यह बात तो हम सभी जानते हैं कि घूम्रपान करना सेहत के लिए नुकसानदायक होता है| लोगों को इसके प्रति जागरुक करने के लिए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है| तम्बाकू एक प्रकार का पौधा है जो निकोटियाना प्रजाति का है जिसके पत्तो को सुखा कर नशा करने कि वस्तु बनाई जाती है। ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि तम्बाकू एक मीठा जहर है जो धीरे-धीरे इंसान की जान ले लेता है और कई प्रकार की बीमारियों को भी पैदा करता है। तम्बाकू का उपयोग सिगरेट, बीड़ी, हुक्का, जर्दा, खैनी, गुटका इत्यादि के रूप में किया जाता है। एक आम और प्रसिद्ध कहावत है कि “स्वास्थ्य धन है”. अच्छा स्वास्थ्य किसी भी व्यक्ति का मानसिक, शारीरिक और सामाजिक कल्याण की भावना है, न कि केवल बीमारियों से मुक्त होना
हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस दुनिया भर में धूम्रपान करने के प्रभाव, तंबाकू चबाने और इससे उत्पन्न हुई बीमारियां जैसे कि कैंसर, दिल की बीमारियां, आदि के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए 31 मई को मनाया जाता है। इस दिन तंबाकू के उपयोग से जुड़े स्वास्थ्य समस्याओं और अन्य पैदा हुए खतरों पर ज़ोर दिया जाता है. साथ ही तंबाकू की खपत को कम करने के लिए प्रभावी नीतियों को भी सरकार द्वारा बनाया जाता है। स्वास्थ्य पर तंबाकू के बुरे प्रभावों के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए इस दिन कई अभियान, कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। हम सभी जानते हैं कि तंबाकू या अन्य ऐसे उत्पादों को खाने से कुछ समय तक खुशी मिलती है, अच्छा लगता है, लेकिन यह धीर- धीरे जीवन से दूर ले जाता है. ऐसा भी हो सकता है कि तंबाकू चबाने के बाद एक व्यक्ति थोड़ी देर के लिए ऊर्जावान महसूस करे लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों होता होगा? इसके सेवन से एक प्रकार की लत लग जाती है और आप इसी में जकड़ कर रह जाते हैं जिससे निकलना मुश्किल हो जाता है लेकिन नामुमकिन नहीं। आज के इस लेख में आपको वर्ल्ड टबैको निषेध दिवस का इतिहास, महत्व, उद्देश्य, थीम, तंबाकू खाने से हानि, सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के विषय में हम पूरी जानकारी देंगे।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास
वर्ष 1987 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सदस्य राज्यों ने तंबाकू महामारी, इसके रोकथाम और इससे होने वाली मौत और बीमारीयों के कारण वैश्विक तौर पर ध्यान आकर्षित करने के लिए विश्व निषेध तंबाकू दिवस मनाने का फैसला लिया। 15 मई 1987 को वर्ल्ड हेल्थ असेंबली ने 7 अप्रैल 1988 को ” विश्व धूम्रपान निषेध दिवस” के लिए एक प्रस्ताव पारित किया. इस तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि यह विश्व स्वास्थ्य संगठन की 40वीं वर्षगांठ थी। इसके अलावा 1988 में हर साल विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने के लिए 31 मई को एक और प्रस्ताव पारित किया गया था और तब से 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाने लगा।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्व
हर वर्ष 31 मई को विश्व भर में विश्व तंबाकू निषेध दिवस के नाम से मनाया जाने वाले इस दिन का एक विशेष महत्व है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य तंबाकू सेवन से होने वाले नुक्सान एवं स्वास्थ्य पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभावों की ओर इशारा करना है। एवं तंबाकू या इसके उत्पादों के उपभोग पर रोक लगाना या इस्तेमाल को कम करने के लिए लोगों को जागरुक बनाना है। साथ ही इसका उद्देश्य लोगों को तंबाकू के कारण स्वास्थ्य पर होने वाले खतरे और साइड इफेक्ट को लेकर जागरुक करना और उन्हें इस चीज के इस्तेमाल से दूर करना है। विश्व भर में हर वर्ष करीब 70 लाख मौते तंबाकू के सेवन के कारण होती हैं। सर्वप्रथम 1987 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया था। आज भी यह दिवस प्रतिवर्ष तंबाकू की महामारी पर वैश्विक ध्यान आकर्षित करने के लिए मनाया जा रहा है।
