सभी के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब सभी चीजें आपके विरोध में हो रहीं हों और हर तरफ से निराशा मिल रही हो। आप जीवन के उस मोड़ पर खड़े होता हैं जहां सब कुछ गलत हो रहा होता है। अब चाहे ये कोई सॉफ्टवेर हो सकता है जिसे सभी ने रिजैक्ट कर दिया हो, या आपका कोई फैसला हो सकता है जो बहुत ही भयानक साबित हुआ हो। लेकिन सही मायने में, विफलता सफलता से ज्यादा महत्वपूर्ण होती है। हमारे इतिहास में जितने भी बिजनैस मेन, साइंटिस्ट और महापुरुष हुए हैं वो जीवन में सफल बनने से पहले लगातार कई बार फेल हुए हैं। जब हम बहुत सारे काम कर रहे हों तो ये जरूरी नहीं कि सब कुछ सही ही होगा। अपनी असफलताओं पर बहुत अधिक सोच-विचार करने की बजाय उनसे मुकाबला कैसे किया जाए, यह जानने की कोशिश करें।असफलताओं से डरने की बजाय उनसे मुकाबला करने की कोशिश करें।
असफलता आपको सफल होने के हज़ारों रास्ते दिखाती है. हर सफल आदमी कभी न कभी असफलता का सामना कर चुका होता है. अगर आपने ज़िंदगी में कभी असफलता नहीं देखी तो मान लीजिए आपने सही मायने में सफलता नहीं देखी. ये कुछ बातें हैं, जो हर असफलता के बाद हम अपने आप को समझाने के लिए दोहराते हैं. यक़ीन मानिए, ये बातें अगर आप दिल से दोहराएंगे तो असफलता वाक़ई सफलता के दरवाज़े खोल देगी. आख़िर जैसे जीवन में हर चीज़ अस्थाई है, उसी तरह असफलता भी अस्थाई है. अक्सर जब हम किसी क्षेत्र या काम में असफल होते हैं, तो बेहद दुखी हो जाते हैं। असफल होने का दुख इतना बड़ा लगता है कि हमारी दिनचर्या और खानपान भी प्रभावित होने लगता है। असफलता चाहे कितनी भी बड़ी हो, इसके पीछे बहुत अधिक चिंतित होने या अपने आगे के जीवन को प्रभावित करने का कोई मतलब नहीं है। आइए जानते हैं असफलता से मुकाबला कैसे किया जाए।
गलतियों से सीखने की कोशिश करें
असफलता पर घंटों सोचते रहने से कुछ नहीं हासिल होगा। बहुत अधिक सोचने से अनावश्यक तनाव पैदा होगा। इसकी बजाय आपको असफलता क्यों मिली, इसके कारणों की तह तक जाने की कोशिश करें। स्वयं से हुई गलतियों को ढूंढें। उन गलतियों को किस तरह ठीक किया जा सकता है, इस पर विचार करें। यह जरूरी है कि आप अपनी असफलताओं के लिए बहाना न बनाएं। यह पता लगाने का प्रयास करें कि चीजें उस तरह क्यों नहीं हुईं, जिस तरह होनी चाहिए। गलतियों को स्वीकार करें और उनसे सीखने पर ध्यान केंद्रित करें।
डर की बजाय सकारात्मक विचार पर ध्यान दें
एक सफलता के पीछे हजार असफलताएं होती हैं। ऐसा ज्यादातर व्यक्तियों के साथ होता है। ज्यादातर लोग सफलता पाने से पहले कई बार असफल होते हैं। यह सभी बातें और कहावतें हम बातचीत के दौरान कहते हैं, लेकिन जब अपनी बारी आती है, तो इसे आजमाना भूल जाते हैं। हम अपनी असफलता से डर कर प्रयास करना छोड़ देते हैं। हम सोचने लगते हैं कि हम कभी सफल नहीं होंगे। डर को हावी होने देने की बजाय मन से निकालने का प्रयास करें। स्वयं में यह सकारात्मक भाव भरें कि हम जरूर सफल होंगे। सकारात्मक विचारों के साथ दिनचर्या शुरू करने पर हम अपनी असफलता से संघर्ष करना सीख जाते हैं।
