कुछ समय पहले तक सर्दी आने पर धुनिये घर आकर गद्दे और तकिये की धुनाई करते थे या रूई बदलते थे। लेकिन बदलते समय ने रुई की जगह पर बहुत तरह के भरावन मार्केट में आ गए है। यह भरावन मेमोरी फोम, जूट, पोलियस्टर या सिंथेटिक कॉटन, फाइबर होते है। हर प्रकार की भरावन के अपने फायदे और नुकसान हैं। इसलिए आप अपनी जरूरत के हिसाब से सही भरावन का चुनाव करें और फिर तकिया खरीदें।
अकसर ऐसा होता है कि कई बार जब हम बाहर जाते है और कही दूसरी जगह या होटल में सोते है तो हमें सही नींद नहीं आती है। हमें सबसे ज्यादा आराम की नींद अपने घर पर ही आती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हम अपने घर पर अपने शरीर और सुविधा के हिसाब से बेड और तकिया रखते है। खासकर प्यारी और अच्छी नींद के पीछे सबसे ज्यादा तकिये का कमाल होता है, आपने महसूस किया होगा कि अगर तकिया कम्फर्टेबल ना हो तो हमें नींद नहीं आती है। तो फिर इतनी महत्वपूर्ण चीज को खरीदते समय कैसे कोई इसपर ध्यान ना दें, आखिर ये सीधे तौर पर आपके स्वास्थ्य से जुड़ा है, क्योंकि अगर अच्छी नींद नहीं आएगी तो आपको स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। इसलिए अगर आप नए तकिये खरीदने की सोच रहे है तो हम आपको बताते है कि आपको कैसा तकिया खरीदना चाहिए ताकि आपके आराम में कोई कमी ना आए। जब आपका तकिया होगा आपके लिए परर्फेक्ट, तो फिर आएगी आपको चैन नींद। इसलिए जब आप अगली बार तकिया खरीदने बाजार जाएं, तो तकिया खरीदते समय इन बातों का ध्यान जरूर रखें।
मेमोरी फोम तकिया
मेमोरी फोम वाले तकिये आपकी गर्दन और सर को एक बेहतर सपोर्ट देते हैं। इसलिए मेमोरी फोम को गद्दे और तकिये के लिए सबसे अच्छा माना जाता है। अगर आप ज्यादातर साइड की ओर सर करके सोते हैं, तो इस मटिरियल के तकिये आपके लिए सबसे अच्छे है।
प्रेग्नेंसी पिलो
इस तरह का तकिया गर्भवती महिलाओं के लिए खास तौर पर बनाया जाता है। इनको ऐसे डिजाइन किया जाता है कि सोते समय गर्भवती महिलाओं को आराम मिल सकें। इस तरह का तकिया गर्भवती महिलाओं के शरीर के आकार को अच्छे से सपोर्ट करता है।
कोमलता का रखें ध्यान
तकिया खरीदते समय अपनी शारीरिक और मानसिक अवस्था का ध्यान जरूर रखें। अगर आपको किसी प्रकार की समस्या है जैसे कि सर्वाइकल, नसों में तकलीफ, सर दर्द तो थोड़ा सख्त यानी रुई की भरावन वाला तकिया ही खरीदें। गर्दन और सिर को आराम देने के लिए लेटेक्स या मेमोरी फ़ोम वाला तकिया ही अच्छा होता है। इन तकियों की खास बात यह होती है कि ये शरीर के आकार के साथ अपनी शेप ले लेते हैं।
गद्दे के हिसाब से तकिया खरीदें
तकिया खरदते समय अपने गद्दे के प्रकार को जरूर ध्यान में रखें। आपके तकिये का साइज, गद्दे और पलंग के आकार के अनुसार पर होना चाहिए। जैसे की किंग साइज बेड के लिए बड़े आकार के तकिये और छोटे सिंगल बेड पर छोटे आकार के तकिये ही रखें। शिशु के सिर को गोल आकार देने के लिए जरूर लगाएं राई का तकिया।
स्लीपिंग पोजिशन के हिसाब से करें तकिये का चुनाव
अगर आपको पेट के बल सोने की आदत है तो थोड़ा सख्त लेकिन पतला जैसे रुई वाला तकिया ही खरीदे। लेकिन अगर आपको साइड की तरफ करवट लेकर सोने की आदत है तो थोड़ा मोटा और मध्यम सख्त, कोमल वाला तकिया आपके लिए सही रहेगा। पेट के बल सोते हैं तो आज से ही बंद कर दें, आपकी सेहत को हो सकता है नुकसान।
तकिये के कवर का चुनाव
