भिलाई। लिक्विड एंड सॉलिड रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएलआरएम सेंटर) नगर पालिक निगम प्रशासन के लिए आय का बड़ा स्रोत साबित हो रही है। इससे निगम प्रशासन ने एक, दो, तीन नहीं, पूरे 80 लाख रूपए का राजस्व जुटाया है। घरों से एसएलआरएम सेंटर में पहुंचने वाले गीला कचरे से बनी सोनहा खाद की क्वॉलिटी इतनी अच्छी है कि रायपुर और जगदलपुर की एजेंसी उसे हाथों-हाथ खरीदने के लिए तैयार है। निगम आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के निर्देश पर दो एसएलआरएम सेंटर भिलाई क्षेत्र के खमरिया और बटालियन के सामने शराब भट्टी के पास तैयार हो रही है। निगम प्रशासन ने शहर की साफ-सफाई का ठेका लेने वाले एजेंसी मेसर्स पीवी रमन के माध्यम से खाद बेचकर सालभर में 80 लाख रूपए का राजस्व जुटाया है।
नगर पालिक निगम के लोक स्वास्थ्य एवं स्वच्छता विभाग के अध्यक्ष लक्ष्मीपति राजू का कहना है कि सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट अधिनियम और स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत गीला कचरे को स्थानीय स्तर पर ही निपटान करना है। इसी के तहत स्वच्छता मित्र घरों से सूखा और गीला कचरा एकत्र करते हैं। गीला कचरे को एसएलआरएम सेंटर तक पहुंचाते हैं। इस तरह के शहर में 8 एसएलआरएम सेंटर थे। जहां महिलाएं कचरे की छंटाई कर गीला कचरे को अलग कर टंकियों में डालने के पश्चात कचरे के उपर बायो डी कंपोज लिक्विड का छिड़काव करके कुछ दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है। जब कचरा पूरी तरह से सड़ जाती है तब उसे तार जाली से छानकर खाद को अलग कर लिया जाता है। 1, 5, 10 और 20 से 25 किलो का पैकेट तैयार कर रखा जाता है। निगम के स्वच्छता अधिकारी धर्मेन्द्र मिश्रा ने बताया कि निगम प्रशासन द्वारा शहर की सफाई एवं एसएलआरएम सेंटर का संचालन का ठेका दिया गया था।
एसएलआर सेंटर का संचालन करने वाले मेसर्स पीवी रमन का कहना है कि सोनहा खाद की क्वॉलिटी अच्छी है। इस वजह से जगदलपुर फारेस्ट विभाग और रायपुर एयरपोर्ट की नर्सरी में अच्छी डिमांड है। डिमांड के अनुसार खाद की सप्लाई किया जाता है। इसके अलावा जैविक खाद बनाने वाले कुछ एजेंसी को खाद सप्लाई किया जाता है! पहले निगम क्षेत्र में 8 एसएलआरएम सेंटर थे। अविभाजित भिलाई निगम में 8 एसएलआरएम सेंटर था।
खाद विक्रय से 80 लाख रूपए का मिला राजस्व….. अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 8 एसएलआरएम सेंटर में तैयार किया 4 हजार टन सोनहा खाद
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