आप कितनी बार थकावट महसूस करते हैं? खैर, महामारी के बाद से यह हमारे जीवन में इतना आम हो गया है। जब हम थके हुए या तनावग्रस्त होते हैं, तो हम तुरंत खुद को पैंपर करने लगते हैं। इसे सेल्फ केयर के रूप में जाना जाता है और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। मगर आराम का मतलब हमेशा सोना नहीं होता। आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि “वेकिंग रेस्ट” के रूप में जानी जाने वाली रेस्टिंग तकनीक आपके जीवन को पूरी तरह से बदल सकती है! आपने शायद देखा होगा कि कितने लोग अपने दिन की भागते – दौड़ते हुए करते हैं। क्या आप जानते हैं कि दिन की शुरुआत बहुत अधिक तनाव के साथ करने से आपके दिमाग, शरीर और स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ सकता है। पहले के समय में सुबह के समय को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता था। इसलिए लोग सुबह टहलने जाते थे, व्यायाम करते थे और सक्रिय रहने की कोशिश करते थे। मगर, यदि आप आलसी हैं तो यह वेकिंग तकनीक, आपके लिए सबसे सही है।
वेकिंग रेस्ट इन दिनों इंटरनेट पर पॉपुलर हो रही एक खास तकनीक है, जिसमें व्यक्ति अपने दिन की शुरुआत ऐसे करता है कि वो तनावमुक्त रहे। आपने कभी छोटे से बच्चे को सोते हुए देखा है? जिसे न जल्दी उठने की चिंता न किसी काम की टेंशन। जबकि वयस्क लोग अक्सर कैसे उठते हैं- हड़बड़ाते हुए जल्दबाजी में। इस व्यस्तता का असर न सिर्फ दिमाग, बल्कि शरीर और सेहत पर भी पड़ता है। हम यह कह सकते हैं कि जितना ज्यादा मॉडर्न युग बनता जा रहा है उतनी ही अधिक हमारी स्ट्रेस और थकान बढ़ती जा रही है। हम दिन की शुरुआत ही चिंतित होने से करते हैं। पहले के जमाने में सुबह की शुरुआत को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता था और इसलिए ही सुबह-सुबह वॉक आदि पर जा कर अपने शरीर को एक्टिव किया जाता था। लेकिन आज के समय में हम अपने प्रोजेक्ट आदि की डेड लाइन पूरी करने के चक्कर में काफी स्ट्रेस रहते हैं और उठते ही काम पर लग जाते हैं। इस प्रकार हम अपने शरीर को समय ही नहीं दे पाते हैं और काफी थकान से भरे रहते हैं। इसी थकान और स्ट्रेस को कम करने के लिए वेकिंग रेस्ट ट्रेंड में चल रहा है। आइए जानते हैं क्या है यह तकनीक और इससे आपको क्या लाभ मिल सकता है।
आइए जानें कि वेकिंग तकनीक क्या है?
वेकिंग रेस्ट का मतलब है जागना और अपने मन और शरीर को आराम और भटकने देना। सीधे शब्दों में कहें, यह मूल रूप से शांत रहकर अपने विचारों पर ध्यान केंद्रित करने का एक तरीका है। माना कि सोशल मीडिया आदि से आपको एक संतुष्टि की फीलिंग आती है। लेकिन खुद से संतुष्ट रहने के लिए आपको मानसिक तौर पर स्वस्थ रहना ज्यादा जरूरी है। सबसे ज्यादा संतुष्टि हमें तब मिलती है जब हम सुबह बिना किसी चिंता के उठते है। इसी को वेकिंग रेस्ट बोला जाता है। इसे हम ऐसे भी परिभाषित कर सकते हैं कि यह हमारे मस्तिष्क का वो समय होता है जो जब मस्तिष्क बिलकुल शांत होता है। कोई भी हड़बड़ी या नकारात्मक विचार इसके अंदर नहीं होते। इस अभ्यास से आपको जागते हुए भी खाली दिमाग महसूस होगा और यह तकनीक आपके दिमाग को हर उस ख्याल से दूर रखने में मदद करेगी जो इसको प्रभावित कर सकता है। इस तकनीक के माध्यम से चाहे आप घर का काम कर रहे हों, या आफिस का या फिर अन्य कोई भी काम कर रहे हों, उस समय भी आपका दिमाग बिलकुल निश्चिंत रहेगा और कुछ भी नहीं सोचेगा।
वेकिंग रेस्ट का अभ्यास कैसे करें?
