मटर एक ऐसी सब्जी है जिसे आमिर और गरीब दोनों वर्गों के लोग बड़े चाव के साथ खाते है. मटर से बनी सब्जियां जैसेकि मटर पनीर, आलू मटर, मटर पुलाव इत्यादि भी बहुत मशहूर है इन्हें हर व्यक्ति बड़े चाव के साथ खाता है. किन्तु अगर मटर की सब्जी का इस्तेमाल बेमौसम में किया जाएँ तो उससे नामर्दी रोग होने की भी संभावना बनी रहती है. इसीलिए हर सब्जी को उसके सही मौसम में ही इस्तेमाल करना चाहियें. बेमौसम किसी सब्जी का इस्तेमाल करने से हमारे शरीर में उन्हें पचाने के लिए उपयुक्त रस उत्पन्न नही होता.
सर्दी का सीजन आते ही बाजार में मटर आनी भी शुरू हो गई है। इन दिनों घर में सबसे ज्यादा मटर का इस्तेमाल होता है। मटर का स्वाद भी सभी को बहुत पसंद आता है, चाहे मटर पनीर हो आलू मटर, इसका टेस्ट सभी का फेवरेट होता है। हरी-हरी मटर सिर्फ स्वाद में ही नहीं बल्कि सेहत के लिहाज से भी कमाल होती है। इसलिए सर्दियों के दिनों में लोगों कई किलो मटर बाजार से लेकर आते है, लेकिन कई बार बाहर पड़े-पड़े मटर अंकुरित होने लगती है या सूख जाती है। ऐसे में मटर को ताजा रखना मुश्किल हो जाता है, भले ही आजकल सालभर बाजार में फ्रोजन मटर मिलती हो, लेकिन ताजी हरी मटर का स्वाद सभी को बहुत पसंद आता है। नवंबर की शुरुआत से मार्च तक ताजी-ताजी मटर सभी के किचन में मिलती है। स्वाद में ही नहीं सेहत में भी मटर एक सुपर फूड है। इसमें प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट की पर्याप्त मात्रा पाया जाता है। साथ ही हरे मटर में विटामिन भी भरपूर मात्रा में होता है। ठंड के दिनों में अक्सर आप बाजार से ज्यादा मटर ले आते हैं, लेकिन इन्हें सही से स्टोर नहीं कर पाने की वजह से यह जल्दी खराब होने लगते हैं। लेकिन सर्दियां जाने पर अगर मटर खाने का मन करे तो कोल्ड स्टोर या पैकेट बंद मटर खरीदने को मजबूर होना पड़ता है।ऐसे में आप बेहद आसान तरीके से घर पर ही हरी मटर को स्टोर कर सकते हैं जिससे वो साल भर खराब भी नहीं होगी और जब भी बनाकर खाएंगे फ्रेश और स्वादिष्ट रहेंगी। हम आपको बताएंगे कुछ आसान टिप्स जिन्हें अपनाकर आप हरी मटर लंबे तक स्टोर कर सकते हैं। तो चलिए आज आपकी इस समस्या को दूर करते है और आपको बताते हैं मटर को स्टोर करने का सबसे सरल और सही तरीका।
* मटर को प्रिजर्व करने के लिए हमेशा हरे ताजे मटर ही लें। अगर आप छिलके सहित स्टोर करना चाहते है, तो इसे एक पेपर बैग में रखें।
* अक्सर हम मटर को छील के रखना पसंद करते हैं, ताकि खाना बनाते वक्त ज्यादा समय बर्बाद न हो। वहीं, छीली हुई मटर को आप कई दिनों तक बिना अंकुरित हुए ताजा रख सकते हैं।
*.मटर छिलते वक्त मोटे मटर अलग रखें और बारीक-बारीक यानी छोटे-छोटे मटर अलग रखें। क्योंकि छोटे मटर बहुत कच्चे होने से ये खराब हो सकते हैं।
* जो मटर बड़े हैं उन्हें ही स्टोर करने के लिए रखें। छोटे-छोटे मटर वैसे ही कच्चे खा सकते हैं। यदि आप कच्चा न खाना चाहे तो इसको रोज की सब्जी में उपयोग कर जल्दी खत्म कर दीजिए।
