मनुष्य का चित्रों के साथ गहरा लगाव रहा हैं. आज फोटोग्राफी के रूप में इस कला को दुनिया भर में लोग पसंद करते हैं. जीवन के अतीत और वर्तमान के पलों को फोटोग्राफी सहेज कर उन्हें जिन्दा रखती हैं, हर साल 19 अगस्त को वर्ल्ड फोटो ग्राफी दिवस मनाया जाता हैं. हम मानव सभ्यता के उस दौर में जी रहे है जब हमारे पास याद को तस्वीरों के रूप में कैद करने के लिए मोबाइल समेत कई यंत्र हैं, आज से दो तीन दशक पूर्व यह सब कुछ नहीं था।
फोटोग्राफी हमारे जीवन का एक अविभाज्य हिस्सा है। सेल्फी लेने से लेकर युद्धों और मानवाधिकारों के हनन का दस्तावेजीकरण करने तक, लोग विभिन्न तरीकों से माध्यम का उपयोग करते हैं। फोटोग्राफी एक कला रूप है जो बेहद व्यक्तिगत हो सकता है और विचारों को सार्वजनिक रूप से सरल तरीके से प्रोजेक्ट भी कर सकता है। कहावत भी है कि “एक तस्वीर एक हजार शब्दों के लायक है” (A picture is worth a thousand words) आज भी सच है। हर साल विश्व फोटोग्राफी दिवस 19 अगस्त (August 19 World Photography Day) को मनाया जाता है। यह दिन हमारे जीवन में कैमरों और फोटोग्राफी के महत्व को याद करता है। दुनिया भर में फोटोग्राफी (Photography) के शौकीन इस मौके पर तस्वीरें खींचने की कला का जश्न मनाते हैं। आज से कई शताब्दियाँ पूर्व अजन्ता एलोरा तथा इसकी समकालीन गुफाओं के भित्तिचित्र मानव की रचनात्मक प्रवृति को उजागर करते हैं. जमाना बदलता चला गया. चित्र अब भित्तियों से निकलकर कागज पर बनने लगे. कालान्तर में कैमरे के आविष्कार से फोटोग्राफी को नई दिशा मिली. कैमरे में लैस के उपयोग से चित्रकला का यह सशक्त माध्यम के रूप में उभर आया. एक मानव निर्मित लैंस की सहायता से चित्रों को बनाना और सहेज कर रखना बेहद सुगम हो गया था. इसी दिन को यादगार बनाने के लिए विश्व फोटोग्राफी दिवस (World Photography Day) मनाया जाता हैं. यह माना जाता है कि एक तस्वीर एक हजार शब्दों की बात संक्षिप्त में समझा देती हैं. वर्तमान को भविष्य के लिए सजोकर रखने का माध्यम फोटोग्राफी ही हैं. आज यह एक प्रोफेशन भी बन चूका हैं, जिसकी बदौलत बड़ी संख्या में लोग अपनी रचनात्मक कला के कारण पैसा व ख्याति दोनों कमाते हैं. 19 अगस्त के ही दिन फोटोग्राफी का अविष्कार हुआ था. फ़्रांस द्वारा इसकी आधिकारिक घोषणा हुई थी. 19 अगस्त 1841 के दिन नाइसफोरे नाइस और लुइस डेगुरे द्वारा फोटोग्राफी के आधुनिक रूप को प्रतिपादित किया गया. यदि फोटो के धुलने एवं उनके साफ़ होने के शुभारम्भ की बात करे तो 9 जनवरी 1939 में फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंस द्वारा इस प्रणाली को विकसित किया गया था. 2009 में ऑस्ट्रेलिया से 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस के रूप में विधिवत् मनाना शुरू किया।
विश्व फोटोग्राफी दिवस का इतिहास
विश्व फोटोग्राफी दिवस की उत्पत्ति का पता 1837 में लगाया जा सकता है। फ्रांस में, जोसेफ नाइसफोर नीप्स और लुई डागुएरे (Joseph Nicephore Niepce and Louis Daguerre) ने पहली बार फोटोग्राफिक प्रक्रिया, डगुएरियोटाइप (Daguerreotype) का आविष्कार किया था। 