8 अक्टूबर का दिन भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन भारतीय वायुसेना दिवस (Indian Air Force Day) मनाया जाता है। इस साल भारतीय वायुसेना का 89वां स्थापना दिवस मनाया जाएगा। भारतीय वायुसेना दुनिया की सबसे ताकतवर वायुसेनाओं में से एक है। वायु सेना ने अनेकों बार अपने पराक्रम से भारत को गौरवान्वित किया है।
भारतीय वायु सेना, भारतीय सशस्त्र बलों में से देश रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसने देश द्वारा लड़े गए युद्धों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है| इसका प्राथमिक मिशन भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित करना और राष्ट्रों के भीतर सशस्त्र संघर्षों के दौरान हवाई गतिविधियों का संचालन करना है| इस साल 2021 में 89वां भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाएगा (89th IAF Day)| आइये जानते हैं कब मनाया जाता है भारतीय वायु सेना दिवस।
भारतीय वायुसेना के कार्य
भारतीय वायु सेना युद्ध के मैदान में, भारतीय सेना के सैनिकों को हवाई समर्थन तथा सामरिक और रणनीतिक एयरलिफ्ट करने की क्षमता प्रदान करता है। भारतीय वायु सेना एकीकृत अंतरिक्ष प्रकोष्ठ के साथ दो अन्य शाखाओं भारतीय सशस्त्र बल, अंतरिक्ष विभाग भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ अंतरिक्ष आधारित संपत्तियों के उपयोग प्रभावी ढंग से करने के लिए, सैनिक दृष्टि से इस संपत्ति पर ध्यान देंता है। भारतीय वायु सेना भारतीय सशस्त्र बलों की अन्य शाखाओं थल और जल सेना के साथ साथ मिलकर आपदा राहत कार्यक्रमो में प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री गिराने, खोज एवं बचाव अभियानों, आपदा क्षेत्रों में नागरिक निकासी उपक्रम में सहायता प्रदान करता है।
वर्ष 1932 में इसकी स्थापना के बाद से ही भारतीय वायु सेना की उपलब्धियों का उल्लेखनीय इतिहास रहा है | भारतीय हवाई क्षेत्र को सुरक्षित रखने और संघर्ष के दौरान हवाई युद्ध का आयोजन करने के अपने प्राथमिक उद्देश्य का पालन करते हुए, भारतीय वायुसेना को पाकिस्तान के साथ चार युद्ध और चीन के साथ एक युद्ध में शामिल किया गया है | वायु सेना ने द्वितीय विश्व युद्ध में भी जापानी सेना को बर्मा में रोककर सक्रिय भूमिका निभाई थी |
भारतीय वायु सेना दिवस कब मनाया जाता है?
इंडियन एयर फाॅर्स डे को भारतीय वायु सेना दिवस के रूप में भी जाना जाता है| भारत हर साल 08 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस मनाता है| इस दिन, 1932 में भारत में वायु सेना को आधिकारिक तौर पर यूनाइटेड किंगडम के रॉयल एयर फाॅर्स के सहायक बल के रूप में खड़ा किया गया था| भारतीय वायु सेना की स्थापना 08 अक्टूबर 1932 को ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा देश में की गई थी| इसका पहला ऑपरेशनल स्क्वाड्रन अप्रैल 1933 में अस्तित्व में आया| हालाँकि द्वितीय विश्व युद्ध में भाग लेने के बाद ही, भारत में वायु सेना को रॉयल इंडियन एयर फाॅर्स के रूप में जाना जाने लगा| हर साल हिंडन वायु सेना स्टेशन, गाजियाबाद, उत्तरप्रदेश में भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है| समारोह में भारतीय वायुसेना प्रमुख और तीनों सशस्त्र बलों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं| इस दिन सबसे महत्वपूर्ण और पुराने विमानों का खुले आसमान में शानदार प्रदर्शन किया जाता है|
भारतीय वायु सेना दिवस मनाए जाने का उद्देश्य