तकिये का कवर ऐसा होना चाहिए जिससे तकिये के मूल आकार में किसी प्रकार का परिवर्तन न आए। यह कवर न तो अधिक ढीला हो और न ही छोटा या कसा हुआ हो। इसके अलावा इस बात का भी ध्यान रखें कि तकिये के कवर का कपड़ा भी स्किन फ्रेंडली होना चाहिए और आरामदायक होना चाहिए। कवर खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि कवर का कलर कमरे के इंटीरियर से मैच करता हुआ हो। ऐसा नहीं होने पर भी इसका सीधा प्रभाव आपकी नींद पर पड़ता है। तकिया लेकर सोते हैं? तो आज से इस आदत को बदल दें।
तकिया जरूर बदलें
स्वास्थ्य की दृष्टि से यह अच्छा रहेगा कि आप अपना तकिया हर 2 साल के बाद बदल दें। इससे पहले भी अगर आपको अपना तकिया कम्फर्टेबल ना लगे तो इसे बदल दें।
गलत तकिया रखने से होती हैं, गर्दन और पीठ के दर्द से जुड़ी कई बीमारियां
फिजियोथैरेपी से जुड़े 15 फीसदी मामले गर्दन में दर्द की शिकायत के होते हैं। सर्वाइकल पेन का एक बड़ा कारण गलत तकिये का चुनाव है। हवाईजहाज में सफर के दौरान जो लोग ट्रेवल पिलो का इस्तेमाल नहीं करते हैं, उन्हें गर्दन में अकड़न और दर्द की शिकायत होती है। इस तरह की समस्याओं का कारण यह है कि ज्यादातर लोगों को इसकी जानकारी नहीं होती कि किस प्रकार और आकार का तकिया प्रयोग करना चाहिए।
सर्वाइकल संबंधी समस्या होने पर
सर्वाइकल से पीड़ित हैं तो गर्दन तकिया (नेक पिलो) लें या तकिये की जगह टॉवल को मोड़कर गर्दन के नीचे रखकर सोएं। मैमोरी फोम पिलो जो कि सर्वाइकल स्पाइन और सर्वाइकल लॉर्डोसिस से राहत देता है, उसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं। हाथ में दर्द की शिकायत है, तो बांह के बाजू में सपोर्ट के लिए तकिया लगाना चाहिए।
सोने के पॉश्चर के हिसाब से खरीदें तकिया
ऊपर की ओर मुंह करके सोते हैं तो : इस तरह सोने वाले लोगों को कम ऊंचाई वाले तकिये का इस्तेमाल करना चाहिए।
करवट लेकर सोते हैं तो : जो लोग करवट लेकर सोते हैं, उन्हें ज्यादा पतला तकिया उपयोग करना चाहिए। जो गर्दन और सिर के बीच के हिस्से को सपोर्ट करे।
पेट के बल सोना तो : कुछ लोग पेट के बल सोते हैं, मगर इस तरह से सोना सेहत के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक होता है। इसलिए अपनी इस आदत को दूर करने लिए अपने सिर के नीचे के अलावा हाथ के बाजू में एक तकिया रखकर सोएं। ताकि आपको याद रहे कि आपको पेट के बल नहीं सोना है।
1 फाइबर तकिया : सीधे सोने वालों के लिए यह अच्छा है। सही ऊंचाई, मुलायम, ज्यादा महंगा भी नहीं है।
2 रूई तकिया : जो सोते समय पूरे मुड़ जाते हैं या पेट के बल सोते हैं। उनके सोने के लिए रूई का तकिया ज्यादा अच्छा है।
3 मैमोरी फोम तकिया : सर्वाइकल के मरीज इसका प्रयोग करें। अन्य तकियों के मुकाबले थोड़ा महंगा होता है, लेकिन जो लोग नींद में पूरे मुड़ जाते हैं, उनके लिए यह सही नहीं है। ज्यादा गर्मी और नमी के समय में इस तकिए का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
चुनाव सही न होने पर हो सकती है समस्याएं
सर्वाईकल स्पॉन्डीलॉसिस : सोते समय गर्दन सही ढंग से न होने के कारण उसमेंं सूजन और रीढ़ की हड्डी में गांठें आने की संभावना हो सकती है।
सिरदर्द या चक्कर आना : गलत ऊंचाई का तकिया आपकी गर्दन में कमजोरी ला सकता है। ऊपरी सर्वाइकल स्पाइन के कारण सोकर उठते समय सिर दर्द, चक्कर आना या मिचली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
