किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार मधुमक्खी पालन और शहद के व्यापार को बढ़ावा दे रही है। किसानों के अलावा दूसरे लोग भी इस रोजगार से जुड़ कर लाखों की कमाई कर सकते हैं। कोरोना महामारी के इस दौर में भारत को शहद उत्पादन के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। दुनिया के 5 बड़े शहद उत्पादक देशों में भारत का नाम शामिल हो गया है। सरकार इसे और भी बढ़ावा देना चाहती है, ताकि लोगों को रोजगार का बेहतर जरिया मिल सके। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत सरकार ने मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है।
मधुमक्खी पालन का व्यापार कृषि के साथ साथ होने वाला व्यापार है. इस व्यापार की सहायता से आपको सीजन के तौर पर अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है. आप चाहे तो इस व्यापार को आरम्भ करने के लिए सरकार से आर्थिक मदद भी प्राप्त कर सकते हैं. इस व्यापार के लिए आपको मधुमक्खी पालन सम्बंधित जानकारियाँ प्राप्त करने की आवश्यकता होगी। इसी कड़ी में हम आपको अपनी इस खास रिपोर्ट में मधुमक्खी पालन के संदर्भ में विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं, जिन्हें आत्मसात कर आप मधुमक्खी पालन का कारोबार शुरू कर अच्छा खासा मुनाफा कमा सकते हैं।
भारत में बढ़ा शहद का उत्पादन
देश में शहद का उत्पादन 2005-06 की तुलना में 242 फीसदी बढ़ गया है। इसके साथ ही, शहद के निर्यात में 265 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। भारत अब दुनिया के 5 बड़े शहद उत्पादक देशों में शामिल हो गया है।
मधुमक्खी पालन के बारे कुछ मलूभूत बातें
मधुमक्खियां विभिन्न प्रकार की होती हैं. आपको जानकर हैरानी हो सकती है कि इस पूरी पृथ्वी पर कुल 20 हजार प्रकार की मधुमक्खियां हैं, लेकिन उसमें से सिर्फ 4 प्रकार की मधुमक्खियां ही शहद दे सकती हैं, जिनका आमतौर पर व्यापार भी किया जाता है। हमारे देश में इन चारों प्रकार की मधुमक्खियां पाई जाती है। बेरोजगार या अन्य लोग इस कारोबार को शुरू कर अच्छा मुनाफा अर्जित कर सकते हैं।
क्या-क्या हैं मधुमक्खी से आय के स्रोत
मधुमक्खी से आप आय की दृष्टि से न केवल शहद प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि इसका इस्तेमाल कई प्रकार की औषधि निर्माण में भी किया जाता है, जिससे आप भारी मुनाफा कमा सकते हैं। मधुमक्खी से आप मोम भी प्राप्त कर सकते हैं। मधुमक्खी से प्राप्त होने वाली औषधि स्वास्थ्य के लिए बेहद कारगर मानी जाती है। मधु का नियमित सेवन करने से तदेपिक (टीबी), अस्थमा, कब्जियत, खून की कमी, रक्तचाप जैसी बीमारियां नहीं होती है, इसलिए मार्केट में हमेशा इनकी डिमांड बरकरार रहती है।
मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण
सरकार ने मधुमक्खी पालन प्रशिक्षण के लिए 4 मॉड्यूल बनाए हैं। इसके जरिए करीब 30 लाख किसानों को मधुमक्खी पालन का प्रशिक्षण दिया गया है। इसके अलावा उन्हें दूसरी सहायता भी उपलब्ध कराई गई है। कृषि मंत्रालय का कहना है कि मधुमक्खी पालन के लिए गठित समिति की सिफारिशों के आधार पर सरकार आगे काम कर रही है।