भारतीय वायु सेना ने आजादी के बाद से कई युद्धों में हिस्सा लिया है, जिसमें पाकिस्तान के साथ चार युद्ध और चीन के साथ एक युद्ध शामिल है| इन सभी युद्धों में इंडियन एयर फाॅर्स ने अपने शौर्य का परिचय दिया है| दिलचस्प बात यह है कि भारतीय वायु सेना न केवल भारतीय क्षेत्र और राष्ट्रीय हितों की सभी खतरों से रक्षा करती है बल्कि देश में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायक की भूमिका भी अदा करती है| इसलिए यह दिन हमारे जवानों और उनकी पूरी ताकत से निस्वार्थ प्रयासों को सम्मानित करने और पहचानने के लिए मनाया जाता है|
इंडियन एयर फाॅर्स के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
भारतीय वायु सेना, अमेरिका, चीन और रूस के बाद विश्व की चौथी सबसे बड़ी परिचालन वायु सेना है|
भारतीय वायुसेना का आर्दश वाक्य- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’।
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- “नभ स्पृशं दीप्तम” है। जिसका अर्थ है गर्व के साथ आकाश को छूना| यह वाक्य गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।
1 अप्रैल, 1933 को बना पहला दस्ता-
1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना जिसमें 6 आएएफ-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था।
थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट, भारतीय वायुसेना के पहले चीफ
आजादी से पहले वायु सेना आर्मी के तहत ही काम करती थी। एयर फोर्स को आर्मी से ‘आजाद’ करने का श्रेय भारतीय वायु सेना के पहले कमांडर इन चीफ, एयर मार्शल सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को जाता है। आजादी के बाद सर थॉमस डब्ल्यू एल्महर्स्ट को भारतीय वायु सेना का पहला चीफ, एयर मार्शल बनाया गया था। वह 15 अगस्त 1947 से 22 फरवरी 1950 तक इस पद पर बने रहे थे।
वायुसेना ध्वज
वायुसेना ध्वज, वायु सेना निशान से अलग, नीले रंग का है जिसके शुरुआती एक चौथाई भाग में राष्ट्रीय ध्वज बना है और बीच के हिस्से में राष्ट्रीय ध्वज के तीनों रंगों अर्थात् केसरिया, श्वेत और हरे रंग से बना एक वृत्त (गोलाकार आकृति) है। यह ध्वज 1951 में अपनाया गया।
भारतीय वायुसेना अंग
भारतीय सेना के तीन महत्वपूर्ण अंग जल, थल और वायु सेना है, जो की देश की सुरक्षा मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है, जो की वायुसेना देश की सुरक्षा मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है,
भारतीय वायुसेना परिभाषा
भारतीय वायुसेना के मिशन, सशस्त्र बल अधिनियम 1947 के द्वारा परिभाषित किया गया है जो की भारत के संविधान और सेना अधिनियम 1950, हवाई युद्धक्षेत्र में इस तरह कार्य करेगी, जो की इस तरह से परिभाषित किया गया है,
भारत के हर भाग की रक्षा
“भारतीय वायुसेना भारत और भारत के हर भाग की रक्षा, उसके बचाव के लिए तैयारी और ऐसे सभी कृत्यों के रूप में अपनी अभियोजन पक्ष और इसके प्रभावी वियोजन को समाप्ति के बाद युद्ध के समय में अनुकूल किया जा सकता है।” वायु सेना के अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में ऑपरेशन विजय (गोवा का दावा करने के लिए), ऑपरेशन मेघदूत (विवादित कश्मीर क्षेत्र में सियाचिन ग्लेशियर को पकड़ने के लिए), ऑपरेशन कैक्टस (मालदीव में बचाव अभियान), ऑपरेशन पोमलाई (श्रीलंका में जाफना शहर के घेरे वाले शहर पर हवाई-ड्रॉप की आपूर्ति के लिए) और ऑपरेशन राहत (उत्तराखंड में फ्लैश बाढ़ से पीड़ित लोगों के बचाव और राहत) शामिल हैं | इसके अलावा भारतीय वायु सेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में भी शामिल है |
देश की सुरक्षा और उसके विकास में महत्वपूर्ण योगदान
भारतीय वायु सेना भारत की सुरक्षा की पहरेदारी मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, अब तक भारतीय वायुसेना आजादी के बाद सभी युद्दों मे अहम भूमिका निभा चुका है। हर युद्ध मे भारतीय वायुसेना की भूमिका निर्णायक होता है, और इस तरह देश की सुरक्षा और उसके विकास में वायुसेना का बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
