होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय और नेपाली लोगों का त्यौहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली को विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है।
देश के इन स्थानों में इस नाम से खेली जाती है होली
ब्रज की होली,
बरसाने की लठमार होली,
कुमाऊँ की गीत बैठकी,
हरियाणा की धुलंडी,
बंगाल की दोल जात्रा
महाराष्ट्र की रंग पंचमी,
गोवा का शिमगो,
पंजाब में होला मोहल्ला में सिक्खों द्वारा शक्ति प्रदर्शन,
तमिलनाडु में कमन पोडिगई,
मणिपुर के याओसांग,
छत्तीसगढ़ में होरी,
मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में भगोरिया,
पूर्वांचल और बिहार में फगुआ
होली रंगों का तथा हँसी-खुशी का त्योहार है
यह भारत का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है, जो आज विश्वभर में मनाया जाने लगा है। रंगों का त्यौहार कहा जाने वाला यह पर्व पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। यह प्रमुखता से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है। यह त्यौहार कई अन्य देशों जिनमें अल्पसंख्यक हिन्दू लोग रहते हैं वहाँ भी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। पहले दिन को होलिका जलायी जाती है, जिसे होलिका दहन भी कहते हैं। दूसरे दिन, लोग एक दूसरे पर रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि फेंकते हैं, ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और फिर से दोस्त बन जाते हैं। एक दूसरे को रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं, गले मिलते हैं और मिठाइयाँ खिलाते हैं।
राग-रंग का यह लोकप्रिय पर्व वसंत का संदेशवाहक भी है
राग अर्थात संगीत और रंग तो इसके प्रमुख अंग हैं ही पर इनको उत्कर्ष तक पहुँचाने वाली प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। होली का त्यौहार वसंत पंचमी से ही आरंभ हो जाता है। उसी दिन पहली बार गुलाल उड़ाया जाता है। इस दिन से फाग और धमार का गाना प्रारंभ हो जाता है। खेतों में सरसों खिल उठती है। बाग-बगीचों में फूलों की आकर्षक छटा छा जाती है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी और मनुष्य सब उल्लास से परिपूर्ण हो जाते हैं। खेतों में गेहूँ की बालियाँ इठलाने लगती हैं। बच्चे-बूढ़े सभी व्यक्ति सब कुछ संकोच और रूढ़ियाँ को भूलकर ढोलक-झाँझ-मंजीरों की धुन के साथ नृत्य-संगीत व रंगों में डूब जाते हैं। चारों तरफ़ रंगों की फुहार फूट पड़ती है। गुझिया होली का प्रमुख पकवान है जो कि मावा (खोया) और मैदा से बनती है और मेवाओं से युक्त होती है इस दिन कांजी के बड़े खाने व खिलाने का भी रिवाज है। नए कपड़े पहन कर होली की शाम को लोग एक दूसरे के घर होली मिलन को जाते है जहाँ उनका स्वागत गुझिया, नमकीन व ठंडाई से किया जाता है। होली के दिन आम्र मंजरी तथा चंदन को मिलाकर खाने का बड़ा माहात्म्य है।
राधा-श्याम गोप और गोपियों की होली
इतिहासकारों का मानना है कि आर्यों में भी इस पर्व का प्रचलन था लेकिन अधिकतर यह पूर्वी भारत में ही मनाया जाता था। इस पर्व का वर्णन अनेक पुरातन धार्मिक पुस्तकों में मिलता है। इनमें प्रमुख हैं, जैमिनी के पूर्व मीमांसा-सूत्र और कथा गार्ह्य-सूत्र। नारद पुराण औऱ भविष्य पुराण जैसे पुराणों की प्राचीन हस्तलिपियों और ग्रंथों में भी इस पर्व का उल्लेख मिलता है। विंध्य क्षेत्र के रामगढ़ स्थान पर स्थित ईसा से 300 वर्ष पुराने एक अभिलेख में भी इसका उल्लेख किया गया है।
होली के रंग और उनके मतलब
गुलाबी : रंग प्रेम का प्रतिक
सफेद रंग : शांति और सौम्यता का प्रतिक
नीलापन : जीवन के विस्तार का प्रतिक
जामुनी रंग : ज्ञान के आलोक का प्रतिक
लाल रंग : क्रोध का प्रतिक
हरा रंग : जलन का प्रतिक
भगवा रंग : त्याग का प्रतिक
पीला रंग : खुशी का प्रतिक
होली में रखिए अपनी त्वचा और बालों का खास खयाल
होली खेलने की तैयारी तो शुरू ही हो गयी होगी, इस बार होली से पहले ही कुछ उपाय अपनाकर अपने बालों और त्वचा को बचा सकते हैं …
1. बेहतर यही होगा कि आप प्राकृतिक (ऑर्गेनिक) रंगों का इस्तेमाल करें जो आसानी से छूट जाए।
2. रंग खेलने से पहले अपने बाल ज़रूर धो लें और फिर उनमें तेल लगाएँ। आजकल कई तेल उपलब्ध हैं लेकिन हमारे बालों के लिए असली नारियल तेल सबसे अच्छा है। ये आपके बालों की जड़ों तक रंगों को घुसने नहीं देगा और आपके बालों को रूखेपन से भी बचा लेगा।
3. रंग खेलने से पहले अपनी त्वचा पर भी नारियल तेल लगा लें। नारियल तेल आपकी त्वचा और रंगों के बीच ढाल का काम करेगा। वह आपकी त्वचा की नमी भी बनाए रखेगा।
4. अपने होंठों पर देसी गाय के घी या A2 घी की परत ज़रूर लगाएँ। इससे आपके होंठ ख़ुश्क नहीं होंगे। कुछ लोग लिप बाम भी लगाते हैं पर घी जैसा काम कोई नहीं कर पाता।
5. होली खेलते समय अपने बालों को खुला न रखें। चोटी डाल लें या बाल बाँध लें। ऐसा करने से रंग उनकी जड़ों तक न जा पाएँगे।
6. रंग खेलने के बाद जब आप नहा लें, तो ज़रा सा नारियल तेल लेकर त्वचा पर लगाना न भूलें। यह मॉइस्चराइज़र का काम करेगा।
लोग सुरक्षित रहें।
इन 10 सावधानियों को न भूलें
1. परिवार के साथ ही खेलें होली
कोरोना वायरस के इस दौर में संक्रमण से बचने के लिए ज़रूरी है कि आप कम से कम लोगों से मिलें। आप इसका पता नहीं लगा सकते कि आपको कौन संक्रमण दे सकता है। इसलिए बेहतर है कि होली सिर्फ अपने परिवार के साथ ही खेलें।
2. किसी पार्टी में न जाएं
होली एक ऐसा त्योहार है, जहां लोग मिलकर इसे मनाते हैं। आमतौर पर एक पार्टी का आयोजन किया जाता है और लोग जमकर रंगों से खेलते हैं। हालांकि, ये समय ऐसे आयोजन का हिस्सा बनने के लिए नहीं है। कोशिश करें कि ऐसी पार्टियों में थोड़ी देर के लिए भी न जाएं।
3. होली सिर्फ सूखे रंगों से ही खेलें
होली तो वैसे रंगों का त्योहार होती है, लेकिन आमतौर पर लोग पानी का उपयोग भी खूब करते हैं। इस बार कोशिश करें कि सूखे रंगों से ही खेलें, क्योंकि पानी का इस्तेमाल आपको बीमार भी कर सकता है। सूखी होली आपको संक्रमण से बचाने में कारगर साबित हो सकती है।
4. मास्क को न भूलें
होली जैसे त्योहार पर लोग अक्सर एक दूसरे से मिलते हैं, ऐसे में अगर कोई आपसे मिलने आए तो मास्क ज़रूर पहनें। किसी भी संक्रमित व्यक्ति के खांसने और छींकने से कोरोना संक्रमण हो सकता है। इसलिए बेहतर यही है कि मास्क पहने रखें और घर पर ही उतारें।
5. सेनेटाइज़र का भी करें इस्तेमाल
अगर इस दिन आप लोगों से मिलते हैं, तो सैनिटाइज़र से हाथों को ज़रूर साफ कर लें या फिर घर आकर सबसे पहले हाथ धोएं।
6. लोगों से हाथ न मिलाएं
पिछले एक साल में हम लोगों से हाथ न मिलाना तो सीख गए हैं, ख़ासतौर पर त्योहार के समय इस बात का ख्याल रखें कि सबसे हाथ न मिलाएं।
7. इन अंगों पर न लगएं रंग
किसी के भी मुंह यानी आंखों, मुंह और नाक के पास रंग लगाएं और न ही किसी को लगाने दें। कोरोना शरीर के इन्हीं अंगों के ज़रिए संक्रमित करता है।
8. खाने का रखें ध्यान
जिन लोगों की इम्यूनिटी कमज़ोर है, उन्हें कोरोना होने का ख़तरा ज़्यादा होता है। इसलिए त्योहार के समय बाहर का खाना या जंक फूड से बचें। जितना हो सके घर का खाना या सेहतमंद खाना ही खाएं, जो आपके शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करे।
9. बाज़ार या मॉल जाने से बचें
त्योहार पर लोग अक्सर शॉपिंग के लिए निकलते हैं। आजकल कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए ऐसा करने से बचें। आप सामान ऑनलाइन ऑर्डर कर सकते हैं।
10. महमानों को घर पर न बुलाएं
त्योहारों पर आमतौर पर महमान आते हैं, लेकिन इस बार कोशिश करें कि आपके घर कोई न आए। खासतौर पर अगर आपके साथ बुज़ुर्ग, छोटे बच्चे या ऐसे लोग रहते हैं जो अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं।
और अंत में ….
इस पर्व पर तो सबसे मिलने की बात होती है सोशल डिस्टेंसिंग की नहीं, अभी हाथ मिलाने से भी परहेज है पर यह पर्व तो गले मिलने का संदेश देता है… परंतु इस बार सरकारी गाइडलाइन का जरूर पालन करें। हम भी सुरक्षित रहें, शहर को भी स्वच्छ रखे और सेहत का भी ख्याल रखें। अगली होली बेशक आप रंगों में भीगकर मनाएं पर इस बार तो कोरोना को भगाएं… तन की नहीं मन की होली रचाएं, खूब हंसें गुनगुनाएं..