आधुनिकता के इस युग में बेटियों को अत्मनिर्भर बनाना काफी जरूरी हो गया है. ऐसे में कुछ पैरेंट्स महज शिक्षा को ही सेल्फ डिपेंडेंट बनने का रास्ता मानते हैं. हालांकि, बेटियों को सेल्फ डिपेंडेंट बनाने के लिए पर्सनालिटी डेवलेपमेंट काफी जरूरी होता है. इसके लिए लड़कियों को बचपन से ही अपनी देखभाल करने से लेकर अपने फैसले खुद लेने और आजादी देकर उन्हें आसानी से सेल्फ डिपेंडेंट बनाया जा सकता है. लड़कियां आज किसी से पीछे नहीं है और जमाने के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रही हैं। अगर भी चाहते हैं कि आपकी बेटी आगे बढ़े और खूब तरक्की करे, तो उसे ये बातें जरूर सिखाएं।
हर माता पिता अपने बच्चे की सर्वश्रेष्ठ ढंग से परवरिश करना चाहते हैं। पेरेंटिंग का सही तरीका बचपन से लेकर वयस्क होने तक बच्चे के शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक और बौद्धिक विकास को बढ़ावा देता है। विकास के दौरान बच्चे में कई तरह के बदलाव आते हैं और सही पेरेंटिंग के लिए पेरेंट्स का इनके बारे में जागरुक होना बहुत जरूरी है। आज लड़कियां किसी भी मामले में लड़कों से पीछे नहीं है, अब हमारी संस्कृति में भी वो जमाना पीछे जा चुका है जहां लड़कियों को घर पर ही सीमित करके रखा जाता था। लेकिन अब समय बदल रहा है, डॉक्टर-इंजीनियर हो या पायलट हर जगह पर लड़कियों ने अपना जलवा दिखाया है। लेकिन एक लड़की को अपने मुकाम तक पहुंचने के लिए सबसे पहले अपने पेरेंट्स का सपोर्ट जरूरी होता है। जब उसके पेरेंट्स उसे आगे बढ़ना और अपने हक के लिए लड़ना सिखाते हैं, तब वे आगे कुछ कर गुजरने की सोच रखना शुरू करती हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी लाडली जमाने के साथ कदम से कदम मिलाकर चले और फ्यूचर में उसे अपनी इच्छाएं पूरी करने के लिए किसी की तरफ देखना ना पड़े तो उसे बचपन से ही कुछ खास बातें सिखाना बहुत जरूरी है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी ही बातें बताने वाले हैं, जिन्हें आप अपनी बेटी को सिखाकर उसे स्टैंड लेने के काबिल बना सकते हैं। चलिए जानते हैं उन खास बातों के बारे में, जिन्हें हर छोटी लड़की को सिखाना जरूरी है –
अपनी देखभाल खुद करना
यह माता-पिता द्वारा अपने बच्चे को दिया गया सबसे पहला ज्ञान होना चाहिए, खासतौर पर एक लड़की के लिए। जब आपकी बेटी खुद की देखभाल करना सीख गई है, तो समझ लीजिए उसे इस दुनिया को कोई ताकत आगे बढ़ने से नहीं रोक सकती। बस सबसे पहले आपको यही सिखाना है, कि उसे खुद ही अपनी देखभाल करनी चाहिए और कैसे करनी चाहिए।
मनोबल बढ़ाएं
बेटी को यह अहसास जरूर दिलाएं कि आप उस पर कितना विश्वास करती हैं। उसे बताएं कि हर सही कदम पर आप उसके साथ हैं। विफलता में कभी भी खुद को कमजोर न पड़ने दे बल्कि फिर से प्रयास करने की सीख दें। किसी परेशानी में पड़े तो परिवार को और खासकर मां को जरूर बताए। हर कदम पर उसका मनोबल बढ़ाएं।
अपने फैसले खुद लेना
