बिना डॉक्युमेंट्स कहीं भी निवेश संभव नहीं. फिर भी माइक्रो-एसआईपी आपको बिना किसी कागजात के सिर्फ 100 रुपए में निवेश करने का मौका देती है. आइये जानते हैं कैसे हो सकती है निवेश की शुरुआत।
माइक्रो-एसआईपी (Micro-SIP) में हर महीने सिर्फ 100 रुपए का एक छोटा सा निवेश भी आपको लंबे समय में करोड़ों का फंड दे सकता है. अगर आप 100 रुपए का हर महीने निवेश करते हैं तो एक साल में आप 1200 रुपए जमा करेंगे, आने वाले 20 सालों में आपका डिपॉजिट 24000 रुपए होगा, हर साल इस पर 12 फीसदी रिटर्न मिलता है तो 98,925 रुपए का फंड तैयार हो जाएगा. 30 साल के बाद ये करीब 3.5 लाख रुपए होगी. अगर आप 50 साल में देखें तो ये 39 लाख रुपए पहुंच जाएगा। अगर आपके पास म्यूचुअल फंड की थोड़ी भी जानकारी है तो आपने एसआईपी (सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) के बारे में जरूर सुना होगा। म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन एसआईपी है। मगर क्या आप माइक्रो एसआईपी के बारे में जानते हैं? माइक्रो यानी सूक्ष्म मतलब बहुत छोटा। एसआईपी वही एसआईपी है, जिसके बारे में आप जानते हैं। इस तरह माइक्रो एसआईपी का मतलब बहुत कम राशि की एसआईपी। माइक्रो एसआईपी म्यूचुअल फंड में निवेश का एक नया तरीका है। इसमें निवेशक हर महीने बहुत छोटी राशि का निवेश करते हैं। मगर लंबे समय में इसी छोटी राशि से लाखों रु का फंड तैयार किया जा सकता है।
क्या है माइक्रो SIP?
SIP यानी (सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान) का निवेश अगर सिर्फ 100 रुपए से शुरू किया जाए तो Micro SIP कहलाता है. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) रेगुलेटर सिक्योरिटीज एक्सचेंज एंड बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) ने माइक्रो-सिप (Micro SIP) में निवेश करने वालों के लिए KYC नियमों को आसान किया था. बिना PAN के भी इन्वेस्टर्स इसमें निवेश कर सकते हैं. दो शर्तों का पालन करना होगा है. साल में कोई 50,000 रुपए से ज्यादा का निवेश नहीं कर रहा हो और नाम-पते के साथ पहचान पत्र देना होगा।
कौन से डॉक्युमेंट जरूरी?
माइक्रो SIP के लिए पैन या KYC (Know your customer) डॉक्युमेंटेशन की जरूरत नहीं पड़ती. हालांकि, आपके पास फोटो आइडेंटिफिकेशन डॉक्युमेंट की फोटोकॉपी, वोटर आईडी या ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए. इनके वेरिफिकेशन के लिए ओरिजिनल डॉक्युमेंट्स भी दिखाने पड़ते हैं. छोटू SIP के लिए जरूरी डॉक्युमेंट्स की जानकारी एसेट मैनेजमेंट कंपनियों से हासिल की जा सकती है।
डॉक्युमेंट्स का अटेस्टेशन
आइडेंटिटी प्रूफ के तौर पर आप जो डॉक्युमेंट्स दे रहे हैं, वे सही होने चाहिए. इन्वेस्टर्स को इस पर अपना साइन करना होता है. अटेस्टेशन के लिए कागजात पर किसी ARN होल्डर का साइन भी जरूरी है, जो AMFI के पास म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर के तौर पर रजिस्टर्ड होता है।
कौन कर सकता है निवेश?
