भिलाई। 04 नवंबर, 2025, (सीजी संदेश) : भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों के लिए लंबे इंतज़ार के बाद स्वच्छता और सुविधाओं के क्षेत्र में एक अहम कदम उठाया गया है। भिलाई इस्पात मजदूर संघ यूनियन की लगातार मांग पर संयंत्र के विभिन्न विभागों में कुल 10 आधुनिक शुलभ शौचालयों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। आज इन शौचालयों का प्रबंधन की ओर से विधिवत उद्घाटन किया जाएगा, जिसके बाद ये सुविधाएं कर्मचारियों के उपयोग के लिए खोल दी जाएंगी।
भिलाई इस्पात मजदूर संघ यूनियन के महामंत्री चन्ना केशवलू ने बताया कि यूनियन लंबे समय से कर्मचारियों के लिए स्वच्छ और सुव्यवस्थित शौचालयों की व्यवस्था की मांग कर रही थी। संयंत्र में हजारों कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनके लिए पर्याप्त और स्वच्छ शौचालयों की कमी महसूस की जा रही थी। यूनियन की पहल और लगातार प्रयासों के बाद प्रबंधन ने इस महत्वपूर्ण मांग को स्वीकार किया और अब यह कार्य पूर्ण हो गया है।
इन शुलभ शौचालयों का निर्माण संयंत्र के प्रमुख विभागों में किया गया है, जिनमें धमन भट्टी, कोकोवन, एसएनएस-2, एसएमएस-3, रेलमिल, यू आर एम , सिंटरिंग प्लांट-2, सिंटरिंग प्लांट-3, प्लेटमिल और बीआरएम शामिल हैं। प्रत्येक स्थान पर शौचालयों को आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है, जिसमें साफ-सफाई, वेंटिलेशन, जलापूर्ति और हाइजीन का विशेष ध्यान रखा गया है। इन सभी शौचालयों का मेंटेनेंस अगले तीन वर्षों तक शुलभ कंपनी द्वारा किया जाएगा, जिससे इनकी सफाई और मरम्मत का कार्य नियमित रूप से होता रहेगा। इससे कर्मचारियों को स्वच्छ वातावरण में कार्य करने की सुविधा मिलेगी और संयंत्र परिसर में स्वच्छता का स्तर और बेहतर होगा।उन्होंने कहा कि भिलाई इस्पात संयंत्र के मजदूरों की सुविधा और सम्मान यूनियन की प्राथमिकता है। शौचालय जैसी बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराना न केवल कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ाएगा, बल्कि कार्यस्थल पर स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी।भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारियों ने भी यूनियन के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह पहल संयंत्र में कार्यरत सभी कर्मचारियों के लिए लाभदायक सिद्ध होगी। आने वाले समय में अन्य आवश्यक सुविधाओं पर भी ध्यान दिया जाएगा ताकि संयंत्र का हर कर्मचारी बेहतर वातावरण में कार्य कर सके। यह कदम भिलाई इस्पात संयंत्र में स्वच्छता, सुविधा और मानवीय संवेदना की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है।