क्या आप चाहते हैं कि आपकी बेटी की लाइफ को कोई और कंट्रोल करे? इस दुनिया में कोई भी ऐसा माता पिता नहीं होगा, जो ऐसा सोचेगा उसकी बेटी की जिंदगी के फैसले कोई और ले। इसलिए आप भी बचपन से ही अपनी बेटी को यह सिखाना शुरू कर दें कि उसे अपनी लाइफ के फैसले खुद ही लेने है और यह हर उसके किसी को नहीं देना है।
सतर्कता है जरूरी
जब बेटियां अपने फैसले खुद लेना सीखेंगी, तो जाहिर है इस दौरान उनके कुछ फैसले गलत भी हो सकते हैं. ऐसे में बेटियों को हर कदम सोच-समझ कर उठाने की सलाह देने के साथ-साथ पिछली बातों से सबक लेकर जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दें।
सोच-समझ कर ही बढ़ाए कदम
अगर आप अपनी बेटी को अपने फैसले खुद लेना सिखा रहे हैं, तो आपको इस बात का ध्यान भी रखना है कि वह अपने फैसले सही ले रही है या गलत। इसलिए उसे टाइम की वैल्यू जरूर समझाएं और बताएं कि जो समय बीत गया वह वापस नहीं आएगा। इसलिए जब भी वह अपने जीवन का कोई महत्वपूर्ण फैसला ले, तो उस बारे में अच्छे से सोच व समझ लें।
अपने हक के लिए लड़ना
पहले लड़कियों के लिए भेदभाव किया जाता था, उन्हें घर पर रखने को कोशिश की जाती थी और पढ़ाई से भी वंचित रखा जाता था। लेकिन अब कोई नहीं चाहेगा कि उसकी बेटी के साथ ऐसा हो और इसलिए उन्हें बचपन से ही अपने हक के लिए लड़ना सिखाना जरूरी है। आप अपनी बेटी को यह जरूर सिखाएं कि अपने हक के लिए हमेशा लड़ना चाहिए और किसी दूसरे का हक नहीं छीनना चाहिए। कई बार समाज या परिवार के दबाव में आकर ज्यादातर लड़कियां लाइफ के साथ समझौता कर लेती हैं. ऐसे में बेशक लड़कियों को रिश्तों की रिस्पेक्ट करना सिखाएं. मगर, साथ ही साथ उन्हें अपने हक के लिए आवाज उठाने के लिए प्रोत्साहित करना न भूलें.
सिखाएं भावनाओं को हैंडल करना
बेटी कॉलेज लाइफ जी रही है तो स्वाभाविक है कि उसके मन में भी रिश्तों को लेकर कई तरह की भावनाएं होंगी। इसे लेकर खुद भी पैनिक न हों। इन भावनाओं के बारे में उससे बात करें और उसे उचित सलाह दें। भावनाओं को हैंडल करना भी उसे सिखाएं।
आजादी पर है उनका पूरा हक
अगर आपका लड़का बाहर घूम रहा है और जहां मर्जी जा रहा है, तो आपकी लड़की को भी बराबर हक होना चाहिए। जब तक लड़की बाहर नहीं निकलेगी उसे ये दुनिया समझ ही नहीं आएगी। इसलिए आप अपनी बेटी को सिखाएं कि वो भी अपने जीवन में पूरी तरह से आजाद है और लड़के की तरह ही घूम-फिर सकती है।
दोस्तों के चुनाव पर करें बात
कॉलेज लाइफ के दौरान ही दूसरों से दोस्ती होती है। ऐसे में बेटी को यह जरूर बताएं कि लाइफ में अच्छे दोस्तों की परख कैसे की जाती है। उसे बताएं कि गलत दोस्त का चुनाव कितना नुक्सान पहुंचा सकता है। उसे दोस्तों का चुनाव संभलकर करने को कहें और उस संबंधी व्यवहार के बारे में भी बताएं।
राष्ट्र के प्रति ईमानदारी का भाव जागृत करें
