जीवन में तरक्की पाने के लिए व्यक्ति मेहनत करता है। कई बार कड़ी मेहनत के बाद भी व्यक्ति को सफलता हासिल नहीं हो पाती है।सफलता पाने के लिए व्यक्ति को सबसे पहले अपनी ताकत पहचाननी चाहिए। फिर अपनी क्षमतानुसार कार्य चुनना चाहिए। अगर शक्ति से अधिक काम हम चुनते हैं तो निश्चित ही असफलता हाथ लग लगना तय है। सफल होने के लिए व्यक्ति को वर्तमान समय का ज्ञान होना जरूरी है। समझदार व्यक्ति जानता है कि उसका समय कैसा चल रहा है। व्यक्ति को सुख-दुख के दिनों का ज्ञान होना जरूरी है। सुख के दिनों में व्यक्ति को अच्छे कार्य और दुख के दिनों में धैर्य रखना चाहिए।
व्यक्ति को सफलता पाने के लिए यह पता होना चाहिए कि वह किसके अधीन काम कर रहा है। ऐसे में उसकी जरूरत का ध्यान रखना चाहिए। यह भी ध्यान रखना चाहिए हमारी कंपनी या बॉस क्या चाहता है। हमेशा ऐसे काम को करना चाहिए जिससे संस्थान को लाभ पहुंचे।
व्यक्ति को हमेशा आय और व्यय का ज्ञान होना चाहिए। आय से ज्यादा धन खर्च करने वाले लोग अक्सर परेशानियों का सामना करते हैं। ऐसे में कभी आय से ज्यादा धन नहीं खर्च करना चाहिए।
कुछ लोगों का मन बार-बार इधर इधर-उधर भटकता रहता है। आप इसे बार-बार मूड बदलना भी कह सकते हैं। माना जाता है कि यह समस्या आत्मविश्वास में कमी यानी दुविधा के कारण होती है। कई बार यह समस्या इतनी कठिन हो जाती है कि सफलता की राह में बाधा बनकर खड़ी हो जाती है। दुविधा में रहने के कारण कई बार लोग कुछ भी फैसला नहीं ले पाते। ऐसे लोग सफल होने के लिए सबसे पहले अपने भीतर से इस दुविधा को भगाएं।
अपने फैसले पर अडिग रहें
जब आपके पास किसी काम को लेकर एक या एक से अधिक अवसर तों सबसे पहले यह सोचें कि कौन सा ऑप्शन आपके लिए बेहतर है और इसे आप क्यों करना चाहते हैं। इसके बाद आप जिस काम को करें उस पर अफसोस न करें, बल्कि यह सोचे की आपने वह किसी जिसके बारे में फैसला किया चाहे फायदा हो या नुकसान।
खुद से सवाल करें कि आप किसी काम को क्यों नहीं कर पाएंगे या उसमें क्या समस्या आएगी। इसके बाद जब आपको लगे कि दुविधा का यह डर स्थाई नहीं है तब एकाग्रता और लगन के साथ अपने काम में जुट जाएं।
सत्य की राह पर चुनौती से न डरें- यदि कोई काम करने जा रहे हैं और उस आने वाली बाधाओं को सोचकर डर लग रहा है तो यह देखें कि जो आप करने जा रहें वह सत्य और न्यायसंगत है। यदि ऐसा है तो आप राह की बाधाओं से कदापि न डरें। क्योंकि सत्य कोई नहीं बदल सकता।
यदि समस्या का समाधान सोचने पर न निकल रहा हो तो आप आगे जो करना चाहते हैं उसके बारे में प्लान बनाएं और उस प्लान को दृढ़ता से अमल करें। समस्याओं को लिखने का महत्व यह भी होता है कि मन में चल रही उल्झनें बाहर निकल जाती हैं।