एक चुटकी नमक हमारे भोजन का स्वाद ही बदल देता है या फिर यूं कहें कि बिना नमक के स्वादिष्ट भोजन बन ही नहीं सकता। क्या आप जानते हैं कि नमक की जितनी जरूरत स्वाद के लिए है, उससे कहीं ज्यादा हमारे स्वास्थ्य के लिए भी है। इस आर्टिकल में हम बात करेंगे नमक के फायदे के बारे में साथ ही हम आपको इसकी अधिक मात्रा के कारण होने वाले नमक के नुकसान से जुड़ी जानकारी भी देंगे। बेशक, सीमित मात्रा में नमक का सेवन करने से हम स्वस्थ रह सकते हैं, लेकिन गंभीर बीमारी की अवस्था में सिर्फ इस पर निर्भर रहना उचित नहीं है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
आइए, सबसे पहले जानते हैं कि नमक कितने प्रकार का होता है।
नमक के प्रकार को मुख्य रूप से दो अलग-अलग भागों में बांटा गया है। पहला विभिन्न प्रक्रियाओं के तहत बनाया जाने वाला नमक और दूसरा प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला नमक। इनमें से प्रक्रिया के तहत बनने वाले नमक के प्रकार निम्न हैं
1) सोलर नमक : सोलर नमक या सौर नमक समुद्री जल के पानी को खुले तालाबों में इकट्ठा करके बनाया जाता है। पानी को सूर्य की रोशनी में भाप बनाकर सुखा दिया जाता है और शेष पदार्थ नमक के रूप में बच जाता है।
2) शुद्ध नमक : शुद्ध नमक को प्यूरीफायर सॉल्ट भी कहा जाता है। इस नमक को बनाने के लिए एक ट्यूब के अंदर समुद्र के पानी को सुखा दिया जाता है। पानी के सूखने के बाद नमक बचा रह जाता है।
3) प्रोसीड नमक: इसे टेबल सॉल्ट के नाम से भी जाना जाता है। यह नमक मिनरल से रहित होता है और इसमें अन्य रसायनों को जोड़ा जाता है, जबकि प्राकृतिक नमक में इलेक्ट्रोलाइट जैसे कई मिनरल शामिल होते हैं।
प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले नमक निम्न प्रकार से हैं: टेबल सॉल्ट, सी सॉल्ट, हिमालयन पिंक सॉल्ट, सेल्टिक सी सॉल्ट, फ्लेवर डी सॉल्ट, काला नमक, फ्लेक सॉल्ट, ब्लैक हवईन सॉल्ट,
नमक के प्रकार जानने के बाद अब हम नमक से होने वाले विभिन्न फायदों के बारे में विस्तार से बात करते हैं।
नमक के फायदे
नमक को सोडियम क्लोराइड के रूप में जाना जाता है, जिसमें 40% सोडियम और 60% क्लोराइड हाेता है। नमक भाेजन के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही उसको जल्दी खराब होने से रोकता है। अगर नमक को सीमित मात्रा में खाया जाए, तो यह सेहत के लिए कई मायनों में फायदेमंद हो सकता है। नमक से होने वाले फायदे कुछ इस प्रकार हैं:
डिहाइड्रेशन (निर्जलीकरण) में मददगार
डायरिया व हैजा की स्थिति में शरीर डिहाइड्रेट हो जाता है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में शरीर में पानी और मिनरल का स्तर कम हो जाता है। अगर इस समस्या को समय रहते दूर न किया जाए, तो किडनी पर असर पड़ सकता है। ऐसे में पानी में नमक और शक्कर को मिलाकर ओआरएस (ओरल रिहाड्रेशन सॉल्यूशन) घोल बनाया जाता है। यह घोल डायरिया की समस्या से राहत दिलाकर शरीर को हाइड्रेट रखता है।
मसल दर्द (पैरों में दर्द) को दूर करने में कारगर
बुजुर्गों और एथलीटों में अक्सर पैर की मांसपेशियों में ऐंठन की समस्या हो जाती है। यह समस्या व्यायाम, उतार-चढ़ाव, गर्भावस्था, शरीर में इलेक्ट्रोलाइट के असंतुलन और नमक की कमी के कारण हो सकती है। खिलाड़ी जब खेलते हैं, तो उनके शरीर से अधिक पसीना निकलता है, जिस कारण से शरीर में नमक की मात्रा करीब 4-6 चम्मच के बराबर कम हो सकती है। ऐसे में उन खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए, जिनमें प्राकृतिक रूप से नमक होता है। ऐसे खाद्य पदार्थ ऐंठन की समस्या को कुछ कम कर सकते हैं। इसलिए, खिलाड़ियों को पानी में चौथाई चम्मच नमक मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा, टमाटर का रस और अन्य स्पोर्ट्स ड्रिंक भी नमक की पूर्ती के अच्छे विकल्प हो सकते हैं।
स्वस्थ दांतों के लिए नमक के लिए