माता पिता को अपने बच्चे को सबसे राष्ट्र और समाज के प्रति जिम्मदारियों से अवगत कराना चाहिए। उन जिम्मेदारियों के बारे में बताना चाहिए जिन्हें निभाने से समुदाय की उन्नति हो सके। ईमानदार के भाव का संस्कार एक ऐसा ही गुण है। यह वह गुण है जिसके चलते बच्चा अपने आसपास के माहौल के प्रति नैतिक दायित्व के बोध से भरता है। बच्चों को टैक्स भरना सिखाया जाना भी भविष्य की नींव तैयार करता है। उन्हें कर के रूप में दी जाने वाली राष्ट्र के प्रति जिम्मेदारी की समझ बढ़ती है।
समझाएं कमाई के जरिए के बारे में
जब बच्चे छोटे होते हैं, तो वह अक्सर अपने पैरेंट्स को बैंक या एटीएमसे पैसे निकालते हुए देखते हैं। जिससे उन्हें लगता है कि बैंक में ही पैसा होता है और वह पैसों को लेकर बेपरवाह हो जाते हैं। ऐसे में यह आपकी जिम्मेदारी बनती है कि आप बच्चे को समझाएं कि पैसा कहां से आता है। उन्हें यह समझाना आवश्यक होता है कि पैसे को अर्जित किया जाता है। जब वह आपके द्वारा की जाने वाली मेहनत को समझने में सक्षम हो जाएंगे तो वह आपकी कमाई व पैसों को लेकर भी अधिक रिस्पान्सिबल बनेंगे।
तय करें बजट
यूं तो आप घर खर्च के लिए बजट तय करते ही होंगे, लेकिन अगर आप अपने बच्चे को आर्थिक रूप से अधिक जिम्मेदार बनाना चाहते हैं तो ऐसे में आप उनके लिए भी एक बजट अवश्य तय करें। आप उन्हें बताएं कि आप माह में कितनी रकम सिर्फ उनके लिए अलग से निकाल रही हैं। इस पैसे से वह अपनी किसी भी इच्छा या फरमाइश को पूरा कर सकते हैं। मसलन, वह चॉकलेट, आइसक्रीम से लेकर टॉयज आदि खरीद सकते हैं। जब आप बच्चे के लिए बजट सेट करके उन्हें एक निश्चित रकम देंगे तो यकीनन वह उसे अधिक समझदारी से खर्च करेंगे। जिससे वह पैसों के प्रति अधिक जिम्मेदार बनेंगे।
रसोई का काम जरूर सिखाएं
अपने बिटिया को रसोई का काम जरूर सिखाना चाहिए। आजकल के व्यस्त लाइफ में हर किसी को हर काम करने आना चाहिए। लड़का हो या लड़की सभी को घर का काम सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश करें। कई परिवार वाले बच्चों को घर का काम नहीं सिखाते है लेकिन ऐसा करना गलत है। बच्चों को मल्टी टास्किंग बनाना चाहिए
सेक्स एजुकेशन के बारे में जरूर बताएं
बच्चों को सेक्स एजुकेशन के बारे में बताना बहुत जरूरी है। खासतौर पर एक लड़की के लिए। आमतौर पर बच्चे अपने दोस्तों और पोर्न देखकर इन सबके बारे में जानते हैं। जो उनके लिए हानिकारक है। इसलिए माता पिता को अपने बच्चों को नैतिक जिम्मेदारी समझकर बताना चाहिए। पेरेंट्स होने के नाते आपकी ड्यूटी है कि आप अपने बच्चे को हर विषय के बारे में जानकारी दें, फिर चाहे वह सेक्स एजुकेशन ही क्यों ना हो. सेक्स एजुकेशन को लोग अक्सर इग्नोर करते हैं और इसके बारे में बात करने में भी कतराते हैं. जरूरी है कि आप सेक्स एजुकेशन को लेकर बच्चों के साथ खुलकर बातचीत करें।
बचपन में मिली शिक्षा और सोच जीवनभर बच्चे के साथ रहती है. ऐसे में ये बहुत जरूरी हो जाता है कि मां-बाप अपने बच्चों को बेहतर से बेहतर शिक्षा दें ताकि वो भटके नही अगर आप एक बेटी के पेरेंट है तो ये आपके लिए और भी जरूरी है कि उसे ऐसी शिक्षा दें कि आगे चलकर वह किसी भी परेशानी में घबराए नहीं और हर कठिनाई का डटकर सामना कर सके ।