संकट में दैवीय शक्ति के रूप में नजर आई
भारत में लगभग 24000 किलोमीटर अंतर्राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी वायु सेना बखूबी निभाता है, भारत की सीमा पर जब भी संकट आया है या फिर दूसरे देशों ने आक्रमण किया है तो भारतीय वायुसेना एक दैवीय शक्ति के रूप में नजर आई है, हाल मे ही चीन के साथ डोकलाम विवाद, लद्दाख विवाद मे भी भारतीय वायु सेना अग्रिम भूमिका निभा रहा है।
कईं बड़े मिशनों को दिया अंजाम
आज़ादी के साथ ही भारतीय वायुसेना पडौसी मुल्क पाकिस्तान के साथ चार युद्धों व चीन के साथ एक युद्ध में अपना योगदान दे चुकी है। अब तक इसने कईं बड़े मिशनों को अंजाम दिया है जिनमें ऑपरेशन विजय – गोवा का अधिग्रहण, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस व ऑपरेशन पुमलाई शामिल है। ऐसें कई विवादों के अलावा भारतीय वायुसेना संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन का भी सक्रिय हिसा रही है।
राष्ट्रपति हैं कमांडर इन चीफ
भारत के राष्ट्रपति भारतीय वायु सेना के कमांडर इन चीफ के रूप में कार्य करते है। वायु सेनाध्यक्ष, एयर चीफ मार्शल (ACM), एक चार सितारा कमांडर है और वायु सेना का नेतृत्व करते है। भारतीय वायु सेना में किसी भी समय एक से अधिक एयर चीफ मार्शल सेवा में कभी नहीं होते।
दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना
भारतीय वायु सेना का मुख्यालय नयी दिल्ली में स्थित है, जिसके पास एक से एक लड़ाकू विमान और मिसाइल मौजूद है, जो की पूरे विश्व मे भारत की अलग पहचान बनाती है, इस तरह भारतीय वायु सेना दुनिया की चौथी सबसे बडी वायुसेना होने का दर्जा दिलाती है।
प्राकृतिक आपदाओं करती है सहायत
इसके अतिरिक्त भारतीय वायु सेना ने 2004 में सुनामी तथा 1998 में गुजरात चक्रवात के दौरान प्राकृतिक आपदाओं से बचाव के लिए राहत आपरेशनों के रूप में व्यापक सहायता प्रदान की। इसके अतिरिक्त 2013 मे उतराखंड मे भूकंप और बाढ़ से भयंकर तबाही मे भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी,
कारगिल युद्ध में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
सन 1999 मई के महीने में हुए कारगिल के युद्ध में पाकिस्तानी घुसपैठियों को सीमा रेखा के बाहर निकालने के लिए भारतीय थल सेना को विश्व के सबसे ऊंचे भू-भागो में से एक युद्ध करना पड़ा ऐसे में भी भारतीय वायुसेना भारत के लिए संकट निवारण सिद्ध हुआ, इस तरह Indian Air Force दुर्गम इलाको मे भी दुनिया से अपना सशक्त परीचय कराती है।
पूरे विश्व मे भारत का मान बढ़ाती है
भारतीय वायु सेना अन्य देशों की राहत कार्यक्रमों में भी सहायता प्रदान करता है, जैसा की उसने ऑपरेशन रेनबो के रूप में श्रीलंका में किया। और नेपाल भूकंप मे भी भारतीय वायु सेना ही मदद के लिए सबसे पहले पहुची थी। भारतीय वायुसेना अपने कठिन और असंभव कार्यो और मदद के जरिये पूरे विश्व मे भारत का मान बढ़ाती है।
भारतीय वायुसेना के संगठन
भारतीय वायुसेना का प्रमुख अधिकारी चीफ ऑफ एअर स्टाफ (Chief of Air Staff) कहलाता है और इसका पद चीफ एअर मार्शल (Air Marshal) का होता है, वायुसेना का मुख्यालय दिल्ली में स्थित है, जिसके द्वारा संपूर्ण संगठन पर नियंत्रण रखा जाता है, चीफ ऑफ एअर स्टाफ की सहायता के लिए एअर मार्शल तथा वाइस एअर मार्शल (Vice Air Marshal), या एअर कमोडोर (Air Commodore) पद के मुख्य चार स्टाफ अफसर (staff officers) होते हैं। ये ही वायुसेना की प्रमुख शाखाओं पर नियंत्रण रखते हैं।
वायुसेना का मुख्यालय चार मुख्य शाखाओं में विभक्त है :
1 :- एअर स्टाफ (Air Staff) शाखा,
2 :- प्रशासनिक शाखा,
3 :- अनुरक्षण (Maintenance) शाखा
4 :- कार्यनीति एवं योजना (Policy and Plans) शाखा.