1861 में, पहली टिकाऊ रंगीन तस्वीर खींची गई थी। तभी से फोटोग्राफी का माध्यम विकसित होता चला गया। डिजिटल कैमरा (Digital Camera) के आविष्कार से दो दशक पहले 1957 में पहली डिजिटल तस्वीर बनाई गई थी। फ्रेंच एकेडमी ऑफ साइंसेज (The French Academy of Sciences) ने आधिकारिक तौर पर 1839 में जनता के लिए डैगुएरियोटाइप (Daguerreotype) के आविष्कार की घोषणा की। माना जाता है कि 19 अगस्त 1839 को, फ्रांसीसी सरकार ने इस उपकरण के लिए पेटेंट खरीद लिया और इसे दुनिया के लिए स्वतंत्र रूप से उपलब्ध कराया। बाद में इस दिन को विश्व फोटोग्राफी दिवस (World Photography Day) के रूप में मनाया जाने लगा। फांसीसी वैज्ञानिक लुईस जेक्स और मेंडे डाग्युरे ने फोटोग्राफी के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी. इन दोनों ने मिलकर वर्ष 1839 में फोटो तत्व की खोज की थी. जो इस कला का हार्ट हैं. विलियम हेनरी फॉक्सटेल बोट ने नेगेटिव-पॉजीटिव प्रोसेस का आविष्कार किया तथा टेल बोट ने फोटो को लम्बे समय तक रखने के लिए हल्के संवेदनशील पेपर का आविष्कार किया था।
विश्व फोटोग्राफी दिवस 2022 थीम
* “लेंस के माध्यम से महामारी लॉकडाउन”
* विश्व फोटोग्राफी दिवस 2021 का विषय है: भाषा से बढ़कर, फोटोग्राफी सार्वभौमिक मूल्य का एक माध्यम है।
विश्व फोटोग्राफी दिवस का महत्व
विश्व फोटोग्राफी दिवस (World Photography Day) फोटोग्राफी के लिए कला, शिल्प और जुनून का जश्न मनाने का अवसर है। इस दिन का उपयोग यह पहचानने के लिए भी किया जाता है कि ऐतिहासिक घटनाओं के दस्तावेजीकरण से लेकर व्यक्तिगत पूर्ति के लिए माध्यम कैसे विकसित हुआ है। शौकिया, उत्साही से लेकर पेशेवर फोटोग्राफर (Photographer) और फोटो जर्नलिस्ट तक, हर कोई फोटोग्राफी के बारे में जागरूकता और विचारों को फैलाकर इस दिन को मनाता है। लोग अपने काम को प्रदर्शित करने और बढ़ावा देने के अवसर का भी उपयोग करते हैं। आज हमें जो सुविधाएं उपलब्ध है उनका महत्व उनकी कमी में ही समझ सकते हैं. छवियां, वीडियोज और फोटोग्राफी ने इंसानों के बीच की दूरियों को पाटने में बड़ी भूमिका अदा की है. अगर पुराने जमाने में भी तस्वीरे लिए जाने की सहूलियत होती तो हम भगवान राम, कृष्ण और उनके बाद के जमाने को भी आसानी से समझ सकते थे. हम डायनासोर की फोटोज देख पाते मगर यह सम्भव नहीं था. आज के फोटोग्राफी के जमाने ने विश्व के कोने कोने में बैठे व्यक्ति का परिचय हमसे करवाया है. मानव इतिहास और संस्कृति को समझने में फोटोग्राफ्स की अहम भूमिका रही हैं. आज फोटोग्राफी एक शौक से बढ़कर उद्योग के रूप में विकसित हो रहा हैं, हजारों लाखों लोग इस क्षेत्र में रोजगार पा रहे हैं।
क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड फोटोग्राफी डे
फोटोग्राफी के शौकीन लोगों के लिए 19 अगस्त एक महत्वपूर्ण दिवस हैं, क्योंकि आज विश्व फोटोग्राफी दिवस हैं. यह दिन दुनियाभर के फोटो ग्राफर को समाज की सच्चाई दिखाने वाली फोटो उतारने के लिए उत्साहित करने हेतु मनाया जाता हैं. दुनियाभर के बेहतरीन और पेशेवर फोटोग्राफर इस दिन अपनी कला का पदर्शन करते हैं यह एक वार्षिक उत्सव है जिसमें इस कला के इतिहास शिल्प और इसकी विज्ञान का प्रदर्शन किया जाता हैं. यह दिन न केवल उन लोगों की स्मृति से जुड़ा है जिन्होंने इस क्षेत्र में अपना अहम योगदान दिया बल्कि फोटोग्राफी के प्रति उत्सुक लोगों को अपने कौशल को दिखाने के लिए प्रेरित करने वाला दिवस भी हैं. फोटोग्राफी के इतिहास में 19 अगस्त 2010 का दिन बहुत बड़ा माना जाता हैं, इस दिन पहली डिजिटल फोटो गैलरी प्रकाशित की गई थी. विश्व भर में प्रसिद्ध हुई इस गैलरी में 250 से अधिक फोटो ग्राफर ने अपने कला हुनर को दिखाया था।
