भिलाई। 11 अक्टूबर : कंसलटेन्ट क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ शमा हमदानी का मानना है कि तनाव हमेशा बुरा नहीं होता। कभी-कभी कठिन परिस्थितियां और चुनौतियां हमें अपना श्रेष्ठ देने के लिए प्रेरित करती हैं और हम और भी ज्यादा निखर कर सामने आ जाते हैं। इसे हम यूस्ट्रेस कहते हैं। इसके उलट तनाव जब हमें हतोत्साहित करता है, निराशा के गर्त में ढकेलता है तो वह मुश्किलें खड़ी करता है। इसे हम डिस्ट्रेस कहते हैं। डॉ हमदानी आज विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस पर एमजे कालेज ऑफ नर्सिंग द्वारा आयोजित वेबीनार को संबोधित कर रही थीं। महाविद्यालय की निदेशक श्रीलेखा विरुलकर के निर्देशन में आयोजित इस वेबीनार को संबोधित करते हुए डॉ हमदानी ने तनाव के विभिन्न रूपों तथा मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव की चर्चा की। उन्होंने कोविड से उभरी नई चुनौतियां का जिक्र करते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति चौतरफा तनावपूर्ण परिस्थितियों का सामना कर रहा है। रोजगार, विशेषकर निजी क्षेत्रों में काम करने वाले और छोटा मोटा व्यापार करने वाले भविष्य को लेकर आशंकित हैं। पर ऐसे में हिम्मत न हारते हुए कुछ नया करने की सोच आपको अवसाद से बचा सकती है, एक नई राह दिखा सकती है। उन्होंने कहा कि सामान्य स्थितियों में भी तनाव का मुकाबला करना बेहद जरूरी है। सही भोजन, पर्याप्त निद्रा तथा थोड़ी सी कसरत के साथ इसका मुकाबला किया जा सकता है। यदि हम स्वयं को सक्रिय रखें, लोगों से जुड़े रहें और कुछ नया करने की तैयारी में लगे रहें तो तनाव को मात दिया जा सकता है। इससे हमें कठिन परिस्थितियों से जूझने में मदद मिल सकती है। महाविद्यालय की उप प्राचार्य सिजी थॉमस ने तनाव को मात देने के लिए पांच सूत्रीय फार्मूला दिया। उन्होंने कहा कि सकारात्मक सोच, पर्याप्त नींद, सही संतुलित भोजन, प्रतिदन कसरत एवं योगाभ्यास से हम अपना मानसिक संतुलन बनाए रख सकते हैं। आरंभ में व्याख्याता दीपक रंजन दास ने अतिथि वक्ता का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि परिस्थितयों को स्वीकार कर नई राह तलाशने वाले कभी निराशा का शिकार नहीं होते। प्राकृतिक आपदाएं बड़ी उथल पुथल मचा देती हैं। सबकुछ बदल जाता है। पर यह नए अवसर भी पैदा करता है। जो खो गया उसकी चिंता में घुलने से अच्छा होता है कि क्या मिल सकता है, उसके लिए चेष्टा करना। वेबीनार में नर्सिंग महाविद्यालय की प्राचार्य सी कन्नम्मल, डैनियल तमिल सेलवन, सहित सभी फैकल्टी मेम्बर्स एवं स्टूडेन्ट्स उपस्थित हुए।