बच्चे हों या बड़े आज कल के अनियमित खान-पान व लगातार नए तरह के गेजिट्स के उपयोग के चलते इनकी आंखों पर लगातार असर पड़ रहा है। जो एक समस्या भी बनती जा रही है। ऐसे में लोगों को ठीक से देखने के लिए चश्मे की जरूरत पड़ने लगी हैं। वहीं कुछ जानकारों की माने तो इस समस्या को बढ़ाने में थोड़ा बहुत हाथ प्रदूषण का भी है। ज्यादा देर तक कंप्यूटर पर काम करते हुए या किताब, टीवी देखते हुए आपकी आंखे दर्द करने लगती है, तो यह आपके लिए खतरे की घंटी हो सकती है। ऐसे में आंखों की रोशनी कमजोर होने से आपकी आंखों पर चश्मा चढ़ जाता है। यदि कुछ लोगों को पहले से ही चश्मा चढ़ा हुआ है तो उनके लिए भी चश्में से छुटकारा पाने के कई तरीके हैं, जिनका उपयोग कर वे अपनी आंखों को स्वस्थ्य रख सकते हैं। आंखों की रोशनी बढ़ाने और चश्मा हटाने के कई घरेलू उपाय भी जिनसे आप आसानी से चश्मे से छुटकारा पा सकते हैं।
आजकल कई लोग आंखों के कम दिखने से परेशान हैं और उन्हें हर वक्त चश्मा या फिर लेंस लगाए रखने पड़ते हैं. एक बार जिन लोगों को चश्मा लग जाता है उनके चश्मे का नंबर भी बढ़ता रहता है और ये उम्र भर की सिर दर्दी बन जाता है. अगर वक्त रहते अपनी दृष्टि और इसमें परेशानी के कारणों पर ध्यान नहीं दिया जाता है तो चश्मा चढ़ने की स्थिति आ जाती है. हालांकि कुछ घरेलू उपायों को करके इस समस्या से निजात पाया जा सकता है और चश्मा से बचा जा सकता है।
आँखों की रोशनी कम होने के मुख्य कारण
* हमारा रहन सहन
* अधिक टी.वी देखना
* मोबाइल कंप्यूटर का अधिक प्रयोग
* पौष्टिक खाना ना खाना
* किसी बीमारी की वजह से
आंखों से चश्मा उतारने के घरेलू उपाय
गाजर का जूस – गाजर में कई तरह के विटामिन्स होते है, ये सभी प्रकार के तत्व आंखों को सही रखने मे कारगर होते हैं, इसलिए इस सब्जी का जूस पीना आंखों के लिए लाभकारी होता है।
* गाजर का जूस निकालने के लिए आपको बस कुछ गाजरों को अच्छे से धोना होगा और फिर इनके छिलकों को छीलना होगा।
* इसके छोटे छोट टुकड़े कर लें और इन्हें मिक्सी में डालकर इसका जूस निकाल लें. आप चाहें तो इस जूस का स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें नींबू का रस भी डाल सकते हैं, कोशिश करें की आप इस जूस को नियमित रूप से पीते रहें।
धनिया का रस – काफी कम लोगों को इस बात की जानकारी होगी, कि धनिया की मदद से आंखों की रोशनी को भी सही किया जा सकता है और आंखों की रोशनी सही करने के लिए आपको इसका थोड़ा सा रस निकालना होगा और इस रस को अपनी दोनों आंखों में डालना होगा. आंखों में इसका रस डालने के बाद 15 से लेकर 20 मिनट तक अपनी आंखें बंद रखें।
हरी सब्जियों का सेवन अधिक करें – हरी सब्जियों के अंदर कई लाभकारी तत्व जाते हैं जो कि शरीर के लिए गुणकारी होते हैं, इसलिए इन सब्जियों को खाने से आंखों को भी लाभ पहुंचता है और आंखों की रोशनी सही बनी रहती है। आंखों की रोशनी कम होने पर विभिन्न प्रकार की हरी सब्जियों को रोजाना खाने से इनकी रोशनी को बढ़ाया जा सकता है, वहीं अगर आपको सब्जियां खाना पसंद नहीं है, तो आप इन सब्जियों का सूप बनाकर उसका सेवन कर सकते हैं।
गुलाब जल – गुलाब जल आंखों को ठंडक देने का कार्य करता है और इसको आंखों में डालने से आंखों की रोशनी बनी रहती है और कम भी नहीं होती है. इसलिए अगर आपको चश्मा चढ़ा हुआ है तो आप हफ्ते में दो बार गुलाब जल इनमें जरूर डालें. हालांकि गुलाब जल आंखों में डालने से पहले ये सुनिश्चित कर लें, कि ये आपकी आंखों को सूट करता हो और जो जल आप डाल रहे हैं वो सही क्वालिटी का हो. गुलाब जल को आप घर पर भी बना सकते है।