कोशिश करने से ब्रेक ले लें
अगर आप अपनी ओर से पूरी कोशिश करने के बावजूद लंबे समय से असफल हो रहे हैं तो हो सकता है कुछ टेक्निकल प्रॉब्लम हो. रिलैक्स, हम समझाते हैं. कई बार ऐसा होता है आप पूरी कोशिश करने के बावजूद, अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाते. ऐसे में हम अगली बार थोड़ा और ज़ोर लगाते हैं. पर तब निराश हो जाते हैं, जब नतीजा अगली बार भी वही होता है. अगर आपके साथ ऐसा हो रहा हो तो कुछ समय के लिए हार मान लें और यह स्वीकार कर लें कि आप सफल नहीं हो पा रहे हैं. ब्रेक लेने के बाद कुछ दिनों तक उस बारे में सोचें भी न. लगभग एक हफ़्ते बाद अपने प्रयासों का स्टेप-बाय-स्टेप आकलन करें।
कमजोरी को बनाएं खूबी
जब आप अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने में विफल होती हैं, तो चिंता, उदासी, शर्म और क्रोध की भावनाएं आप पर हावी होने लगती हैं। यह स्वाभाविक है। विफलता के बाद आहत महसूस करें, लेकिन उसे अपनी कमजोरी न बनाएं। इन भावनाओं को जबर्दस्ती अपने ऊपर थोपें नहीं। अपनी कमजोरी को ही अपना अस्त्र बना लें। आत्म मंथन की एक सीमा होती है। इस सीमा से बंधे रहने की बजाय स्वयं को असफलता से बाहर निकालें। स्वयं में अच्छी भावनाएं भरें और भविष्य में बढ़िया प्रदर्शन करने के लिए अभी से प्रयास शुरू कर दें। अपनी खूबियों पर काम करें।
अपने विचारों और कारणों को लिख लें
जब आप अपनी असफलता का आकलन करते हैं तब पाते हैं कि कोई बहुत छोटी-सी कमी रह गई थी, जो आपके और सफलता के बीच आ रही थी. जब आप अपनी असफलता का आकलन करने बैठे ही हैं तो सबसे पहले अपने दिमाग़ में आ रहे विचारों को लिख लें. हो सकता है कि शुरुआत में आपके विचार कुछ ज़्यादा ही नेगेटिव हों, पर यही नकारात्मक विचार आपको सफलता दिलाने में मददगार साबित होनेवाले हैं. जब आपका दिमाग़ शांत हो जाए तब अपने असफलता के कारणों को पढ़ें. अब असफलता के कारणों को जानने के बाद ख़ुद ही उन कारणों को दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है, वह लिखें. समाधान जो भी हो, वह व्यावहारिक भी होना चाहिए. कई बार समस्या थोड़ी टेक्निकल हो जाती है. ऐसे में किसी प्रोफ़ेशनल की मदद ली जा सकती है. अगली बार उन छोटी-मोटी कमियों को दूर करके प्रयास करें, यक़ीनन नतीजा बेहतर होगा।
अपनी भावनाओं को कंट्रोल में रखें
असफलता हमें नकारात्मक बनाती है. हम पहले ख़ुद पर ग़ुस्सा होते हैं, फिर अपने आसपास के लोगों पर ग़ुस्सा होते हैं. ग़ुस्से में हम कई बार ऐसा कुछ कह देते हैं या कर देते हैं, जिसके बारे में सोचकर आपको बाद में पछतावा होता है. असफलता के बाद की नकारात्मक भावनाओं को कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छा तरीक़ा है, अपने शौक़ को समय देना. जब आप अपनी पसंद की गतिविधियों में समय बिताते हैं, तब आपका शरीर हैप्पी हार्मोन्स स्रवित करता है. हैप्पी हार्मोन्स आपको अपनी नकारात्मक भावनाओं से निपटने में मददगार होते हैं।
