सूरज की पहली किरणों, पक्षियों के चहचहाने और प्रकृति के सौंदर्य और उसकी अनूठी छटा में घुलते-मिलते हुए स्वागत करें नववर्ष का…। प्रार्थना करें कि यह नववर्ष सबके जीवन में उल्लास व खुशियां लाए। जीवन में जो अधूरा है उसे पूरा करें। नवसृजन का संकल्प लें। आप स्वयं महसूस करने लगेंगे कि यह नवसृजन एक नवीन इबारत भी लिख देगी। इस नए वर्ष में हर व्यक्ति को उत्साह एवं उल्लास के साथ नवीन शुभ संकल्प लेना चाहिए तथा अपने मन के नकारात्मक विचारों को त्याग कर सत्कर्म के मार्ग पर चलने का दृढ़ निश्चय करना चाहिए।
घड़ी की सूई अब नए साल के आने का इशारा करने लगी है, तारीखों के बदलने के साथ फिर नया साल आ गया। समय के पहिए के साथ दिन, महीने और साल गुजरते जाते हैं और जीवन का कारवां चलता रहता है। वक्त ही तो है जो पुराने को ले जाता है और नए को लाता है। कोरोना के बीच हमने कई अपनों को खोया है। करोना का कहर अभी भी जारी है, हमारे जीने का अंदाज बदल गया है। ऐसे ही वर्ष 2021 भी खट्टी-मीठी यादों के साथ बीत गया और वर्ष 2022 ने दस्तक दे दी। नए साल को सुंदर और बेहतर बनाने के लिए सभी लोगों ने तैयारी आरंभ भी कर दी हैं. हर कोई नए साल का स्वागत करने के लिए बेसब्री से तैयार है. इस नये साल में हम अपने लक्ष्य और सफलता को कैसे पा सकते हैं, आइए जानते हैं-
क्रोध को कहें अलविदा
क्रोध को सबसे बड़ा शत्रु बताया गया है। क्रोध इंसान का सबसे बड़ा अवगुण बताया जाता है. क्रोध में व्यक्ति सही और गलत का अंतर भूल जाता है. इसलिए इस नए साल में क्रोध का त्याग करें।
अहंकार को कहें ‘न’
जीवन अनमोल है. इसे अहंकार से खराब न करें. अहंकार ऐसा अवगुण है जो अपनों को भी दूर कर देता है. अहंकार व्यक्ति का सबकुछ नष्ट कर देता है, इसलिए इस साल अहंकार को दूर करें।
सत्य को अपनाएं
नए साल में दोनों हाथों को अच्छी चीजों को अपनाने के लिए खोल दें. सत्य को अपनाएं. सत्य कभी मिटता नहीं है. ये अटल है. सत्य को अपनाने वाले दुख और कष्ट पर विजय प्राप्त करते हैं।
वाणी में मिठास पैदा करें
नव वर्ष में सभी के लिए महत्वपूर्ण है. बीते साल जिन लक्ष्यों को प्राप्त नहीं कर पाए. कहां पर कमियां रही और कौन सी गलतियां की. इनका स्मरण करते हुए. इस पर गौर करें कि कहीं वाणी दोष के कारण कार्य और संबंध बिगड़े तो नहीं है. यदि ऐसा है तो इस साल वाणी को खराब न करें और वाणी में मधुरता लाने का प्रयास करें.
विनम्रता के महत्व को जानें
विनम्रता एक श्रेष्ठ गुण है. इस गुण से शत्रु को भी मित्र बनाया जा सकता है। जिनके स्वभाव में विनम्रता होती है, वे सभी के प्रिय होते हैं. ऐसे लोगों को हर स्थान पर सम्मान मिलता है।
निंदा न सुनें और न करें
नव वर्ष में जिन बुरी आदतों से दूर रहना चाहते हैं उसमें निंदा को भी शामिल कर लें. नए साल पर प्रण लें कि न निंदा करेंगे और न दूसरों की निंदा सुनेंगे. निंदा करना या सुनना अच्छा नहीं माना गया है. इससे लोभ, शत्रुता और मनमुटाव की स्थिति पैदा होती है।
अनुशासन का पालन करें
नव वर्ष में लक्ष्यों को पाने के लिए कठोर अनुशासन का पालन करें. जिन कार्यों को आलस या समय की कमी के कारण पूरा नहीं कर पाए, उन कार्यों को इस वर्ष पूर्ण करना चाहते हैं तो जीवन में अनुशासन को लागू करना होगा. अनुशासन से समय का महत्व पता चलता है. अनुशासन जीवन को बेहतर बनाता है।
समय प्रबंधन सीखें
नए साल में सफलता का आनंद लेना चाहते हैं तो समय प्रबंधन की कला को सीखें. समय की कीमत जो लोग जानते हैं उन्हें कभी असफलता का मुंह नहीं देखना पड़ता है. समय कभी किसी के लिए नहीं रूकता है. जो समय गुजर जाता है वो फिर लौटकर नहीं आता है. इसलिए हर पल कीमती है. इसका लाभ उठाने का प्रयास करें।
खुदी को कर बुलंद इतना, कि हर तकदीर से पहले खुदा बंदे से पूछे बता तेरी रजा क्या है’ भगवान की नियामत के रूप में यदि यह जीवन मिला है, तो इसे पहचान देने की कोशिश कीजिए। कुछ ऐसा करिए जो आने वाली पीढ़ियों के लिए सकारात्मक और यादगार बन जाए।