त्रिफला का उपयोग
1 चम्मच त्रिफला पाउडर को 1 गिलास पानी में डाल कर रात भर रख दें. अब अगले दिन सुबह इस पानी को छान लें और इस पानी से अपनी आँख धोएं. आँख धोते समय साफ पानी अपने में रखें. 1 महीने में ऐसा करने से आपको असर दिखाई देगा. रोज यह प्रक्रिया करें आपको परिणाम जरुर मिलेगा।
आवला – आमला में वितामिन C होता है, जो आँखों के लिए बहुत अच्छा होता है. आप आमला को किसी भी रूप जैसे आमला को ऐसे ही खाएं, उसका पाउडर , जैम, मुर्रबा, दवाई, जूस कैसे भी ले सकते है. आवला हमारे बालों, नाखूनों, और आँख के लिए बहुत अच्छा होता है. आमला जूस बाजार में बना बनाया मिल जाता है, इसे थोड़ी सी शहद के साथ रोज सुबह पियें या फिर 1 चम्मच आमला पाउडर को पानी के साथ सोने से पहले खाएं. ये दोनों ही तरीके आपकी आँखों की रोशनी बढ़ने में सहायक है. इसे लगातार लेने से आपकी रोग अवरोधक क्षमता बढ़ेगी।
सरसों का तेल
सरसों के तेल का प्रयोग कई चीजों को बनाने में किया जाता है और ये तेल काफी अच्छा होता है. इस तेल की मदद से आंखों की रोशनी को भी ठीक और सही किया जा सकता है. आपको बस रोज रात को सोने से पहले अपने पैरों के नीचे इस तेल को मलना होगा और कुछ देर तक पैरों की मालिश करनी होगी।
फलों का सेवन करें
फलों के बहुत फायदे होते है, अंगूर, संतरा और पपीते जैसे फल आंखों के लिए काफी सही होते हैं, इसलिए आप इन फलों को खाना शुरू कर दें, ताकि आपकी आंखों की रोशनी सही रहे और बढ़ भी सके।
बादाम, मिश्री और सौंफ
अगर आप रोज सौंफ, बादाम और मिश्री से बने हुए पाउडर का सेवन करें, तो यह आपकी आखों के लिए फायदेमंद होगा. इन चीजों को पीसने के बाद एक डिब्बे में आप इनको डालकर रख दें और रोज सोने से पहले 250 मिली लीटर दूध के साथ ये मिश्रण 10 ग्राम की मात्रा में लें, वहीं बच्चों को ये मिश्रण 5 ग्राम की मात्रा में ही दें।
बिलबेरी
बिलबेरी नामक फल एंटीऑक्सीडेंट की तरह कार्य करता है और ये मानव शरीर में रक्त प्रवाह को सही रखता है. साथ में ही इसको खाने से रेटिना पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है और इस फल को खाने से कम रोशनी की समस्या को भी दूर किया जा सकता है।
काली मिर्च
काली मिर्च भी आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कारगर सिद्ध होती है और इसलिए आप इसका सेवन जरूर करें।
सूखे मेवे
सूखे मेवे शरीर के लिए काफी अच्छे होते हैं और इनका सेवन करने से आंखों पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है, इसलिए जिनकी नजर कमजोर हैं वो सूख मेवे रोजाना खाना शुरू कर दें, ताकि उनकी नजर बढ़ सके।
पालक का सूप
पालक का सूप पीने से भी आंखों की रोशनी को सही किया जा सकता है और इसलिए आप अपने खाने में पालक के सूप को जोड़ लें, हो सके तो आप हफ्ते में तीन दिन इस सूप का सेवन जरूर करें।
मछली
मछली को खाने से भी आंखों की रोशनी को बढ़ाया जा सकता है, दरअसल मछली के अंदर मौजूदा विटामिन आंखों के लिए लाभ दायक होते हैं. वहीं अगर आपको मछली खाना पसंद नहीं है तो आप बाजार में इनके तेल के बिकने वाले कैप्सूल का सेवन कर सकते हैं।
आंखों से चश्मा हटाने के लिए एक्सरसाइज