* अगर आप मटर को स्टोर करना चाहते हैं तो अच्छी क्वालिटी वाली हरी मटर खरीदें और केवल साफ दाने ही स्टोर करें।
* इसके बाद एक बर्तन में पानी गर्म करें। उबलते पानी में थोड़ी सी चीनी डाल दें इसके बाद इसमें मटर डाल दें।
* इसके बाद करीब 2 मिनट बाद गैस बंद कर दें। इसके बाद इन मटर को पानी से निकाल लें।
* अब दूसरे पैन में बर्फ वाला ठंडा पानी डालें और उसमें मटर डाल दें। इसमें 1-2 मिनट मटर को रखने के बाद पानी इनको से निकाल लें।
* अब एक जिप वाली पॉलीथीन या एयर टाइट कंटेनर में इन्हें भर लें और फ्रिजर में स्टोर कर लें।
* यदि आप बिना उबाले मटर को ताजा रखना चाहते हैं, तो छीले हुए बड़े मटर पर थोड़ा सा सरसों का तेल डाल कर दोनों हाथों से मसलते हुए पूरी मटर पर तेल लगा लीजिए। मटर पर तेल लगाने से फ्रीजर की बर्फ मटर पर नहीं चिपकेगी। इन मटर को पॉलिथिन में भर कर जिप लगा लें और इन्हें फ्रिजर में रख दीजिए।
ध्यान रखें ये बातें
* मटर छीलते वक्त मोटी मटर अलग रखें और बारीक-बारीक यानी छोटी-छोटी मटर अलग रखें। क्योंकि छोटी मटर बहुत कच्ची होते हैं और ये जल्दी खराब हो सकती हैं।
* बड़े जिपर पॉलीथीन की जगह छोटे-छोटे जिपर का इस्तेमाल करें। इससे इन्हें इस्तेमाल करने और रखने में आसानी होगी।
*.प्रिजर्व मटर को इस्तेमाल करने से पहले 5 मिनट के लिए पानी में डाल दें।
हरे मटर के फायदे
1 – इम्यून सिस्टम को बढ़ाएं
प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में हरी मटर आपके लिए काम आ सकती है। बता दें कि हरी मटर के अंदर मैग्नीशियम पाया जाता है जो प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में उपयोगी है। बता दें कि इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है, जिससे यह साबित होता है कि मैग्नीशियम रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में उपयोगी है।
2 – वजन बढ़ाने में उपयोगी
वजन कम करने के लिए हरी मटर आपके बेहद काम आ सकती है। जैसा कि हमने पहले भी बताया हरी मटर के अंदर फाइबर पाया जाता है। वहीं इसके अंदर कैलोरी की मात्रा बेहद ही कम होती है। ऐसे में इसके सेवन से ना केवल पेट जल्दी भरता है बल्कि व्यक्ति वजन की समस्या से भी राहत मिल सकती है। बता दें कि इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है, जिसमें उन चीजों के बारे में बताया गया है, जिसमें कैलोरी कम होती है उनमें मटर भी शामिल है।
3 – अल्जाइमर से करें बचाव
बता दें कि अल्जाइमर मानसिक समस्या है जिसके पीछे कई कारण जैसे अनिद्रा, सिर पर कोई चोट, बढ़ती उम्र आदि हो सकते हैं। ऐसे में लक्षणों के तौर पर याद्दाश्त की समस्या, पढ़ने लिखने की समस्या, फोकस करने में दिक्कत आदि नजर आ सकते हैं। ऐसे में हरी मटर के सेवन से अल्जाइमर की समस्या को दूर किया जा सकता है। हरी मटर के अंदर पैलिमायोएथेलेनामाइड जिसे फैटी एसिड का एक प्रकार ही मानते है, मौजूद होता है जो अल्जाइमर की समस्या से बचाव में उपयोगी है।
4 – जोड़ों के दर्द में लाभदायक