तंबाकू में मौजूद रसायनिक यौगिक
तंबाकू में कई प्रकार के रासायनिक यौगिक मौजूद होते है, जो कई बीमारियों का कारण बनते है जो निम्न हैं –
निकोटीन (एक रासायनिक यौगिक)
हाइड्रोजन साइनाइड (Hydrogen cyanide)
फॉर्मलडेहाइड (formaldehyde)
लीड/सीसा की उपस्थिति।
आर्सेनिक की अधिकता।
बेंजीन का होना।
कार्बन मोनोऑक्साइड आदि विषेले रासायनिक यौगिक शामिल होते हैं।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाने का उद्देश्य
वार्षिक रूप से आयोजित होने वाला यह अभियान तंबाकू के हानिकारक उपयोग और घटक प्रभाव के विषय में जागरूकता फैलाने तथा किसी भी रूप में तंबाकू के उपयोग को हतोत्साहित करने का एक अवसर है।अकाल मृत्यु होने के कारणों में से तंबाकू सेवन भी एक है, यह फेफड़ों को नुकसान पहुँचता है और गंभीर और अक्सर घातक स्थितियों जैसे कि हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर को बढ़ावा देने का कार्य करता है।
WHO की रिपोर्ट के अनुसार प्रति वर्ष करीब 8 मिलियन लोग इसके कहर से मर रहे हैं। इसके अत्यधिक सेवन से मुंह और फेफड़ों का कैंसर होने के चांसेस कई गुना बढ़ जाते हैं। इनमें फेफड़े के कैंसर से लेकर अस्थमा और हृदय से जुड़ी बीमारियां तक शामिल हैं।
विश्व तंबाकू निषेध दिवस की थीम 2021
विश्व स्वास्थ संगठन के द्वारा हर वर्ष वर्ल्ड नो टोबैको डे के लिए एक विशेष थीम तय की जाती है. इस वर्ष यानी 2021 के लिए इस दिन की थीम ‘छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध’ (Commit to Quit) रखी गयी है. हर वर्ष वर्ल्ड नो टोबैको डे पर जो कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं वो इसी विशेष थीम पर आधारित होते हैं. कोरोना के चलते इस वर्ष ज्यादातर कार्यक्रम ऑनलाइन/डिजिटल माध्यम से आयोजित होंगे. इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा “तम्बाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध” विषय पर पोस्टर एवं स्लोगन प्रतियोगिता का आयोजन बीती 20 मई से किया गया है जो 10 जून, 2021 तक ऑनलाइन/डिजिटल माध्यम से आयोजित होगी।
हम सभी इस बात से अवगत हैं कि आज की युवा पीढ़ी कितनी तेजी से तंबाकू निर्मित पदार्थों का सेवन करने में आगे बढ़ रही है।
स्मोकिंग करना, हुक्का, कच्ची तंबाकू का सेवन, पान मसाला आदि पदार्थ का सेवन उनके स्टैण्डर्ड या यूँ कहें कि उनके सोसाइटी स्टेटस में शामिल हो रहा है, जो उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है।
कोरोना फैलने का खतरा
तंबाकू का सेवन करने वाले लोगों के लिए कोविड-19 के अधिक घातक होने की बड़ी वजह यही है कि उनका शरीर वायरस के हमले का प्रतिरोध नहीं कर पाता। इस साल विश्व तंबाकू दिवस की थीम ‘तंबाकू छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध’ महामारी को ध्यान में रखते हुए काफी उपयुक्त है। तंबाकू सेवन केवल आपके फेफड़ों की परत को नष्ट ही नहीं करता, बल्कि इसे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील बना देता है। संक्रमण के दौरान आपके शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को भी बाधित करता है। सिगरेट के धुएं का हर कश आपके फेफड़ों में सात हजार गुना से अधिक रसायन पहुंचाता है। अब कल्पना करें कि कोविड-19 संक्रमण होने की स्तिथि में क्या होता होगा। उन्होंने बताया कि स्मोकलेस तंबाकू जो कि गुटखा, पान, खैनी और अन्य तरीकों के द्वारा उपयोग किया जाता है। मुंह में चबाते समय लार का स्राव अधिक होने से बार-बार थूकना पड़ता है। इस तरह थूकने से कोरोना वायरस आसपास फैलने का खतरा ज्यादा होती हैं। ऐसे में धूम्रपान करने वाले से मुंह एवं हाथ को बार-बार छुने से भी कोरोना ज्यादा फैलने का खतरा बढ़ जाता है। तंबाकू छोड़ने से आपकी त्वचा में रक्त के प्रवाह में सुधार होता है। जिससे उस क्षेत्र में पहुंचने वाले ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है।
