दुर्ग। 9 सितंबर : जिले के पुलिस अधीक्षक प्रशांत ठाकुर के द्वारा गुण्डा बदमाशो पर कड़ी कार्यवाही के निर्देश के बाद लगातार पुलिस द्वारा धर पकड़ दबाव बनाने का प्रतिफल यह रहां कि नामी गुण्डा बदमाश मोहन नगर थाना क्षेत्र का विजय उर्फ पप्पु वर्मा ने अपने आप को कोर्ट में सरेंडर कर दिया जहां से पुलिस द्वारा उसे पुलिस रिमाण्ड में लेकर पूछताछ की गई तथा आरोपी का ज्युडिशियल रिमाण्ड लिया गया। आरोपी के खिलाफ पूर्व में भी थाना मोहन नगर, थाना पुलगांव, थाना उतई में कई अपराध पंजीबद्ध है। इसी क्रम में जिले में मादक पदार्थ गांजा परिवहन एवं बेचने वाली घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों तथा फरार आरोपियों की पतासाजी हेतु, रोहित झा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक महोदय (शहर), विवेक शुक्ला नगर पुलिस अधीक्षक महोदय दुर्ग के मार्गदर्शन एवं थाना प्रभारी मोहन नगर बृजेश कुशवाहा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित कर थाना मोहन नगर में धारा 20(ख), 27(क) एन.डी.पी.एस.एक्ट पतासाजी हेतु निर्देशित किया गया था। 8 सितंबर को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी न्यायालय दुर्ग में मामले के फरार आरोपी विजय उर्फ पप्पू वर्मा पिता स्व.दशरथ वर्मा उम्र 39 वर्ष निवासी कैलाश नगर थाना मोहन नगर जिला दुर्ग द्वारा समर्पण किये जाने की सूचना प्राप्त होने उपरांत विधिव सम्मत कार्यवाही कर मामले में अन्वेषण कार्यवाही हेतु आरोपी का 01 दिवस का पुलिस रिमांड प्राप्त किया गया। कार्यवाही दौरान आरोपी का धारा 27 साक्ष्य अधि.मेमोरेण्डम कथन लेखबद्ध किया गया जो घटना दिनॉक समय को घटना स्थल से पुलिस को चकमा देकर मादक पदार्थ गांजा विक्री की राशि 2000 रूपये लेकर फरार हो गया था। आरोपी के एक अन्य सहयोगी पवन उर्फ शक्ति नायक से 1.960 कि.ग्रा.अवैध मादक पदार्थ गांजा एवं मादक पदार्थ गांजा विक्री की राशि 200 रूपये को बरामद किया गया था। आरोपी विजय उर्फ पप्पू वर्मा करीब 02 वर्ष से अपने सहयोगी के साथ मादक पदार्थ गांजा तस्करी में संलिप्त था एवं आदतन अपराधी है इसके पूर्व भी आरोपी के विरुद्ध थाना मोहन नगर में धारा 20(ख),27(क) एनडीपीएस एक्ट का अपराध पंजीबद्ध कर अन्वेषण किया जाकर मामले में अभियोग पत्र तैयार किया गया था जो मामला न्यायालय में विचाराधीन है। वर्तमान में आरोपी विजय उर्फ पप्पू वर्मा पुनः अपराध घटित किया गया है। आरोपी को ज्यूडिशियल रिमांड पर न्यायालय पेश किया गया है। उक्त कार्यवाही में सउनि एन.के.भदौरिया, सहायक उपनिरीक्षक किरेन्द्र सिंह, आर. सर्वेश प्रजापति, आर.धीरेन्द्र यादव,आर.मनीष अग्निहोत्री, आर. मोहम्मद फारूक की भूमिका सराहनीय रही।