नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम संबोधन दिया। करीब 16 मिनट चले इस संबोधन में प्रधानमंत्री ने चीन के साथ जारी गतिरोध पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन कोरोना संकट पर देशवासियों को सतर्कता बरतने और सरकार द्वारा गरीबों को दी जाने वाली मदद के बारे में देशवासियों को जानकारी दी गरीबों के लिए राशन वितरण की गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार करने का फैसला और ‘एक राष्ट्र एक राशन कार्ड’ का भी जिक्र किया। संबोधन की शुरुआत में ही देशवासियों को अनलॉक के दौरान की जा रहा लापरवाही के बारे में आगह किया। उन्होंने कहा, ‘कोरोना वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ते लड़ते अब हम अनलॉक2 में प्रवेश कर रहे हैं। इसके साथ ही हम उस मौसम में भी प्रवेश कर रहे हैं। जिसमें सर्दी जुकाम खांसी बुखार आदि बढ़ जाते हैं। ऐसे समय में अपना ध्यान रखें। अगर हम कोरोना से होने वाली मौतों की तुलना करें तो हम संभली हुई स्थिति में है। लेकिन हम यह भी देख रहे हैं। कि जब से देश में अनलॉक1 हुआ है, व्यक्तिगत और सामाजिक तौर पर लापरवाही बढ़ती ही चली गई है। पहले हम मास्क को लेकर दो गज की दूरी को लेकर बीस सेकंड दिन में कई बार हाथ धोने को लेकर बहुत सतर्क थे लेकिन आज जब हमें ज्यादा सतर्कता की जरूरत है जो लोग लापरवाही कर रहे हैं।
20 करोड़ परिवारों के खातों में जमा हुए 31 हजार करोड़ रुपये
प्रधानमंत्री ने कहा, बीते तीन महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं। इस दौरान नौ करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं। इसके साथ ही देश में एक देश एक राशन कार्ड की व्यवस्था पर भी काम किया जा रहा है। इसका लाभ उन लोगों को मिलेगा जो अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए अपना गांव छोड़ कर कहीं अन्य जाते हैं।
गरीब कल्याण योजना ने दी शक्ति
प्रधानमंत्री ने कहा, देश हो या व्यक्ति, समय पर फैसले लेने से, संवेदनशीलता से फैसले लेने से, किसी भी संकट का मुकाबला करने की शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए, लॉकडाउन होते ही सरकार, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना लेकर आई। एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया है, आश्चर्य में डुबो दिया है। वो ये कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 3 महीने का राशन, यानि परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया। इसके अलावा प्रत्येक परिवार को हर महीने 1 किलो दाल भी मुफ्त दी गई. यानि अमेरिका की कुल जनसंख्या से ढाई गुना अधिक लोगों को, ब्रिटेन की जनसंख्या से 12 गुना ज्यादा लोगों को और यूरोपीयन यूनियन की आबादी से 2 गुना ज्यादा लोगों को हमारी सरकार ने मुफ्त अनाज दिया है.
नियम ना मानने वालों को समझाएं
प्रधानमंत्री ने कहा कोरोना को लेकर अभी भी ध्यान देने की आवश्यकता है। खासकर कंटेनमेंट जोन में हमें बहुत ध्यान देना होगा। जो भी लोग नियमों का पालन नहीं कर रहे, हमें उन्हें टोकना होगा, रोकना होगा और समझाना भी होगा।
नवंबर तक मिलेगा 80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज
80 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज देने वाली ये योजना अब जुलाई, अगस्त, सितंबर, अक्टूबर और नवंबर में भी लागू रहेगी। सरकार द्वारा इन पांच महीनों के दौरान 80 करोड़ लोगों को सरकार द्वारा 5 किलो गेंहू या 5 किलो चावल मुफ्त दिया जाएगा। इसके अलावा प्रत्येक परिवार को एक किलो चना भी मुफ्त दिया जाएगा। इस योजना में 90 हजार करोड़ रुपए खर्च होगा। अगर इसमें पिछले तीन महीनों को खर्च भी जोड़ दें तो ये 1.50 लाख करोड़ रु हो जाता है।