दुर्ग। गोधन न्याय योजना का आज पहला पेमेंट पशुपालकों को हुआ। आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के हाथों यह पेमेंट हुआ। जिले के 2413 हितग्राहियों को 20 जुलाई से 31 जुलाई की अवधि का पहला पेमेंट प्राप्त हुआ। जिन हितग्राहियों के खाते में यह पैसे गए, उनको इस योजना से हुए लाभ के संबंध में समीक्षा करें तो यह योजना उनके जीवन में बेहतरीन बदलाव का माध्यम साबित होगी। छोटे से गांव चंदखुरी की बात करते हैं। यहां लगभग एक हजार क्विंटल गोबर किसानों ने बेचा। इस प्रकार दो लाख रुपए मूल्य का गोबर इसी गांव से बेच लिया गया। यहां लगभग 1960 पशु हैं। चूंकि अभी खरीदी बिल्कुल शुरूआती चरण में है और किसान कई तरह से खरीफ फसल को लेकर मसरूफ हैं और गोबर विक्रय के लिए गौठान तक नहीं पहुंच पाए हैं अतएव अभी गांव के पशुधन की क्षमता का काफी कम गोबर गौठान तक आया है जो निकट भविष्य में तेजी से बढ़ेगा। द्रौपदी के पास हैं 70 गायें, पहले गोबर फिक जाता था, अब केवल दस दिन में इक_ा गोबर बेचकर कमाए 31 हजार रुपए- आज चंदखुरी की द्रौपदी के खाते में 31 हजार रुपए की राशि आई। यह राशि उन्होंने दस दिन में इक_ा किये हुए गोबर को बेचकर कमाई। द्रौपदी के पास सत्तर गाय हैं। इससे पहले गोबर बर्बाद हो जाता था। अब यह कमाई का बड़ा स्रोत हो जाएगा। द्रौपदी ने पंद्रह हजार क्विंटल गोबर इक_ा किया था। द्रौपदी की तरह ही सावित्री ने लगभग बारह हजार क्विंटल इक_ा किया और उन्हें 25 हजार रुपए का पेमेंट आया। उनके पास भी लगभग 65 गाय हैं। गांव के ही रामकृष्ण यादव एवं सूरज यादव ने भी इतना ही गोबर बेचा।
द्रौपदी ने दस दिन में ही लगभग तीस हजार रुपए कमा लिये। इससे साबित होता है कि यदि पशुधन को सहेजा जाए, उन्हें अच्छा चारा खिलाया जाए तो लगभग 70 पशुओं का गोबर इक_ा कर और सहेज कर महीने भर में ही लखपति बनने का रास्ता खुल जाता है। इस प्रकार यह योजना पशुपालकों के लिए वरदान साबित हो रही है। 20 जुलाई को इस योजना की शुरूआत जिले में 30 गौठानों से हुई थी और क्रमश: 212 गौठानों में 31 जुलाई तक पूरी तरह आरंभ हो गई। गोधन न्याय योजना का सबसे बड़ा लाभ पहाटियों अर्थात चरवाहों को हो रहा है। किकिरमेटा की कलीन बाई के खाते में 23 हजार रुपए आए हैं। उन्होंने लगभग ग्यारह हजार क्विंटल गोबर विक्रय किया। उनके पति संतरू पहाटिया हैं। गौठानों में पशुओं को लाकर रखने पर वहां एकत्रित किया गया गोबर चरवाहों का होता है। चूंकि चरवाहे काफी मेहनत कर रहे हैं अत: इसका लाभ भी उन्हें मिल रहा है।
पूरे जिले में गोबर विक्रेता पशुपालकों को 23 लाख रुपए का भुगतान….. एक सप्ताह में इक_ा गोबर को बेचकर कमा लिए 31 हजार
Chhattisgarh no.1 News Portal
Leave a comment