मधुमक्खी फार्म की जानकारी
मधुमक्खी पालन से काफी अच्छा लाभ कमाया जा सकता है। फार्म के एक मधुमक्खी के डिब्बे से आपको वर्ष भर में 50 किलोग्राम शहद और 2 से 3 डिब्बे मधुमक्खियाँ प्राप्त हो जाती है. इन नयी मधुमक्खियों से आपको पुनः इस व्यापार को करने में मदद प्राप्त होती है।
मधुमक्खियों की संख्या : एक डिब्बे में कुल 3 प्रकार की मधुमक्खियाँ रखी जाती है. इन तीन प्रकार की मधुमक्खियों में रानी मधुमक्खी, नर मधुमक्खी और श्रमिक मधुमक्खी शामिल होती हैं. एक डिब्बे में श्रमिक मधुमक्खी की संख्या 30,000 से 1 लाख तक की होती है. इसमें नर मधुमक्खी की संख्या 100 के आस पास की होती है. इसमें रानी मधुमक्खी की संख्या केवल 1 होती है।
मधुमक्खियों की आयु : विभिन्न श्रेणी के मधुमक्खियों की आयु विभिन्न होती है. रानी मधुमक्खी की आयु 1 वर्ष की, नर मधुमक्खी की आयु 6 महीने और श्रमिक मधुमक्खी की आयु लगभग डेढ़ महीने की होती है।
मधु के व्यापार की प्रक्रिया
मधुमक्खी पालन दो तरह से किया जाता है. आप मधुमक्खी फार्मिंग और हनी प्रोसेसिंग प्लांट दोनों की मदद से मधुमक्खी पालन कर सकते हैं. यहाँ पर दोनों प्रक्रियाओं का वर्णन किया जा रहा है।
मधुमक्खी पालन: मधुमक्खी पालन एक बेहतर प्रक्रिया है, जिसके अंतर्गत विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है।
आप इस कार्य के लिए अपने फार्म में बीकीपर्स को रख सकते हैं. ये लोग मधुमक्खी पालन में निपूर्ण होते हैं।
आपको उस स्थान पर मधुमक्खी पालन करने की आवश्यकता होती है, जहाँ पर नमी न हो।
स्थान पर साफ और प्राकृतिक पानी की आवश्यकता होनी चाहिए और यदि अधिक संख्या में पेड़ पौधे हो तो काफी बेहतर है।
आपको मधुमक्खी पालन के लिए साफ सुथरे और फैले स्थान की आवश्यकता होती है, ताकि मधुमक्खी अधिक संख्या में छत्ता लगा सकें।
एक डिब्बे में अधिकतम 10 फ्रेम मधुमक्खी रख सकते हैं, किन्तु आम तौर पर 8 फ्रेम मधुमक्खी रखना ही बेहतर होता है. इससे इनकी देखभाल में भी आसानी से हो पाती है।
शहद प्लांट प्रोसेसिंग : शहद प्लांट प्रोसेसिंग की प्रक्रिया का वर्णन किया जा रहा है।
इस प्लांट को बैठाने के एक विशेष मशीन की आवश्यकता होती है. इस मशीन की सहायता से हनी प्लांट बैठाया जाता है।
इस मशीन की सहायता से मधु (शहद) को बनाने से लेकर पैकेजिग करने तक के काम को अंजाम दिया जा सकता है।
कहां से मिलेगी बॉक्स और मधुमक्खी
देखिए, बॉक्स की बात बाद में करेंगे, पहले तो मधुमक्खी की बात कर लेते हैं कि आप इसे कहां से पाप्त कर सकते हैं. आप इसे नेशनल बी बोर्ड द्वारा प्रमाणित संस्थाओं से प्राप्त कर सकते हैं. आप यह बोर्ड उद्यान विभाग से भी प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा, कृषि विज्ञान केंद्र से भी प्राप्त कर सकते हैं।
प्लांट की लागत
इस प्लांट की कुल लागत लगभग 20 लाख की होती है. इस प्लांट की सहायता से अधिकतम 100 किलो तक शहद तैयार किया जा सकता है.