कंधे का दर्द : यदि आप एक ही करवट में सोते हैं या आपका तकिया सही सपोर्ट नहीं देता है तो इससे कंधे के निचले हिस्से पर सारा भार आ जाता है।
कमर के निचले और बीच के हिस्से में दर्द : रीढ़ की हड्डी एक चेन की तरह है और लंबे समय तक सोने की वजह से इसके ऊपरी हिस्से में खिंचाव आ जाता है। कमर के निचले हिस्से में दर्द की शिकायत हो जाती है।
आकार के आधार पर चुनिए
सामान्य तकिया : जिन लोगों को कोई समस्या नहीं होती है, उन्हें सामान्य तकिया इस्तेमाल करना चाहिए।
सर्वाइकल तकिया : यह रीढ़ की हड्डी को सही रखता है। इसके नियमित प्रयोग से दर्द में आराम मिलेगा और समस्या कम होगी।
बेलनाकार तकिया : ट्रेवलिंग तकिया गर्दन और सिर के आराम में यह मदद करता है। यात्रा के दौरान इसका प्रयोग करना अच्छा है।
जानें 5 ऐसे कारण जिससे तकिया आपके लिए हो सकता है मददगार
यह आपके शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करता है
अपने पैरों के बीच एक तकिया रखने से और उन्हें ऊंचा करने से आपके शरीर में रक्त के प्रवाह को आसान बनाने में मदद मिलती है। यह आपकी नसों पर दबाव डालता है और रक्त परिसंचरण को सुगम बनाता है। जो आपके अंगों को ठीक से काम करने में मदद करता है। साथ ही यह आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत बनाता है। इसके अलावा यह वैरिकोज़ नसों में दर्द को दूर करने में भी मदद कर सकता है।
यह खर्राटों को रोकता है
विशेषज्ञों के यह खर्राटों को रोकता है
विशेषज्ञों के अनुसार, अगर आपको बहुत ज्यादा खर्राटे आते हैं, तो बाईं ओर सोना आपके लिए सबसे अच्छी स्थिति है। लेकिन चूंकि करवट लेकर सोने से आपकी पीठ और कूल्हों पर दबाव पड़ सकता है, इसलिए अपनी टांगों के बीच एक तकिया रखकर आराम करें।
घुटनों के तनाव को कम करने में मददगार है
अगर घुटने का दर्द आपको रात में जगाए रखता है, तो आपके पैरों के बीच तकिया रखकर सोने का समय आ गया है। क्योंकि यह आपके घुटनों को आराम देने में मदद करता है और दर्द को कम कर सकता है। अगर आप अपनी पीठ के बल सोते हैं, तो तकिया को अपने घुटनों के नीचे रखें, या अगर आप अपनी तरफ से सोते हैं, तो इसे अपने घुटनों के बीच रखकर देखें। यह आपको सही नींद की स्थिति बनाए रखने में मदद करता है
अनुचित तरीके से सो जाने से हमारे शरीर को अधिक नुकसान होता है, जो कि हम अक्सर महसूस करते हैं। साथ ही इससे पीठ, कूल्हों और जोड़ों में दर्द भी हो सकता है। अपने पैरों के बीच तकिया रखकर सोने से आपकी पीठ के निचले हिस्से और रीढ़ पर दबाव पड़ता है। यदि आप अपनी पीठ के बल सोते हैं, तो आपकी रीढ़ के नीचे एक छोटा तकिया रखने से भी आपके शरीर को सुडौल बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
गर्भवती महिलाओं के लिए भी है फायदेमंद
गर्भावस्था की स्थिति में अक्सर महिलाएं ठीक से नहीं सो पाती हैं। इन दिनों उन्हें लंबे समय तक सोने या एक अच्छी नींद के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है। वे बेहद आराम-आराम से एक करवट से दूसरे करवट सोने के लिए घूमती है ताकि थोड़ी बहुत दूसरी साइड राहत मिल सके। ऐसे में महिलाओं के लिए पैरों के बीच में तकिया लगा कर सोना काफी फायदेमंद हो सकता है। ऐसा करने से उन्हें एक बेहतर नींद लेने में भी मदद मिलती है, साथ ही इससे उनकी रीढ़ की हड्डी पर जोर भी कम पड़ता है।
यह टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।