नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी की वजह से सऊदी में 450 भारतीय मजदूरों को अपना जीवन यापन करने के लिए सड़कों पर भीख मांगना पड़ रहा है। इनमें से ज्यादा तर मजदूरों का वर्क परमिट भी समाप्त हो चुका है। ऐसे में वह वहां पर भीख मांगने के लिए मजबूर हैं। हालांकि, वहां के लोकल अथॉरिट को यह रास नहीं आया। ऐसे में उन्होंने मजदूरों को डिटेंशन सेंटर भेज दिया।
भीख मांगने वाले मजदूर तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और महाराष्ट्र के बताए जा रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मजदूरों को वर्क परमिट समाप्त हो चुका है और लॉकडाउन की वजह से वह अपने वतन भी नहीं लौट पा रहे हैं। मजबूरन इन मजदूरों को सऊदी की सड़कों पर भीख मांगनी पड़ रही है और इनके कुछ वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
वायरल वीडियो में मजदूरों ने कहा कि हमारी केवल यह गलती थी कि हम भीख मांग रहे थे। जिसके बाद सऊदी के अधिकारियों ने हमारी पहचान की और हमें जेद्दा के शुमासी डिटेंशन सेंटर में डाल दिया। वायरस हो रहे वीडियो में कई मजदूर रोते हुए दिखाई दे रहे हैं। इन मजदूरों में उत्तर प्रदेश के 39, बिहार के 10, तेलंगाना के 5, महाराष्ट्र, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक से चार-चार और आंध्र प्रदेश का एक शामिल है।
एक मजदूर ने कहा कि हमने कोई अपराध नहीं किया है। हम अपने हालातों की वजह से भीख मांगने के लिए मजबूर हुए थे क्योंकि हमारी नौकरी चली गई थी। अब सभी को डिटेंशन सेंटर में सड़ रहे हैं। वहीं, एक अन्य मजदूर ने कहा कि वे चार महीने से भी ज्यादा समय से असहनीय कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। मजदूर ने आगे बताया कि हमने देखा है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और श्रीलंका के मजदूरों की यहां के अधिकारी मदद कर रहे हैं और उन्हें उनके देश भेजा गया है। इसके साथ ही मजदूरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि उन्हें भारत वापस बुलाने की व्यवस्था की जाएं।