19वीं शताब्दी की शुरुआत से फोटोग्राफी दुनियाभर में अनगिनत लोगों के लिए अपनी अभिव्यक्ति का माध्यम बन गया है| एक तस्वीर में एक जगह, एक अनुभव, एक विचार और एक समय को कैद करने की अद्धभुत क्षमता है| इसलिए कहा भी जाता है कि ‘एक पिक्चर हज़ार शब्दों से बढ़कर है’| आज के समय में फोटोग्राफी एक पेशे के रूप में भी जाना जाता है| फोटो कैप्चर करने की इस अद्धभुत कला को मनाने के लिए हर वर्ष वर्ल्ड फोटोग्राफी डे मनाया जाता है|
हर साल 19 अगस्त को पूरी दुनिया में ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ ‘विश्व फोटोग्राफी दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन उनलोगों को समर्पित होता है, जिन्होंने खास पलों को तस्वीरों में कैद कर उन्हें हमेशा-हमेशा के लिए यादगार बना दिया। एक समय था जब लोगों के पास कैमरा तक नहीं होता था। खासकर ग्रामीण इलाकों में लोग फोटो खिंचाने के लिए कई किलोमीटर दूर फोटो स्टूडियो में जाते थे। लेकिन आज हर लगभग हर इंसान के पास या तो कैमरा है या कैमरे वाला मोबाइल, जिससे लोग आराम से कहीं भी कभी भी तस्वीरें खींच सकते हैं और उन्हें सहेज कर रख सकते हैं। दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो फोटोग्राफी के शौकीन हैं और उन्होंने फोटोग्राफी को ही अपना करियर चुन लिया है। खासतौर पर ऐसे ही लोगों के लिए और दुनियाभर के फोटोग्राफरों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल ये दिवस मनाया जाता है। आइए जानते हैं ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ का इतिहास क्या है और इसे मनाने के पीछे की कहानी क्या है।
वर्ल्ड फोटोग्राफी डे का इतिहास और महत्व
‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ (World Photography Day) की शुरुआत 1837 में ‘Daguerreotype’
(डगुएरियोटाइप) के आविष्कार से जुडी हुई है, जो फ़्रांसिसी ‘लुइस दागुएर्रे’ और ‘जोसेफ निस्फोरे नैप्स’ के द्वारा विकसित की गई एक फोटोग्राफिक प्रक्रिया है| दो साल बाद 19 अगस्त 1839 को फ़्रांसिसी सरकार ने इसका पेटेंट खरीद कर यह घोषणा कर दी कि यह आविष्कार बिना किसी कॉपीराइट के, दुनिया के लिए एक उपहार है| इसी कारण,19 अगस्त को हर साल ‘वर्ल्ड फोटोग्राफी डे’ (World Photography Day) मनाया जाता है| इस दिन मनाने का उद्देश्य फोटोग्राफी को लेकर जागरूकता पैदा करना, विचारों को साझा करना, और इस छेत्र से जुड़े लोगों को प्रोत्साहित करना है| यह दिन केवल इस फील्ड से जुड़े लोगों के योगदान को याद करना ही नहीं बल्कि आने वाली पीढ़ी को अपने कौशल का पता लगाने के लिए प्रेरित करना भी है|
फोटोग्राफी का विकास और करियर
फोटोग्राफी पूरी तरह से स्किल पर आधारित पेशा है| पिछले कुछ सालों में फोटोग्राफी के क्षेत्र में बहुत से बदलाव देखे गए हैं| पहले के समय फोटोग्राफर को बड़े-बड़े कार्यक्रमों जैसे शादी, मूवी आदि में फोटो खींचने तक ही सीमित रखा जाता था, लेकिन अब फोटोग्राफर को मॉस-मीडिया, विज्ञापन और इ-कॉमर्स जैसे बड़े क्षेत्रों में अपनी कला दिखाने का मौका दिया जा रहा है| फोटोग्राफी एक ऐसी कला है जिसमें विज़ुअल कमांड के साथ तकनिकी ज्ञान भी जरुरी होता है| यह खुद को व्यक्त करने का एक अनोखा माध्यम है| फोटोग्राफी को आजकल बढ़ चढ़कर करियर के रूप में अपनाया जा रहा है| आजकल हर छोटे-बड़े आयोजनों में, शादियों में, फैशन शो में, मीडिया क्षेत्र आदि में फोटोग्राफी का काफी चलन होने लगा है| आज फोटोग्राफी न केवल एक अच्छा करियर विकल्प है बल्कि इसमें नाम और पैसा भी बनाया जा सकता है| फोटोग्राफी क्षेत्र में नौकरी के लिए काफी सारे विकल्प मौजूद हैं| प्रोफेशनल फोटोग्राफर बनने के लिए धैर्य, मेहनत के साथ आत्मविश्वास की आवश्यकता होती है| फोटोग्राफर बनने के लिए बहुत से कॉलेज द्वारा डिग्री, डिप्लोमा और सर्टिफिकेट के कोर्स उपलब्ध हैं|
वर्ल्ड फोटोग्राफी डे 2021 थीम
पिछले चार साल के वर्ड फोटोग्राफी डे की थीम की बात करें तो 2020 में ‘पैन्डेमिक लॉकडाउन थ्रू द लेंस (Pandemic Lockdown through the lens)’, उससे पहले 2019 में ‘इतिहास को समर्पित (Dedicated to History)’, 2018 की थीम ‘अच्छे बनो (Be Nice)’, 2017 की थीम ‘बादलों को समझना (Understanding Clouds)’ थी, इनके आधार पर दुनियाभर के फोटोग्राफर अपने द्वारा क्लिक की गई तस्वीरों को खास मेसेज के साथ शेयर करते हैं. इस साल की थीम की बात करें सोशल मीडिया पर हैश टैग वर्ल्ड फोटोग्राफी डे का इस्तेमाल कर कई तरह की तस्वीरों को साझा किया जा सकता है। आज के अत्याधुनिक कैमरे के दौर में सोशल मीडिया पर ही करोड़ों तस्वीरें चंद घंटों में साझा की जाती है, इन्हें देखना भी एक गजब का अनुभव होता है. प्रोफेशनल फोटोग्राफर्स के लिए विश्व फोटोग्राफी दिवस अहम है क्योंकि उनकी तस्वीरों को बड़ा मंच मिलने की संभावना होती है. अलग-अलग देशों से आने वाले फोटोग्राफर्स अलग-अलग नजरिया रखते हैं जिस वजह से अलग-अलग देशों की संस्कृति, विज्ञान, तकनीकी, कौशल, विशेषता, अध्यात्म आदि की छवि लोगों के सामने आती है.
