अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस हर साल 20 नवंबर को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना है. संयुक्त राष्ट्र ने 1959 में 20 नवंबर को बाल अधिकारों की घोषणा को अपनाने और 1989 में बाल अधिकारों पर कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए थे. यह दिन दुनियाभर के बच्चों के बीच आपसी समझ, सहयोग और भाईचारे को बढ़ावा देने के लिए मंच प्रदान करता है. साथ ही सरकारों और समुदायों को याद दिलाता है कि बच्चों का भविष्य सुरक्षित और उज्ज्वल बनाना सामूहिक जिम्मेदारी है।
बचपन हर समाज की नींव है और बच्चों की मुस्कान किसी भी देश का भविष्य। साल 2025 में बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जा रहा है, जो कई लोगों को चौंकाता है, क्योंकि हमारे देश में वर्षों से 14 नवंबर को ही इसे मनाने की परंपरा रही है। असल में भारत का बाल दिवस और अंतरराष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस दोनों की तारीखें अलग हैं, उनकी आधार-परंपराएं अलग हैं, और उद्देश्य भी। 14 नवंबर जहां भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिवस को समर्पित है, वहीं 20 नवंबर को दुनिया भर में बच्चों के अधिकार, सुरक्षा, शिक्षा और समान अवसर की मांग को आवाज दी जाती है। यही वजह है कि 20 नवंबर का महत्व वैश्विक स्तर पर बहुत बड़ा है। इस लेख में जानिए 20 नवंबर के बाल दिवस का इतिहास, अर्थ और दोनों में फर्क।
14 नवंबर और 20 नवंबर में क्या है अंतर?
14 नवंबर को भारत का बाल दिवस मनाया जाता है। पंडित जवाहरलाल नेहरू के बच्चों के प्रति प्रेम और उनकी शिक्षा पर दिए गए महत्व के सम्मान में यह दिवस केवल भारत में मनाया जाता है।
20 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दुनिया भर में बच्चों की सुरक्षा, स्वास्थ्य और अधिकारों के लिए समर्पित है।
130 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस को मनाने की शुरुआत 1954 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने की थी. इसने सभी देशों को एक ऐसा दिन समर्पित करने की सलाह दी थी, जो बच्चों के कल्याण और वैश्विक एकजुटता को समर्पित हो. अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोषण और शोषण से सुरक्षा जैसे बुनियादी मानवाधिकारों से वंचित न रहने देने का कमिटमेंट दोहराता है. इस खास दिन को दुनियाभर में अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है. स्कूल, संगठन और समुदाय मिलकर इस दिन बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस 2025 की थीम
“हर बच्चे के लिए, हर अधिकार” (For Every Child, Every Right): इस वर्ष की थीम बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने पर केंद्रित है, जो संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक प्रयासों के अनुरूप है।
अन्य थीम: कुछ अन्य स्रोतों के अनुसार एक अन्य थीम “मेरा दिन, मेरे अधिकार” (My Day, My Rights) भी है, जो बच्चों को अपनी राय व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस क्यों मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस मनाने का मुख्य कारण बच्चों के मौलिक अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. यह दिन हमें याद दिलाता है कि दुनियाभर में लाखों बच्चे अभी भी गरीबी, संघर्ष, बीमारी और शोषण का सामना कर रहे हैं. यह दिन खास तौर पर बाल अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन (CRC) के सिद्धांतों को प्रचारित करता है. CRC बच्चों के नागरिक, राजनीतिक, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों को कानूनी रूप से मान्यता देता है. यह कन्वेंशन बच्चों के अधिकारों को अंतर्राष्ट्रीय कानून का हिस्सा बनाती है।
अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस का इतिहास
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 1954 में सभी नस्लों, जातियों और धर्मों के बच्चों को एक साथ लाने और दुनिया भर के बच्चों के कल्याण के लिए बाल दिवस की अवधारणा की घोषणा की थी। यूनिसेफ विश्व बाल दिवस भाईचारे और बंधुत्व को बढ़ावा देकर और बच्चों की भलाई के महत्व पर प्रकाश डालकर दुनिया के सबसे युवा दिमागों का जश्न मनाता है। वर्षों से, दुनिया भर में बाल दिवस ने कई उद्देश्यों को बढ़ावा दिया है, जैसे एचआईवी/एड्स उन्मूलन, सभी बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देना, और भी बहुत कुछ। 20 नवंबर 1989 को, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बच्चों के सामाजिक, नागरिक, आर्थिक, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक और राजनीतिक अधिकारों की रक्षा के लिए एक संधि पर हस्ताक्षर किए ताकि सीमाओं के पार बच्चों की बाल-विशिष्ट आवश्यकताओं से निपटा जा सके और उनके सर्वोत्तम हित में कार्य किया जा सके।
अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस का महत्व
