बच्चे को बड़ा होते हुए देख हर मां-बाप को अच्छा लगता है। इस समय की हर बातें माता-पिता के लिए यादगार बन जाती हैं। लेकिन कई बार कुछ माता-पिता इस बात का अनुभव करते हैं कि उनका बच्चा अन्य बच्चों की तरह चीजों को याद नहीं रख पाता है। वहीं स्कूल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए भी बच्चों को सभी चीजें लंबे समय तक याद रखनी होती है। ऐसे में उनको पढ़ाए गए सभी विषयों को अच्छी तरह से समझते हुए याद रखना होता है और इसके लिए बच्चों का दिमाग तेज होना बेहद जरूरी है। हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा तेज दिमाग का हो और इसके लिए वह तरह-तरह के उपायों को भी खोजते हैं।
हर मां-बाप चाहते हैं कि उनका बच्चा तेज और होशियार हो। वह अपनी क्लास में नंबर वन आए। लेकिन चाहत और हकीकत में दिन रात का फर्क होता है। ज्यादातर माता-पिता बच्चों को नंबर वन बनाने के लिए प्रेशराइज करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि बच्चा पढ़ाई के जरिए ही स्मार्ट और तेज बन सकता है। लेकिन ऐसा नहीं है पढ़ाई के अलावा भी बहुत सी ऐसी चीजें हैं जो बच्चों का दिमाग तेज कर सकती है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कुछ ऐसी ट्रिक्स के बारे में जिनकी मदद से आप बच्चों का दिमाग तेज कर सकते हैं।
क्रिएटिव खेल खिलने के लिए प्रोत्साहित करें
बच्चे को तेज तर्रार बनाने के लिए जरूरी है कि आप उसे अलग-अलग क्रिएटिव खेल खेलने के लिए बच्चों को प्रेरित करें। ऐसा करने से बच्चे की लैंग्वेज, कम्युनिकेशन और सोशल स्किल्स अच्छी होती हैं। क्रिएटिव खिलौने बच्चे की कल्पना को विकसित करने का एक बेहतर विकल्प हैं।
बच्चे के साथ समय बिताएं
बच्चों के मानसिक विकास के लिए जरूरी है कि आप उनके साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं। इस दौरान बच्चा आपसे काफी बातचीत करता है और अपनी भावनाओं, कल्पनाओं को व्यक्त कर पाता है। बातचीत के दौरान बच्चे आपकी भाषा और व्यवहार को काफी ध्यान से देखते हैं। जिससे उसकी कम्युनिकेशन, सोशल स्किल्स और स्पीच में डेवलपमेंट देखने को मिल सकती है।
माइंड गेम्स खेलें
बच्चों का दिमाग तेज करने के लिए उनके साथ माइंड गेम्स खेलें। ऐसा करने से उनका दिमाग तेज होगा और उनका मानसिक विकास हो पाएगा। आप बच्चों के साथ पजल, चेस जैसी कई खेल खेल सकते हैं। जिससे बच्चे का दिमाग तेज होगा और उसके सोचने की क्षमता बढ़ेगी।
मैथ्स के कैलकुलेशन कराएं
बच्चों का ही नहीं बड़ों का दिमाग भी कैलकुलेशन के जरिए तेज हो सकता है। इसके लिए आपको बच्चों के साथ थोड़ा सा वक्त बिता कर हर दिन 20 से 25 मिनट मैथ्स के सवाल पुछने होंगे। जिसकी आप जोड़ने और घटाने जैसे सवालों से शुरुआत कर सकते हैं। ऐसा करने से बच्चे खेल-खेल में कैलकुलेशन करना सीख जाएंगे।
बच्चे को पढ़कर सुनाएं
