ईश्वर की भक्ति करने के कई मार्ग हैं, लेकिन उन सभी में सबसे प्रचलित और सरल-सहज उनकी प्रार्थना करना है. जिस तरह ईश्वर की पूजा के नियम है, क्या उसी तरह उनकी प्रार्थना का भी कोई नियम होता है. मसलन ईश्वर की प्रार्थना कब, कहा, और किस तरह की जाए या फिर कहें उनकी प्रार्थना बंद कमरे में या फिर खुले आकाश तले की जाए. आसन पर बैठ कर किया जाए या फिर जमीन पर खड़े होकर किया जाए. ऐसे कई सवाल अक्सर हमारे मन में आते रहते हैं. आइए जानते ईश्वर की प्रार्थना से जुड़ी कुछ जरूरी बाते…
नित्य भाव से प्रार्थना करने से मानसिक श्रम तथा सुख-दुख, असफलता, निराशा और द्वंद्व इत्यादि से उत्पन्न आघातों के प्रभाव दूर होते हैं और स्नायुओं में फिर से शक्ति भर जाती है। प्रार्थना करने के बाद फलाफल की इच्छा त्याग देनी चाहिए। फलित हो तो भी ठीक, न हो तो भी ठीक। यह स्थिति भी उतनी ही ठीक है जितनी फलित होने पर ठीक होती। कोई भी काम करने से पहले हर इंसान सोचता है, ‘इससे मुझे क्या फायदा होगा?’ क्या प्रार्थना के बारे में भी यह सवाल करना सही है? बिलकुल, क्योंकि हममें से हर कोई यह जानना चाहता है कि प्रार्थना करने से क्या फायदा होगा। प्रार्थना सिर्फ एक धार्मिक रस्म या अपना दिल हलका करने का एक तरीका नहीं है, बल्कि उससे कहीं बढ़कर है। परमेश्वर सच में हमारी प्रार्थनाओं को सुनता है। अगर हम सही बातों के लिए और परमेश्वर की मरज़ी के मुताबिक प्रार्थना करें, तो वह हमारी ज़रूर सुनेगा। और वह खुद यह चाहता है कि हम उसके करीब आएँ। अगर हम हर रोज़ प्रार्थना करें, तो हमें क्या फायदा होगा? आइए प्रार्थना करने से मिलनेवाले कुछ फायदों के बारे मे जानते हैं।
आपको मन की शांति मिलेगी।
जब आपके सामने कोई समस्या या चुनौती आती है, तो क्या आप बहुत चिंता करने लगते हैं? ऐसे मौकों पर हमें “लगातार प्रार्थना करते” रहना चाहिए और “अपनी बिनतियाँ परमेश्वर को बताते” रहना चाहिए। अगर हम प्रार्थना करें, तो ‘परमेश्वर की वह शांति जो हमारी समझने की शक्ति से कहीं ऊपर है, . . . हमारे दिल के साथ-साथ हमारे दिमाग की सोचने-समझने की ताकत की हिफाज़त करेगी।’ जब हम ईश्वर को अपने दिल की बात बताते हैं, तो हमें राहत मिलती है। और ईश्वर चाहता है कि हम उसे अपनी सारी चिंताएँ बताएँ। दुनिया-भर में लाखों लोगों ने पाया है कि प्रार्थना करने से उन्हें मन की शांति मिली है।
मुश्किलों का सामना करते वक्त आपको तसल्ली और हिम्मत मिलेगी।
क्या आपको किसी वजह से हद-से-ज़्यादा चिंता हो रही है? क्या आपको कोई जानलेवा बीमारी है या फिर आप किसी हादसे के शिकार हुए हैं? अगर हाँ, तो ‘हर तरह का दिलासा देनेवाले परमेश्वर’ से प्रार्थना करके आपको बहुत सुकून मिल सकता है।
ईश्वर आपको सही फैसला लेने में मदद करेगा।
