कंप्यूटर के बिना आज के समय की कल्पना करना भी मुश्किल है। यह हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है जो रोजमर्रा के कामों से लेकर दफ्तर अस्पताल आदि में भी काम आता है। इसलिए कंप्यूटर साक्षरता को हर व्यक्ति तक पहुंचाना जरूरी है। इसलिए हर साल 2 दिसंबर को वर्ल्ड कंप्यूटर लिट्रेसी डे (World Computer Literacy Day 2024) मनाया जाता है। विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस समाज में कंप्यूटर के महत्व को दर्शाता है। यह दिन इस बात पर प्रकाश डालता है कि आज की दुनिया में कंप्यूटर कितने महत्वपूर्ण हैं।यह एक ऐसी पीढ़ी है जहाँ आधा काम कंप्यूटर द्वारा या कंप्यूटर पर ही होता है। लोग अब हर जगह कंप्यूटर साथ रखते हैं, चाहे वह ऑफिस हो या छुट्टियाँ। एक कंप्यूटर-साक्षर देश जिसके पास इंटरनेट की उचित पहुँच हो, विकास की ओर एक कदम है। आइए जानें इस दिन से जुड़ी बातें।
कंप्यूटर हमारे जीवन का अहम हिस्सा बन चुका है। स्कूल, दफ्तर, अस्पताल आदि जैसी हर महत्वपूर्ण जगहों पर बिना कंप्यूटर के अब काम करना मुश्किल हो चुका है। इसलिए कंप्यूटर लिट्रेसी होना आज के समय की जरूरत बन चुकी है। इस बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए हर साल वर्ल्ड कंप्यूटर लिट्रेसी डे मनाया जाता है (World Computer Literacy Day Celebrations)। 2 दिसंबर विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस मनाने की परंपरा 2001 में भारतीय कंपनी राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (NIIT) द्वारा शुरू की गई थी। कंपनी ने संस्थान की 20वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में यह दिवस मनाया। 2002 में एक कार्यक्रम के दौरान, डिजिटल साक्षरता का संदेश फैलाने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की उपस्थिति में संसद के कई सदस्यों को कंप्यूटर प्रशिक्षण दिया गया था। इसका उद्देश्य कंप्यूटर ज्ञान की पहुँच में सुधार करके दुनिया भर में लाखों लोगों को प्रभावित करने वाले वैश्विक डिजिटल विभाजन को दूर करना था। क्या है इस दिन का महत्व और क्या है इस साल की थीम।
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस का क्यों मनाया जाता है
आज के डिजिटल युग में भला कंप्यूटर से कौन रूबरू नहीं होगा? इस पर हर हाथ खिटपिट करता है। शिक्षा, मनोरंजन, बिजनेस, या स्वास्थ्य, आज कंप्यूटर के बिना ये काम असंभव हैं। की-बोर्ड पर उंगलियां चलती हैं और स्क्रीन चमक उठता है। ये जादू ही तो है। ठीक यही जादू 24 साल पहले 2 दिसंबर 2001 को भारतीय कंपनी एनआईआईटी ने पूरे देश को दिखाया था, जब उसने अपनी 20वीं सालगिरह पर ‘विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस’ की शुरुआत की थी। उस दिन दिल्ली में संसद भवन के सेंट्रल हॉल में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सामने सांसदों को कंप्यूटर चलाना सिखाया गया था। उस दिन देश के नीति-निर्माताओं ने पहली बार माउस पकड़ा था। एनआईआईटी ने ये दिन इसलिए शुरू किया, क्योंकि एक सर्वे ने चौंकाने वाला सच बताया था। दुनिया भर में कंप्यूटर इस्तेमाल करने वाले लोगों में ज्यादातर पुरुष थे। महिलाएं और बच्चे, खासकर ग्रामीण इलाकों के निवासी, डिजिटल दुनिया से काफी दूर थे। आज के समय में देश के साथ दुनिया डिजिटल छलांग लगा रही है, तब ये दिन और भी खास हो जाता है। एक क्लिक से सरकारी योजनाएं घर पहुंच रही हैं; गांव हो या शहर, लोग ऑनलाइन बिजनेस कर रहे हैं। स्कूलों में ऑनलाइन पढ़ाई भी हो रही है। बच्चे यूट्यूब पर पढ़ रहे हैं। कंप्यूटर साक्षरता दिवस का उद्देश्य बड़ा है। आज के समय में भी लाखों लोग ऐसे हैं जो ‘लॉग-इन’ शब्द से अनजान हैं। विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस इन्हीं लोगों को जागरूक करता है। विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस दुनिया के उस बड़े हिस्से तक कंप्यूटर की रोशनी पहुंचाने की कोशिश है, जो इससे अंजान हैं। इस दिन मुफ्त वर्कशॉप, कैंप और क्लास के जरिए लोगों को कंप्यूटर चलाना सिखाया जाता है, ताकि उनका डर दूर हो और दिलचस्पी जगे। ट्रेनर का फोकस इस पर होता है कि वह सामने वाले को बता सकें कि बस एक क्लिक से जिंदगी बदल सकती है, यही इस दिन का असली मकसद है। कंप्यूटर सीखने पर बड़े बदलाव देखने को मिलते हैं।
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस का इतिहास
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस की शुरुआत 2001 में एनआईआईटी नामक एक भारतीय कंपनी ने अपनी 20वीं वर्षगांठ मनाने के लिए की थी। इस कंपनी की स्थापना 1981 में राजेंद्र सिंह पवार और विजय के. थडानी ने की थी। एनआईआईटी, जिसका अर्थ है राष्ट्रीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान, एक कौशल और प्रतिभा विकास कंपनी है। एक अध्ययन से पता चला है कि दुनिया में कंप्यूटर उपयोगकर्ताओं में पुरुषों की संख्या सबसे ज़्यादा है। परिणामस्वरूप, एनआईआईटी ने ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं और बच्चों को कंप्यूटर साक्षरता कौशल से लैस करके उन्हें शिक्षित करने का बीड़ा उठाया। 1981 में अपनी शुरुआत के बाद से, यह कंपनी दुनिया के 30 से ज़्यादा देशों में फैल चुकी है।
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस 2025 थीम
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस 2025 की थीम है “समावेशी भविष्य के लिए डिजिटल कौशल”। यह विषय सभी को डिजिटल शिक्षा और कंप्यूटर कौशल तक समान पहुँच देने के महत्व पर केंद्रित है ताकि हर कोई डिजिटल युग में भाग ले सके। जिसका डिजिटल शिक्षा तक समान पहुँच सुनिश्चित करना और यह सुनिश्चित करना कि सभी, विशेष रूप से महिलाएं, बच्चे और वंचित समुदाय, आवश्यक कंप्यूटर कौशल प्राप्त करें।डिजिटल युग में साक्षरता और कौशल को बढ़ावा देना, ताकि लोग आज की डिजिटल दुनिया में प्रभावी ढंग से नेविगेट कर सकें।
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस का महत्व
आइए विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस के बारे में विस्तार से जानें।
* विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस कंप्यूटर और तकनीक का उत्सव है। यह एक ऐसा नवाचार है जिसने अकेले ही दुनिया की दिशा बदल दी है।
* विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस पर किसी चैरिटी को दान देने का प्रयास करें ताकि अधिक से अधिक लोगों को कंप्यूटर तक पहुंच मिल सके और वे अपने कंप्यूटर साक्षरता कौशल में सुधार कर सकें।
* हमें कंप्यूटर का उपयोग ईमेल भेजने, गेम खेलने आदि के लिए करना चाहिए, लेकिन इसका अच्छा उपयोग करें क्योंकि यह उत्सव मनाने का एक तरीका है।
* सोशल मीडिया पर जाकर और #computerliteracyday हैशटैग का इस्तेमाल करके विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस मनाएँ। इस महत्वपूर्ण दिन पर जागरूकता फैलाएँ।
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस पर उद्धरण
* शिक्षा एक अधिकार है, और कंप्यूटर शिक्षा भी। आशा है कि यह कंप्यूटर साक्षरता दिवस हमें इस बुनियादी अधिकार की ज़रूरत के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा।
* कंप्यूटर साक्षरता वह शिक्षा है जो प्रगति और भविष्य को अपनाने के लिए आवश्यक है। आइए, इस कंप्यूटर साक्षरता दिवस पर हम इसे स्वीकार करें और आवश्यक बदलाव लाएँ।
* मनुष्य और कंप्यूटर के बीच समानताएं अंतर से कहीं अधिक हैं।
* कंप्यूटर न केवल वर्तमान हैं, बल्कि वे भविष्य भी हैं, और उनके बिना कुछ भी नहीं है।
विश्व कंप्यूटर साक्षरता दिवस प्रतिवर्ष 2 दिसंबर को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना और लोगों को आधुनिक तकनीक से जोड़ना है। यह विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित करता है। इस दिवस के माध्यम से डिजिटल दुनिया में सुरक्षित रहने, बेहतर रोजगार के अवसर पाने, और शिक्षा में प्रगति करने की प्रेरणा मिलती है। यह दिवस यह संदेश देता है कि डिजिटल ज्ञान एक अधिकार है, जो सभी के लिए समान होना चाहिए।



