भिलाई 28 अक्टूबर 2025। भिलाई प्रगति नगर रिसाली में स्थित सुनीता आर्ट गैलरी एवं म्यूज़ियम में शनिवार 25 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ की लोक सांस्कृतिक चेतना के प्रेरणास्त्रोत कला ऋषि दाऊ रामचंद्र देशमुख जी के जन्मदिवस के उपलक्ष्य में एक गरिमामय सांस्कृतिक एवं कलात्मक समागम का आयोजन हुआ।इस आयोजन में चंदैनी, गोंदा और कारी से जुड़े वे वरिष्ठ कलाकार शामिल हुए जिन्होंने देशमुख जी के साथ कार्य किया था। इस अवसर पर सभी कलाकारों ने अपने अनुभव साझा करते हुए दाऊ जी की स्मृतियों और उनके लोककला योगदान को भाव विभोर होकर याद किया।कार्यक्रम का शुभारंभ आर्ट गैलरी की संस्थापक डॉ. सुनीता वर्मा के स्वागत उद्बोधन से हुआ। उन्होंने अतिथियों का अभिनंदन करते हुए कहा कि- आज के इस यह आत्मीय और भावनात्मक आयोजन से मेरी आर्ट गैलरी को आप सभी वरिष्ठजनों का आशीर्वाद मिल गया है। मैं अभीभूत हूँ और हृदय से आप सभी का स्वागत करती हूँ।इसके पश्चात् प्रो. सुरेश देशमुख जी, जो देशमुख जी के साथ उनकी कला यात्रा में आरंभ से साथ रहे, ने आयोजन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि- दाऊ जी ने छत्तीसगढ़ की लोककला को जन-जन तक पहुँचाने के साथ समाज में व्याप्त भेद-भाव की रूढ़ परंपराओं में बदलाव लाने का दायित्व बखूबी निभाया है। उस दौर के साथी कलाकार चूंकि एक के बाद एक साथ छोड़ते चले जा रहे हैं, अंतः उन कलाकारों की स्मृतियों और अनुभवों को संरक्षित करें जिन्होंने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को संजोया और गढ़ा है।कार्यक्रम में उपस्थित सम्मानित कलाकारों में प्रमुख रहे —प्रो. शैलजा ठाकुर, अनुराग ठाकुर चौहान, साधना यादव, कविता वासनिक, संतोष झाँझी, प्रो. सुरेश देशमुख, मदन शर्मा, विजय मिश्रा, प्रमोद यादव, विनायक अग्रवाल, कृष्ण कुमार चौबे, अग्नू, अरुण निगम और विजय वर्तमान,डॉ मीना़क्षी दुबे,विवेक वासनिक ।अन्य सम्मानित सदस्यों में डॉ रत्ना वर्मा, डॉ तरूण नायक, श्री राजेंद्र वर्मा ,आयुष चंद्रवंशी धनंजय आदि रहे ।भोजनोपरांत सभी वरिष्ठ कलाकारों का शाल और श्रीफल भेंट कर सम्मान किया गया। यह आत्मीय और भावनात्मक आयोजन सुनीता आर्ट गैलरी का यह परिसर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक छत्तीसगढ़ की लोककला की यादों से गुंजायमान रहा।
सुनीता आर्ट गैलरी में दाऊ रामचंद्र देशमुख की जयंती पर लोक कलाकारों का भावनात्मक संगम
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