हेलो सर/मैडम, मैं **** कंपनी से बोल रहा हूं जो राज्य सरकार के साथ मिलकर काम करती है। हम लोग कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए कुछ लोगों का रजिस्ट्रेशन कर रहे हैं। आपका नाम भी चुना गया है। लेकिन इसके लिए सर आपको अपनी कुछ डिटेल्स बतानी होंगी।
लोगों के मन में कोरोना वायरस के डर को देखते हुए तमाम ठग इसी तरह कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए रजिट्रेशन का झांसा देकर लोगों को अपने झांसे में फंसा रहे हैं और पैसे ठग रहे हैं। मध्य प्रदेश में लगभग 6 मामले कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े ऑनलाइन ठगी के सामने आए हैं। इसके बाद राज्य पुलिस के साइबर सेल ने लोगों को जागरुक करने के लिए संदेश दिया। फरीदाबाद में भी ऐसे आधा दर्जन मामलों की जानकारी मिली है जिसमें ठग कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करने या वैक्सीन बेचने का दावा कर रहे हैं। केरल में भी ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं जिनमें ठग लोग ईमेल और फोन पर कॉन्टैक्ट करके पैसा ठगने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे पहले तो ये ठग फोन करके आपको कोरोना वायरस के आने वाले खतरे के बारे में बताते हैं जैसे कि वायरस का नया स्ट्रेन सामने आया है, यह काफी तेजी से फैल रहा है, हमारे परिवार की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि हम लोग वैक्सीन लगवाएं। इस तरह वह सामने वाले का मूड तो भांपते ही हैं और साथ ही उन्हें डराते भी हैं कि वैक्सीन के लिए कितने लोग लाइन में हैं और अगर रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया, तो उनके परिवार का नंबर बहुत बाद में आएगा। वह आश्वासन देते हैं कि कोविड-19 वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन के बाद इनका नंबर वैक्सीन लगवाने में सबसे पहले आएगा। इसके बाद वह रजिस्ट्रेशन के नाम पर ईमेल आईडी और आधार कार्ड जैसी जरूरी जानकारी मांगते हैं। यह जानकारी मिलने के बाद सामने वाले शख्स के पास ओटीपी नंबर जाता है जिसकी जानकारी ये ठग मांगते हैं। और यह ओटीपी नंबर देते ही आधार कार्ड से जुड़े बैंक अकाउंट से सारा पैसा निकाल लिया जाता है। हाल ही में साइब क्राइम के प्रति जागरुक करने वाले सरकार के ट्विटर हैंडल पर इसके बारे में पोस्ट किया गया था। इसमें लिखा था कि संदिग्ध लिंक, ई-मेल, संदेश या फोन कॉल के माध्यम से कोविड रोगियों के लिए प्रथम कोरोना वैक्सीन पंजीकरण अथवा प्लाज्मा डोनर पंजीकरण या वितरण के बारे में नकली ऑफ़र हो सकते हैं, अतः सतर्क और चौकस रहें। कोविड-19 के टीकाकरण और उसके वितरण को लेकर सिर्फ सरकारी और विश्वसनीय सूत्रों पर ही भरोसा करें। मशहूर साइबर लॉयर पवन दुग्गल कहते हैं, ‘इसे वैक्सीन फिशिंग फ्रॉड कहा जाता है। चूंकि लोग डरे हुए हैं इसलिए गलत लोग लोगों में दशहत का फायद उठा रहे हैं। अब ये लोग क्या करते हैं कि डरे हुए कस्टमर से उनका डेटा मांगते हैं जैसे कि आधार नंबर वगैरह। कई बार तो पर्सनल जानकारी भी मांगते हैं, मगर इनसे सावधान रहना है। किसी तरह के लालच में नहीं फंसना है, ना किसी को अपना ओटीपी देना है।’ बकौल पवन दुग्गल, कभी भी सरकार इस तरह से चुपचाप आपकी जानकारी नहीं मांगती है। अगर कोविड-19 वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन शुरू होगा तो इसका प्रचार होगा, मुख्य मीडिया समाचारपत्रों और चैनलों में आएगा।
अगर आपके पास इस तरह का कोई कॉल आता है, तो उसे किसी तरह की जानकारी ना दें, इसके उलट पुलिस को इस कॉल की जानकारी जरूर दें। लेकिन अगर दुर्भाग्य से आप किसी तरह की ठगी का शिकार हो जाते हैं, तो सबसे पहले अपना अकाउंट ब्लॉक करवाएं ताकि उससे किसी तरह का लेन-देन ना हो सके। पवन दुग्गल बताते हैं, ‘अगर आप इस फ्रॉड का शिकार होते हैं तो सबसे पहले पुलिस को शिकायत करें। लेकिन अगर वहां सुनवाई नहीं हो रही है तो https://cybercrime.gov.in/ पर भी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। इसके अलावा अगर यह फ्रॉड किसी ऐप से हुआ है तो गूगल को शिकायत कर सकते हैं कि इस तरह का ऐप आपके यहां चल रहा है। वह नंबर पुलिस को देकर ब्लॉक करवा सकते हैं जहां से मेसेज या फोन आया है। फिलहाल कोविड वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए कोई अभियान नहीं चलाया गया है। पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि लोग इस वैक्सीन के लिए खुद को रजिस्टर करवा सकेंगे। बताया जा रहा है कि इसके लिए सरकार एक ऐप्लीकेशन को-विन लॉन्च करेगी। मगर अभी तक यह लॉन्च नहीं हुई है। ना ही यह सच है कि वैक्सीन फ्रंटलाइन वर्कर्स से पहले किसी को लगेगी। एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया के मुताबिक सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए प्रायोरिटी ग्रुप बनाए हुए हैं। पहले प्रायोरिटी ग्रुप में हेल्थकेयर वर्कर और फ्रंटलाइन वर्कर शामिल हैं। इसके बाद दूसरे ग्रुप में 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति और 50 साल से कम उम्र के वह व्यक्ति शामिल हैं जो कोमोरबिड सिचुएशंस में हैं।
सरकार कोविड-19 वैक्सीन के रजिस्ट्रेशन के लिए को-विन नाम का ऐप तैयार कर रही है। बदमाशों ने इससे मिलते-जुलते ऐप भी बना लिए हैं। लोग इसे डाउनलोड तक कर रहे हैं और फिर यह उनसे लोकेशन, फोन, स्टोरेज और ब्लूटूथ एक्सेस की मांग करते हैं जिससे डेटा चोरी होने का खतरा रहता है। इस बारे में हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने चेताया भी है। हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ‘सरकार के आगामी आधिकारिक मंच से मिलते-जुलते नाम वाले कुछ ऐप शरारती तत्वों ने बनाए हैं जो ऐपस्टोर्स पर हैं। उन (ऐप) को डाउनलोड या उन पर व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं करें। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय का अधिकारिक मंच (सरकार से मंजूरी प्राप्त) ऐप आने पर उसे उपयुक्त रूप से प्रकाशित करेगा।’
धोखाड़ी से कैसे बचें
- कोविड-19 वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए किसी भी लिंक, ईमेल या फोन-मेसेज का जवाब ना दें।
- किसी भी ऐसे आदमी को अपनी जानकारी ना दें जो इस प्रकार का झांसा दे रहा हो।
- किसी से अपना ओटीपी, बैंक खाते, आधार कार्ड संख्या, पैन कार्ड संख्या और पासवर्ड ना शेयर करें।