असफलता दिमाग़ी खेल है, पर अपने शरीर को नज़र अंदाज़ न करें
भले ही असफलता दिमाग़ी खेल हो, पर उसका असल हमारे शरीर पर भी पड़ने लगता है. जब आप स्ट्रेस में होते हैं तो स्ट्रेस हार्मोन्स रिलीज़ होते हैं, जो आपके शरीर नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं. अगर आप लंबे समय से असफलता के चलते स्ट्रेस में हों तो अपने शरीर का चेकअप कराएं. कम्प्लीट ब्लड टेस्ट के साथ-साथ हार्ट, लिवर और किडनी जैसे अंगों के फ़ंक्शन टेस्ट ज़रूर कराएं. कई बार लोग स्ट्रेस में ज़्यादा खाते हैं, स्मोकिंग या ड्रिंकिंग जैसी आदतें लगा लेते हैं, इसलिए भी फ़िज़िकल फ़िटनेस टेस्ट कराना ज़रूरी होता है।
अपनी दिनचर्या को नियमित करें
सफलता के लिए ज़रूरी है सही काम को सही समय पर किया जाए. यहां हमारा सही काम से मतलब है एक अच्छी दिनचर्या का नियमित रूप से पालन करना. जब हम सूर्योदय के पहले बिस्तर छोड़ देते हैं और रात को जल्दी सो जाते हैं. नियमित रूप से व्यायाम करते हैं. तो हमारे सफल होने की संभावना काफ़ी हद तक बढ़ जाती है. ऐसा तब होता है, जब हम सकारात्मक लोगों के संपर्क में रहते हैं. ऐसे लोग न तो ख़ुद नकारात्मक होते हैं और न ही दूसरों को निराश रहने देते हैं. आप ऐसे लोगों के साथ सुबह-सुबह जॉगिंग पर जाएं या शाम का कुछ पल इनके साथ बिताएं. एक महीना ही करके देखिए, आप ख़ुद में कितने सकारात्मक बदलाव महसूस करेंगे, जिससे आख़िरकार आपको सफल होने में मदद मिलेगी।
स्वस्थ आदतें विकसित करें
यदि सुबह उठने के साथ अच्छी सेहत के लिए कुछ जरूरी काम नहीं कर रहे हैं, तो आज से ही शुरू कर दें। जब जागो तभी सवेरा वाक्य को फॉलो करें। स्वयं में स्वस्थ आदतें विकसित करें। सुबह उठकर टहलने जाएं, ब्रीदिंग एक्सरसाइज का अभ्यास करें, ठंडे पानी से स्नान करें या सिर पर पानी डालकर स्नान करें। इस तरह नहाने से स्वयं को तरोताजा महसूस करेंगे। परिवार और दोस्तों से मिलें। ऐसी एक्टिविटीज करें, जो आपके दिमाग को नकारात्मक विचारों से मुक्त रखता हो। गुड हैबिट्स या एक्टिविटीज की एक ऐसी सूची बनाएं, जिन्हें करने में आपको मजा आता हो। समय मिलने पर नियमित रूप से उनका अभ्यास करने का प्रयास करें।
पढ़ें महापुरुषों की जीवनियां
अक्सर लोग असफलता हासिल करने पर नशे की ओर अपने कदम बढ़ा देते हैं। नशे को आदत बनाने की बजाय इतिहास के उन पुरुषों और महिलाओं की कहानियां जानने की कोशिश करें, जिन्होंने ढेर सारी असफलताओं के बाद सफलता हासिल की। असफलता से मुकाबला करने की सीख लेने के लिए महापुरुषों की जीवनियां पढें। ऐसे महापुरुषों की संख्या बहुत अधिक है, जो अपने जीवन में किसी न किसी मोड़ पर असफल हुए हैं, लेकिन अपनी मेहनत से अलग-अलग क्षेत्रों में बड़ी सफलता हासिल की। इन सभी लोगों में एक बात समान थी कि उन्होंने अपनी पिछली विफलताओं से सीखने की कोशिश की और आगे बढ़े।
अंत में, पर सबसे जरूरी बात, कम्फर्ट जोन से बाहर निकलें। अपने लिए वे सभी प्रयास करें, जो आपको सफलता दिला सकते हैं।