कहा जाता है कि इंसान का दिमाग बचपन में ज्यादा तेज होता है। ऐसे में आप बच्चों को जो कुछ भी बोलते हैं, सीखाते हैं वह उन्हें याद रहता है। पेरेंट्स को अपने बच्चों को नई-नई किताबों और कहानियों को पढ़ कर सुनाना चाहिए। इससे बच्चों की मेमोरी शार्प होती है।
प्रोत्साहित करें
अगर आप अपने बच्चे को किसी बुरी आदत से दूर करना चाहते हैं तो उसे छोड़ने के लिए उसे प्रोत्साहित करना बंद न करें। जब वो इसे कंट्रोल करने की कोशिश करे तो उसकी तारीफ करें और उसे शाबाशी दें। इससे बच्चे का आत्मविश्वास बढ़ता है। छोटे बच्चों को कुछ भी अच्छा करने पर स्टार या टॉय दे सकते हैं। इससे बच्चों में कुछ अच्छा करने की लालसा आती है।
सजा न दें
किसी भी आदत को छुड़वाने के लिए सजा देना या बच्चे को शर्मिंदा महसूस करवाना सही नहीं है। इसका उल्टा असर पड सकता है और बच्चा डर और तनाव के कारण और ज्यादा उस आदत में उलझ सकता है। बच्चों को कोई भी बात समझाने के लिए डांट डपट से ज्यादा प्यार का तरीका अपनाना चाहिए।
जल्दबाजी न करें
ये सोचने की जरूरत नहीं है कि कोई आदत एक दिन में ही चली जाएगी। इसमें समय लगता है और बच्चे से रातों रात सुधरने की उम्मीद न करें। अगर आप शांति और धैर्य से काम लेंगी तो बच्चे पर कम दबाव और तनाव पड़ेगा। एक बार में एक ही आदत सुधारने की कोशिश करें।
सवाल पूछने से ना रोकें
किसी भी विषय या जानकारी को समझना उसको याद रखने का पहला चरण होता है। यदि बच्चा किसी विषय पर बार-बार सवाल पूछता है तो आप उसको हर बार प्यार से जवाब दें, क्योंकि पूछने से ही बच्चा उस विषय या जानकारी को समझता है और इसके बाद ही बच्चा उस विषय को याद रख पाता है। इससे बच्चे की सोचने की शक्ति में विकास होता है और वह चीजों को हल करना सीखता है।
प्रोत्साहित करें
आप उससे अलग-अलग विषयों पर बात करें और उससे पूछें कि वह इस बारे में क्या सोचता है। इस तरह से बच्चे को प्रोत्साहित करने से वह जानकारियों को लंबे समय तक याद रख पाता है। यह तरीका बच्चे के दिमाग को तेज करके, उनकी सोचने की क्षमता में बढ़ोतरी करता है। साथ ही बच्चा चीजों को लंबे समय तक याद रख पाता है।
उनको कविता या गीत में जवाब दें
बच्चे को जो जानकारी या विषय आप लंबे समय तक याद करवाना चाहते हैं तो उसको वह जानकारी तुकबंदी या गीत की तरह सीखाएं। मस्तिष्क तुकबंदी और पैटर्न में मिलने जानकारी को लंबे समय तक याद रखता है। इसलिए आप बच्चे के पोयम या म्यूजिक में जानकारी दें। इससे बच्चे को सीखने में आसानी होती है।
सोचने की शक्ति बढ़ाएं
आप उसके सोचने की क्षमता को बढ़ाएं। बच्चा जो कुछ भी पढ़ता या सुनता है उसका दिमाग में एक चित्र बनता है। आप उस विषय के बारे में बच्चे से पूछे, इस पर बच्चा अपनी सोच के अनुसार जानकारी को आपके सामने रखता है। ऐसा बार-बार करने से धीरे-धीरे बच्चे की सोच में विकास होना शुरू होता है। इस क्षमता को बढ़ाने लिए आप बच्चे को छोटे-छोटे कार्य देकर उसको करने को भी कह सकते हैं।