शहद बनाने की प्रक्रिया
सबसे पहले आपको मधुकोष से मधुमक्खी के छत्ते को अलग करने की आवश्यकता होती है, मधुकोश को हटाने की कुछ विशेष प्रक्रियाएं है, जिसे बीकीपर्स जानते हैं।
मधुकोश को हटाने के बाद इसका दो तिहाई हिस्सा ट्रांसपोर्ट बॉक्स में भर कर उस स्थान पर ले जाया जाता है, जहाँ पर एक भी मधुमक्खी न हो।
इसके बाद इस मधुकोश को मशीन के एक्सट्रेक्टर में डाल कर आगे की प्रक्रिया के लिए छोड़ा जाता है. आम तौर पर एक मधुकोश का भार 2.27 किलोग्राम होता है।
इसके बाद मशीन को चलाने पर एक्सट्रैक्टर के द्वारा मधु निकलना आरम्भ हो जाता है।
इस समय आपको एक्सट्रेक्टर के निचले हिस्से से मधु प्राप्त होने लगता है।
किसी भी प्लांट में बनाए गए मधु को लगभाग 49 डिग्री सेंटीग्रेड तक गर्म किया जाता है, ताकि इसके अन्दर के क्रिश्टल हिस्से भी अच्छे से गल जाएँ। इसके बाद इसे इसी तापमान पर लगभग 24 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है।
इस प्रक्रिया के बाद आपका मधु पैकिंग के लायक तैयार हो जाता है।
पैकेजिंग : मधु की पैकेजिंग करना इस व्यापार का एक आवश्यक कदम है, बाजार में अकसर कई मधु के ब्रांड विभिन्न पैकेट्स की सहायता से बेचे जा रहे हैं. आपको पैकिंग के समय मधु की मात्रा और बोतल के डिजाईन का खास ख्याल रखना होता है. आप अपने बनाये मधु को न्यूनतम 100 ग्रा के डिब्बे की सहायता से बेच सकते हैं. आप को विभिन्न डिजाईन के डिब्बे बाजार में होलसेल के रूप में प्राप्त हो जायेंगे।
मार्केटिंग : आपको अपने मधु का व्यापार बढ़ाने के लिए मार्केटिंग करने की आवश्यक होती है. इसके बाद आप अपने बनाए गये मधु को होलसेल के तौर पर आसानी से बेच सकते हैं. तात्कालिक समय में बाजार में महज़ तीन या चार ब्रांड के ही मधु बेचे जा रहे हैं. अतः यदि आपकी क्वालिटी बेहतर हो, तो कम समय में ही आप आसानी से मधु के मार्केट में अपना नाम कमा सकते हैं. आप बाजार में बड़ी दुकानों से बात करके उन्हें अपने मधु बेच सकते है. आप मार्केटिंग के लिए शहर के विभिन्न स्थानों पर अपने ब्रांड के पोस्टर्स आदि लगा सकते हैं. साथ ही आप स्थानीय अखबारों में भी इसकी विगापन दे सकते हैं।
लाइसेंस : इस व्यापार के लिए आपको विशेष लाइसेंस की आवश्यकता होती है. आपको सबसे पहले अपने प्लांट का पंजीकरण उद्योग आधार के अंतर्गत कराना पड़ता है. इसके उपरान्त आपको अपने फर्म के नाम का एक करंट बैंक अकाउंट और पैन कार्ड बनाने की आवश्यकता होती है. आपको आपके द्वारा बनाए गये मधु की जांच सरकारी खाद्य विभाग में करा कर FSSAI से लाइसेंस प्राप्त करना होता है. आपको अपने व्यापार के लिए ट्रेड लाइसेंस की भी आवश्यकता होती है. तात्कालिक समय में टैक्स के लिए आपको अपने फर्म का पंजीकरण जीएसटी अंतर्गत भी कराना पड़ेगा. इस तरह से अन्य व्यापारों की तरह इस व्यापार में भी आपको विभिन्न आवश्यक लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
व्यापार की लागत
यह व्यापार छोटे स्तर पर आरम्भ किया जा सकता है. आप चाहें तो केवल 10 पेटी की मदद से मधुमक्खी पालन का व्यापार कर सकते हैं. 10 पेटी की सहायता से मधुमक्खी पालन व्यापार में आपका कुल खर्च 35,000 से 40,000 का आता है. यह व्यापार प्रति वर्ष मधुमक्खियों की संख्या के बढ़ने के साथ 3 गुना अधिक बढ़ जाता है। अर्थात 10 पेटी से आरम्भ किया गया यह व्यापार 1 वर्ष में 25 से 30 पेटी का भी हो सकता है।
व्यापार से लाभ
