भिलाई 12 सितंबर (सीजी संदेश)।भारी औद्योगिक क्षेत्र हथखोज स्थित लगभग 90 लाख रुपए से अधिक की ढाई एकड़ की उद्योग सह भूमि को महज 8 लाख रुपए में अजय इंडस्ट्रीज को आबंटित किए जाने की उद्योग संचालक से शिकायत की गई है। श्री कृष्णा इंडस्ट्रीज के भागीदार के. एस. बेदी ने इस संबंध में किए गए शिकायत की प्रतिलिपि प्रदेश के मुख्यमंत्री, उद्योग मंत्री, दुर्ग कलेक्टर एवं आर्थिक अपराध शाखा रायपुर को भेजा है। श्री बेदी ने अजय इंडस्ट्रीज को जारी आशय पत्र को निरस्त कर जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र दुर्ग के मुख्य महाप्रबंधक ( सीजीएम ) के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग रखी है।श्री कृष्णा इंडस्ट्रीज के भागीदार के. एस. बेदी ने बताया कि अजय इंडस्ट्रीज को 90 लाख से भी ज्यादा मूल्य की उद्योग सह भूमि को महज 8 लाख रुपए में गलत ढंग से खाली जगह बताकर जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र दुर्ग के द्वारा आबंटित किया जा रहा है। यह उद्योग सह भूमि औद्योगिक क्षेत्र हथखोज में भूखंड क्रमांक 19 सी के रूप में मौजूद है। जिसे खाली भूखंड बताकर 8 लाख 28 हजार 566 रुपए में अजय इंडस्ट्रीज के संचालक अजय अग्रवाल को आबंटित करने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र ने आशय पत्र जारी किया है। श्री बेदी ने बताया कि उसी उद्योग सह भूमि का मूल्यांकन कर 16 जनवरी 2020 को श्री कृष्णा इंडस्ट्रीज को आबंटित करने 90 लाख 74 हजार 420 रुपए का आशय पत्र जारी किया गया था, जिसके वे भागीदार हैं। बाद में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों ने यह कहते हुए श्री कृष्णा इंडस्ट्रीज को जारी आशय पत्र को निरस्त करते हुए जमा कराए गए रकम को लौटा दिया कि भूखंड आबंटन का मामला उच्च न्यायालय बिलासपुर में लंबित है। उच्च न्यायालय के 12 अप्रैल 2022 को जारी आदेश के अनुसार सतना मिनेरल्स एवं मेटल्स प्रायवेट लिमिटेड के परिपेक्ष के अनुसार कार्यवाही करने का उल्लेख है। जबकि भूखंड क्रमांक 19 सी को अजय इंडस्ट्रीज को आबंटित करने का कोई उल्लेख नहीं है। सतना मिनेरल्स को न्यायालयीन आदेश के बाद चूंकि पूर्व में स्वीकृत दर पर आशय पत्र जारी किया जा चुका था, इसलिए पुराने दर पर ही भूखंड आबंटित किया गया। जबकि अजय इंडस्ट्रीज को पूर्व में ऐसा कोई आशय पत्र जारी नहीं किया गया था। उसके द्वारा महज एक आवेदन देकर भूखंड आबंटित करने की मांग की गई थी। इस स्थिति में वर्तमान में प्रचलित दर के आधार पर लीगल टीम एवं उद्योग विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर उद्योग सह भूमि का मूल्यांकन करने के बाद आशय पत्र जारी किया जाना चाहिए था। लेकिन अधिकारियों ने ऐसा कर नियम विरुद्ध कृत्य किया है। इसके विपरीत श्री कृष्णा इंडस्ट्रीज को आशय पत्र जारी कर निर्धारित रकम जमा करा ली गई थी। इससे स्पष्ट है कि जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों ने अजय इंडस्ट्रीज को लाभ और श्री कृष्णा इंडस्ट्रीज को हानि पहुंचाने के उद्देश्य से जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों ने नियमों को ताक में रख सम्पूर्ण कार्यवाही को अंजाम दिया है।श्री बेदी का कहना है कि अधिकारियों ने 90 लाख 74 हजार 420 रुपए मूल्य की उद्योग सह भूमि को अवैध रूप से आबंटन के लिए अजय इंडस्ट्रीज को 8 लाख 28 हजार 566 रुपए में देने का जो आशय पत्र जारी किया है, उससे राज्य शासन को 82 लाख 45 हजार 854 रुपए की चपत लग रही है। इतना ही नहीं किसी भी आधिपत्य प्राप्त उद्योग के पुनः आबंटन से पहले वहां पर बने भवन और बाउण्ड्रीवाल का मूल्यांकन किया जाता है। लेकिन यहां पर इसका भी पालन नहीं किया गया है। ऐसे में तत्काल प्रभाव से संज्ञान में लेकर अजय इंडस्ट्रीज को जारी आशय पत्र को निरस्त किया जाए। वहीं राज्य शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।भिलाई वायर ड्राइंग एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं शहर जिला कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष अतुल चंद साहू ने इस संबंध में कहा कि जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के अधिकारियों ने सीधे तौर पर राज्य शासन को लाखों का चूना लगाया है। महज साढ़े तीन लाख रुपए एकड़ के दर से औद्योगिक क्षेत्र हथखोज में उद्योग सह भूमि आबंटन का कारनामा बिना भ्रष्टाचार के संभव नहीं है। इसकी जांच कर जो भी दोषी पाया जाए, उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उन्होंने बताया कि जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के मुख्य महाप्रबंधक सिमोन एक्का से चर्चा में यह बात सामने आई कि अजय इंडस्ट्रीज ने हलफनामा दिया है जिसके आधार पर उन्हें भूखंड आबंटित किया जा रहा है। अगर ऐसा कोई नियम है तो प्रदेश भर के बेरोजगारों से हलफनामा लेकर उन्हें भी साढ़े तीन लाख रुपए एकड़ की दर से औद्योगिक भूखंड आबंटित किया जाए।
90 लाख की उद्योग सह भूमि को 8 लाख में आबंटित करने की हुई शिकायत ,,,,आबंटन निरस्त कर डीआईसी के सीजीएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग
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