मेमोरी गेम खेलें
आप उसके साथ कई तरह के मेमोरी गेम खेल सकते हैं। इस तरह के गेम से बच्चा बोर भी नहीं होता है और धीरे धीरे उसका दिमाग भी तेज होने लगता है। इसमें आप बच्चे के साथ निम्न तरह के गेम खेल सकते हैं।
थ्री कप गेम: बच्चों के दिमाग को बढ़ाने के लिए आप उसके साथ थ्री कप गेम खेल सकते हैं। इसको खेलने के लिए आपको तीन कप, कटोरे या प्लास्टिक के ग्लास लेने होते हैं। साथ ही आपको एक सिक्का भी लेना होगा। खेल की शुरुआत में आप बच्चे को दिखाकर किसी भी एक कप के नीचे सिक्के को रख दें। इसके बाद तीनों कप को बिना उठाए खिसकाते हुए एक दूसरे कप की जगह को आपस में बदलें। कुछ देर के बाद बच्चे से पूछें कि सिक्का किस कप के नीचे है। इससे बच्चे की एकाग्रता बढ़ती है।
मेज (maze): ये गेम आसानी से बच्चों की किताबों, मोबाईल एप और पार्क में मिल जाता है। इस खेल में बच्चे को एक छोर से दूसरे छोर में जाने का रास्ता ढूंढना होता है। आप सभी ने अपने बचपन में इस गेम को कई बार खेला ही होगा। इस गेम को खेलने से बच्चे को कई तरह के लाभ मिलते हैं। इसमें बच्चा हाथ और आंखों के बीच तालमेल बनाते हुए अपने गेम को पूरा करता है। इससे बच्चे को मुश्किल को सुलझाने के तरीके के बारे में पता चलता है। इस खेल में जब बच्चा रास्ता नहीं ढूंढ पाता है तो वह नए रास्ते को खोजता है।
पिक्चर पजल (picture puzzle): पिक्चर पजल गेम में बच्चे को कुछ टुकड़ो में एक तस्वीर दी जाती है और उसको इसे जोड़ जोड़कर पूरी बनाने के लिए कहा जाता है। इससे गेम से बच्चा चित्र को समझता हुआ और पूरा करता है।
बाहर घुमाने ले जाएं
ऐसा बिलकुल नहीं हैं कि बच्चा केवल किताबों या अन्य लिखी जानकारियों से ही सब कुछ सीखता है। आप बच्चे को घर के बाहर घुमाने लें जाएं और उसको भी बाहरी दुनिया का अनुभव करने दें। ऐसे में आप बच्चे को जानवरों के बारे में बताने के लिए चिड़ियाघर लें जाएं या पेड़ पौधों के बारे में बताने के लिए बच्चे को किसी पार्क में घुमाने ले जाएं। इससे भी बच्चा कई जानकारियों के बारे में सीखता और समझता है। अगर आप बच्चे को इतिहास के बारे में बताना चाहते हैं तो उसको किसी म्युजियम में लेकर जाएं, इससे बच्चा ऐतिहासिक घटनाओं और उनके पात्रों को आसानी से याद रख पाएगा।
उसको टिचर बनाएं
कई बार बच्चे खेल खेल में कई चीजों को सीख जाते हैं। बच्चे को आसान तरीके से किसी विषय को याद कराने के लिए आप उसको टिचर बनाएं और खुद को पढ़ाने के लिए कहें। इस प्रक्रिया में आप उसके दोस्तों और अन्य भाई बहनों की मदद ले सकते हैं। इस प्रक्रिया में बच्चे के द्वारा सीखी या पढ़ी गई किसी जानकारी को उसे समझाने के लिए कहें। यदि बच्चा उस चीज को अच्छी तरह से समझ चुका होगा तो वह आपको पूरी जानकारी एक टिचर की तरह बताएगा। इस दौरान बच्चा कहीं कहीं पर अटककर किताब देख सकता है, आप उसके द्वारा याद न रखी गई जानकारी को ध्यान में रखे और दोबारा उन्हें बच्चे को समझाएं। इससे भी बच्चा संबंधित जानकारी को लंबे समय तक याद रख पाता है।