भारतीय वायुसेना के विभिन्न पद
भारतीय वायुसेना मे अनेक महत्वपूर्ण पद होते है, जो की भारतीय वायुसेना की कमांड संभालते है, जो की इस प्रकार है :-
वायुसेना के विभिन्न पद –
1 :- एयर चीफ मार्शल (Air chief marshal)
2 :- एयर मार्शल (Air Marshal)
3 :- एयर वाइस मार्शल (Air vice marshal)
4 :- एयर कमोडोर (Air Commodore)
5 :- विंग कमांडर (Wing Commander)
6 :- ग्रुप कैप्टन (Group captain)
7 :- स्क्वाडर्न लीडर (Squadron leader)
8 :- फ्लाइंग अफसर (Flying officer)
9 :- फ्लाइट लेफ्टिनेंट (Flight lieutenant)
भारतीय वायुसेना के अन्य महत्वपूर्ण पद
उपरोक्त पदो के अलावा भी भारतीय वायुसेना के अन्य महत्वपूर्ण पद होते है, जो की वायुसेना मे अपनी अहम भूमिका देते है, जो की इस प्रकार है :-
1 :- मास्टर वारंट अफसर (Master warrant officer)
2 :- वारंट अफसर (Warrant officer)
3 :- जूनियर वारंट अफसर (Junior warrant officer)
4 :- सार्जेंट (Sergeant)
5 :- कारपोरल (Corporal)
6 :- लीडिंग एयर क्राफ्ट्समैन (Leading Air Craftsman)
7 :- फ्लाइट सार्जेंट (Flight sergeant)
भारतीय वायु सेना में लगभग 1,70,000 कर्मियों की ताकत है और 1,400 से अधिक विमान हैं और इसे दुनिया के अग्रणी वायु सेना में से एक माना जाता है | भारतीय क्षेत्रों को सभी जोखिमों से बचाना और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान प्रभावित क्षेत्रों में सहायता प्रदान करना इसकी जिम्मेदारी है |
भारतीय वायु सेना दिवस पर परेड :-
8 अक्टूबर को परेड के साथ वायु सेना उत्सव की शुरुआत होती है | सभी वायु सेना स्टेशन अपने हवाई अड्डों पर अपने संबंधित परेड आयोजित करते हैं | पारंपरिक सैन्य परेड एक ही प्रोटोकॉल का अनुसरण करते है |
बगुल की आवाज के साथ दाहिनी ओर से परेड की शुरुआत होती है | आकस्मिक रूप से दोनों उड़ानों में से प्रत्येक में चार स्क्वाड्रन शामिल होते हैं और इसकी कमान एक विंग कमांडर के हाथ में होती है | पूरे उत्सव में परेड के साथ एक बैंड होता है | एक बार जब परेड ग्राउंड पर परेड का जुलूस होता है, तो सभी उपस्थित लोगों के सम्मान में सभी वर्दीधारी वायु सैनिक परेड की सलामी देते हैं |
ऑपरेशन राहत और ऑपरेशन मेघदूत जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण अभियानों में तैनात विमान और हेलीकाप्टर भी प्रदर्शित किये जाते हैं | इसके साथ-साथ, विभिन्न अभियानों के लिए तैयार किये गए नए विमान भी प्रदर्शित किए जाते हैं, साथ ही इसकी विशेषताओं और इसके उद्देश्यों को भी समझाया जाता है |
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वायुसेना को बधाई देते हुए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा, “वायु सेना दिवस पर हमारे वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को बधाई. भारतीय वायु सेना साहस, परिश्रम और व्यावसायिकता का पर्याय है. उन्होंने चुनौतियों के दौरान देश की रक्षा करने और अपनी मानवीय भावना के माध्यम से खुद को प्रतिष्ठित किया है.”