विभिन्न विभिन्न तरह की एक्सरसाइज और योगा करके आंखों की रोशनी को ठीक किया जा सकता है. इसलिए आप रोजाना आंखों से जुड़ी एक्सरसाइज जरूर करें।
आंखों पर हाथ रखना – आप एक कुर्सी पर बैठ जाएं और फिर अपने हाथों को आपस में रगड़ लें और जैसे ही आपके हाथ गर्म होने लगे, आप अपनी आंखें बंद कर लें और फिर इन्हें अपनी आंखों पर रख लें. इस प्रक्रिया को आप पांच मिनट तक करते रहें, ये एक्सरसाइज करने से आपकी आंखों को रिलीफ मिलता है, इसलिए ये एक्सरसाइज आप रोजाना करें।
पलक झपकाना – कंप्यूटर और अधिक टी.वी अधिक उपयोग करने वाले लोगों की आखें इफैक्ट होती है, इसलिए अगर आप भी इन प्रकार की चीजों को ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, तो पलक झपकाने की एक्सरसाइज शुरू कर दें। ये एक्सरसाइज करने के लिए आपको बस अपनी आंखों को जल्दी से बंद करना होगा और फिर खोलना होगा, आप ये एक्सरसाइज कम से कम दो मिनट तक करते रहें।
आंखों की मालिश करें – हल्के हाथों से मसाज करने से आंखों को काफी आराम मिलता है. ऐसा करने से इनकी रोशनी को भी बढ़ाया जा सकता है. आंखों की मालिश करने के लिए आपको अपनी आंखों को बंद करना होगा और हाथों की मदद से इनकी मालिश करनी होगी, हालांकि मालिश करते समय हाथों से आंखों को ज्यादा ना दबाएं।
चारों दिशा में आखों को घूमाए – आप आराम से एक कुर्सी पर बैठ जाएं और अपनी आंखों से पहले ऊपर की ओर देखें और फिर धीरे धीरे इन्हें नीचे की ओर ले आएं. इसी तरह से आंखों से पहले बाएं ओर देखे और फिर धीरे धीरे इन्हें दाईं ओर ले जाएं, ये एक्सरसाइज आप कम से कम तीन मिनट तक करें।
आंखों का ख्याल रखने से जुड़ी अन्य बातें – रोजाना अपनी आंखों को कम से कम दो बार ठंडे पानी से साफ करें, ऐसा करने से इनको राहत मिलती है और इनपर किसी प्रकार का जोर नहीं पड़ता है। जिन लोगों को चश्मा लगा हुआ है उन लोगों को समय समय पर चिकित्सक से संपर्क करते रहना चाहिए . और इस बात का ध्यान रखें की आप सही क्वालिटी के चश्मा का प्रयोग ही करें क्योंकि घटिया क्वालिटि से बने चश्मे के लेंस के कारण आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
रोशनी बढ़ाने के लिए करें एक्सरसाइज
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कुछ एक्सरसाइज को नियमित रूप से करना चाहिए. ज्यादातर एक्सरसाइज वॉलेंटरी मसल्क यानि रेक्टस और इन्वॉलेंटरी मसल्स यानि सिलियरी और ऑब्लिक से जुड़ी होती हैं. साथ ही पर्याप्त नींद और आंखों को आराम देना भी जरूरी है.
सन स्विंगिंग – सूरज की ओर आंख कर उसे बंद कर लिजिए और अपने शरीर को एक साइड से दूसरी साइड तक स्विंग कीजिए. पांच मिनट तक ऐसा करें. इससे आई बॉल की मसाज होती है।
पेंडुलम एक्सरसाइज – अपनी आंखों को पेडुलम की तरह एक किनारे से दूसरे किनारे तक घुमाइएय यह एक्सरसाइज ऑब्लिक मसल्स को प्रभावित करता है और लेंस को फोकस करता है.
आंखों को घुमाएं – सिर और गर्दन को बिना घुमाए उपर की ओर देखें. इसके बाद धीरे-धीरे 10 बार घड़ी की सुई की दिशा और 10 बार उल्टी दिशा में आंखों को घुमाएं.
आई वॉश – एक कप में पानी भरकर उसमें एक आंख डालें और करीम 10 बार आंखों को झपकाएं. इससे वॉलेटरी और इनवॉलेटरी मसल्स टोन होती है.
दूर से पढे़ं – अक्षर लिखे हुए चार्ट को 20 फीट की दूरी से करीब 20 सेकेंड तक पढ़ने की कोशिश करें. यह प्रक्रिया हर 20 मिनट बाद करीब 5 बार करें. इससे आंखों पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है.