कैमरा का इतिहास
डैगुएरियोटाइप से पहले, 11वीं शताब्दी का इराकी आविष्कार था जिसे कैमरा ऑब्स्कुरा (Camera obscura) कहा जाता था, जो एक पिन-होल कैमरा था। लेकिन इसने केवल एक छवि पेश की। डैगुएरियोटाइप के साथ परिदृश्य बदल गया। 1880 के दशक में, कोडक (Kodak) ने बाजार में अपना पहला उपभोक्ता-आधारित कैमरा लॉन्च किया। 1940 के दशक के अंत तक कैमरा फिल्में सस्ती हो गईं। तब तक विश्व युद्ध शुरू हो चुके थे और हमने मानवता को देखने के तरीके को आकार दिया था। कैमरा युद्ध की गंभीर वास्तविकताओं को दिखाने का एक साधन बन गया। फोटोजर्नलिज्म (Photojournalism) बढ़ रहा था और जल्द ही कैमरा संचार का एक साधन बन गया। 1960 के दशक के मध्य में पोलेरॉइड इंस्टेंट इमेज सिस्टम (Polaroid Instant Film Camera) का उदय हुआ। फिर एसएलआर (Single-lens reflex camera – SLR) का अनुसरण किया और फिर, डिजिटल क्रांति ने डीएसएलआर (Digital Single-Lens Reflex) के साथ पंप किया। स्मार्ट कैमरों (Smart Photography), कैमकोर्डर (Camcorder) ने आज के फोन कैमरों (Phone Camera) और लैपटॉप कैमरों (Laptop Camera) को रास्ता दिया।
दुनिया की पहली सेल्फी
सन 1839 में अमेरिकन फोटो प्रेमी रोबर्ट कॉर्नेलियस ने दुनिया की पहली सेल्फी क्लिक करी| उन्होंने अपना कैमरा सेट करा और दौड़ कर उसके आगे चले गए| उनको उस समय यह आभास नहीं होगा कि भविष्य में इसे सेल्फी कहकर पुकारेंगे| उन्होंने उस फोटो के पीछे यह लिखा-“द फर्स्ट लाइट पिक्चर एवर टेकेन 1839“|तस्वीरें शब्दों की तुलना में तेज़ी से और कभी उससे अधिक प्रभावी ढंग से महसूस की जा सकती हैं| एक तस्वीर दर्शक को दुनिया को देखने का वह तरीका बता सकती हैं जैसे फोटोग्राफर इसे देखता है| तसवीरें समय को भी पार करने की क्षमता रखती हैं| सौ साल पहले की तस्वीर को उतना ही सराहा जा सकता है जितना की तब था| ठीक उसी तरह आज क्लिक करी एक सर्वश्रेष्ठ फोटो सौ साल बाद भी सराही जायेगी|
फोटोग्राफी का विकास और करियर
फोटोग्राफी पूरी तरह से स्किल पर आधारित पेशा है| पिछले कुछ सालों में फोटोग्राफी के क्षेत्र में बहुत से बदलाव देखे गए हैं| पहले के समय फोटोग्राफर को बड़े-बड़े कार्यक्रमों जैसे शादी, मूवी आदि में फोटो खींचने तक ही सीमित रखा जाता था, लेकिन अब फोटोग्राफर को मॉस-मीडिया, विज्ञापन और इ-कॉमर्स जैसे बड़े क्षेत्रों में अपनी कला दिखाने का मौका दिया जा रहा है| फोटोग्राफी एक ऐसी कला है जिसमें विज़ुअल कमांड के साथ तकनिकी ज्ञान भी जरुरी होता है| यह खुद को व्यक्त करने का एक अनोखा माध्यम है| फोटोग्राफी को आजकल बढ़ चढ़कर करियर के रूप में अपनाया जा रहा है| आजकल हर छोटे-बड़े आयोजनों में, शादियों में, फैशन शो में, मीडिया क्षेत्र आदि में फोटोग्राफी का काफी चलन होने लगा है| आज फोटोग्राफी न केवल एक अच्छा करियर विकल्प है बल्कि इसमें नाम और पैसा भी बनाया जा सकता है| फोटोग्राफी क्षेत्र में नौकरी के लिए काफी सारे विकल्प मौजूद हैं| प्रोफेशनल फोटोग्राफर बनने के लिए धैर्य, मेहनत के साथ आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है| फोटोग्राफर बनने के लिए बहुत से कॉलेज द्वारा डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट के कोर्स उपलब्ध हैं|
फोटोग्राफी के प्रकार :
• Wildlife photography (वन्यजीव फ़ोटोग्राफी)
• Travel photography (ट्रैवल फोटोग्राफी)
