कोरोनावायरस ने लोगों के मन में डर का माहौल पैदा कर दिया है। इस वायरस से छुटकारा पाने व हर कोई इस वायरस से बचन के लिए हर तरह के तरीके अपना रहा है। लेकिन कोरोना को लेकर इतना डर है कि मौसम में बदलाव के कारण यदि सर्दी-खांसी हो जाए तो लोग इसे कोरोना से जोड़कर ही देख रहे हैं, क्योंकि कोरोनावायरस के लक्षण भी सर्दी, नाक बहना, खांसी व बुखार आदि हैं। ऐसे में परेशान या पैनिक होने की जगह कुछ बातों को अपनी जिंदगी में शामिल करने की जरूरत है ताकि इस वायरस से जीत हासिल की जा सके, वह भी बिना किसी डर के। आइए जानते हैं कोरोनावायरस के बारे में वह सब जो आप जानना चाहते हैं और उससे बचने के लिए अपनी लाइफ में किन बातों का ध्यान रखने की जरूरत है? सबसे पहले।
मैं ख़ुद को कैसे सुरक्षित रखूं?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक़, कोरोना वायरस से ख़ुद को सुरक्षित रखने का सबसे बेसिक और महत्वपूर्ण उपाय है कि हम सफ़ाई से रहें. साफ़-सफ़ाई का ध्यान रखना सबसे ज़रूरी है। अपने हाथों को समय-समय पर धोते रहें. समय-समय पर साबुन और पानी से हाथ धोएं. या आप चाहें तो एक अल्कोहॉल बेस्ड सैनेटाइज़र भी इस्तेमाल कर सकते हैं. सैनेटाइज़र को हाथों पर अच्छी तरह लगाएं. इससे अगर आप के हाथ पर वायरस मौजूद हुआ भी तो समाप्त हो जाएगा। अपनी आंखों को छूने से बचें, नाक और मुंह पर भी हाथ लगाने से बचें. हम अपने हाथ से कई सतहों को छूते हैं और इस दौरान संभव है कि हमारे हाथ में वायरस चिपक जाए. अगर हम उसी अवस्था में अपने नाक, मुंह और आंख को छूते हैं तो वायरस के शरीर में प्रवेश की आशंका बढ़ जाती है.
हम वायरस को फैलने से कैसे रोक सकते हैं?
अगर आप छींक रहे हैं या फिर खांस रहे हैं तो अपने मुंह के सामने टिश्यू ज़रूर रखें और अगर आपके पास उस वक़्त टिश्यू ना हो तो अपने हाथ को आगे कर कोहनी की ओट में छीकें या खांसें। अगर आपने कोई टिश्यू इस्तेमाल किया है तो उसे जितनी जल्दी हो सके डिस्पोज़ कर दें. अगर आप ऐसा नहीं करते हैं तो इसमें मौजूद वायरस दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। यही वजह है कि लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने को कहा जा रहा है। सोशल डिस्टेंसिंग के तहत लोगों को एक-दूसरे से कम से कम दो मीटर दूर रहने की सलाह दी गई है। इसके अलावा बहुत सी जगहों पर लोगों को सलाह दी गई है कि वे अपने घरों में ही रहें और जब तक बहुत ज़रूरी ना हो घर से बाहर ना निकलें. ताकि संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से बचा जा सके.
इन सबके साथ ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि यह बेहद ज़रूरी है लोग हैंडशेक करने से परहेज़ करें और इसके बजाय ‘सेफ़-ग्रीटिंग’ जैसे नमस्ते या फिर कोहनी के इस्तेमाल या दूसरे तरीक़े से अभिवादन करें.
क्या ग्लव्स और मास्क कारगर हैं?
अगर आप किसी ऐसे मास्क का इस्तेमाल करते हैं जो एकदम साधारण है और जिसे आपने सुपर मार्केट से ख़रीदा था, तो वो आपके लिए मददगार नहीं होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि ये मास्क बहुत ढीले होते हैं और इससे आंखों को सुरक्षा नहीं मिलती है. साथ ही इन्हें बहुत लंबे वक़्त तक इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। हालांकि अगर सामने से कई संक्रमित व्यक्ति छींक देता है तो उस स्थिति में ये ज़रूर मददगार साबित होता है। यहां ये याद रखने की ज़रूरत है कि कोरोना वायरस के जितने मामले अभी तक सामने आए हैं उनमें से बहुत से मामले ऐसे हैं जिसमें संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नज़र नहीं आया लेकिन जब उन्हें टेस्ट किया गया तो वे पॉज़ीटिव पाए गए. ऐसे में अगर आप मास्क का इस्तेमाल करते हैं तो कोई बुराई नहीं है। ग्लव्स की बात करें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर आप ग्लव्स का इस्तेमाल करते हैं तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि आप कोरोना वायरस से बच जाएंगे. लेकिन इसका दूसरा पहलू ये भी है कि नंगे हाथ से चेहरा छूना ख़तरनाक साबित हो सकता है।विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि रोज़ाना साबुन से हाथ धोते रहना ग्लव्स की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित और कारगर है.
