भिलाई 15 अक्टूबर : प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी डॉक्टर अंबेडकर चौक पावर हाउस भिलाई में प्रतिमा प्रबंध समिति के तत्वधान में 14 अक्टूबर धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस समारोह वरिष्ठ समाजसेवी सुदर्शन प्रसाद के मुख्य अतिथि एवं संस्था के अध्यक्ष एवं एससी/एसटी फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील रामटेके की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। प्रातः 9:30 बजे कार्यक्रम को प्रारंभ करते हुए संस्था के उपाध्यक्ष आनंद रामटेके ने प्रतिमा प्रबंध समिति एवं वर्तमान में देश की परिस्थिति पर विस्तृत प्रकाश डाला इसके पूर्व अतिथियों द्वारा डॉ आंबेडकर की विशाल आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया। संस्था के अध्यक्ष सुनील रामटेके ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाबासाहेब ने विश्व के सभी धर्म का अध्ययन किया पश्चात 14 अक्टूबर 1956 को अपने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म की दीक्षा ली बौद्ध धर्म में ही समानता, शांति एवं विज्ञान का मार्ग है समूचा विश्व आपस में युद्ध हेतु आमादा है ऐसे में बौद्ध धर्म का मार्ग ही शांति एवं सद्भावना व एकता का मार्ग प्रशस्त कर सकता है और आज इसकी सख्त आवश्यकता है। हम सबको बौद्ध धर्म के मार्ग पर चलकर आत्मसात करना चाहिए। प्रमुख अतिथि सुदर्शन प्रसाद ने भी अपने 50 वर्षीय समाज सेवा क्षेत्र में बाबासाहेब के उद्देश्यों को अवगत कराया। इस दौरान संत रविदास समाज सेवा समिति के युवा अध्यक्ष बालाराम कोलते, सामाजिक कार्यकर्ता कृष्णा बंसोड़कर, श्रीमती संगीता पाटिल, आर एस चौहान आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर अधिवक्ता अनिल कामले, अजय रामटेके, भाऊ राव उके, अरविंद कमले, भागीरथी दास, अनीता मेश्राम, गौतम खोबरागड़े, बीआर चौरे, निकिता मेश्राम, भागवत शिंदे, बबलू नागदेवे, आदि ने बाबासाहेब की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया कार्यक्रम का संचालन आनंद रामटेके ने किया।