वर्क फ्रॉम होमे के दौरान कई लोग शारीरिक और मानसिक बदलाव महसूस कर रहे हैं. कुछ लोग जहां मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं. वहीं कुछ लोग ओवरइंटिंग और अनहेल्दी स्नैक्स से अपनी आदत बिगाड़ रहे हैं।
कोविड-19 संक्रमण के इस दौर में दफ्तरों में काम करने वाले अधिकांश लोग फिलहाल घर से काम कर रहे हैं। एक अध्ययन के अनुसार 75 प्रतिशत भारतीय ऑफिस वर्कर्स को घर से कम्प्यूटर पर काम करने के कारण मांसपेशियों और हड्डियों में दर्द से जूझ रहे हैं। घर से काम करने का विचार, जो शुरुआत में काफी रोमांचक लगा, अब दर्दनाक हो गया है. घर से काम कर रहे कई लोगों ने लंबे समय तक बैठने के कारण पीठ दर्द, गर्दन में दर्द का जिक्र किया है। कुछ खास तरह के एक्सरसाइज और कुछ अन्य नियमों को अपनाकर आप इस तरह के परेशानियों से मुक्ति पा सकते हैं। आइए जानते हैं।
वजन बढ़ना
लॉकडाउन में हर किसी का वजन बढ़ता है. क्योंकि इस समय आप कोई भी एक्टिविटी नहीं करते हैं। अनहेल्दी फूड खाने की वजह से वजन बढ़ जाता है। इसलिए जरूरी है कि आप घर पर कुछ देर व्यायाम जरूर करें. हेल्दी खाना खाएं और पूरी नींद लें. इससे आपका वजन नहीं बढ़ेगा. एक्सरसाइज करने की वजह से तनाव से भी दूर रहेंगे. इसके अलावा योग भी कर सकते है।
मांसपेशियों और पीठ में दर्द
घंटों एक जगह बैठने की वजह से पीठ दर्द की समस्या से गुजरना पड़ता है. आप सही पॉश्चर में 90 डिग्री के एंगल पर बैठें. इससे आपको पीठ दर्द की समस्या नहीं होगी। इसके अलावा कुछ घंटों पर स्ट्रेचिंग जरूर करें. काम के दौरान ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं ताकि आपका शरीर हाइड्रेटेड रहें।
डीप वेन थ्रोम्बोसिंस (डीवीटी)
कई घंटों तक एक ही जगह बैठने से आप डीप वेन थ्रोम्बोसिंस यानी डीवीटी का शिकार हो सकते हैं जिसकी वजह से आपकी जान भी जा सकती है. इस बीमारी में आपके पैरों की नसों में खून के थके जमने लगते है जिसकी वजह से पैरों में दर्द और सूजन होने लगती है. ज्यादातर लोग इसके लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं. शरीर में खून जमने के कारण ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. जिसकी वजह से मौत तक हो सकती है।
कंप्यूटर सिंड्रोम
लैपटॉप पर घंटों काम करने से लोग कंप्यूटर सिंड्रोम का शिकार हो रहे हैं. इसकी सीधा असर आपकी आंखों पर पड़ता है।
डेस्क का करें इस्तेमाल
घर से काम करते समय एक सही डेस्क पर काम करते हुए इन सभी जोखिमों को कम किया जा सकता है. कुछ न्यूट्रिशनिस्ट का मानना है कि एक टेबल पर अपने लैपटॉप के साथ, फर्श पर पैर रख कर काम करने से गर्दन और पीठ के दर्द से बचा जा सकता है।
लैपटॉप को गोद में रखने से बचें
ज्यादातर लोग अपने घर के बिस्तर पर ही बैठकर काम कर रहे हैं। जिसमें लैपटॉप को अपनी गोद पर रख कर काम में लिया जा रहा है। गर्दन और पीठ के दर्द से बचने के लिए इस तरह से लैपटॉप का उपयोग करने से बचना जरूरी है।
लैपटॉप के लिए करें डेस्क का इस्तेमाल
घर से काम करते समय हमें लैपटॉप को रखने के लिए एक डेस्क की जरुरत होगी. जिससे की हम लैपटॉप को उस पर रख कर काम में ले सकें. इस दौरान हमारी रीढ़ सीधी होनी चाहिए और दोनों पैर जमीन पर अच्छी तरह से टिके हुए होने चाहिए।