अगर मुझे संक्रमण हो जाए तो मुझे ये कैसे पता चलेगा?
कोरोना वायरस संक्रमण का प्रमुख लक्षण बुखार और सूखी खांसी आना है. अगर आपको ये दोनों लक्षण नज़र आ रहे हैं तो बेशक आपको सावधान होने की ज़रूरत है। इसके अलावा गले में ख़राश, सिर दर्द, डायरिया जैसे लक्षण भी कुछ मामलों में पाए गए हैं. कुछ मामलों में लोगों ने शिकायत की है कि उनके मुंह का स्वाद भी चला गया. कुछ ने गंध ना महसूस होने की भी शिकायत की है। हालांकि कई मामलों में मरीज़ों में, कोरोना संक्रमण का कोई लक्षण नहीं देखा गया है.
मुझे क्या करना चाहिए अगर लक्षण नज़र आएं तो?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अगर आपको ख़ुद में ऐसे लक्षण नज़र आ रहे हैं तो घर में रहें. अगर लक्षण बेहद कम भी हैं तो भी पूरी तरह ठीक होने तक घर पर ही बने रहें। याद रखें, कोविड19 के 80 फ़ीसदी मामलों में संक्रमण के लक्षण बेहद कम ही थे. ऐसे में यह ध्यान रखना सबसे ज़रूरी है कि आप दूसरों के संपर्क में आने से बचें। अगर बुख़ार और खांसी लगातार बढ़ रही है और सांस लेने में दिक़्क़त हो रही है तो अब आपको मेडिकल सलाह लेने की ज़रूरत है. हो सकता है कि इसकी वजह कोरोना संक्रमण हो भी और नहीं भी। पहले से ही अपने स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाले शख़्स से संपर्क में रहें. ताकि आपको सही समय पर सही इलाज और सलाह मिल सके।
कितना ख़तरनाक है कोविड 19?
नई रिसर्च के मुताबिक़, कोविड 19 के मरीज़ों में 0.66 प्रतिशत लोगों के ही मरने की आशंका होती है। यह सामान्य फ़्लू से होने वाली मौतों से सिर्फ़ 0.1% ही अधिक है। लेकिन यहां इस बात का ज़िक्र करना ज़रूरी हो जाता है कि अभी तक हमें मौत के सिर्फ़ वही मामले पता हैं जो अस्पताल में हुई हैं. इस बात की पूरी आशंका है कि मौत का आंकड़ा इससे अधिक हो, ऐसे में पुख्ता तौर पर कहना मुश्किल है।किसी भी महामारी के दौरान डेथ-रेट का आंकलन कर पाना थोड़ा मुश्किल होता है क्योंकि संक्रमण होने और मौत होने के बीच समय का काफी फर्क़ होता है। जिन लोगों की उम्र 80 साल से अधिक है उनके लिए ख़तरा औसत से दस गुना अधिक है और वहीं जिनकी उम्र 40 से कम है उनके लिए ख़तरा कुछ कम है। इसके साथ ही चीन में क़रीब 44 हज़ार लोगों पर एक विश्लेषण किया गया जिसमें पाया गया कि मधुमेह से पीड़ित लोगों, हाई ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी बीमारियों वालों के मरने की आशंका पांच गुना अधिक होती है।
क्या इसका कोई इलाज संभव होगा?
फ़िलहाल कोरोना वायरस के लिए ना तो कोई ख़ास दवा तैयार की जा सकी है और ना ही वैक्सीन। ट्रीटमेंट के विकल्प हैं लेकिन ज़्यादातर लोग ख़ुद ही ठीक हो जाते हैं। पूरी दुनिया के वैज्ञानिक इस वायरस के लिए वैक्सीन ईजाद करने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन अभी इनके ट्रायल किए जाएंगे और उसके बाद ही कहीं जाकर कुछ स्पष्ट हो सकेगा लेकिन अभी इसमें वक़्त लगेगा.