बच्चों के मामले में
कई मामलों में विशेषकर बच्चों को इस बात का अंदाजा ही नहीं होता कि उन्हें आंखों की कोई समस्या है। चश्मा उतारने के घरेलू उपाय के बारे में जानने से पहले ये जान लें कि हमारा मस्तिष्क ही कुछ वर्षों तक आंखों को हुए नुकसान की भरपाई करता रहता है और धीरे-धीरे हम इसके आदी हो जाते हैं। लेकिन, एक हद के बाद मस्तिष्क के लिए भी इस समस्या को संभाल पाना आसान नहीं होता। और कई बार तब तक समस्या काफी बढ़ चुकी होती है। नजर कमजोर हो, तो आपका बच्चा दुनिया के सभी रंगों का पूरा मजा नहीं ले पाता। भारत में भी अठारह वर्ष से कम आयु के करीब 41 फीसदी बच्चों को नेत्र संबंधी विकार हैं।
बच्चों में आंखों की समस्या चश्मा उतारने के घरेलू उपाय
बच्चों में आंखों की कुछ समस्याओं को चिकित्सीय सहायता की जरूरत होती है। लेजी आई सिंड्रोम, भैंगापन, रतौंधी, रेटिनोपेथी, मायोपिया, हाइपरोपिया और एस्टीग्मटिजल आदि समस्याओं पर फौरन ध्यान दिए जाने की जरूरत होती है। अगर इन रोगों के लक्षणों को शुरुआत में ही पहचान कर इसका निदान शुरू कर दिया जाए, तो काफी फायदा होता है।
अनुवांशिक रोग भी
अपने बच्चे की आंखों में किसी भी प्रकार के बदलाव को ध्यान से महसूस करें। यदि बच्चे को एकाग्र या आंखों की मांसपेशियों को नियंत्रित करने में परेशानी हो रही हो, तो आपको फौरन उसकी नेत्र जांच करवानी चाहिए। इतना ही नहीं अगर उसकी नजर कमजोर होने का आभास हो, तो आपको अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। उदाहरण के लिए मायोपिया एक अनुवांशिक रोग है, जो माता-पिता से बच्चे को हो सकता है। मायोपिया आंखों का रोग है इस रोग में व्यक्ति दूर की चीजों को ठीक तरह से नहीं देख पाता। अगर आप मायोपिया की जांच समय रहते करवा दें, तो आपके बच्चे को इस रोग से बचाया जा सकता है। बच्चा जब तक व्यस्क होता है, तब तक यह रोग और गंभीर हो जाता है।
बच्चे के लिए विटामिन
विटामिन ए: विटामिन ए, रेटिना पर पड़ने वाली रोशनी को नर्व सिग्नल में बदलता है। इससे आपके बच्चों की आंखों की सेहत अच्छी होती है। विटामिन ए की कमी बचपन में आंखों की बीमारी का सबसे प्रमुख कारण होती है। जब शरीर में विटामिन ए की कमी होती है, तो आंखों के विभिन्न हिस्सों में बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। विटामिन ए की कमी का सबसे प्रमुख लक्षण है कि बच्चे को अंधेरे में देखने में दिक्कत होती है। हमारे शरीर को विटामिन ए आहार से मिलता है। गाजर और दूध जैसे आहार विटामिन ए से भरपूर होते हैं। इसके साथ ही कलेजी, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली आदि में भी विटामिन ए होता है।
बच्चे के लिए विटामिन
विटामिन ए – विटामिन ए, रेटिना पर पड़ने वाली रोशनी को नर्व सिग्नल में बदलता है। इससे आपके बच्चों की आंखों की सेहत अच्छी होती है। विटामिन ए की कमी बचपन में आंखों की बीमारी का सबसे प्रमुख कारण होती है। जब शरीर में विटामिन ए की कमी होती है, तो आंखों के विभिन्न हिस्सों में बदलाव आने शुरू हो जाते हैं। विटामिन ए की कमी का सबसे प्रमुख लक्षण है कि बच्चे को अंधेरे में देखने में दिक्कत होती है। हमारे शरीर को विटामिन ए आहार से मिलता है। गाजर और दूध जैसे आहार विटामिन ए से भरपूर होते हैं। इसके साथ ही कलेजी, हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली आदि में भी विटामिन ए होता है।
विटामिन सी और ई – विटामिन सी और ई भी हमारी आंखों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। ये विटामिन मोतिया और उम्र के मांसपेशियों पर पड़ने वाले असर को कम करते हैं। यह गंभीर स्थिति बच्चों को परेशान नहीं करती, लेकिन आप अगर अपने बच्चे को इन विटामिन से भरपूर आहार देते हैं, तो दीर्घकाल में आपके बच्चे की नजरों को लाभ ही होगा।विटामिन सी आंखों पर पड़ने वाले दबाव को कम करता है। ब्रोकली, कीवी, संतरा, स्ट्राबेरी और गोभी आदि विटामिन सी के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। वहीं, गेहूं के बीज का तेल, सूरजमुखी के बीज, बादाम और पीनट बटर आदि विटामिन ई के अच्छे स्रोत माने जाते हैं।
यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।