इन बातों का रखें ध्यान
1. काम के दौरान हर थोड़ी- थोड़ी देर में वॉक करें. इससे पीठ और पैरों में दर्द नहीं होगा।
2. लैपटॉप और अपनी आंखों के बीच एक फीट की दूरी बनाकर रखें।
3. अगर आप लंबे समय से काम कर रहे हैं तो थोड़ा ब्रेक लेकर दूसरी चीजों पर ध्यान दें।
4. लैपटॉप पर काम करने के दौरान बीच- बीच में आंखों पर पानी के छिटे मारे. इससे आपकी आंखें स्वस्थ रहेगी और थकान भी महसूस नहीं करेंगे।
स्ट्रेचिंग, व्यायाम और योगासन से मिलेगा फायदा
नियमित रूप से बैठने के हर 30 मिनट के बाद ब्रेक लेने से पीठ दर्द और गर्दन के दर्द को रोकने में मदद मिल सकती है. आप इस ब्रेक के दौरान थोड़ी सी स्ट्रेचिंग करके भी दर्द के असर को कम कर सकते हैं। इसके साथ ही नियमित व्यायाम और थोड़े योगासन भी आपकी रीढ़ को मजबूत बनाने, लचीलेपन में सुधार करने और पीठ दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं।
रिसर्च के अनुसार अगर दिन में तीन बार स्ट्रेचिंग की जाए तो कम्प्यूटर वर्क करने वाले लोगों में होने वाले कलाई, पीठ, गर्दन और बांहों के दर्द से बचा जा सकता है।
क्यों होता दर्द है?
कनाडा की मॉन्कटन यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नैन्सी ब्लैक के अनुसार, जब आप लंबे समय तक एक ही स्थिति में खड़े या बैठे रहते हैं तो गुरुत्वाकर्षण बल आपकी पीठ की डिस्क पर दबाव डालता है। डिस्क पर पड़ने वाला यही दबाव कमर दर्द और नर्व से संबंधित समस्याओं के रूप में सामने आता है। ग्रेविटी रीढ़ की हड्डी पर दबाव डालती है। यह दबाव डिस्क के बीच पाए जाने वाले फ्लूइड को बाहर की ओर खींचता है। डॉ. ब्लैक बताती हैं कि हर 40 मिनट में अगर आप 20 से 30 सेकंड का ब्रेक भी लेते हैं तो फ्लूइड अपनी वास्तविक स्थिति पर पहुंच जाता है। कुर्सी से खड़े होकर हल्की सी स्ट्रेचिंग करना या फिर किचन तक एक गिलास पानी लेने जाना भी इस मूवमेंट में शामिल है।
दिन में तीन बार स्ट्रेचिंग के ये 3 सेट करें
1) कलाई मूवमेंट
खड़े होकर एक हाथ को सीधा कर लें। हथेली नीचे की तरफ रखें।
अब दूसरे हाथ से पहले वाले हाथ की उंगलियों को पकड़कर पीछे की तरफ ले जाएं। इन्हें तब तक मोड़ें जब तक खिंचाव न महसूस होने लगे।
थोड़ी देर इसी स्थिति में रुकें। हाथ को वापस पुरानी स्थिति पर सीधा छोड़ दें।
अब पहले वाले हाथ को सीधा रखते हुए दूसरे हाथ से उंगलियों और पंजे को नीचे की तरफ ले जाएं। ऐसा ही दूसरे हाथ में करें।
2) कंधों की एक्सरसाइज
सीधे खड़े हो जाएं। अब धीरे-धीरे अपने कंधों को ऊपर की ओर कान की तरफ ले जाएं।
3 से 5 सेकंड तक इस स्थिति में रुकें। फिर उन्हें धीरे-धीरे वापस नीचे ले आएं।
इस प्रक्रिया को 3 से 5 बार दोहराएं।
3) पीठ और सीने की स्ट्रेचिंग
दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में फंसाकर हाथ सिर के पीछे ले जाएं।
अब हाथों को इस तरह पीछे की तरफ मोड़ें की दोनो कंधे आपस में टकरा जाएं। कंधों पर दबाव डालते हुए 5 से 6 सेकंड रुकें।
लंबी सांस लें और कंधों को ढीला छोड़ दें। इसे एक बार फिर से दोहराएं।
डॉ. नैन्सी ब्लैक कहती हैं कि काम से जुड़ी ये इंजरी तत्काल प्रभाव नहीं दिखातीं। लेकिन लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहने पर ये समस्या विकट हो सकती है।