कुछ फैसले ऐसे होते हैं, जिनका हम पर और हमारे परिवारवालों पर गहरा असर होता है। इस तरह के फैसले लेते वक्त, हम सही चुनाव कैसे कर सकते हैं? खास तौर से मुश्किलों का सामना करते वक्त तो वह परमेश्वर से माँगते रहे क्योंकि परमेश्वर अपने सभी माँगनेवालों को उदारता से और बिना डाँटे-फटकारे बुद्धि देता है।अगर हम बुद्धि के लिए प्रार्थना करें, तो ईश्वर हमें सही राह दिखाएगा जिससे हम सही फैसले ले सकेंगे। हम ईश्वर से मदद माँगने के लिए उससे प्रार्थना कर सकते हैं। आज बहुत-से लोगों ने सही फैसले लेने के लिए ईश्वर से मदद माँगी है और उन्हें अपनी प्रार्थनाओं का जवाब मिला है।अगर आपको कोई ऐसा फैसला लेना हो, तो उससे इस बारे में प्रार्थना कीजिए और वह ज़रूर आपको सही राह दिखाएगा।
प्रार्थना कैसे करें
प्रार्थना ऐसी हो जो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार हो तो वह अवश्य प्रभावशाली होगी. प्रार्थना में बकबक मत करना केवल बहुत सारे शब्द प्रार्थना नहीं होती।
प्रार्थना का सही तरीका
जैसे किसी संगीतकार को संगीत की भाषा में बताना पड़ता है, मतलब सी माइनर या कौन सी ताल या नोटेशन आदि और एक कम्यूटर इंजिनियर को उसी की भाषा में उसी प्रकार परमेश्वर से बातें करते समय सच्चे मन से करेंगे तो परमेश्वर अवश्य प्रार्थना को सुनेंगे। परमेश्वर तो सभी भाषाओं को जानते हैं तात्पर्य यह है कि कहीं भी कभी भी किसी भी भाषा में सच्चे हृदय से प्रार्थना करते हैं तो परमेश्वर उस प्रार्थना से प्रसन्न होते हैं।
प्रार्थना करने के क्या फायदे हैं?
* हमें मन की शांति मिलती है।
* परेशानियों के दौर में हमें तसल्ली मिलती है।
* हम सही फैसले ले पाते हैं।
* हमें गलत कामों को ठुकराने की हिम्मत मिलती है।
* हमें गलतियों की माफी मिलती है।
* हम दूसरों की मदद कर पाते हैं।
* जब प्रार्थनाओं का जवाब मिलता है, तो हमारा हौसला बढ़ता है
* प्रार्थना चंगाई प्रदान करती है।
* प्रार्थना बुद्धिमान बनाती है।
* प्रार्थना जीवन में आनन्द लाती है।
* प्रार्थना से हम अपने जीवन का दिशा निर्देश प्राप्त करते हैं।
* प्रार्थना हमें परमेश्वर के प्रेम में बनाये रखती है।
* प्रार्थना हमारे दुःख दूर करती है।
* प्रार्थना हमारी समस्या का समाधान प्रदान करती है।
* प्रार्थना हमारा खोया हुआ दुगना वापस दिलाती है।
* प्रार्थना हमें परमेश्वर की शान्ति प्रदान करती है।
*.प्रार्थना दुष्टात्मा से छुटकारा दिलाती है।
* प्रार्थना शैतान को हराती है।
* प्रार्थना कठिन और रहस्यमय ज्ञान को समझाती है।
* प्रार्थना हमें सामर्थ से भरती है।
* प्रार्थना एक पापी को नाश होने से बचाती है।
* प्रार्थना प्रभु से दूर हुए व्यक्ति को फेर लाती है।
* प्रार्थना दर्पण के समान हमारी परिस्थिति से अवगत कराती है।
* प्रार्थना हमारे ह्रदय को शुद्ध करती है।
प्रार्थना करने से हमें और भी बहुत-से फायदे हो सकते हैं। लेकिन अगर आप ये फायदे पाना चाहते हैं, तो सबसे पहले आपको ईश्वर को जानना होगा और यह भी जानना होगा कि उसकी मरज़ी क्या है।