विश्व बाल दिवस, यूनिसेफ (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) द्वारा दुनिया भर में बच्चों के कल्याण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किए जा रहे कार्यों का एक बड़ा हिस्सा है। आइए जानें कि यह सिर्फ़ एक छुट्टी से कहीं बढ़कर क्यों है।
बच्चे भविष्य हैं : आज के बच्चे कल के विश्व नेता, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, आविष्कारक और भी बहुत कुछ हैं। दुनिया के लिए एक सुरक्षित और सकारात्मक भविष्य सुनिश्चित करने की शुरुआत वर्तमान के बच्चों की शिक्षा और देखभाल से होती है, जो कि विश्व बाल दिवस का लक्ष्य है।
बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित : यह एक आम धारणा है कि लोगों के अधिकार वयस्कों को दिए जाते हैं। हालाँकि, संयुक्त राष्ट्र बच्चों के अधिकारों पर ध्यान केंद्रित करता है और उन संधियों और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करता है जो बच्चों के लिए चिकित्सा देखभाल, शिक्षा, हिंसा और भेदभाव से सुरक्षा आदि की गारंटी देते हैं।
बच्चों के सामने आने वाली समस्याओं पर प्रकाश डालना : जीवन में ये समस्याएँ स्पष्ट हों या न हों, कम आर्थिक स्थिति वाले क्षेत्रों में बच्चे विभिन्न वित्तीय और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझते हैं और उन्हें शिक्षा या चिकित्सा के अवसर नहीं मिल पाते। विश्व बाल दिवस लोगों को याद दिलाता है कि वे इन मुद्दों को नज़रअंदाज़ न करें और इनके उन्मूलन के लिए संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर कदम उठाएँ।
अंतरराष्ट्रीय बाल दिवस कहां-कहां और कब मनाया जाता है?
अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस को दुनियाभर के 130 से अधिक देशों में मनाया जाता है. इसके अलावा कई देश अलग-अलग तारीखों पर भी बाल दिवस मनाते हैं लेकिन इसका वैश्विक उद्देश्य एक ही रहता है।
20 नवंबर: यह अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस की आधिकारिक तारीख है, जिसे संयुक्त राष्ट्र और अधिकांश देश, खासकर पश्चिम और कुछ एशियाई देश मनाते हैं।
1 जून: कई देश, विशेषकर पूर्व सोवियत संघ के देश और मध्य और पूर्वी यूरोप में इसे विश्व बाल दिवस (World Children’s Day) के रूप में मनाया जाता है।
भारत (14 नवंबर): भारत में अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस की जगह 14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर राष्ट्रीय बाल दिवस मनाया जाता है, जिन्हें बच्चों से विशेष लगाव था.
मेक्सिको (30 अप्रैल), जापान (5 मई – कोदोमो नो ही) और तुर्की (23 अप्रैल) जैसे कई अन्य देशों की राष्ट्रीय बाल दिवस की अपनी तारीखें निर्धारित हैं.
अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस से जुड़े खास तथ्य
उत्पत्ति:अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस को पहली बार 1954 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने स्थापित किया गया था।
ऐतिहासिक महत्व:20 नवंबर 1959 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने बाल अधिकारों की घोषणा को अपनाया था।
सीआरसी की शक्ति:बाल अधिकारों पर कन्वेंशन (CRC, 1989) को लगभग सभी सदस्य देशों ने अप्रूव किया है, जो बच्चों के अधिकारों को कानूनी जामा पहनाता है।
यूनिसेफ की भूमिका:संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूनिसेफ (UNICEF) बच्चों के अधिकारों और कल्याण को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहती है. यह अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के कार्यक्रमों में बड़ी भूमिका निभाती है।
वैश्विक उत्सव:इस दिन को अक्सर संयुक्त राष्ट्र की थीम के तहत मनाया जाता है, जैसे कि जलवायु परिवर्तन, शिक्षा या मानसिक स्वास्थ्य, जो उस वर्ष के बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करती है।
विश्व बाल दिवस, बच्चों को अपने विचारों, मतों और चिंताओं को व्यक्त करने का एक मंच प्रदान करके युवा आवाज़ों को सशक्त बनाता है। विभिन्न गतिविधियों, चर्चाओं और आयोजनों के माध्यम से, बच्चों को उनके अधिकारों, कल्याण और उनके द्वारा कल्पित भविष्य के बारे में बातचीत में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह सशक्तीकरण उनके जीवन पर स्वामित्व और स्वामित्व की भावना को बढ़ावा देता है, आत्मविश्वास और आत्म-अभिव्यक्ति का संचार करता है। युवा आवाज़ों को सशक्त बनाने पर इस दिन का ध्यान न केवल उनके सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है, बल्कि सकारात्मक बदलाव लाने में उनकी भूमिका पर भी ज़ोर देता है। निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में बच्चों को शामिल करके और उनके दृष्टिकोणों को स्वीकार करके, विश्व बाल दिवस एक ऐसी दुनिया में योगदान देता है जहाँ उनके अधिकारों को महत्व दिया जाता है और उनका सम्मान किया जाता है, जिससे सभी के लिए एक अधिक समावेशी और समतापूर्ण भविष्य का निर्माण होता है।