स्वस्थ मसूढ़े और मजबूत दांत सुंदरता की पहचान होते हैं। नमक का उपयोग कर दांतों को मजबूत और मसूढ़ों को स्वस्थ बनाया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले फ्लोराइड नामक पदार्थ में कैरोस्टेटिक गुण मौजूद होता है, जो कि दांतों को कमजोर होकर टूटने से रोकने में मदद कर सकता है। इसके अलावा, नमक के पानी से कुल्ला करने पर मुंह के संक्रमण काे दूर करने में मदद मिल सकती है। नमक के पानी से कुल्ला करने पर दांतों पर प्लाक का कारण बनने वाले बैक्टीरिया साफ हो जाते हैं। ये प्लाक दांतों की सड़न और मसूड़ों की बीमारी का मुख्य कारण हैं।
गले में खराश को दूर करने के लिए नमक के उपाय
गलें में खराश या फिर सूजन की समस्या खाना खाने से लेकर पानी पीने और बात करने में परेशानी पैदा कर सकती है। ऐसे में नमक के पानी से गरारा करना फायदेमंद साबित हो सकता है। दिन में कई बार गुनगुने नमक के पानी (आधा चम्मच नमक और 1 कप पानी) से गरारे इस समस्या को दूर करने में मदद कर सकते हैं। माना जाता है कि नमक में कई ऐसे गुण पाए जाते हैं, जो गले की सूजन को दूर करने के साथ ही गले में होने वाले दर्द से कुछ राहत दिलाने में कारगर हो सकता है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस
सिस्टिक फाइब्रोसिस एक वंशानुगत बीमारी है, जो मुख्य रूप से फेफड़ों और पाचन तंत्र में समस्या पैदा करती है। यह बीमारी अक्सर नमक की कमी के कारण होती है या फिर ये कहें कि इसके कारण शरीर से सोडियम क्लोराइड निकल जाता है। नमक और नमकीन पदार्थ जिनमें सोडियम क्लोराइड मौजूद होता है। शरीर में इन दोनों की भरपाई करने में मदद कर सकते हैं और कुछ हद तक इस समस्या के जोखिमों को कम कर सकते हैं, लेकिन इसको पूरी तरह से ठीक करने के लिए चिकित्सक की सलाह और उपचार जरूरी है।
साइनस से छुटकारा दिलए
सिर व चेहरे के अंदरूनी भाग में कुछ खोखले छिद्र (कैविटीज) मौजूद होते हैं, जिन्हें वायुविवर या फिर साइनस कहा जाता है। ये छिद्र सांस लेने में हमारी मदद करते हैं। इन छिद्रों में किसी प्रकार की रुकावट आने पर साइनस (Sinus) की समस्या हो सकती है । इससे बुखार, कमजोरी, थकान व खांसी की समस्या भी हो सकती है। इस समस्या को दूर करने के लिए नमक के पानी का उपयोग कर सकते हैं। इसे सालिन सॉल्यूशन (saline solutions) कहा जाता है। यह इस संक्रमण से होने वाली सूजन को कम करके बलगम को निकलने में मदद कर सकता है।
नमक खाने के फायदे को जानने के बाद अब पता करते हैं कि नमक की मात्रा कम या ज्यादा होने पर क्या हो सकता है।
अगर आप कम नमक लेते हैं, तो क्या होता है
नमक खाने के फायदे तो आपने ऊपर पढ़ ही लिए हैं, लेकिन नमक के कम सेवन से रक्त में हाइपोनेट्रेमिया (सोडियम का निम्न स्तर) की समस्या हो सकती है। इससे सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, थकान, ऑस्टियोपोरोसिस, सुस्ती, बेहोशी और ब्रेन डैमेज जैसी परेशानियां हो सकती हैं। गंभीर मामलों में शरीर में नमक के रूप में सोडियम का निम्न स्तर आघात, कोमा और मृत्यु का कारण बन सकता है।
क्या होता है अगर आप बहुत ज्यादा नमक लेते हैं?
नमक के नुकसान तब दिखाई देते हैं, जब इसका सेवन अधिक मात्रा में किया जाता है। इससे हाइपरनेटरमिया नामक समस्या हो जाती है, जिसके चलते शरीर में सोडियम और पानी की अधिकता हो सकती है। सोडियम की सामान्य से मात्रा 158-160 mmol/liter होती है। इससे अधिक मात्रा कई समस्याओं का कारण बन सकती है। इस स्थिति में ह्रदय गति का रुक जाना, गुर्दे की पथरी के साथ गुर्दे की अन्य समस्याओं का होना, आघात, आमाशय (पेट) का कैंसर, हृदय की मांसपेशियों का मोटा होना और हड्डियों की कमजोरी ये आम समस्याएं हैं। नमक के अधिक मात्रा में सेवन से जो जटिल समस्याएं हो सकती हैं, उसके बारे में हम आपको आगे अर्टिकल में विस्तार से बताएंगे। यहां पर हम आपको बता रहे हैं, अतिरिक्त नमक के सेवन होने वाली कुछ प्रमुख समस्याओं के बारे में।
अतिरिक्त नमक सेवन करने से क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं?