तंबाकू के उपयोग से होने वाली बीमारी
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पूरी दुनिया में हर साल तंबाकू का सेवन करने के कारण लाखों लोगों की जान चली जाती है। हम आपको बता दें कि तंबाकू का अत्याधिक सेवन कई प्रकार की बीमारियों को न्योता देता है जो निम्न है-
लंग्स कैंसर और मुंह का कैंसर :
तंबाकू का सेवन करने से शरीर कई बीमारियों की चपेट में आ जाता है। इन बीमारियों में से एक बीमारी लंग्स कैंसर यानी कि फेफड़ों का कैंसर है। लंग्स कैंसर होने का खतरा उन लोगों को सबसे ज्यादा होता है जो स्मोकिंग करते हैं। सिगरेट का सेवन ज्यादा करने से लंग्स की कार्य करने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है, और धीरे-धीरे व्यक्ति कैंसर की गिरफ्त में आ जाता है। इसी तरह से तंबाकू का सेवन करने से मुंह का कैंसर भी हो सकता है। यहां तक कि लोगों के बोलने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
हो सकते हैं डायबिटीज का शिकार : आजकल युवा हों या फिर बुजुर्ग ज्यादातर लोग जिस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं वो है डायबिटीज। क्या आपको पता है तंबाकू का सेवन और स्मोकिंग करना मधुमेह के प्रमुख कारणों में से एक है। इसलिए अगर आप अपने आप को डायबिटीज की चपेट में आने से बचाना चाहते हैं तो तंबाकू का सेवन आज से ही बंद कर दें।
दिल पर डालता है खराब असर :
एक रिसर्च की मानें तो भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में दिल से संबंधित रोग से मरने वाले लोगों की संख्या अधिक है। तंबाकू का सेवन करने से हर 5वां व्यक्ति दिल की बीमारी की चपेट में आ रहा है। ऐसे में तंबाकू का सेवन बंद करना ही एकमात्र उपाय है।
महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा : आजकल पुरुष हो या फिर महिलाएं स्मोकिंग करना आम बात हो गई है। लेकिन क्या आपको पता है महिलाओं की स्मोकिंग करने की ये आदत उन्हें ब्रेस्ट कैंसर का शिकार बना रही है। स्मोकिंग के जरिए शरीर में तंबाकू पहुंच रहा है। यही वजह है कि स्मोकिंग करने की वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा है। अगर कोई महिला गर्भवती और तंबाकू का सेवन कर रही है तो उसके बच्चे पर भी उसका नकारात्मक असर पड़ता है। इसके अलावा:-
महिलाओं में प्रजनन संबंधी समस्या का होना।
मुंह से बदबू आना।
दमा जैसे बीमारी का होना।
हृदय की बीमारी का होना।
दांत खराब होना।
आंखें कमजोर होना।
मधुमेह जैसी बीमारी।
आघात (स्ट्रोक) का होना।
Premature होना (समय से पहले जन्म)।
अंधापन और मोतियाबिंद की शिकायत होना।
इसके अलावा फेफड़ों का कैंसर, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन, लिवर कैंसर, मुंह का कैंसर, डायबिटीज का खतरा, कोलन कैंसर और महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर जैसी कई प्रकार की गंभीर बीमारियां हो जाती हैं। तंबाकू से उत्पन्न होने वाली इन बीमारियों के बारे में जानते हुए भी जो लोग तंबाकू या फिर उससे बनने वाले पान मसाले और सिगरेट का सेवन कर रहे हैं, उन्हें तंबाकू का सेवन करना छोड़ देना चाहिए। यह ना केवल उनके स्वास्थ्य के लिए बल्कि उनके आस-पास रहने वाले लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा।