थोड़ी-थोड़ी जानकारी दें
बच्चे किसी चीज को सीखने में समय लगाते हैं, कई बच्चों को लंबी जानकारी याद रखने में परेशानी होती है। ऐसे में आप बच्चे को पूरी जानकारी थोड़ा-थोड़ा करके सिखाएं। अगर आप बच्चे को एक साथ कई तरह के काम करने के लिए कहती हैं तो इससे बच्चा असमंजस में पढ़ सकता है, इसलिए बेहद जरूरी है कि बच्चे को कोई जानकारी देते समय या उसको कुछ काम बताते समय उनको टुकड़ों में बांट दें। इससे बच्चा भी क्रम अनुसार सभी चीजों को सीखते हुए अपना काम पूरा कर पाएगा।
बार-बार अभ्यास कराएं
एक जानकारी को विभिन्न इंद्रियों के उपयोग से बच्चे को सिखाने से यह बच्चे के मस्तिष्क की अलग अलग जगह में अपना स्थान बना लेती हैं। मस्तिष्क में जानकारी अलग-अलग जगह में सुरक्षित होने से बच्चा उसको दोबारा आसानी से बता पाता है और उसको लंबे समय तक याद रख पाता है। जब बच्चा संबंधित जानकारी के बारे में सोचता है, तो मस्तिष्क के विभिन्न न्यूरल सर्किट गतिशील हो जाते हैं, इससे बच्चे का दिमाग तेज होता है। इसको आप बच्चे के दिमाग की एक्सरसाइज भी कह सकते हैं।
सभी जानकारियों को आपस में जोड़े
बच्चों का दिमाग तेज करने के लिए आप किसी एक विषय पर दी जाने वाली जानकारियों को आपस में जोड़ कर उन्हें बताएं, क्योंकि एक दूसरे के साथ बिना जुड़ी जानकारियों को अल्प अवधी स्मृति (short term memory) एक मिनट से भी कम समय तक सुरक्षित रख पाती है। किसी एक विषय पर दी जाने वाली सभी जानकारियों को आपस में जोड़कर बच्चे को याद कराएं व संबंधित जानकारी बच्चे ने जो भी पहले ली थी उसके साथ नई जानकारी को जोड़े, इससे बच्चा पूरी जानकारी को लंबे समय तक याद रख पाएगा और नई जानकारी को भी आसानी से सीख सकेगा।
बच्चे के दिमाग को प्रभावित करने वाले कारक
* हर बच्चे की अपनी अलग क्षमता होती है। कुछ बच्चों का दिमाग अपनी ही उम्र के अन्य बच्चों की तुलना में तेज हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में निम्नलिखित कारकों के चलते बच्चा किसी जानकारी को लंबे समय तक याद नहीं रखा पाता है या उसका दिमाग प्रभावित होता है।
* बच्चे की वर्तमान और पहले की स्वास्थ्य स्थितियां उसके दिमाग को प्रभावित करती हैं, जिसका सीधा असर बच्चे की याद रखने की क्षमता पर पड़ता है। इसमें कई तरह के आनुवांशिक विकार और जन्म के समय या बाद में सिर के निचले हिस्से में चोट लगना आदि को शामिल किया जाता है।
* एकाग्रता में कमी या हाथ में लंबे समय से दर्द होने पर भी बच्चा किसी चीज को सही तरह से सीख और याद नहीं रख पाता है।
* बच्चे के दिमाग का विकास सही से हो इसके लिए संतुलित और पौष्टिक आहार की आवश्यकता होती है। बच्चों के आहार में पोषक तत्वों की कमी का दुष्प्रभाव भी उनके मस्तिष्क पर पड़ता है।