अतिरिक्त नमक के सेवन से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकतीं हैं। इसकी मात्रा अधिक होने पर होने वाली समस्याएं इस प्रकार हैं :
ऑस्टियोपोरोसिस : ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या हड्डियों की कमजोरी की वजह से होती है। नमक का सेवन अधिक मात्रा में करने से शरीर में कैल्शियम की कम होने लगती है। वहीं, कैल्शियम की कमी होने से हड्डियों के कमजोरी होने की समस्या का सामना करना पड़ता है और ऑस्टियोपोरोसिस का सामना करना पड़ता है। साथ ही ज्यादा नमक के सेवन से हाइपरटेंशन की समस्या हो सकती है और इस कारण से भी ऑस्टियोपोरोसिस का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, भोजन में सोडियम की मात्रा संतुलित रहनी चाहिए।
किडनी की समस्याएं: माना जाता है कि अधिक नमक के सेवन से उच्च रक्तचाप होता है और इस अवस्था में कैल्शियम के अणु हड्डियों के मिनरल्स से निकलकर धीरे-धीरे किडनी में जमा हो जाते हैं। फिर समय के साथ ये अणु किडनी और मूत्रमार्ग में पथरी का कारण बन जाते हैं।
इसलिए, उच्च रक्तचाप की समस्या से जूझ रहे लोग अक्सर क्रोनिक किडनी रोग (सीकेडी) से पीड़ित रहते हैं। यह समस्या शरीर में अतिरिक्त सोडियम की मात्रा को कम नहीं कर पाने के कारण होती है। सीकेडी और अन्य गुर्दे की बीमारियों को दूर करने के लिए दिन में 4 हजार मिलीग्राम से कम सोडियम का सेवन करने के लिए कहा जाता है।
हृदय की समस्या: नमक की अधिक मात्रा लेने से उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ सकता है, जो हृदय रोग के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक माना जाता है। इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिसिन और अन्य शोधकर्ताओं ने शोध में पाया कि सोडियम का कम सेवन रक्तचाप को कम करता है। जापान में हुए एक अध्ययन में भी पाया गया है कि नमक का कम सेवन उच्च रक्तचाप और स्ट्रोक से होने वाली मृत्यु दर को कम कर सकता है। साथ ही अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि नमक के कम सेवन से हृदय रोग का खतरा कम हो सकता है।
पेट का कैंसर: नमक पेट की त्वचा को नुकसान पहुंचाता है और घावों का कारण बन सकता है, जिससे पेट का कैंसर हो सकता है। पेट में सोडियम की अधिक मात्रा गैस्ट्रिक म्यूकोसल कोशिकाओं में सूजन को बढ़ा सकती है। इससे गैस्ट्रिक कैंसर होने की आशंका बढ़ सकती है। इसके अलावा, नमक हेलिकोबैक्टर पाइलोरी (Helicobacter pylori) नामक बैक्टीरिया के साथ संक्रमण को भी बढ़ा सकता है, जाे पेट की त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। इससे पेट के कैंसर के साथ ही गैस्ट्रिक कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है।
नमक की अधिक मात्रा से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जानने के बाद अब हम कुछ नमकीन खाद्य पदार्थों के बारे में जान लेते हैं। कि कौन-कौन से खाद्य पदार्थों में नमक/सोडियम की मात्रा ज्यादा होती है?
नमक या सोडियम की अच्छी मात्रा वाले खाद्य पदार्थों में ब्रेड रोल, पिज्जा, सैंडविच, सूप, चिकन, पनीर और ऑमलेट शामिल है।
दोस्तों, आपने देखा कि भोजन के स्वाद को बढ़ाने वाले नमक की संतुलित मात्रा हमारे लिए किस प्रकार से फायदेमंद हो सकती है। वैसे तो नमक के टोटके कई समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन गंभीर समस्या का इलाज तो चिकित्सक ही कर सकता है। फिर भी नमक के फायदे के बारे में तो आपने ऊपर पढ़ ही लिया कि किस प्रकार से नमक के गुण आपको कई गंभीर परेशानियों में काफी हद तक राहत दिला सकते हैं। अगर आप भोजन में नमक जरूरत से कम या ज्यादा खाते हैं, तो आज से ही इसकी मात्रा को संतुलित कर नमक खाने के फायदे ले सकते हैं।