माइक्रो SIP इंडिविजुअल्स, NRI, माइनर भी खोल सकते हैं. माइक्रो SIP के लिए HUF या दूसरी कैटिगरी के इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स को छूट नहीं है।
एकमुश्त निवेश के लिए नहीं है माइक्रो SIP
माइक्रो SIP में एकमुश्त निवेश के लिए छूट नहीं मिलती है. एक फाइनेंशियल ईयर में 50,000 से कम होने पर भी एकमुश्त निवेश लागू नहीं होता. यह सिर्फ SIP के लिए है और इसके तहत कुल रकम एक फाइनेंशियल ईयर में 50,000 से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. एक से ज्यादा माइक्रो SIP भी शुरू की जा सकती हैं. अगर माइक्रो SIP एसआईपी के डॉक्युमेंट्स गलत या अधूरे मिलते हैं तो निवेशक को डिफिशिएंसी मेमो मिलेगा और SIP एप्लिकेशन रद्द हो जाएगी।
रोज के 3 रु से बनेंगे लाखों रु
अगर आप हर महीने 100 रु (रोज के करीब 3 रु) किसी एसआईपी में निवेश करें तो साल में कुल 1200 रु जमा होंगे। 20 साल बाद हर महीने 100 रु की रकम हो जाएगी 24000 रु। यदि ये माना जाए कि आपको सालाना 12 फीसदी का रिटर्न मिलेगा तो 20 साल बाद आपके 24000 रु असल में करीब 99000 रु होंगे। आगे जानिए 30 साल में कितना फंड तैयार होगा।
30 साल बाद कितना पैसा मिलेगा
यदि आपने अभी कमाना शुरू किया है तो हर महीने 100 रु का निवेश करते हैं। इस तरह लगातार 30 साल तक निवेश करते रहें। 30 साल आपकी निवेश राशि होगी 36000 रु। 12 फीसदी अनुमानित रिटर्न के हिसाब से आपको मिलेंगे करीब 3.5 लाख रु। 50 साल में ये रकम 39 लाख रु तक हो सकती है। दूसरे यदि आप 100 रु के बजाय 200 रु का निवेश करें तो और भी मोटी रकम तैयार की जा सकती है।
बच्चों का फ्यूचर सेफ
यदि आप अपने बच्चे की पॉकेट मनी में से हर महीने 100 रु काट कर एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करें तो आपकी बेटी/बेटा बड़े होने तक लखपति हो जाएगा। 2-3 लाख रु की रकम बेशक आपके लिए कम हो। मगर ये पैसा आपके बच्चे की शिक्षा में इस्तेमाल हो सकता है। ये रास्ता उन लोगों के लिए और भी अच्छा है, जो बहुत बड़ी राशि का निवेश नहीं कर सकते।
हर महीने 1000 रु से बनेंगे 20 लाख रु
म्यूचुअल फंड एक ऐसी जगह है, जहां आप जितने लंबे समय तक जितना ज्यादा निवेश करेंगे उतना ही अधिक पैसा आपको मिलेगा। यदि आप 1000 रु 20 साल तक लगातार किसी अच्छी म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते रहें तो आपको मैच्योरिटी पर 20 लाख रु मिलेंगे। 30 साल बाद यह राशि 50 लाख रु पर पहुंच जाएगी।
इक्विटी स्कीम में तेजी से बढ़ता है पैसा
म्यूचुअल फंड में पैसा लगा कर आप शेयरों में निवेश करते हैं। शेयरों में तेजी का फायदा म्यूचुअल फंड को मिलता है और यही आपको रिटर्न को मिलता है। हालांकि ऐसा इक्विटी स्कीमों में होता है। डेब्ट स्कीम में आपका पैसा बॉन्ड या सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। अगर आप कुछ टिप्स फॉलों करें तो यकीनन करोड़पति बन सकते हैं।
कैसा रहा है 5 साल का प्रदर्शन
बाजार में ऐसी कई म्यूचुअल फंड स्कीम हैं, जिनमें पिछले 5 साल में 15 से 25 फीसदी तक सालाना के हिसाब से रिटर्न मिला है।
PGIM इंडिया मिडकैप अपॉर्चुनिटी फंड
5 साल का रिटर्न: 25%
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 11 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 1000 रुपये
एसेट्स: 713 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.64% (31 जनवरी, 2021)
कोटक स्मालकैप फंड
5 साल का रिटर्न: 23%
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 10.54 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 1000 रुपये
एसेट्स: 2539 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.60% (31 जनवरी, 2021)
मिरे एसेट्स इमर्जिंग ब्लूचिप
5 साल का रिटर्न: 23%
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 10.47 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 1000 रुपये
एसेट्स: 14146 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.75% (31 जनवरी, 2021)
SBI स्मालकैप फंड
5 साल का रिटर्न: 23%
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 10.47 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 500 रुपये