इस व्यापार से एक बेहतर लाभ कमाया जा सकता है. एक डिब्बे मधुमक्खी से प्राप्त होने वाले 50 किलो शहद को अक्सर 100 रु. प्रति किलो के हिसाब से बेचा जाता है. अतः प्रत्येक डिब्बे से आपको रू 5,000 प्राप्त होते हैं. बड़े पैमाने पर इस व्यापार को करने से प्रति महीने 1 लाख 15 हज़ार रूपए तक का लाभ प्राप्त हो सकता है. बड़े पैमाने के व्यापार में तैयार किये गये मधु का मूल्य प्रति किलोग्राम रू 250 के आस पास तक हो सकता है।
मधुमक्खी पालन के लिए ध्यान रखने वाली बातें
मधुमक्खी पालन के लिए कुछ बातों का ध्यान विशेष रूप में रखने की आवश्यकता होती है,
आम तौर पर मधुमक्खियों को किसी तरह का रोग नहीं होता है, किन्तु कभी कभी इन पाले गये मधुमक्खियों में माईल नामक बीमारी हो जाती है. हालाँकि इसका सरल और सटीक उपचार भी मौजूद है. आप यदि प्रत्येक मधुमक्खी पालन डिब्बे में दो कलि लहसुन डाल दें, तो यह रोग नहीं होता है।
यदि आप यह व्यापार बड़े पैमाने पर करना चाहते हैं अर्थात प्रति वर्ष 20,000 किलोग्राम शहद बनाना चाहते हैं, तो आपके व्यापार की कुल लागत लगभग 24 लाख 50 हज़ार तक की आती है. इससे हालाँकि लाभ भी बहुत अधिक होता है।
मधुमक्खी पालन का समय
यूं तो मधुमक्खी पालन का व्यवसाय आप पूरे साल कर सकते हैं, लेकिन सरसों के सीज़न में इसकी डिमांड कुछ ज्यादा ही रहती है. ऐसा कोई नियम नहीं बना है कि आप इसी महीने करें या उस महीने नहीं करें. आप जब चाहे तब अपनी सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस व्यवसाय को शुरू कर सकते हैं। मधुमक्खी पालन का समय आमतौर पर नवम्बर के महीने से आरंभ होता है. अतः इस माह से पहले ही आपको मधुमक्खी पालन की सभी व्यवस्था कर लेनी चाहिए. आपको यदि डिब्बे खरीदने में पैसे बचाने हो तो आप यह डिब्बे नवम्बर माह से पहले ही ख़रीद लें।
सरकार से प्राप्त मदद
इस व्यापार के लिए भारत सरकार का एमएसएमई विभाग आपकी मदद करता है. इस मंत्रालय के खादी एंड विलेज इंडस्ट्री कमीशन के तहत कई योजनायें चलती है, जिनके अंतर्गत मधुमक्खी पालन व्यवसाय को प्रोत्साहित किया जाता है। सरकार द्वारा प्राप्त मदद निम्नलिखित रूप में होती है।
इस व्यवसाय के आरम्भ के लिए सरकार हनी प्रोसेसिंग प्लांट की स्थापना में मदद करती है. इस प्लांट की स्थापना के लिए कुल लागत का 65% हिस्सा ऋण के तौर पर दिया जाता है।
इस ऋण के अलावा सरकार की तरफ़ से 25% की सब्सिडी भी प्राप्त होती है. इस तरह से आपको कुल लागत का केवल 10% ही अपने पास से लगाना होता है।
यदि कुल लागत 24 लाख 50 हज़ार की आती है, तो लगभग 16 लाख रूपए ऋण के तौर पर प्राप्त हो जाएगा और मार्जिन राशि के रूप में आपको कुल 6 लाख रूपए मिल जाते हैं. इस तरह से व्यापार में व्यक्ति को अपने पास से केवल 2 लाख रुपए लगाने की आवश्यकता होती है।
व्यापार आरम्भ करने के लिए आवश्यक वेबसाइट
सरकार ने इस व्यापार को प्रोत्साहित करने के लिए वेबसाइट जारी की है। इस व्यापार में सरकार से योगदान प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गये वेबसाइट पर जाएँ।
https://www.kviconline.gov.in/
टोल फ्री नंबर
इस व्यापार में सरकार की सहभागिता सम्बंधित अधिक जानकारी के लिए ज़ारी टोल फ्री नंबर पर कॉल करें।
दूरभाष नंबर : 011 25840085
इस प्रकार यह व्यापार एक अच्छा लाभ देने वाला व्यापार है. आज कल अधिक लोग चीनी की जगह मधु का प्रयोग करते हैं, अतः यह काफी लाभ अर्जित करने वाला व्यापार हैै
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