भिलाई । सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम आगे बढ़ाते हुए आज 29 जुलाई को अपने प्लेट मिल से मिश्र धातु निगम लिमिटेड (मिधानी), हैदराबाद द्वारा प्रदत्त एमडीएन-250 स्लैब्स की 11वीं बार सफलतापूर्वक रोलिंग की। इन प्लेटों की रोलिंग गुणवत्ता के कड़े मापदंड के मध्य किया जाता है। इन प्लेटों को कड़े निरीक्षण व कठोर परीक्षण से गुजरना होता है। इन प्लेटों की रोलिंग प्लेट मिल के मुख्य महाप्रबंधक जे के सेठी के नेतृत्व तथा इन प्लेटों का निरीक्षण मुख्य महाप्रबंधक (गुणवत्ता) एस के कर के मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
विदित हो कि भिलाई के प्लेट मिल में नियमित अंतराल में इन स्लैब्स को 9.3 मिलीमीटर की मोटाई में सफलतापूर्वक रोलिंग किया जा रहा है। इन प्लेटों का उपयोग देश के महत्वपूर्ण अंतरिक्ष कार्यक्रम के सेटेलाइट प्रक्षेपण में किया जा रहा है। ज्ञात हो कि इन प्लेटों का उपयोग पीएसएलव्ही के बाहरी मोटर आवरण और इसरो के जीएसएलव्ही सेटेलाइट प्रक्षेपण वाहनों में किया गया है। जिसमें चन्द्रयान प्रक्षेपण हेतु उपयोग किए जाने वाले एसएलव्ही भी शामिल है। वर्तमान में रोलिंग की जा रही मिधानी स्लैब्स के इस लॉट का प्रयोग अब भारत के प्रथम मानवयुक्त उपग्रह मिशन कार्यक्रम, गगनयान के प्रक्षेपण हेतु किया जायेगा। इससे पूर्व फरवरी, 2020 में भी इस हेतु स्लैब्स की रोलिंग की गई थी।
वर्ष 2009 में भिलाई के प्लेट मिल में मिधानी द्वारा भेजी गई स्लैब्स के प्रथम लॉट की रोलिंग की गई थी। जिसके तहत अक्टूबर, 2009 में 20 टन प्लेटों की रोलिंग की गई। इसी क्रम में फरवरी, 2012 में 40 टन, जनवरी, 2018 में 42 टन और नवम्बर, 2018 में 84 टन, इसके बाद फरवरी, जुलाई व सितम्बर, 2019 में 126 टन और फरवरी, 2020 में 40 टन की आपूर्ति की गई। कुल 350 टन की रोलिंग की जा चुकी है। वर्तमान समय में नियमित रूप से बीएसपी के प्लेट मिल द्वारा एमडीएन-250 स्लैब्स की रोलिंग की जा रही है।
सेल-भिलाई इस्पात संयंत्र ने ‘आत्मनिर्भर भारतÓ की दिशा में बढ़ाया एक और कदम….. प्लेट मिल ने एमडीएन-250 स्लैब्स की 11वीं बार की सफलतापूर्वक रोलिंग
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