दुनिया की पहली सेल्फी
सन 1839 में अमेरिकन फोटो प्रेमी रोबर्ट कॉर्नेलियस ने दुनिया की पहली सेल्फी क्लिक करी| उन्होंने अपना कैमरा सेट करा और दौड़ कर उसके आगे चले गए| उनको उस समय यह आभास नहीं होगा कि भविष्य में इसे सेल्फी कहकर पुकारेंगे| उन्होंने उस फोटो के पीछे यह लिखा-“द फर्स्ट लाइट पिक्चर एवर टेकेन 1839″।तस्वीरें शब्दों की तुलना में तेज़ी से और कभी उससे अधिक प्रभावी ढंग से महसूस की जा सकती हैं| एक तस्वीर दर्शक को दुनिया को देखने का वह तरीका बता सकती हैं जैसे फोटोग्राफर इसे देखता है| तसवीरें समय को भी पार करने की क्षमता रखती हैं| सौ साल पहले की तस्वीर को उतना ही सराहा जा सकता है जितना की तब था| ठीक उसी तरह आज क्लिक करी एक सर्वश्रेष्ठ फोटो सौ साल बाद भी सराही जायेगी|
पहली वैश्विक ऑनलाइन गैलरी
19 अगस्त 2010 को पहली वैश्विक ऑनलाइन गैलरी की मेजबानी की गई थी। यह दिन फोटोग्राफी के शौकीन या प्रोफेशनल फोटोग्राफरों के लिए एतिहासिक था, क्योंकि भले ही यह अब तक की पहली ऑनलाइन गैलरी थी, लेकिन इस दिन 250 से ज्यादा फोटोग्राफरों ने तस्वीरों के माध्यम से अपने विचारों को साझा किया था और 100 से अधिक देशों के लोगों ने वेबसाइट देखी थी।
फेमस फोटोग्राफी के प्रकार
फोटोग्राफी क्षेत्र में रूचि रखने वाले इसमें अपना ब्राइट फ्यूचर देख सकते हैं क्योंकि व्यावसायिक क्षेत्रों से लेकर आर्ट के क्षेत्र में फोटोग्राफर्स की कला किसी भी प्रोजेक्ट या सब्जेक्ट को उम्दा से उम्दा तरीके से रिप्रेजेंट करते हैं. वन्यजीव फोटोग्राफी (Wildlife Photography), लैंडस्केप फोटोग्राफी (Landscape Photography), वेडिंग फोटोग्राफी (Wedding Photography), फैशन फोटोग्राफी (Fashion Photography), पोर्ट्रेट फोटोग्राफी (Portrait Photography), इवेंट फोटोग्राफी (Event Photography) आदि में करियर बनाया जा सकता है।
तस्वीरें बोलती हैं!
1 मिनट में 2 लाख फोटो
2 लाख तस्वीरें हर मिनट फेसबुक पर होती हैं अपलोड
30 करोड़ तस्वीरें हर दिन अपलोड होती हैं फेसबुक पर
1.36 लाख तस्वीरें शेयर की जाती हैं हर मिनट ट्विटर पर
95 करोड़ फोटो और वीडियो रोज साझा हो रहे इंस्टाग्राम पर
भारत में फोटोग्राफी के कुछ कॉलेज
जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
फिल्म एंड टेलीविज़न इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया, पुणे
एशियन अकादमी ऑफ़ फिल्म एंड टेलीविज़न, नॉएडा
दिल्ली कॉलेज ऑफ़ फोटोग्राफी, दिल्ली
नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ फोटोग्राफी, मुंबई
जवाहरलाल नेहरू आर्किटेक्चर एंड फाइन आर्ट्स यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
सिम्बायोसिस स्कूल ऑफ़ फोटोग्राफी, पुणे
इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिजिटल आर्ट्स एंड एनीमेशन, कोलकाता
कहते हैं, किसी पल को अगर अमर करना हो तो उसे तस्वीरों में कैद कर लो। तस्वीरें किसी के प्रति आपकी भावनाओं का भी हाल बताती हैं। चित्र बनाना इन्सान के लिए अपनी रचनात्मकता की अभिव्यक्ति का
सशक्त माध्यम रहा है।