सांसों की बदबू मुँह से जुड़ी एक ऐसी समस्या है जिससे अक्सर कई लोग परेशान तो रहते हैं फिर भी सही समय पर इनका इलाज नहीं करवाते। सांस में आने वाली दुर्गन्ध की समस्या आम बात होती है, क्योंकि जो लोग अपने मुँह की साफ-सफाई का अच्छे से ध्यान नहीं रखते हैं आमतौर पर उन्हें यह समस्या होती है। सांस में आने वाली दुर्गन्ध के कारण कई बार उन्हें दूसरों से बात करते समय शर्मिंदगी का सामना भी करना पड़ता है। क्योंकि जब भी आप बात करते हैं तो आपके मुँह से एयर ब्लो करती है, जिससे आपकी साँस की दुर्गन्ध का एक को भी पता चल जाता है।बात करते और हंसते वक्त जिस व्यक्ति की सांसों से बदबू आती हो, उसके पास कोई बैठना पसंद नहीं करता। फिर वह व्यक्ति देखने में कितना ही सुंदर क्यों ना हो। केवल सामाजिक व्यवहार के लिए ही नहीं बल्कि अपने स्वास्थ्य की रक्षा के लिए भी हमें इस दुर्गंध का कारण पता होना चाहिए…
बैक्टीरिया के कारण होता है यह
दुर्गंधसांसों की दुर्गंध को मेडिकल भाषा में हेलिटोसिस कहते हैं। यह दुर्गंध या कहिए कि सांसों की स्मेल मुंह में पनपनेवाले बैक्टीरिया के कारण आती है। यह बैक्टीरिया इस ओर हमारा ध्यान दिलाने का काम भी करते हैं कि हमारे शरीर के साथ सबकुछ ठीक नहीं है। बल्कि पाचन तंत्र से लेकर ओरल हेल्थ तक सब पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है।
दुर्गंध के मुख्य कारण
फास्ट फूड और स्पाइसी और ऑइली फूड, तंबाकू प्रोडक्ट्स का सेवन करना, दांतों और मुंह की सही देखभाल ना करना, सेहत संबंधी समस्याएं, मुंह का सूखापन, दांतों की तकलीफ, ओरल इंफेक्शन या
किसी भी तरह का नशा करना मुंह के दुर्गंध का कारण हो सकते हैं।
ऐसे समझो इसे
मुंह में मौजूद लार या सलाइवा हमारे मुंह को हाइड्रेट रखने में मदद करता है। इस सलाइवा में मौजूद ऐंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज दांतों को कई तरह की बीमारियों से बचाने का काम करती हैं। अगर किसी भी कारण से मुंह सूखा रहने लगे या सलाइवा की कमी हो जाए तो मुंह से बदबू आने लगती है। सलाइवा की कमी के कारण दांतों की अन्य बीमारियां भी हो सकती हैं।
सुगंधित सांसों के लिए क्या करें
अगर आप मुंह की दुर्गंध के कारण किसी अप्रिय स्थिति का सामना नहीं करना चाहते हैं तो अच्छा रहेगा कि हर दिन कम से कम 3 लीटर पानी पिएं। पानी की यह सीमा वयस्कों के लिए है।
1. खाना खाने से पहले पानी पी सकते हैं और खाना-खाने के कम से कम 25 मिनट बाद पानी पी सकते हैं। लेकिन भोजन के साथ पानी ना पिएं और भोजन के तुरंत बाद पानी ना पिएं। ऐसा करने से आपके पेट का पाचनतंत्र ठीक प्रकार से काम करता रहेगा और आपको सांसों की दुर्गंध की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।
2. किसी भी कारण से अगर आपको सांस की दुर्गंध को तुरंत दूर करना है तो आप सौंफ का उपयोग कर सकते हैं। या मुंह में लॉन्ग रखकर उसे टॉफी की तरह चूसते रहें। सांस की दुर्गंध से तुरंत राहत मिलेगी।
3. भोजन करने के बाद प्रतिदिन सौंफ खाने से पाचन अच्छी तरह होता है। साथ ही मुंह की दुर्गंध से भी छुटकारा मिलता है।
4. हर दिन कम से कम दो बार ब्रश अवश्य करें। प्रात: दिन की शुरुआत होते ही और रात को सोने से पहले। ऐसा करने से मुंह में दुर्गंध उत्पन्न करनेवाले बैक्टीरिया का नाश होता है।
5. यदि संभव हो सके तो एक समय नीम या अशोक की दातून का अवश्य उपयोग करें। इससे सांस तो सुगंधित होगी ही साथ ही आपको मुंह की कई समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
6. पुदीना पत्ती चबाना भी एक ऐसा विकल्प है, जो आपको सांस की दुर्गंध से तुरंत राहत प्रदान करने का कार्य करता है।
बच्चों में साँसों की बदबू दूर करने के घरेलू उपाय
ऐसे बहुत से घरेलू उपचार मौजूद हैं जिनका उपयोग करके आप अपने बच्चे की सांसों की बदबू को कम कर सकते हैं। यहाँ पर ऐसे ही कुछ उपाय दिये गए है।
अजवाइन: अजवाइन में प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर होने के अलावा एंटीसेप्टिक गुण भी होते हैं। यह पाचन को आसान बनाने में भी मदद करता है जो साँस की बदबू का कारण हो सकता है। अपने बच्चे को हर बार भोजन ग्रहण के बाद कुछ अजवाइन के पत्ते चबाने के लिए दें।
संतुलित आहार: परिष्कृत चीनी और प्रसंस्कृत भोजन, आपके बच्चे के मुँह की दुर्गंध का एक प्रमुख कारण हैं। कार्बोनेटेड पेय पदार्थों, कैंडी और चॉकलेट को कम करें। फलों, सब्जियों, ब्राउन राइस और नट्स जैसे खाद्य पदार्थों का अधिक मात्रा में सेवन करें।
सौंफ: आप अपने बच्चे की साँसों की बदबू को दूर करने के लिए भोजन करने के बाद थोड़ी सौंफ दे सकते हैं।
एप्पल साइडर सिरका: एक गिलास पानी में एक चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिलाएं और अपने बच्चे को इसके गरारे कराएं। ऐप्पल साइडर सिरका आपके बच्चे के मुँह मे बढ़ रहे किसी भी प्रकार के बैक्टीरिया को मार देगा।
बेकिंग सोडा: आपके बच्चे के मुँह में पाए जाने वाले बैक्टीरिया को पनपने के लिए एक निश्चित वातावरण की आवश्यकता होती है। उस वातावरण के लिए मुँह का पीएच महत्वपूर्ण है। बेकिंग सोडा से दाँतों को ब्रश करने से मुँह का पीएच बदल जाएगा और वे सभी बैक्टीरिया नष्ट हो जाएंगे जिनकी वजह से साँस की बदबू होती है।
खट्टे फल: न केवल साइट्रिक एसिड से युक्त फल मुँह के बैक्टीरिया को नष्ट करते हैं, बल्कि यह लार की मात्रा को भी बढ़ाते हैं। अपने बच्चे के भोजन में नारंगी को शामिल करें।
इलायची और लौंग : इन मसालों को साँस की बदबू को कम करने के लिए जाना जाता है। हालांकि, वे आपके बच्चे के लिए बहुत तीखे हो सकते हैं इसलिए इनका इस्तेमाल संयम से किया जाना चाहिए।
आपके चिकित्सक द्वारा जो भी उपचार योजना तय की जाती है, उसके साथ-साथ इन घरेलू उपचारों का उपयोग करना चाहिए। इन उपायों का इस्तेमाल करते समय, यह सुनिश्चित करें कि आपका बच्चा अच्छी तरह से अपना मुँह साफ रखे।
बच्चों में साँस की बदबू से बचने के घरेलु उपचार
चूंकि अधिकतर मामलों में बच्चों की सांसों की बदबू की वजह ठीक से मुँह की सफाई न करना है, इसलिए आपको अपने बच्चे को यह सिखाना चाहिए कि वह अपने दाँतों की बेहतर देखभाल कैसे करें।
दिन में दो बार ब्रश करें। आपके बच्चे को दो बार अपने दाँतों को ब्रश करना सिखाएं लेकिन हर बार दो मिनट के लिए। इसके अलावा, उसे हर भोजन के बाद अपने मुँह को गरारे द्वारा साफ करना चाहिए।
दंत चिकित्सक से अपने बच्चे के लिए माउथवॉश देने के लिए कहें। यह सुनिश्चित करें कि माउथवॉश विशेष रूप से बच्चों के लिए तैयार किया गया हो।
सही तरीके से फ्लॉस करे
आपके बच्चे के जीभ को अच्छी तरह से साफ करना चाहिए क्योंकि अधिकांश बैक्टीरिया जीभ पर रह जाते हैं जिनसे साँसों में बदबू हो सकती है। आपके बच्चे को हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब पानी पीना चाहिए। सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे को कम चीनी के सेवन के साथ स्वस्थ और संतुलित आहार मिले।
चिकित्सकीय और मौखिक स्वच्छता हर किसी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, विशेष रूप से आपके बढ़ते हुए बच्चे के लिए। मौखिक स्वास्थ्य बनाए रखने के दाँत साफ करने की एक अच्छी आदत सुनिश्चित करें। किसी भी अच्छे दंत चिकित्सक के पास जाएं, जो कि उसे दाँतों को साफ रखने के विभिन्न तरीकों के बारे में सिखाएगा। फिर आप नियमित रूप से घर पर उसकी मदद कर सकते हैं। ज्यादातर, बच्चों में साँस की दुर्गंध खराब मौखिक स्वच्छता के कारण होती है।