सरकार द्वारा उठयें गये कदम
तंबाकू के सेवन को नियंत्रित करने के लिए सरकार द्वारा अभी तक कई क़दम उठायें गये है जो निम्न है –
WHO द्वारा 1987 में पारित प्रस्ताव में 7 अप्रैल 1988 को ‘विश्व धूम्रपान दिवस’ के रूप में घोषित किया गया। इसका उद्देश्य लोगों को कम से कम 24 घंटों के लिए तंबाकू, धूम्रपान का सेवन न करने के लिए उत्साहित करना था। 1988 में WHO द्वारा पारित अन्य प्रस्ताव में 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ के रूप में घोषित किया गया।
1992 में सरकार द्वारा तंबाकू की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
2003 में पारित अन्य अधिनियम के तहत तंबाकू उत्पादों पर सचित्र चेतावनी का प्रदर्शन अनिवार्य हो गया है।
2008 में WHO द्वारा सभी तंबाकू विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन पर विश्व भर में प्रतिबंध लगाने का आह्वान।
WHO द्वारा 2015 में तंबाकू के उपयोग से होने वाले स्वास्थ्य सम्बन्धी जोखिमों के बारें में जागरूक किया और इसके उत्पादों के अवैध व्यापार को समाप्त करने के लिए प्रभावी नीतियों को बनाया।
WHO द्वारा 2017 में, “विश्व तंबाकू निषेध दिवस” के बैनर के तहत तंबाकू का सेवन “विकास के लिए खतरा” के रूप में तम्बाकू पर ध्यान केंद्रित किया।
आयुर्वेद और योग की मदद से तम्बाकू से पाएं छुटकारा
अजवाइन : तम्बाकू के नशे से मुक्ति पाने में अजवाइन बेहद कारगर आयुर्वेदिक नुस्खा है। भुनी हुई अजवाइन खाने से तम्बाकू सेवन की बेचैनी धीरे-धीरे ख़त्म होती जाती है। इससे पाचन तंत्र को फायदा होता है और गैस, अपच आदि की समस्याओं में भी राहत मिलती है।
अदरक : तम्बाकू खाने की जब भी इच्छा बलवती हो जाए तब अदरक को मुंह में रखें और धीरे-धीरे उसे चूसते रहें। तम्बाकू खाने या धूम्रपान करने की इच्छा पर विराम लगेगा। इसके लिए अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े करके उसमें नींबू का रस और नमक मिलाकर धूप में सुखा लें। अदरक में सल्फर होता है जो इस लत को कम करने में मदद करते है।
शहद और नींबू : नींबू के रस में शहद मिलाकर पीने से तम्बाकू के नशे की तलब दूर होती है। नींबू-पानी से शरीर से नशीले पदार्थ भी बाहर निकलते हैं।
आंवला, सौंफ और इलायची : आंवला, सौंफ और इलायची के चूर्ण का मिश्रण भी नशे की लत से छुटकारा पाने में बेहद उपयोगी है। सिगरेट या तम्बाकू खाने की जब भी इच्छा हो तब इन तीनों के चूर्ण की एक पुड़िया मुंह में रखें और धीरे-धीरे इसे चबाते रहें। कुछ दिन तक ऐसा करने से नशे की तलब ख़त्म हो जायेगी। साथ ही पेट के लिए भी यह फायदेमंद है। खट्टी डकार ,भूख ना लगना, पेट फूलने में आराम मिलता है।
तुलसी : आयुर्वेद में तुलसी का विशेष महत्व है। तम्बाकू से छुटकारा पाने में भी यह विशेष उपयोगी है। सिगरेट पीने या तंबाकू खाने का जब भी मन करे तो तुलसी का पत्ता चबाएं। सुबह और शाम तुलसी के 2-3 पत्ते चबाने से नशे की लत से छुटकारा मिल सकता है।
योग और व्यायाम : तम्बाकू की लत पड़ने पर, उसे छोड़ना आसान नहीं होता। इसके लिए जबरदस्त इच्छाशक्ति और मानसिक दृढ़ता की जरुरत होती है। इसके लिए शरीर, मन और आत्मा का एक होना जरुरी होता है। इसके लिए योग से बेहतर कुछ भी नहीं है। शवासन से विशेष फायदा होता है। अनुलोम-विलोम भी उपयोगी है। योगासन के साथ-साथ शारीरिक व्यायाम भी करते हैं तो सोने पर सुहागा। यह तनाव को कम करता है।
शराब, चीनी और कॉफी से दूरी :
तम्बाकू छोड़ने का आपने निश्चय कर लिया है तो कुछ वक़्त तक शराब, चीनी और कॉफी से भी दूरी बनानी होगी। ये तीनों सिगरेट पीने की इच्छा को जागृत करते हैं।
शाकाहारी खाना : मांसाहरी और वसायुक्त खाना तम्बाकू से छुटकारा पाने की राह में बाधक है। इसमें मन का सात्विक होना जरुरी है और उसके लिए शाकाहारी भोजन जरूरी है। साथ ही पानी भी खूब पीना चाहिए। ताजा खाद्य पदार्थ खाएं और इसलिए आहार को लेकर बेहद अनुशासित होने की जरुरत है।