जोड़ों के दर्द को दूर करने में हरी मटर आपके बेहद काम आ सकती है। बता दें कि हरी मटर के अंदर सेलेनियम पाया जाता है जो जोड़ों से संबंधित समस्या अर्थराइटिस से बचाव में उपयोगी है। ऐसे में अर्थराइटिस की समस्या से बचाव में हरी मटर का सेवन किया जा सकता है। हालांकि इससे संबंधित एक रिसर्च भी समने आई है, जिससे साबित होता है कि सेलेनियम से अर्थराइटिस की समस्या दूर हो सकती है।
5 – हड्डियों को दें मजबूती
आज के समय में लोग हड्डियों की समस्या से काफी परेशान हैं। बता दें कि हड्डियों की समस्या से बचाव में हरी मटर आपके बेहद काम आ सकती है। हरी मटर के अंदर ना केवल कैल्शियम पाया जाता है बल्कि मैग्निशयम, जिंक और विटामिन सी भी इसके अंदर मौजूद होता है। ऐसे में इसके सेवन से ना केवल हड्डियों को जरूरी पोषक तत्व मिलता है बल्कि हरी मटर के अंदर पाए जाने वाला विटामिन के व्यक्ति को हड्डियों से संबंधित कई समस्याओं से बचाव में भी उपयोगी है।
6 – आंखों को बनाए तंदुरुस्त
बता दें कि मटर के अंदर कई ऐसे जरूरी मिनरल्स मौजूद होते हैं जो आंखों से संबंधित कई समस्याओं को दूर रख सकते हैं। इससे संबंधित एक रिसर्च भी सामने आई है, जिससे पता चलता है कि हरी मटर आंखों के लिए बेहद उपयोगी है। ऐसे में आंखों की रोशनी बढ़ाने में भी हरी मटर आपके बेहद काम आ सकती है।
7 – पाचन क्रिया हो मजबूत
पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में हरी मटर बेहद उपयोगी साबित हो सकती है। बता दें कि हरी मटर के अंदर फाइबर पाया जाता है जो न केवल पाचन क्रिया के लिए उपयोगी है बल्कि मटर के अंदर पाए जाने वाले एंटी कार्सिनोजेनिक गुण और गैलेक्टोज औलिगोसैकराइड्स मौजूद होता है जो पाचन क्रिया को मजबूत बनाने में आपके बेहद काम आ सकता है।
हरी मटर के नुकसान
हरी मटर के सेवन से कुछ नुकसान भी हो सकते हैं। ऐसे में ये नुकसान निम्न प्रकार हैं-
1 – मटर के ज्यादा सेवन से पाचन क्रिया नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है।
2 – मटर के ज्यादा सेवन से पेट में गैस की समस्या हो सकती है।
3 – बता दें कि हरी मटर के अधिक सेवन से सेहत को पेट की समस्याएं जैसे पेट फूलना, ऐंठन, डकार आना आदि हो सकती हैं।
नोट – ऊपर बताए गए बिंदुओं से पता चलता है कि हरी मटर के सेवन से सेहत को कई फायदे होते हैं। लेकिन इसकी अधिकता सेहत के लिए नुकसानदेह भी हो सकती है ऐसे में व्यक्ति को अपनी डाइट में सीमित मात्रा में हरी मटर का सेवन करना चाहिए। गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली महिलाएं अपनी डाइट में मटर एक्सपर्ट की सलाह पर करें। हालांकि मटर का सीमित मात्रा में सेवन गर्भवती महिलाओं कर सकती है। लेकिन हर किसी के शरीर की तासीर अलग होती है ऐसे में हरी मटर को एक्सपर्ट की सलाह पर ही जोड़ें। अगर आपको स्पेशल डाइट फॉलो कर रहे हैं या किसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त हैं तब भी अपनी डाइट में हरी मटर को जोड़ने से पहले एक्सपर्ट की राय जरूर लें।