भिलाई। 10 दिसंबर, 2025, (सीजी संदेश) : आचार्य नरेंद्र देव स्मृति जन अधिकार अभियान समिति ने नगर पालिका निगम भिलाई में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। समिति के संयोजक रमेश प्रसाद शर्मा ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री अरुण साव को भेजे ज्ञापन में आरोप लगाया है कि नगर पालिका निगम भिलाई में लंबे समय से भ्रष्टाचार व्याप्त है उन्होंने बताया कि नगर पालिक निगम भिलाई अनुमानित बजट वर्ष 2020-21, संशोधित बजट वर्ष 2019-20 नगर पालिक निगम भिलाई अनुमानित बजट वर्ष 2025-26, संशोधित बजट वर्ष 2024-25 में हुए भ्रष्टाचार के संबंध में 18 अक्टूबर 2025 से लगातार समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित हो रही है। जिससे जनमानस में रोष व्याप्त है। इसके बावजूद जनता के टैक्स के पैसों से मुख्य अभियंता, आयुक्त, प्रशासनिक विभाग और महापौर के संरक्षण में भ्रष्टाचार जारी है। इनमें चाहे भवन का काम हो, नाली एवं रोड, पेवर ब्लाक का कार्य हो, हर क्षेत्र में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। नगर पालिक निगम के उप नेता प्रतिपक्ष दया सिंह ने नाली निर्माण में भ्रष्टाचार की जांच की रिपोर्ट सदन में लाने की मांग की, इस पर आयुक्त ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण काम हो रहा है। पार्षद संतोष मौर्या का कहना है कि 19 करोड़ की लागत से पेवर ब्लॉक लगाया गया, जो गायब हो गया। 18 अक्टूबर 2025 को समाचार पत्रों में नगर पालिक निगम में जमीन घोटाला का आरोप लगाते हुए पार्षदों ने भ्रष्ट अधिकारियों को हटाने की मांग रखी। 10 नवम्बर 2025 को समाचार पत्रों के अवलोकन से पता चलता है कि भिलाई निगम कार्य में विलंब करने वाले ठेकेदारों पर अधिकारी मेहरबान हैं। श्री शर्मा ने बताया कि भिलाई निगम ने एमपीआर रोड और केनाल रोड खुर्सीपार के सौंदर्यीकरण व विकास कार्य, सजावटी ट्यूबलरपोल, ओपन जिम आईटीआई ग्राउण्ड, ट्रैफिक सिंगनल बोर्ड, आर्ट पेंटिंग वर्क, एलईडी ग्लोसाइन बोर्ड, सीसीटीवी कैमरा एमपीआर रोड, साउंड सिस्टम एमपीआर रोड, स्ट्रीट बोर्ड, सजावटी सीमेंट्स पॉट्स, सजावटी बैठने की कुर्सी, कृत्रिम पेड, 5 स्थानों पर सेल्फी जोन, बस स्टाफ सौंदर्यीकरण, पेवर ब्लाक और पौधरोपण, वाटर एटीएम अन्य कार्य के नाम पर एजेंसी को 2,07,39,704 करोड़ की लागत से 9 माह में जो कार्य करना था वह 22 माह बाद भी अधूरा है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि ठेकेदार को निगम द्वारा भुगतान हो गया है। इसी तरह 13 नवम्बर 2025 को प्रकाशित खबर से स्पष्ट है कि भिलाई नगर निगम के अधिकारियों द्वारा भ्रष्टाचार का खुला खेल फर्रुखाबादी चल रहा है। निगम जोन-3 आयुक्त अधिकारी ने ऐसे सामुदायिक भवन के रखरखाव के लिए 13 लाख का टेंडर निकाल कर वर्क आर्डर भी जारी कर दिया, जो भवन बना ही नहीं है। यह जनधन की बंदरबांट, जांच का विषय है। श्री शर्मा ने छत्तीसगढ़ शासन से मांग की है कि सिविल कार्य के टेंडर में 2019-20, 2020-21, 2024-25 में जो राशि आवंटन की गई उसकी जांच की जानी चाहिए, साथ ही साथ उसकी गुणवत्ता की भी जांच की जानी जाये। श्री शर्मा ने आरोप लगाया है कि अपने चहेते ठेकेदारों को टेण्डर देकर बंदरबांट का खेल वर्षों से खेला जा रहा है। पेवर ब्लाक का सप्लाई करने वाले दो ऐजेंसियों द्वारा भ्रष्ट अधिकारी और महापौर का संरक्षण प्राप्त है। पेवर ब्लाक की न ही गुणवत्ता की जांच की गई। टेण्डर में हेरा-फेरी की गई है। उन्होंने मांग की है कि समूचे मामलों की निष्पक्ष जांच हो जिससे आने वाले समय पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे।



