लू का वायरस पाए जाने के बाद जिले में अलर्ट घोषित कर दिया गया है और चिड़ियाघर के एक किलोमीटर के दायरे को संक्रमण जोन घोषित किया गया है तथा इस सीमा के अंदर सभी कुक्कुट फार्म पर अभियान चलाकर संक्रमण के संदेह में आने वाली मुर्गी-मुर्गों को नष्ट किया जा रहा है।
अमेठी के संग्रामपुर इलाके में छह कौए रहस्यमय परिस्थिति में मृत मिले। हरियाणा के पंचकूला जिले के दो कुक्कुट फॉर्म में एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) के संक्रमण की पुष्टि होने के बाद राज्य सरकार ने नौ त्वरित प्रतिक्रिया दल तैनात किए हैं और दोनों ही केंद्रों पर रोकथाम का अभियान जारी है। गुजरात के सूरत जिले और राजस्थान के सिरोही जिले में कौए और वन्य पक्षियों के नमूनों में एवियन इन्फ्लुएंजा की पुष्टि हुई है। बयान में कहा गया, ‘‘इसके अलावा कांगड़ा जिले (हिमाचल प्रदेश) से 86 कौओं तथा दो बगुलों की असामान्य मौत की खबरें आई हैं।’’ इसमें कहा गया, ‘‘नाहन, बिलासपुर और मंडी (हिमाचल प्रदेश) से भी जंगली पक्षियों की असामान्य मौत की खबरें आई हैं और नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला में भेज दिए गए हैं।’’ विभाग ने प्रभावित राज्यों को संक्रमण को और फैलने से रोकने के लिए परामर्श जारी किए हैं। बयान के मुताबिक, ‘‘अभी तक सात राज्यों (केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और उत्तर प्रदेश) से बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई है।’’ केंद्र ने कहा कि दिल्ली और महाराष्ट्र के नमूनों की रिपोर्ट का इंतजार है जिन्हें प्रयोगशाला में भेजा गया है। केरल के दोनों प्रभावित जिलों में नियंत्रण और रोकथाम का काम पूरा कर लिया गया है। राज्य को अभियान के बाद निगरानी कार्यक्रम संबंधी दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। इस बीच, प्रभावित इलाकों में हालात पर निगरानी के लिए गठित केंद्रीय दल प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। केरल में नौ जनवरी को एक केंद्रीय दल पहुंचा और वह प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी कर रहा है। एक अन्य केंद्रीय दल 10 जनवरी को हिमाचल प्रदेश पहुंचा तथा प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण कर रहा है।