एसेट्स: 6594 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.90% (31 जनवरी, 2021)
Axis मिडकैप फंड
5 साल का रिटर्न: 23%
5 साल में 5000 मंथली SIP की वैल्यू: 10.44 लाख रुपये
(कुल निवेश: 3 लाख रुपये)
मिनिमम SIP: 500 रुपये
एसेट्स: 8608 करोड़ (31 जनवरी, 2021)
एक्सपेंस रेश्यो: 0.52% (31 जनवरी, 2021)
(source: value research)
SIP के फायदे
एसआईपी इक्विटी या डेट फंड में निवेश शुरु करने वाले उन निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प है जो बाजार की जोखिम को कम करना चाहते हैं।
इसके जरिए कैपिटल मार्केट में छोटी राशि के साथ और आसान किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं।
एसआईपी में निवेशकों को कंपाउंडिंग का फायदा मिलता है. लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है।
हर महीने किस्त जमा करने का फायदा है कि जब बाजार में रिटर्न बढ़ रहा हो तो टॉप अप एसआईपी के जरिए किस्त बढ़ा सकते हैं।
बाजार में गिरावट आने और डर बढ़ने पर एसआईपी पॉज करने की भी सुविधा है, फिर बाजार सही होने पर इसे जारी रख सकते हैं।
इसके तहत फंड हाउस को स्टैंडिंग इंस्ट्रक्शन देकर बैंक अकाउंट से ऑटो डेबिट की सुविधा भी ले सकते हैं, जिससे हर महीने आपके बैंक अकाउंट से अपने आप किश्त की राशि कट जाएगी।
निवेश से पहले बरतें ये सावधानी
निवेश के दौरान कभी-कभार निवेशक जाने अनजाने गलती कर बैठते हैं। इससे उन्हें वित्तीय नुकसान उठाना पड़ता है।
* निवेशक को एसआईपी अमाउंट उतना ही रखना चाहिए, जितना वह नियमित रूप से निवेश कर सके। जल्दी अमीर बनने के चक्कर में अगर आपने बड़ी रकम से एसआईपी शुरू कर दी। फाइनेंशियल दिक्कत या बड़े खर्चों के चलते अगर कुछ महीने बाद एसआईपी कन्टीन्यू नहीं रहती तो इस निवेश का कोई लाभ नहीं मिलता।
* निवेशकों की ओर से सबसे ज्यादा की जाने वाली गलतियों में से एक ये भी हैं। एसआईपी के जरिए जितनी धनराशि का निवेश होता है, उस हिसाब से उसकी वैल्यू नहीं बनती।मतलब ये कि निवेशित धन को समय देना भी जरूरी है। जितनी लम्बी अवधि का समय देंगे, इन्वेंस्टमेंट की वैल्यू उतनी ही बढ़ेगी। इसलिए छोटी अवधि की एसआईपी से अच्छे रिटर्न की उम्मीद करना बेमानी है।
* अगर आपको हर पॉजिटिव रिटर्न पर एसआईपी से कुछ लाभ बार-बार निकालने की आदत है तो ये आदत आपके निवेश को नुकसान की राह पर ले जाएगी। इसलिए समझदार निवेशकों को धैर्य रखकर निवेशित रहना चाहिए।
* निवेशकों का आम मनोविज्ञान है कि गिरते शेयर बाजार में वे डर के कारण एसआईपी बंद कर देते हैं। जबकि उठते बाजार में लालचवश निवेश का निर्णय ले लेते हैं। यानी निवेशक बाजार को टाइम करने की कोशिश करते हैं, जिसमें वे फेल हो जाते हैं। गिरते बाजार में SIP से Investment बंद करने का फैसला नुकसानदायी होता है।
* डिविडेंड और ग्रोथ ऑप्शन को समझने से पहले आपको जानना जरूरी है कि कंपाउंडिंग कैसे काम करता है। कंपाउंडिंग को दुनिया का आठवां अजूबा कहा जाता है। ये एक इंटरेस्ट की ऐसी चेन हैं जो लगातार बढ़ती जाती है। समान अवधि के साधारण ब्याज की तुलना में कंपाउंडिंग की वैल्यू बहुत अधिक होती है।
* कई बार ऐसा होता है कि निवेशक के पास नियमित आय के अलावा कुछ अन्य सोर्सेज से मोटा पैसा आ जाता है। अगर निवेशक का उन अतिरिक्त पैसों की कोई तत्काल जरूरत न हो तो उन्हें फंड में लगा देना चाहिए। अन्यथा वे पैसे खर्च हो जाते हैं। इसलिए पहले से चालू एसआईपी में अतिरिक्त धन का निवेश करने में ही समझदारी है।देखने में आया है कि ज्यादातर निवेशकों को पता नहीं रहता कि वे एकमुश्त राशि का निवेश चालू एसआईपी वाले फंड में लगा सकते हैं।
* निवेशकों में बहुत बड़ा मिथक हैं कि बड़ी धनराशि का निवेश करने पर ही लुभावने रिटर्न मिलते हैं। कुछ हद तक ये बात सही हो सकती है, लेकिन पूरी तरह कतई नहीं। निवेशक आमतौर पर जरूरत पड़ने पर अपने सिप इन्वेस्टमेंट्स से थोड़ा-थोड़ा पैसा निकालते रहते हैं। वे सोचते हैं कि बाद में कुछ अमाउंट स्कीम में डाल देंगे। हालांकि, कभी कभार निवेशक बाद में कुछ पैसा स्कीम में निवेश भी कर देते हैं। महज ऐसा कर देने से ये जरूरी नहीं है कि आपका पैसा पहले की तरह ग्रोथ करें।
हमें खुद की और दूसरों की गलतियों से सबक लेना चाहिए। बड़ी गलतियों से बचे तो कमाएंगे मोटा रिटर्न।