• Street photography (स्ट्रीट फोटोग्राफी)
• Newborn photography (नवजात फ़ोटोग्राफी)
• Landscape photography (लैंडस्केप फोटोग्राफी)
• Portrait photography (पोर्ट्रेट फोटोग्राफी)
• Wedding photography (शादी की फोटोग्राफी)
• Event photography (इवेंट फ़ोटोग्राफी)
• Fine Art photography (फाइन आर्ट फोटोग्राफी)
• Fashion photography (फैशन फोटोग्राफी)
• Food Photography (फूड फ़ोटोग्राफी)
• Product Photography (प्रोडक्ट फ़ोटोग्राफी)
• Still Life Photography (स्टिल लाइफ फोटोग्राफी)
• Documentary Photography (डॉक्यूमेंट्री फोटोग्राफी)
• Sports Photography (खेल फोटोग्राफी)
• Scientific Photography (वैज्ञानिक फोटोग्राफी)
• Aerial Photography (हवाई आलोक चित्र विद्या – एरियल फोटोग्राफी)
• Commercial Photography (व्यावसायिक फोटोग्राफी)
• Macro Photography (मैक्रो फोटोग्राफी)
• Underwater Photography (अंडर वाटर फोटोग्राफी)
• Pet Photography (पालतू जानवर फोटोग्राफी)
• Architectural photography (आर्किटेक्ट फोटोग्राफी) etc..
भारत में फोटोग्राफी का कोर्स :
• मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन – Manipal, Karnataka
• मास मीडिया के अंतर्राष्ट्रीय संस्थान – IIMM Delhi
• एफटीआईआई, पुणे (FTII, Pune)
• YMCA सेंटर ऑफ मास मीडिया
• दिल्ली कॉलेज ऑफ फोटोग्राफी – Delhi College of Photography
• क्रिएटिव हट इंस्टिट्यूट ऑफ़ फोटोग्राफी – केरल
• जामिया मिल्लिया इस्लामिया ए जे किदवई (AJ Kidwai) मास कम्युनिकेशन
• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
• नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फोटोग्राफी – NIP
फोटोग्राफी पाठ्यक्रमों के लिए पात्रता मानदंड
तस्वीरों को क्लिक करने का जुनून होना ही काफी नहीं है, इस पल को जीवंत करने के लिए आपको कलात्मक और रचनात्मक होना होगा। फोटोग्राफी पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए न्यूनतम योग्यता 10+2 है। प्रवाह मायने नहीं रखता, जुनून मायने रखता है। आपका मूल्यांकन एक प्रवेश परीक्षा या दिए गए असाइनमेंट के आधार पर किया जाएगा। कई पाठ्यक्रम हैं, जिनमें कई महीनों के प्रमाणपत्र से लेकर वार्षिक डिप्लोमा तक शामिल हैं। कुछ विश्वविद्यालय स्नातक पाठ्यक्रम भी प्रदान करते हैं।
भारत में फोटोग्राफी का कोर्स करने के बाद आप कितना कमा सकते हैं?
आप किसी मीडिया हाउस, फोटो एजेंसी या विज्ञापन समूह से जुड़ सकते हैं। या फिर आप वाइल्डलाइफ, वेडिंग, फैशन या स्पोर्ट्स फोटोग्राफर के तौर पर फ्रीलांस फोटोग्राफी भी कर सकते हैं। संभावनाएं अनंत हैं! अपने कौशल स्तर और अनुभव के आधार पर, आप प्रति वर्ष 5 से 10 लाख या इससे भी अधिक कमा सकते हैं।
और अंत में…..
चाहे हम कभी कभार ही फोटो खींचते हो, शौकिया हो चाहे प्रोफेशनल हो, इस दिन को पूरी तरह से जिए और एक ऐसी कला को सम्मान दें जो आज हमारे जीवन में न केवल अति महत्वपूर्ण है बल्कि अभिन्न अंग बन चुकी है। विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाने के लिए किसी आविष्कार की आवश्यकता नहीं है बल्कि इसके लिए तो एक जुनून की जरूरत है. आप अपने घर पर ही विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाए और अपनी कलात्मकता अपने मित्रों और रिश्तेदारों के साथ साझा करें। विश्व फोटोग्राफी दिवस की सभी को बधाई….