रायपुर। सुकमा जिला के अति नक्सल प्रभावित किस्टाराम क्षेत्र में जनसुविधा हेतु आमजनता की आवागमन हेतु छत्तीसगढ़ व तेलंगाना राज्य की सीमावर्ती पेददागुड़ेम गांव से किस्टाराम-पालोदी तक सड़क निर्माण कार्य प्रारंभ की गई थी। स्थानीय जनता की मांग अनुसार प्रारंभ की गई कार्य के क्रियान्वयन के दौरान माओवादी द्वारा लगातार बाधा उत्पन्न की गई, इसके बावजूद जनसुविधा को ध्यान में रखते हुये क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों के द्वारा समर्पित होकर सुरक्षा व्यवस्था प्रदाय की गई। जिसके परिणाम स्वरूप पेददागुड़ेम-किस्टाराम-पालोदी मार्ग निर्माण कार्य पूर्णतः की ओर तेजी से आगे बढ़ रही है। विगत दिनों में सुन्दरराज पी., पुलिस महानिरीक्षक बस्तर रेंज, शलभ सिन्हा, पुलिस अधीक्षक सुकमा एवं सुधांशु सिंह, उप महानिरीक्षक (ऑप्स), सीआरपीएफ, कोन्टा द्वारा क्षेत्र का भ्रमण कर निर्माण कार्य में शामिल अधिकारी/कर्मचारी/मजदूरों का मनोबल को बढ़ाते हुये इस कार्य की सुरक्षा में तैनात सुरक्षा बल के साथियों को भी आवश्यक दिशा-निर्देश दी गई। विशेष तौर पर बहुत वर्षो से अपेक्षित चिन्ना वागू नदी के ऊपर धर्मापेन्टा पुल निर्माण को पूर्ण कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सीआरपीएफ 212वीं एवं 217वीं वाहिनी के अधिकारी/कर्मचारी तथा डीआरजी/एसटीएफ/कोबरा के कर्मचारियों को सुन्दरराज पी., पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज द्वारा शाबाशी दी गई। महामारी कोविड-19 (कोरोना) के होने से लॉकडाउन के परिस्थिति में भी जनसुविधा को प्राथमिकता देते हुये सुरक्षा बलों के साथियों तथा मजदूरों द्वारा की गई सराहनीय कार्य से आने वाला मानसून के दौरान किस्टाराम क्षेत्र की लगभग 54 गांव के आमजनता को पेददागुड़ेम/गोराराम तक आवागमन में सहूलियत होगा।
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