“वेकिंग रेस्ट आराम करने का एक अलग तरीका है, जिसमें शांत चित्त रहकर मन के विचारों पर ध्यान केंदित किया जाता है।” अभ्यास का तरीका काफी सरल है। इसमें चुपचाप बैठना और “कुछ नहीं करना” शामिल है। इसमें अक्सर दिन में 5 से 20 मिनट, या दिन में कई बार बिना किसी फोकस एजेंडे के चुपचाप बैठना शामिल है। इस तकनीक का लाभ उठाने के लिए सुबह उठकर इसे करना सबसे अच्छा है।
पहले अपने कमरे की लाइट जलाएं – क्या आपने कभी नोटिस किया है कि जब बरसात के दिन होते हैं या कोहरे वाले दिन, तो आपको अधिक सुस्ती सी महसूस होती है। उठने का मन नहीं करता उसका कारण है कि आपके शरीर के अंदर की क्लॉक को रिसेट होने में टाइम लगता है। इसलिए हल्का सा प्रकाश आपको एक्टिव कर सकता है। आप जल्दी बिस्तर छोड़ेंगे। आपका समय भी खराब नहीं होगा, और हड़बड़ी भी महसूस नहीं होगी।
फोन से बनाए दूरी – अधिकांश लोगों की आदत होती है कि उठते ही सबसे पहले अपने मोबाइल सेट को चेक करते हैं। मैसेज स्क्रॉल करते हैं, फेसबुक या ट्विटर चलाते हैं। इस कारण आपका काफी समय खराब हो जाता है और से शुरुआत होती है स्ट्रेस की। यदि आप सुबह-सुबह अपने सेल के साथ कम समय बिताएंगे तो आपको समय भी ज्यादा नजर आएगा और किसी प्रकार की कोई हड़बड़ाहट भी नहीं होगी।
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करें – स्ट्रेचिंग करने से आपकी मांसपेशियों में अच्छी तरह से ब्लड फ्लो होगा और सुस्ती दूर भागेगी। अपनी सुबह की शुरुआत में अपने दिमाग को केवल दो तीन मिनट दें, ताकि इसके अंदर जो भी ख्याल आता है आप उसे समझ सकें। थोड़ी देर तक कुछ ना करें यह फीलिंग भी आपको काफी रिलैक्स कर देगी। बल्कि ऐसी किसी गतिविधि में खुद को लगा लें जिसमे किसी प्रकार की मानसिक गति शामिल न हो रही हो। अगर आप इसे नियमित रूप से करेंगे तो आपका दिमाग इसका आदी हो जायेगा और जो भी चिंता आपको रोजाना खाती जाती है उससे आपको मुक्ति मिल सकती है। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज बेहद फायदेमंद हाेती है।
कोविड ने स्थिति को और अधिक खराब कर दिया है!!
अगर हम कोविड से आने के पहले की बात करें तो शायद हम कम चिंतित रहते थे और सुबह सुबह मॉर्निंग वॉक के लिए भी जाते थे। लेकिन जब से यह महामारी आई है तब से स्थिति केवल बिगड़ती ही गई है। स्थिति ऐसी हो गई है कि अब हर काम ही फोन या लैपटॉप से हो रहा है। हम केवल फोन जैसी चीजों से ही बंध कर रह गए हैं। हम सामाजिक वातावरण में नहीं रह पा रहे हैं। जिससे हमारे दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है और हम अधिक स्ट्रेस होते जा रहे हैं। ऐसे में अगर आप मानसिक शांति चाहते हैं तो इस प्रकार की तकनीक का प्रयोग जरूर करें। सुबह सुबह आपको अपना फोन स्क्रॉल करने की बजाए कुछ समय अपने दिमाग को और मानसिक सेहत को देना चाहिए और नतीजे देख कर आप रोजाना इस प्रैक्टिस को ट्राई करने की कोशिश करेंगे।
आराम करने के फायदे
“इस तकनीक को चिंता, अनिद्रा, उत्पादकता और याददाश्त बढ़ाने में मदद करने के लिए माना जाता है। इसे ध्यान में रखें कि अधिक लगातार अंतराल के साथ लंबे समय तक जागने से इस पद्धति की प्रभावशीलता में वृद्धि होती है।” “यह तकनीक ध्यान जैसे स्थापित पारंपरिक भारतीय तरीकों से भिन्न नहीं है।”