* पर्याप्त नींद भी मस्तिष्क के लिए बेहद जरूरी होती है। नींद में कमी का मतलब हैं याद्दाश्त में कमी आना।
* घर में तनावपूर्ण माहौल का असर भी बच्चे के दिमाग पर पड़ता है। इस माहौल में बच्चे की स्मरण शक्ति किसी भी जानकारी को लंबे समय तक याद नहीं रख पाती है।
बच्चों को तेज दिमाग के लिए क्या खिलाए
सेहत के साथ तेज दिमाग भी काफी मायने रखता है। सभी पेरेंट्स का सपना होता है कि उनका बच्चा स्वस्थ और होशियार हो। कुछ बच्चों का दिमाग तेज होता है और कुछ दिमाग से काफी कमजोर होते है, जिस वजह से वह अक्सर पढ़ाई-लिखाई के मामले में पीछे रह जाते है। अगर आप भी अपने बच्चे के दिमाग को तेज रखना चाहते है तो उसकी डाइट पर अधिक ध्यान दें। उन्हें ऐसी चीजों का सेवन करवाएं, जो दिमाग के लिए काफी फायदेमंद साबित होती है।
सेब : सेब टेस्टी होने के साथ- साथ सेहत को भी ठीक रखता है। इसमें कई पोषक तत्व, विटामिन और खनिज होते हैं जो हमें बीमारियों से बचाते हैं। रोजना सुबह खाली पेट सेब खाने से मस्तिष्क की कोशिकाएं ठीक ढंग से कार्य करती हैं, जिससे सोचने-समझने की शक्ति तेज होती है।
सोयाबीन : सोयाबीन में फायटोस्ट्रोजन नामक हार्मोन और विटामिन B होता है। सोयाबीन से बने पकवान खाने से याददाश्त बढ़ती है और दिमागी कमजोरी दूर होती है। हफ्ते में 2-3 बार सोयाबीन का सेवन करना चाहिए।
बादाम : बादाम में तांबा, विटामिन बी, कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस, लोहा जैसे कई पोषक तत्व होते हैं जो कि बच्चों और बूढ़ों दोनों के लिए फायदेमंद है। रात को 5 बादाम पानी में भिगो दें। सुबह छिलका उतारकर पेस्ट बनाएं और फिर शहद वाले दूध में डालकर पी लें।
पालक : पालक शरीर में आयरन की कमी को पूरा करने के साथ याददाश्त बढ़ाने में भी मददगार होती है। इसमें मैग्नीशियम, पोटैशियम, विटामिन बी, ई और कई पोषक तत्व होते हैं जो दिमाग को तेज बनाते है और हमे कभी बीमार नहीं होने देते।
गाजर और पत्ता गोभी : गाजर और पत्ता गोभी को अपनी डाइट में जरूर शामिल करे।सलाद में गाजर और पत्ता गोभी का अधिक इस्तेमाल करें। सलाद में हरा धनिया, सेंधा नमक, काली मिर्च और नींबू रस मिलाएं और खाएं।
आयुर्वेदिक और घरेलू नुस्खे
* अधिक से अधिक फल और हरी सब्जियों का सेवन कराएं
* जंकफूड, ऑयली चीजों का सेवन न करे कराएं
* सुबह 4 से 8 बजे तक और शाम को 8 से रात 12 बजे तक पढ़ना सबसे अच्छा होता है।
* रात के समय हैवी खाना न कराएं।
* गाय का घी और दूध पीना दिमाग के लिए अच्छा।
* 5 बादाम और 5 अखरोट के टुकड़े को रात में पानी में भिगो दें। सुबह इन्हें अच्छे से पीसकर ब्राह्मी मिलाएं और दूध के साथ कराएं।
* दही में केला या फिर दूध में केला, खजूर खिलाएं
* ब्राह्मी के पत्ते या पाउडर का सेवन कराएं
* दूध में मिलाकर शहद के साथ पिलाएं