अपने मानसिक स्वास्थ्य को कैसे बेहतर बनाए रखें?
इस बात में रत्ती भर भी शक नहीं है कि महामारी के इस दौर में मानसिक तनाव हो सकता है, हो सकता है कि आपको बेचैनी महसूस हो रही हो, आप तनाव महसूस कर रहे हों, परेशान हो रहे हों, दुखी हों, अकेला महसूस कर रहे हों। इसके लिए ब्रिटिश नेशनल हेल्थ सर्विस ने दस टिप्स दिए हैं जिससे आप अपने मानसिक स्थिति को बेहतर बनाए रख सकते हैं.
– अपने दोस्तों और परिवार के लोगों के साथ फ़ोन, वीडियो कॉल या फिर सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क में बने रहें.
– उन चीज़ों के बारे में बात करते रहें जिससे आपको परेशानी हो रही हो.
– दूसरे लोगों को भी समझने की कोशिश करें.
– अपनी नई दिनचर्या को व्यवहारिक तरीक़े से प्लान करें.
– अपने शरीर का ध्यान रखें. नियमित व्यायाम और ख़ान-पान का ध्यान रखें.
– आप जहां से भी जानकारियां ले रहे हों वो क्रेडिबल सोर्स हो और इस महामारी के बारे में बहुत अधिक ना पढ़ें.
– अपने व्यवहार को अपने नियंत्रण में रखें.
– अपने मनोरंजन का भी पूरा ध्यान रखें.
– वर्तमान पर फ़ोकस करें और यह याद रखें कि यह समय चिर-स्थायी नहीं है.
– अपनी नींद को किसी भी तरह से बाधित ना होने दें.
सुरक्षित जाएं ऑफिस, जानें स्वच्छता के टिप्स
– अगर ऑफिस में लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं तो यह ख्याल रखें कि लिफ्ट में बहुत ज्यादा भीड़भाड़ न हो। लिफ्ट का बटन दबाने के लिए टिश्यूज का इस्तेमाल करें। सैनिटाइजर का समय-समय पर इस्तेमाल जरूर करें।
– बॉथरूम का इस्तेमाल करते समय इस बात का ख्याल रखें कि बाथरूम में बहुत ज्यादा लोग जमा न हों, क्योंकि हमें सोशल डिस्टेंसिंग यानी सामाजिक दूरी बनाए रखनी है। इसलिए बाथरूम में जाना उस वक्त अवॉइड करना चाहिए, जब ज्यादा लोग इस्तेमाल नहीं कर रहे हों। हाथों की स्वच्छता का ध्यान रखना है और ऐसी सतहों को नहीं छूना है, जहां संक्रमण की आशंका हो।
– अगर कोरोना से पहले आप सब साथ बैठकर लंच करना पसंद करते थे तो इस आदत को आपको कोरोना काल में बदलने की जरूरत है, क्योंकि एक ही टेबल पर सहकर्मी के साथ बैठकर लंच करना इस वक्त सही नहीं है।
– ऑफिस में पूरे समय मास्क का इस्तेमाल करें। भले ही आपने कुछ देर का ब्रेक लिया हो या आप लोगों के बीच में न हों फिर भी आपको मास्क का इस्तेमाल करते रहना है।
– मास्क पहनने से पहले अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ कर लें। इसके लिए एल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
– ख्याल रखें कि आपकी डेस्क समय-समय पर सैनिटाइज होती रहे। काम करते-करते कई लोगों की आदत होती है कि वे अपने चेहरे को छूते हैं लेकिन इस आदत को तुरंत सुधारने की जरूरत है। चेहरे को बार-बार छूने से बचें।
– ऑफिस का गेट खोलने या बंद करने के लिए अपने पास टिश्यू पेपर रखें। यदि आपके पास उस वक्त टिश्यू उपलब्ध नहीं है तो कोहनी से दरवाजे को खोलें।
– अपने मोबाइल को भी समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें। क्योंकि हमारे साथ हर समय मोबाइल होता है। घर से बाहर जानें पर भी और घर पर भी ऐसे में मोबाइल में कीटाणु पाएं जा सकते है। इसलिए मोबाइल को भी सैनिटाइज जरूर करें।
– ऑफिस से घर आने पर घर के अन्य सदस्यों के संपर्क में आने से पहले आप नहा लें और अपने कपड़े धो लें। इसके बाद ही अपने परिवार के अन्य सदस्यों और किसी चीज के संपर्क में आएं।