हर्बल चाय : हर्बल चाय पीने से भी तम्बाकू सेवन की इच्छा में कमी आती है। कैमोमाइल और ब्राह्मी मिश्रित हर्बल टी से काफी लाभ होता है।
अनानास, हरड़ और लौंग : तम्बाकू खाने या धूम्रपान करने की जब भी इच्छा हो तो सूखे अनानास के एक या दो टुकड़े को शहद के साथ चबाएं। इससे फायदा होगा। भिगोकर रखी गई काली हरड़ को चूसने से भी फायदा होता है। लौंग चूसने से भी फायदा होगा।
चुनें अन्य मौखिक विकल्प : बिना नशे वाली तंबाकू के लिए अन्य भी कई प्रभावी विकल्प हैं, जो आपके कर्ब को चबाने की आदत में मदद देंगे. इसकी शुरुआत आप कर सकते हैं बिना तंबाकू वाले उत्पादों के साथ. इसके बाद इस आदत को आप आगे बढ़ा सकते हैं कैंडी, बिना शुगर वाले सूरजमुखी के बीज और बियर जर्की के साथ. इन चीजों को आप बिना तंबाकू मिलाए ले सकते हैं, जो आपको स्वाद कुछ वैसा ही देगी, लेकिन काम बिना तंबाकू वाला ही करेगी. अब तैयार हो जाइए इन नुस्खों को इस्तेमाल करके तम्बाकू के सेवन से मुक्ति पाने के लिए।
खुद को व्यस्त रखें : खाली बैठे रहने से आपको मुंह में तंबाकू को चबाने की याद जरूर आएगी. ऐसे में एक साधन तो ये है कि आप बिना नशे वाली तंबाकू ले लें, या फिर ज्यादा बेहतर होगा कि आप खुद को खाली रखने के बजाए किसी काम में व्यस्त रखें. अपने दिमाग और शरीर को किसी काम में इतना मशगूल कर दें कि आपको तंबाकू की याद ही नहीं आए. इस बीच में जब कभी ऐसा हो कि व्यस्तता के बाद भी बीच में आपको तंबाकू की बहुत ज्यादा तलब लगे, तो उस समय को किसी कॉपी में नोट कर लें. ताकि जब आप अगले समय ऐसा करें तो आपको अंदाजा हो जाए कि कितने समय के दौरान आपको तंबाकू की लत लगेगी. अगली बार से उस समय पर खुद को आप और भी ज्यादा व्यस्त करने की कोशिश करें. इसके लिए जरूरी नहीं कि आप बहुत मेहनत वाला काम करें. आप जॉगिंग, वॉकिंग, स्वीमिंग जैसे ऐसे काम भी कर सकते हैं, जो आपके दिमाग और शरीर दोनों को सुकून दे।
विटामिन ए, सी व ई के सेवन को बढ़ाएं : तंबाकू आपके शरीर में स्किन सेल्स और ऊतकों (tissues) को डैमेज कर देती हैं. अब बिटामिन ए, सी और ई युक्त भोजन शरीर की इन क्षतियों को सही कर सकता है और इस तरह से हमारा शरीर पहले की तरह ठीक से काम करने लगता है. उदाहरण के तौर पर विटामिन ए शरीर में बलगम झिल्ली के उपचार के लिए आवश्यक है. यह तंबाकू के सेवन से सबसे ज्यादा और पहले प्रभावित होती है. विटामिन ई की जरूरत शरीर में उचित ऑक्सीकरण और मुक्त कणों को शरीर से बाहर निकालने के लिए होती है. अब ऐसे में इन विटामिन्स से भरपूर खाने का सेवन करके आप तंबाकू से शरीर के अंदर हुई खराबी को सही कर सकते हैं।
लेकिन यह नुस्खे तभी काम आयेंगे जब तम्बाकू से छुटकारा पाने के लिए आप दृढ़ संकल्पित हो। यदि आपने एक बार पक्का इरादा कर लिया तो तम्बाकू के खिलाफ आधी जंग आप वैसे ही जीत जाते हैं।
निष्कर्ष
इस आप देख सकते है कि इसके सेवन से न केवल हम अपने आपको कठिनाई में डालते है बल्कि अपने परिवार को भी हम कठिनाई में डालने का कार्य करते है। इस समस्या से जल्द से जल्द हमें उबरना चाहिए इसके लिए हमें प्रण लेना होगा यदि हम इसका उपभोग करते हैं तो धीरे धीरे इसका सेवन हमें कम करना होगा, और फिर इसका सेवन पूर्ण रूप से समाप्त करना होगा।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत तंबाकू का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है। अत: हम सभी को सरकार द्वारा चलाये जा रहे जागरूक कार्यक्रमों में खुद बढ़ चढ़ कर भाग लेना चाहिए और लोगो को भी अपनी ओर से जागरूक करने का कार्य करना होगा तभी हम तंबाकू मुक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकेंगे।