जब आप थक जाते हैं तो हर छोटी बात पर भी आपको ज्यादा गुस्सा आ सकता है। कई बार आप नए आइडिया और फोकस की कमी भी महसूस कर सकते हैं। इसलिए सप्ताहांत पर मानसिक थकान उतारना जरूरी है। तनाव हर उम्र और हर समय में किसी न किसी रूप में जीवन में शामिल रहा है। पर कोविड-19 महामारी ने इसमें और इज़ाफा किया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी मानता है कि आज विश्व में सात में हर पांच युवा तनाव के शिकार हैं। हालांकि महामारी का खतरा अभी पूरी तरह टला नहीं है, पर तनाव कब जाएगा, कहा नहीं जा सकता। इसलिए तनाव से डरने या भागने की बजाए इसका सामना करना सीखें।
व्यस्त और तनाव ग्रस्त लाइफस्टाइल के चलते कई मानसिक समस्याएं होने लगती हैं। तनाव प्रत्येक व्यक्ति की जिंदगी का हिस्सा है लेकिन जब यह बहुत अधिक बढ़ जाता है तो यह आपकी मेन्टल हेल्थ पर बुरा असर डालता है। चिंताएं सिर्फ हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर ही नहीं बल्कि शारीरिक रूप से और हमारे रिश्तों को भी प्रभावित करती है। इसलिए इससे छुटकारा पाना जरूरी है। इसलिए आज कुछ ऐसी ख़ास टिप्स जो आपको तनाव से राहत दिलाने मदद कर सकती हैं। चिंता वह है जो हम महसूस करते हैं जब हम चिंतित, तनावग्रस्त या भयभीत होते हैं – विशेष रूप से उन चीजों के बारे में जो होने वाली हैं, या जो हमें लगता है कि भविष्य में हो सकती हैं। चिंता एक स्वाभाविक मानवीय प्रतिक्रिया है जब हमें लगता है कि हम खतरे में हैं। यह हमारे विचारों, भावनाओं और शारीरिक संवेदनाओं के माध्यम से अनुभव किया जा सकता है।
आखिर क्यों है डर के आगे जीत
‘बी स्ट्रोंग फियर नोट’ किताब में स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि हमें स्ट्रेस तब होता है जब हम इस आशंका में जीने लगते हैं कि यह नहीं हो पायेगा तो हमारा बहुत कुछ बिगड़ जाएगा। समय पर काम पूरा नहीं करने पर न जाने किन किन लोगों से डांट सुननी पड़ेगी। यदि किसी की डांट सुनते हुए लोग सुन लेंगे, तो न जाने लोग क्या कहेंगे। स्वामी विवेकानंद कहते हैं कि रोजमर्रा के जीवन में हम तभी तनावग्रस्त होते हैं, जब हम दूसरों से आगे निकलने की होड़ में अपनी सामर्थ्य से ज्यादा काम करने का विचार मन में लाते हैं। इसके लिए हम झूठ बोलने लग जाते हैं और दिखावा करने लग जाते हैं। यदि हम रोज अपनी सामर्थ्य से ज्यादा काम करने और दिखावा करने का विचार छोड़ दें। हम कुछ ऐसा करें, जो हमारी आशंका और डर को खत्म करे, तो रोज के तनाव से मुक्ति पा सकते हैं।
सेल्फ केयर रूटीन बनाएं
जब भी आप तनावग्रस्त होते हैं तो आप खुद का ख्याल रखना भूल जाते हैं। इसलिए सबसे जरूरी है कि आप अपना सेल्फ केयर रूटीन बनाये। यह आपको तनाव से मुक्त कराने में आपकी मदद कर सकता है।
अपने काम से ब्रेक लें
किसी भी कार्य को लगातार करने से हम काफी तनाव भरा महसूस करते हैं। इसलिए काम से ब्रेक ले और खुद को हील करें। काम से ब्रेक लेने पर आप मानसिक रूप से खुद को स्वस्थ महसूस करते हैं। जिससे एंजायटी की समस्या दूर होती है।
प्रियजन या दोस्तों के साथ समय बिताएं
जब भी आप तनाव कर महसूस करते हैं। तो उससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने प्रिजनों के साथ या दोस्तों के साथ समय बिताएं। क्योंकि जब हम उन लोगों से मिलते हैं तो हमें खुशी महसूस होती है। तब हम अपनी सभी चिंताओं को भूल जाते हैं और काफी अच्छा महसूस करते हैं।
अपने विचारों को लिखें
अपनी चिंताओं से मुक्त होने का सबसे आसान तरीका यह है कि आप अपने विचारों को किसी नोटबुक पर लिखें। क्योंकि कई बार हम अपने विचारों को या अपनी परेशानियों को किसी को समझाने में असमर्थ होते हैं या किसी से खुल कर बात नहीं कर पाते हैं। तब यह तरीका आपके लिए बेहद कारगार साबित होता है। ऐसा करने से आप अपने मन को हल्का महसूस करते हैं और इससे तनाव कम होता है।
करें ब्रीदिंग का अभ्यास
कभी-कभी कुछ विचारों से ही हम बहुत अधिक चिंता ग्रस्त हो जाते हैं और डरने लगते हैं। ऐसे में आप गहरी लंबी सांस लेते हुए अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। इस अभ्यास को करते समय आप सभी चिंताओं को भूल जाते हैं। और केवल अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करते हैं। तो जब भी आप किसी चिंता से ग्रस्त हो या तनाव महसूस करें तब इससे बचने के लिए इस अभ्यास को करना एक अच्छा उपाय है।
ध्यान करें
मेडिटेशन एक बेहतरीन उपाय है ध्यान केंद्रित करने से ना केवल हमारी चिंताएं दूर होती है। बल्कि हमारा फोकस भी बढता है। हम किसी कार्य को और बेहतर तरीके से और ध्यान से कर सकते हैं।
कुछ पढ़ें, लिखें, ड्रा करें या पेंट करें
चिंता से बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि आप खुद को किसी दूसरे काम में व्यस्त कर लें। आप जब भी चिंतित हो तब आप किसी बुक को पढ़ें, अपने विचारों को लिखें, कोई पेंटिंग बनाएं, किसी पेंटिंग में रंग भरे या गार्डनिंग करें। यह सभी उपाय आपकी मेंटल हेल्थ को स्वस्थ रखते हैं। आप चिंताओं से मुक्त होने के साथ खुशी का अनुभव करते हैं। हर किसी का चिंता का अनुभव अलग होता है। ये टिप्स आपको राहत दिलाने का और चिंताओं पर कंट्रोल करने में कुछ मदद कर सकती हैं। लेकिन यदि फिर भी आपका तनाव दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है तो आपको उस समस्या की जड़ तक जाने की कोशिश करनी चाहिए और किसी पेशेवर से सलाह लेने की आवश्यकता है।
अपना प्रिय खेल खेलने का वक्त निकालें
तनाव दूर करने के लिए बचपन के पसंदीदा रह चुके खेल को खेलने की कोशिश करें। यह कैरम, चेस से लेकर फुटबॉल, हॉकी या दूसरा कोई स्पोर्ट्स हो सकता है। खेलने से न सिर्फ मसल्स मजबूत होते हैं, बल्कि सेरोटोनिन सीक्रेट होने के कारण तनाव से भी राहत मिलती है।
स्ट्रेस बॉल को स्कवीज करें
घर हो या ऑफिस, कभी-कभी वर्क प्रेशर इतना अधिक होता है कि साथ काम करने वाले या परिवार के सदस्य को पीटने का मन करता है। उनके साथ ऐसा नहीं करें, बल्कि रबर का एक ऐसा बॉल खरीदें, जो स्कवीज हो सके। गुस्सा आने पर इसे खूब दबाएं। निचोड़ने की कोशिश करें। यह तनाव दूर करने का एक आसान तरीका है।
आंखें बंद करें और हाथों पर मसाज करें
इसे आप घर या ऑफिस कहीं भी आजमा सकती हैं। काम से ब्रेक लेकर आंखों को थोड़ी देर के लिए बंद कर लें। शरीर को ढीला छोडकर सांस लें और छोड़ें। इससे कंसंट्रेशन बढ़ेगा और तनाव से मुक्ति भी मिलेगी। आंखों को बंद किये हुए हथेलियों से एक-दूसरे हाथ की मालिश करें।
कुछ देर के लिए अकेले रहें
पांच मिनट का समय खुद के लिए निकालें। कमरे में अकेले बैठें। इस समय आप अपने पुराने विचारों को एकत्र कर सकती हैं। महसूस करें कि ब्रेन को विचारों की कैद से निकाल सकती हैं। कुछ समय बाद साफ़ दिमाग आपको रिलैक्स होने में मदद कर सकता है।
पालतू पशु के साथ खेलें
लगातार बहुत अधिक तनाव महसूस कर कर रहे हैं, तो घर पर मौजूद पेट के साथ खेलने के लिए समय निकालें। ये मूक पशु तनाव को काफी हद तक दूर कर देंगे।
शहद घाेल सकता है मिठास
प्राकृतिक स्किन मॉइस्चराइजर और एंटीबायोटिक होने के अलावा शहद में मौजूद कंपाउंड रिलैक्स भी करते हैं। शहद मस्तिष्क में सूजन को कम करता है। इसका मतलब यह हुआ कि यह डिप्रेशन और एंग्जायटी से लड़ने में मदद करता है। तनाव होने पर एक टीस्पून शहद गुनगुने पानी में घोलकर पी लें।
साभार : हेल्थ शॉट्स
डिस्क्लेमर- यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर द्वारा चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं है। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में योग्य चिकित्सक से परामर्श जरूर लें।